- Home
- लाइफ स्टाइल
- दिन की शुरुआत अगर आप हेल्दी तरीके से करते हैं तो इससे आपकी सेहत अच्छी रहती है औ कई गंभीर बीमारियों का खतरा कम होता है. अपनी डेली रूटीन में कुछ सामान्य से बदलाव करके आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं. इसका असर आपके मूड पर भी पड़ता है.सुबह खाएं बादामदिन की शुरुआत भिगोए हुए बादाम खाकर करें. इसमें कई पोषक तत्व होते हैं और विटामिन ई की भरपूर मात्रा होती है. ये स्किन और बालों के लिए अच्छा है. ब्रेन हेल्थ के लिए ये बेहद फायदेमंद है.किशमिश का सेवन भी पहुंचाएगा फायदाइसके बाद किशमिश खाएं. इसे भी रात भर भिगोकर रखें और सुबह इसका सेवन करें. ये गट हेल्थ के लिए अच्छा है और इससे डाइजेशन भी दुरुस्त होगा. अगर आप बाल झड़ने की समस्या से परेशान हैं तो इसमें भी किशमिश का सेवन आपको फायदा पहुंचाएगा. किशमिश में आयरन और विटामिन बी की भरपूर मात्रा होती है, जिसका आपको फायदा मिलता है.गर्म पानी में मिलाकर पिएं हल्दीगर्म पानी में थोड़ी सी हल्दी मिलाएं और इसे पिएं. हल्दी में एंटी इंफ्लामेट्री प्रॉपर्टीज होती हैं जिससे इम्युनिटी बूस्ट होगी और आप बीमार नहीं पड़ेंगे.
- अक्सर लोगों की शिकायत होती है कि उन्हें ऑफिस में काम करते समय बहुत नींद आती है। लगातार बैठे बैठे काम करने से आपका शरीर सुस्त होने लगता है, जिससे आप बार बार जम्हाई लेते हैं और पलकें भारी होने लगती हैं। आंखें बंद होने लगती है। यह नींद आने के लक्षण होते हैं। ऑफिस में नींद आना काम में लापरवाही नहीं बल्कि शरीर की सुस्ती है। अधिकतर लंच के बाद या दोपहर में नींद आती है। ऑफिस में आप किसी जरूरी मीटिंग में हो या फिर किसी कॉन्फ्रेंस में, नींद कभी भी आ सकती है। ऐसे में आप जो भी काम कर रहे हैं, उसमें तो गलती हो ही सकती है, साथ ही अगर आपके सीनियर या बाॅस ने सोते हुए देख लिया तो डांट भी पड़ सकती है। इसलिए ऑफिस में नींद आने की समस्या का समाधान निकाल लें, इससे आप काम के दौरान ऊर्जावान तो रहेंगे ही, साथ ही शरीर भी स्वस्थ रहेगा।ऑफिस में नींद आने की वजह------------------विशेषज्ञों के मुताबिक ऑफिस में नींद आने के पीछे की वजह होती है, लगातार एक ही जगह पर बैठे-बैठे काम करना।-शारीरिक थकान के कारण नींद आती है।-काम में मन न लगने के कारण या मस्तिष्क की थकान के कारण नींद आ सकती है।ऑफिस में नींद की समस्या से कैसे पाए छुटकारा-------------डेस्क स्ट्रेचिंगलगातार काम करते करते आपका शरीर थक जाता है। खासकर खाना खाने के बाद आपको अधिक थकान महसूस होती है। ऐसे में भोजन पचाने और थकान को दूर करने के लिए आपको डेस्क स्ट्रेचिंग करनी चाहिए। डेस्क स्ट्रेचिंग से आपकी मांसपेशियां लचीली होती है। जिससे शरीर में रक्त प्रवाह बनता है और ऊर्जा मिलती है। इसमें आप फुट पंप, नेक रोल और आर्म सर्कल अपना सकते हैं। इन स्ट्रेचिंग से शरीर में गतिशीलता बनी रहती है।10-15 मिनट टहलेंकनाडा की एक यूनिवर्सिटी में हुए शोध के मुताबिक, हर घंटे में लगभग 15 मिनट आपको खड़े होना चाहिए। लगातार डेस्क पर बैठे बैठे काम करने से शरीर सुस्त हो जाता है। ऐसे में काम के बीच में समय निकाल कर कुछ देर टहले। पैदल चले या फिर खड़े होकर काम करें। इससे आपकी हार्ट बीट बढ़ती है जो थकान को कम करने में काम आती है। वहीं शरीर भी वॉक करने से स्वस्थ रहता है।सूरज की रोशनी है जरूरीएक कमरे या हॉल में लगातार काम करने से भी सुस्ती महसूस होती है। शोध के मुताबिक, सूरज की रोशनी शरीर में सेरोटोनिन के लेवल को बढ़ाती है, जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। इसलिए काम के बीच जब टहलने के लिए उठे तो बाहर निकलें या छत पर जाकर टहलें। यहां खुली हवा और सूरज की रोशनी आपके मूड को बेहतर बनाकर सकारात्मकता का प्रवाह करती है।-
- ज्यादातर लोग मोटापे से परेशान हैं और उससे राहत पाने के लिए तमाम तरह के जतन करते हैं. इसके बाद भी उनका वजन कम नहीं होता. इसके पीछे की वजह कुछ खराब आदतें हो सकती हैं. इनमें से सबसे टॉप पर रहता है आलस. आलस करने के कई नुकसान हो सकते हैं, जैसे सीढ़ियों से चढ़ने की जगह लिफ्ट से चढ़ना, लेकिन अगर आप से कहा जाए कि सीढ़ियां चढ़ने का फायदा सिर्फ वजन कम करना ही नहीं बल्कि इसके कई फायदे हो सकते हैं?हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सीढ़ियां चढ़ना आपके दिल के लिए काफी अच्छी एक्सरसाइज है. जो तेजी से मोटपा घटाने में तो मदद करती है. साथ ही तनाव और चिंता को दूर करने में भी फायदेमंद है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जब भी आपको सीढ़ियां चढ़ने का मौका मिलता है तो उसे छोड़ना नहीं चाहिए. सुबह अपने घर से निकलते समय और ऑफिस पहुंचकर लिफ्ट की जगह सीढ़ियों को चुनें.सीढ़ियां चढ़ने के जबरदस्त फायदे--हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को भी ये खत्म करता है. यानी अगर आपने सीढ़ियां चढ़ने की आदत डाल ली तो आपका दिल ज्यादा सुरक्षित रहेगा.अगर आप नियमित तौर पर सीढ़ियां चढ़ते हैं तो वजन कम करने में तेजी से मदद मिल सकती है.एक रिसर्च कहती है कि हर दिन सीढ़ियां चढ़ने-उतरने की वजह से इंसान की मृत्यु दर 33 प्रतिशत तक कम हो सकती है.एक रिसर्च के अनुसार, अगर रोज 7 मिनट सीढ़ियां चढ़ी और उतरी जाएं तो हार्ट अटैक का रिस्क काफी कम हो जाएगा.शुरू में सीढ़ियों पर चढ़ते हुए आपको थकान हो सकती है, आपकी सांस भी फूल सकती है, लेकिन धीरे-धीरे करते रहने से आपको पता चल जाएगा कि आपके स्टैमिना में वृद्धि हुई है.सीढ़ियां चढ़ने के दौरान रखें यह सावधानियां--धीमी गति के साथ सीढ़ियां चढ़ना शुरू करें.सीढ़ियां चढ़ते वक्त आपकी पीठ सीधी हो.आप 20 या 25 के 5 सेट कर सकते हैं.धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़ने की संख्या बढ़ा सकते हैं.चोट से बचने के लिए अच्छी तरह से फिट किए गए जूते पहनें.
- अपने नाखूनों पर नेल पेंट लगाना लगभग हर लड़की को पसंद होता है. आजकल बाजार में कई तरह के नेल पेंट आने लगे हैं जिनको लेकर गर्ल्स तमाम एक्सपेरिमेंट करती रहती हैं. इनसे उनके हाथों की रौनक काफी बढ़ जाती है. लेकिन ऐसी चीजों के कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं. कई बार नेल पेंट के अधिक इस्तेमाल से नाखूनों की चमक गायब हो जाती है.आपने भी ये नोटिस किया होगा कि जो चमक पहले आपके नाखूनों में रही है, वो अब नहीं. ज्यादा नेलपेंट लगाने से नाखूनों का रंग पीला पड़ने लगता है. अगर आपके नाखूनों के साथ भी ऐसी कोई समस्या है तो कुछ घरेलू नुस्खे मददगार हो सकते हैं. यहां जानिए उन नुस्खों के बारे में.नाखूनों में चमक लाने के उपाय1. कटोरी में थोड़ा बेकिंग सोडा लेकर उसमें नींबू का रस मिलाएं. इसे अपने नाखूनों पर कॉटन की मदद से लगाएं और कुछ देर के लिए ऐसे ही लगा छोड़ दें. करीब 5 मिनट बाद आप एक टूथब्रश को गीला करें और उससे नेल्स को रगड़ें. इसके बाद अपने हाथों को गर्म पानी से धो लें. इसके बाद मॉइश्चराइजर लगा लें.2. एक बर्तन में गर्म पानी डालें और इसमें एक चम्मच व्हाइट विनेगर डालें. इसके बाद अपने हाथों को डिप कर दें. करीब 5 मिनट तक हाथों को ऐसे ही डाले रहें. इसके बाद हाथों को धोकर मॉइश्चराइज करें. इस प्रक्रिया को थोड़े थोड़े दिनों में दोहराने से नाखूनों का पीलापन कम हो सकता है.3. एक बर्तन में गर्म पानी डालकर इसमें थोड़ा शेंपू डालें. इसके बाद नींबू निचोड़ें. इस पानी में करीब दो से तीन मिनट तक अपने हाथों को डुबो कर रखें. इसके बाद टूथ ब्रश की मदद से नाखूनों को रगड़ें. फिर पानी से धोकर मॉइश्चराइजर लगा लें. ऐसा हफ्ते में एक बार करने से काफी फायदा मिल सकता है. ध्यान रहे काले रंग के शेंपू को छोड़कर कोई भी शेंपू डाला जा सकता है.4. इन उपायों को करने के अलावा आप रात में रोजाना सोते समय नाखूनों पर बादाम के तेल या जैतून के तेल से मालिश करें. इससे नाखूनों को पोषण मिलता है और उनमें नेचुरल चमक लौटने लगती है. इसके अलावा नाखूनों की ग्रोथ भी तेजी से होती है.ध्यान रहेनाखूनों में पीलापन हमेशा नेल पेंट के कारण नहीं होता. कई बार ये सोरायसिस, थायरॉइड, टीबी, डायबिटीज, पीलिया जैसी कोई मेडिकल कंडीशन भी हो सकती है. इसलिए एक बार विशेषज्ञ से जरूर परामर्श करें. अगर स्थिति सामान्य है, तो आप इन नुस्खों का इस्तेमाल कर सकती हैं.
- अकसर वीक डेज में होने वाली पार्टियां थकावट भरी होती हैं। दिनभर काम करने के बाद किसी पार्टी में जाना काफी परेशान कर देने वाला होता है। साथ ही अगर आप मन बना भी लें तो आपका थका हुआ चेहरा हर किसी को साफ दिखाई देता है। इस तरह के थकावट भरे चेहरे के साथ पार्टी में एंजॉय करना काफी मुश्किल होता है। इस चेहरे पर कितना भी मेकअप क्यों न कर लिया जाए,लेकिन ये वैसा का वैसा ही दिखाई देता है। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कुछ आसान टिप्स के बारे में जिसकी मदद से आप अपने चेहरे को फ्रेश लुक दे सकते हैं।गुलाब जल का करें इस्तेमालसबसे पहले गुलाब जल से चेहरे को साफ करें। ये काफी ज्यादा हाइड्रेटिंग होता है और इसमें स्किन को ग्लोइंग बनाने की गजब क्वालिटी भी होती हैं। इसके लिए आपको कुछ खास मेहनत भी नहीं करनी होती, आपको बस एक कॉटन बॉल को गुलाब जल में डुबोना है और फिर उससे पूरे चेहरे को साफ करना है। ऐसा करने से चेहरा फ्रेश दिखेगा। साथ ही ये दिमाग में हैप्पी हार्मोन को रिलीज कर आपके मूड को भी बेहतर बनाने में मदद करेगा।फेस पैकचेहरे को साफ करने के बाद आप शहद से बना फेस पैक लगाएं। इससे हल्की सी मजास करें और कुछ देर के लिए रहने दें। इसमें विटामिन बी और सी होता है, जो स्किन को न्यूट्रिशन्स देता है। इसे ठंडे पानी से साफ करें और फ्रेश फील करें।मसाजचेहरे को सॉफ्ट बनाने के लिए आप ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। ये स्किन को मॉइश्चराइज करेगा। इसमें एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है। इसके लिए हल्के हाथों से चेहरे की मसाज करें। माथे, जॉलाइम और नाक के ब्रीज पर ज्यादा दबाव डालें।
- ग्लोइंग स्किन हर किसी को पसंद होती है. लेकिन सर्दियों में इसे मेंटेन रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है क्योंकि ठंड के मौसम में स्किन इतनी ड्राई हो जाती है, कि ड्राईनेस को खत्म करने के लिए तरह तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना पड़ता है. लेकिन फिर भी ड्राईनेस पूरी तरह खत्म नहीं हो पाती. लेकिन गेहूं का चोकर इस मामले में काफी मददगार साबित हो सकता है. गेहूं का चोकर स्किन को हाइड्रेट करने के साथ डीप क्लींजिंग का काम करता है. इसे सभी तरह की स्किन के लिए अच्छा माना जाता है. इसके इस्तेमाल से आपकी स्किन में काफी निखार आता है. यहां जानिए चोकर के फायदे और इसे इस्तेमाल करने के तरीकों के बारे में.पहले जानिए क्या होता है चोकरगेहूं को पीसकर आटा तैयार किया जाता है. गेहूं को पीसते समय इसके कुछ मोटे कण आटे में रह जाते हैं. जब आप आटे को छलनी से छानते हैं, तो ये कण उसमें आ जाते हैं. इसे ही चोकर कहा जाता है. चोकर को तमाम लोग आटे से अलग करके फेंक देते हैं, लेकिन ये आपकी स्किन के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है.गेहूं के चोकर के फायदेगेहूं का चोकर त्वचा को एक्सफोलिएट करने में मददगार होता है. ये डेड स्किन को हटाता है, साथ ही त्वचा की अंदरूनी सफाई करता है. जिससे स्किन की डीप क्लींजिंग हो जाती है. गेहूं का चोकर त्वचा की टैनिंग, दाग-धब्बों को भी दूर करने का काम करता है. साथ ही स्किन को सॉफ्ट बनाता है. इसे हफ्ते में दो बार इस्तेमाल से आपकी स्किन हाइड्रेट होने के साथ क्लीन हो जाती है और अंदर से ग्लो करती है.इस्तेमाल करने का तरीकाइसे इस्तेमाल करने के लिए आपको गेहूं का चोकर के अलावा दही और शहद की जरूरत पड़ेगी. एक चम्मच गेहूं के चोकर में एक चम्मच दही, एक चम्मच शहद मिला लें. इन तीनों को अच्छी तरह से मिलाकर इससे चेहरे को स्क्रब करें और 5 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें. इसके बाद सामान्य पानी से मुंह को धो लें. आप इस स्क्रबर का इस्तेमाल हफ्ते में दो बार करें.
-
हर बदलते हुए मौसम में स्किन और बालों से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में इन समस्याओं से छुटरकारा पाने के लिए हम तरह-तरह की चीजों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन फिर भी कोई खास असर नहीं होता है। ऐसे में आपके रुपये तो वेस्ट हो ही जाते हैं, साथ ही आपका टाइम भी खूब बर्बाद हो जाता है। ऐसे में इस मौसम में आंवला आपकी स्किन और बालों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। इसे खाने के साथ-साथ आप अपने स्किन और बालों में भी लगा सकते हैं। ये बालों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित होती है। ये बालों की ग्रोथ के साथ-साथ उन्हें काला करने में भी मदद करता है। ऐसे में आप आंवला का इस्तेमाल कर कुछ हेयरपैक बना सकते हैं। इस पैक का इस्तेमाल कर आपको ग्रोथ बढ़ाने के साथ ही कई और फायदे भी मिलेंगे। ये खास कर उन लोगों के लिए अच्छा है जो लोग स्पा कराने का समय नहीं निकालते हैं। इन हेयर पैक का इस्तेमाल कर आप बालों की अच्छी केयर कर सकते हैं।
पहला हेयर मास्क
इस पैक को बनाने के लिए एक बर्तन में चाय पत्ती को पानी के साथ उबालें। इसके बाद इस पानी को ठंडा करें। फिर इसमें आंवला और शिकाकाई पाउडर मिलाएं। इसे पेस्ट को आप बालों की लेंथ और स्कैल्प पर जरूर लगाएं और 40 मिनट के लिए लगाएं। फिर इसे ठंडे पानी से वॉश कर सकते हैं।
दूसरा तरीका
एक पैन में नारियल का तेल गर्म करें और जब ये भूरे रंग का हो जाए तो इसे गैस से उतार लें। फिर इसा ठंडा होने दें। फिर इसमें आवले का तेल मिलाएं। फिर इस मिश्रण से बालों की मसाज करे। इस पैक को ओवर नाइट के लिए लगा रहने दें। या फिर आप इसे एक घंटे बाद माइल्ड शैम्पू से वॉश कर सकते हैं। ऐसा आप हफ्ते में तीन बार कर सकते है।
तीसरा तरीका
सबसे पहले एक कटोरी में दो अंडों को फोड़ कर उसे अच्छे से फेटें। इस अंडे में आंवला का पाउडर डालें और अच्छे से मिक्स करें। अब इसका पेस्ट तैयार करें और इस पेस्ट को बालों में लगाएं। इस मास्क को बालों में एक घंटे तक लगाएं। जब यह सूख जाए तो बालों को गर्म पानी से धो लें। इसे हफ्ते में एक बार लगा सकते हैं। - आप माइग्रेन के दर्द से परेशान हैं तो ये खबर आपके काम की है। हम देखते हैं कि काम के बहुत अधिक दबाव, चिंता, नींद संबंधी विकार और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण सिरदर्द की समस्या हो सकती है। सिरदर्द दो प्रकार की होता है, एक सामान्य रूप से सिर में होने वाला दर्द और दूसरा माइग्रेन। यह दोनों ही स्थितियां सामान्य जीवन के कार्यों को प्रभावित कर सकती हैं। हेल्थ एक्सपट्र्स कहते हैं कि सिरदर्द के ज्यादातर मामले तनाव और थकान से जुड़े होते हैं, ऐसे में सांस लेने वाले व्यायाम और ध्यान मुद्रा योगासन से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आप ब्रिज पोज यानी सेतुबंधासन का अभ्यास कर सकते हैं।ब्रिज पोज योग करने की विधि ---इसे करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।-अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों को फर्श पर सपाट रखें।- घुटनों को हिप्स की चौड़ाई से अलग रखें ।- टखनों को अपने हिप्स तक स्ट्रेच करें।-पैरों और बाहों को फर्श से प्रेस करते हुए, सांस लें।- इस दौरान अपने हिप्स और चेस्ट को ऊपर उठाएं।-अब अपनी पीठ को झुकाएं और रीढ़ को फर्श से ऊपर उठाएं।-सुनिश्चित करें कि आपके कंधे और सिर फर्श को छू रहे हों।- कुछ सेकंड के लिए आप इस मुद्रा में रहें।जब आप निचली रीढ़ पर प्रेशर महसूस करते हैं तब आप इसे सही कर रहे होते हैं।इस आसन को कम से कम 4-5 बार दोहराएं.ब्रिज पोज योग का फायदा-ब्रिज पोज या सेतुबंधासन के नियमित अभ्यास से सिरदर्द की समस्या से राहत पाई जा सकती है। खास बात ये है कि यह तनाव और चिंता को भी दूर करने के साथ मानसिक शांति को बढ़ावा देने में सहायक है। इसके साथ ही ये छाती, गर्दन, और रीढ़ की हड्डी में खिचाव लाता है।रखें ये सावधानियां-----------अगर आपकी पीठ में चोट हो तो सेतुबंधासन ना करें।- अगर आपकी गर्दन में चोट हो तो सेतुबंधासन ना करें।
- हर किसी की चाहत होती है कि उसके बाल घने, मुलायम, काले और लंबे बाल (Hair Long) हों. इसके लिए लोग क्या कुछ नहीं करते, कोई तेल की तलाश करता है तो कोई हेयर मास्क आदि का प्रयोग करता है. लेकिन इस खबर में हम आपके लिए एक ऐसा उपाय बता रहे हैं, जो प्रयोग में तो बहुत ही आसान है ही, यह बालों के ग्रोथ के लिए बहुत ही फायदेमंद और असरदार भी है. ये उपाय अमरूद की पत्तियों का है.अमरूद की पत्तियों में कई पोषक तत्व होते हैं. इसमें विटामिन, मिनरल और फाइबर होता है. ये बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद है. अमरूद के पत्ते का इस्तेमाल आप बालों के लिए कई तरह से कर सकते हैं. आइए नीचे खबर में जानते हैं कि बालों पर अमरूद की पत्तियों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है.इस तरह बनाएं अमरूद की पत्तियों का हेयर पैक--------------15 से 20 अमरूद के पत्तों को धोकर सुखा लें.मिक्सी में पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं.अब इस पेस्ट को कटोरी में डालें.इसके बाद अपने हेयर स्कैल्प पर लगाएं.कुछ मिनटों के लिए उंगलियों से मसाज करें.अब बालों को हेयर बैंड की मदद से जूड़ा बनाकर 30-40 मिनट के लिए छोड़ दें.जब ये सूख जाएं तो सादे पानी से धो लें.बाल को धोने के लिए माइल्ड शैम्पू का इस्तेमाल करें.इसे सप्ताह में दो बार लगाने से उनकी ग्रोथ तेज होगी.तेल के साथ करें प्रयोग-----अमरूद के कुछ पत्ते को धोकर ब्लेंडर में डालकर गाढ़ा पेस्ट तैयार करें.अब इसमें एक छोटा प्याज डालकर प्यूरी बना लें.अब इसे कपड़ें में डालकर रस निचोड़ लें.अब अमरूद के पत्तों के पेस्ट और नारियल तेल को प्याज के रस में मिलाएं.इसे स्कैल्प पर लगाएं और उंगलियों से अच्छी तरह मसाज करें.आधे घंटे बाद धो लें.अमरूद की पत्तियों के पानी का ऐसे करें उपयोग----अमरूद की कुछ पत्तियों को आप धो लें.अब इन्हें एक लीटर पानी में उबालें.15 से 20 मिनट तक उबलने के बाद इसे ठंडा करें.ठंडा होने पर छान लें और बोतल में स्टोर कर लें.इसके बाद अब अपने बालों को माइल्ड शैम्पू से धोएं.सूखने के बाद इसे बाल की जड़ों पर स्प्रे बोतल की मदद से लगाएं.10 मिनट तक मसाज करें.अगले कुछ घंटे बालो पर इसे रहने दें.इसके बाद सादे पानी से बाल धो लें.-
- नयी दिल्ली। सर्दियों की शुरूआत होते ही लोगों के घुटनों, कूल्हों और कमर के दर्द में इजाफा होने की संभावना काफी बढ़ जाती हैं । ऐसे में चिकित्सकों ने लोगों को चलते फिरते रहने और घर से बाहर निकलते वक्त कई कपड़े पहनने की सलाह दी है। सर्दियों में 50 प्रतिशत से अधिक लोग बाहर निकलने में दिलचस्पी नहीं लेते और घरों के भीतर रहना ही पंसद करते हैं क्योंकि बाहर के मुकाबले घर गर्म और आरामदेह होते है। चिकित्सकों का कहना है कि सर्दियों में बाहर निकलते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आपने कई परत में कपड़ें पहने हों। जालंधर के एनएचएस अस्पताल के निदेशक एवं ऑर्थोपेडिक एंड रोबोटिक ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन शुभांग अग्रवाल का कहना है कि ठंड के मौसम में आमतौर पर मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं, कार्टिलेज का पोषण कम हो जाता है और सामान्य तौर पर मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इसलिए लचीलेपन को बनाए रखने और उन कैलोरी को जलाने के लिए, जो हम लेते हैं, सर्दी के मौसम में भी हमें अपने शरीर को सक्रिय रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा,‘‘ किसी खास तरह के जोडों के दर्द में आपको चिकित्सा पेशेवर की सलाह के बिना कोई कसरत नहीं करनी चाहिए । लेकिन जोड़ों में दर्द और अकड़न का यह मतलब कतई नहीं है कि आप जिम जाना बंद कर दें।'' उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के संस्थापक निदेशक शुचिन बजाज का कहना है कि सर्दियों के मौसम में जोड़ों का दर्द, पीठ दर्द और मांसपेशियों में अकड़न सबसे आम स्वास्थ्य समस्याएं हैं जो वृद्ध लोगों के जीवन को प्रभावित करती हैं। "हमने सर्दियों के दौरान हड्डी और जोड़ों की समस्याओं के इलाज के लिए आने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में वृद्धि देखी है। लेकिन आजकल, हम देख सकते हैं कि घर से काम करने और उच्च ट्रांस वसा एवं चीनी युक्त आहार लेने के कारण युवा लोगों को भी इसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। चीनी उन्हें कम उम्र में मोटापे का शिकार बना रही है ।'' पारस अस्पताल, गुड़गांव में संयुक्त प्रतिस्थापन और खेल चोट केंद्र के प्रमुख विवेक लोगानी कहते हैं कि लंबी बीमारी और खराब रक्त शर्करा नियंत्रण वाले लोगों में फ्रैक्चर का जोखिम सबसे अधिक होता है। वह साथ ही कहते हैं, यह भी संभव है कि टाइप 1 मधुमेह वाले लोग लोअर पीक बोन मास (हड्डियों तक पहुँचने वाली अधिकतम शक्ति और घनत्व) प्राप्त करें। लोग आमतौर पर 20 के दशक में अपने पीक बोन मास तक पहुंच जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि लो पीक बोन मास जीवन में बाद में ऑस्टियोपोरोसिस के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- शादी के मौसम में लोग अपने खाने पर कंट्रोल नहीं रख पाते. कुछ भी खा लेने की आदत उनके पाचन तंत्र को बहुत ज्यादा कमजोर कर देती है। हमेशा आपको अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ रखना चाहिए ताकि आप इस शादी के सीजन का भरपूर लुत्फ उठा सकें।पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के उपायशादी का मौसम अपने पूरे शबाब पर है और मीठी यादों के साथ; इन समारोहों में अक्सर एक्सट्रा कैलोरी और पाचन के मौसम पर ज्यादा ही तनाव होता है, जो कि तले हुए और मसालेदार भोजन के साथ होता है। न्यूट्रीशन एक्सपर्ट के मुताबिक, कम खाने और इन 3 फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करने का अभ्यास पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है. आइए इनके बारे में जानते हैं-1. मेथी के लड्डूमेथी दाना, गुड़, घी और सोंठ के साथ बनाया गया, ये स्वस्थ लड्डू पेट में ऐंठन और कब्ज को रोकता है, ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है, आंतों के म्यूकोसा को बढ़ावा देता है, और यहां तक कि बालों को चमकदार बनाए रखने में भी मदद करता है । उन्हें नाश्ते में या शाम के 4-6 बजे भोजन के बाद खाने का सुझाव दिया जाता है।2. छाछदोपहर के भोजन के ठीक बाद हिंग और काला नमक के साथ एक गिलास मठा , छाछ पाचन तंत्र के लिए एकदम सही है। जबकि छास या छाछ प्रोबायोटिक्स और विटामिन बी12 दोनों का एक अच्छा सोर्स है, हिंग और काला नमक का कॉम्बिनेशन सूजन, गैस को कम करने और यहां तक कि आईबीएस को रोकने में मदद करेगा। एक्सपर्ट छास खाने का सुझाव देते हैं, खासकर अगर आप शाम के कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं और एक सपाट पेट चाहते हैं।3. च्यवनप्राशसोते समय एक चम्मच च्यवनप्राश इम्युन सिस्टम को मजबूत रखेगा, फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सिडेंट का एक ठोस सोर्स है, ये सुनिश्चित करेगा कि शादी के उत्सव की यातना के दौरान भी त्वचा कोमल और मुलायम बनी रहे। एक्सपर्ट च्यवनप्राश का सेवन करने का सुझाव देते हैं अगर देर रात की शादियां एक रूटीन है और खासकर अगर आप डेस्टिनेशन वेडिंग में हैं।
- हम में से ज्यादातर लोग अपने चेहरे की त्वचा, बालों और यहां तक कि हाथों की देखभाल करने के बारे में बहुत खास होते हैं; पैरों की देखभाल अक्सर हमारे शरीर की देखभाल की लिस्ट में आखिरी जगह पर पहुंच जाती है.पैरों की उपेक्षा करने से दर्दनाक रिजल्ट हो सकते हैं जिनमें बैक्टीरिया या फंगल संक्रमण, कॉर्न्स, फटी त्वचा और दुर्गंध आदि शामिल हैं. इससे बचने के लिए यहां 6 फुट केयर टिप्स दिए गए हैं.1. धुलाईपैरों की त्वचा बैक्टीरिया और फंगल इनफेक्शन के लिए अतिसंवेदनशील होती है क्योंकि ये दिन के एक बड़े हिस्से के लिए मोजे और जूतों में लिपटी रहती है, या धूल और जमी हुई गंदगी के संपर्क में रहती है.पैर की उंगलियों के बीच की त्वचा बैक्टीरिया और फंगल इनफेक्शन के पनपने के लिए एक आइडियल जगह है अगर इसे ठीक से धोया और साफ नहीं किया जाता है.इसलिए ये बहुत महत्वपूर्ण है कि अपने पैरों को दिन में एक बार साबुन से धोएं और सुनिश्चित करें कि गंदगी और पसीने में बंद गंदगी साफ हो गई है.2. उन्हें सूखा रखेंएथलीट फुट जैसे फंगल इनफेक्शन के पनपने के लिए नमी एक आइडियल एनवॉयरमेंट है. पैरों को सुखाना, खास तौर से पैर की उंगलियों के बीच का एरिया हर एक धोने के बाद बहुत जरूरी है, खासकर अगर आप तुरंत बाद में मोजे और जूते पहन रहे हैं.3. मॉइस्चराइजिंगअपने मॉइस्चराइजिंग रूटीन को केवल अपने चेहरे और हाथों तक सीमित न रखें. नमी की कमी से आपके पैर सूखे, पपड़ीदार और फटे हुए हो सकते हैं.फटी हुई त्वचा तब बेहद ड्राई और सख्त हो सकती है, खासकर एड़ी पर. ये एरिया तब गंदगी और जमी हुई गंदगी के लिए एक चुंबक बन सकता है जो उस पर चिपकना शुरू कर देगा.फटी एड़ियां न केवल बेकार दिखती हैं, बल्कि दर्दनाक भी हो सकती हैं. तय करें कि आप अपने पैरों को धोने के बाद हर दिन अपने पैरों पर मॉइस्चराइजिंग एजेंट की एक खुराक अप्लाई करें.4. एक्सफोलीएटिंगडेड स्किन को मॉइश्चराइज करने से कोई फायदा नहीं होगा. हर महीने एक बार एक्सफोलिएशन के जरिए सबसे पहले डेड लेयर को हटाना जरूरी है.ये झांवां या लूफैण के साथ किया जा सकता है, लेकिन हल्के ढंग से. ये हार्ड डेड स्किन पर जमी गंदगी और जमी हुई मैल को हटाने में भी मदद करता है. एक हाइड्रेटिंग मॉइस्चराइजर के साथ इसका पालन करें और इसे रात भर छोड़ दें.5. ओकेजनल पैंपरिंगअपने पैरों को महीने में दो बार 10 से 15 मिनट के लिए गर्म पानी में भिगोकर छोड़ दें. ये त्वचा को मुलायम बनाने में मदद करता है. फिर पैरों को हल्के से रगड़ें, उन्हें अच्छी तरह सुखाएं और विटामिन ई से भरपूर कोल्ड क्रीम लगाएं.अगर आपके पैरों में इनफेक्शन और सूजन की आशंका है, तो एक एंटीबैक्टीरियल क्रीम का इस्तेमाल करें. आप महीने में एक बार हाइड्रेटिंग या एक्सफोलीएटिंग पील-ऑफ फ़ुट मास्क का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.6. मोजे पहनेंमोजे पहनना न केवल आपको ठंड से बचाने के लिए बल्कि आपके पैरों को एनवॉयरमेंटल डैमेज से बचाने के लिए भी अहम है. जुराबें पैरों को धूल और गंदगी से बचाती हैं जो पैरों पर लगाई गई क्रीम से चिपक सकती हैं. वो यूवी रेडिएशन से भी बचाते हैं.
- स्किन अगर डल हो गई है या स्किन प्रॉब्लम्स शुरू हो गई हैं, तो इसकी वजह विटामिन ई की कमी हो सकती है। विटामिन ई की कमी होने से आपको हेयर फॉल की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में आपको उन चीजों को डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए, जिनसे आपकी बॉडी में विटामिन ई की कमी दूर हो सके। विटामिन ई की कमी से सिर्फ स्किन और हेयर प्रॉब्लम्स ही नहीं होती बल्कि इसकी कमी से मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी महसूस होना आदि की समस्या हो सकती है। आइए, जानते हैं कि किन चीजों को खाने से विटामिन ई की कमी दूर होती है।जैतून (ऑलिव)ऑलिव विटामिन ई का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है। आप जैतून को खाने की बजाय इसके तेल में कुकिंग कर सकते हैं। वेट कंट्रोल करने के लिए भी जैतून का तेल इस्तेमाल किया जाता है।पपीतापेट खराब होने या फिर वेट लॉस के लिए पपीते का इस्तेमाल किया जाता है। पपीते में कई मिनरल्स और विटामिन्स पाए जाते हैं। साथ ही विटामिन ई की कमी को दूर करने के लिए पपीते का सेवन किया जाता है।एवोकाडोएवोकाडो बहुत से लोगों को पसंद नहीं होता लेकिन अगर आप बॉडी में विटामिन ई की कमी नहीं होने देना चाहते, तो आपको एवोकाडो को डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। एवोकाडो आपकी स्किन और हेयर प्रॉब्लम्स को ठीक करने में काफी मदद करता है।मूंगफलीमूंगफली प्रोटीन से भरपूर होती है। साथ ही यह विटामिन ई का सबसे अच्छा सोर्स भी है। आपको मूंगफली को सर्दियों के मौसम में डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।ब्रोकलीब्रोकली का इस्तेमाल सलाद के रूप में करना सबसे ज्यादा फायदेमंद है। आपको अगर सलाद में ब्रोकली का सेवन अच्छा नहीं लगता, तो आप ब्रोकली को रोस्ट करके भी खा सकते हैं।
- हमारे शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ने से कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं. जिनका असर दिमाग, स्किन और शरीर पर पड़ता है. इन टॉक्सिन्स को निकालने के लिए बॉडी डिटॉक्स करना बहुत जरूरी है. इसलिए हम शरीर को डिटॉक्स करने का एक बेहतरीन तरीका बता रहे हैं. आप तलवों पर एक खास तरह की मिट्टी लगाकर भी शरीर को डिटॉक्स कर सकते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, आपको इससे 3 जबरदस्त फायदे प्राप्त होंगे. आइए इसके बारे में जानते हैं.तलवों पर कौन-सी मिट्टी लगानी है?हम तलवों पर जिस मिट्टी को लगाने की बात कह रहे हैं, वह एक मड फुट पैक (Mud Foot Pack) है. यह मिट्टी खास तरह की होती है, जिसे गहरे जलाशय या झील के तल से निकाला जाता है और फिर रिफाइंड किया जाता है. इस मिट्टी में ऐसे गुण व तत्व होते हैं, जो तलवों के जरिए आपके शरीर से टॉक्सिन्स निकाल देते हैं.कैसे लगाना है मड फुट पैकबाजार से मड फुट पैक आसानी से खरीदा जा सकता है या फिर मड फेस पैक को ही पैरों के तलवों पर लगाया जा सकता है. सबसे पहले साबुन से तलवों को धो लीजिए. इसके बाद मड फुट पैक से मिट्टी निकालकर तलवों पर अच्छी तरह लगाएं और फिर कम से कम 30 मिनट सूखने दें. इसके बाद साफ पानी से तलवों को साफ कर लीजिए.अगर आपको मड फेस पैक नहीं मिल रहा है, तो आप घर में मुल्तानी मिट्टी को भी इस्तेमाल कर सकते हैं. मुल्तानी मिट्टी भी आपको ये सभी फायदे देगी. अगर आप मुल्तानी मिट्टी भी इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं, तो बाजार में मिलने वाले शीट मास्क का उपयोग भी कर सकते हैं.मड फुट पैक लगाने के 3 जबरदस्त फायदेग्लोइंग स्किन: जब शरीर से टॉक्सिन्स निकल जाते हैं, तो इसका सबसे पहले असर स्किन पर पड़ता है. स्किन ग्लो करने लगती है और मुंहासे, ब्लैक हेड्स, झुर्रियां आदि समस्याएं खत्म होने लगती हैं.शांत दिमाग: मिट्टी तलवों के जरिए आपके शरीर से टॉक्सिन और अतिरिक्त गर्मी निकाल देती है. जिससे दिमाग पर कूलिंग इफेक्ट होता है और दिमाग शांत बनता है.पैरों की बदबू खत्म: पसीना या अधिक देर तक तलवों पर नमी रहने से बदबूदार पैर की समस्या हो सकती है. लेकिन मड पैक आपके टॉक्सिन को निकालकर पसीना आने की समस्या को खत्म करता है और पैरों की दुर्गंध से छुटकारा दिलाता है. साथ ही तलवे मुलायम और सुंदर बनते हैं.-
- हर कोई सॉफ्ट और खूबसूरत स्किन चाहता है, लेकिन मौसम में बदलाव होते ही कई तरह की स्किन समस्याएं होने लगती हैं, जिसके चलते खूबसूरत दिखने की चाहत सभी की पूरी नहीं हो पाती. फिलहाल सर्दी का मौसम चल रहा है और ऐसे में त्वचा की देखभाल बहुत जरूरी है, क्योंकि सर्दी आपकी त्वचा पर कहर बरपा सकती है, जिससे यह शुष्क, खुजलीदार और चिड़चिड़ी हो जाती है. स्किन एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बाहर की ठंड और धुंध की स्थिति आपकी त्वचा को बीमार बना सकती है, वहीं इनडोर गर्मी हवा से और आपकी त्वचा से नमी को सोख लेती है. यही वजह है कि ठंड के मौसम के लिए आपको अपनी स्किन को हेल्दी और चमकदार बनाए रखने के लिए कुछ टिप्स को अपनाना चाहिए. अलग-अलग मौसमों में अलग-अलग स्किन केयर रूल होते हैं. नीचे जानिए सर्दियों के मौसम में कैसा होना चाहिए आपका स्किन केयर रूटीन...सर्दियों में फॉलो करें ये स्किन केयर रूटीन1. डेली स्किन केयर रूटीन बनाएंअपनी त्वचा को दिन में एक या दो बार साफ करें. सुबह के समय और सोने से पहले चेहरे को साफ करें. सुबह अपना चेहरा धोने के बाद नमी को बंद करने के लिए दिन में एक हल्का मॉइस्चराइजर का पालन करें. रात में एक भारी मॉइस्चराइजर या रात भर क्रीम का प्रयोग करें. इसे नम छिद्रों और त्वचा पर निष्पादित किया जाना चाहि, क्योंकि केवल धोए गए छिद्र और त्वचा नमी को बेहतर ढंग से अवशोषित करती है.2. गुनगुने पानी का उपयोगहम देखते हैं कि जब भी तापमान गिरता है, तो गर्म स्नान करना बेहद लुभावना होता है, हालांकि अगर आप अपनी त्वचा की परवाह करते हैं, तो आपको इनसे बचना चाहिए. इसके बजाय चेहरे को गुनगुने पानी से धोएं. गर्म पानी से नहाने से आपकी त्वचा जल्दी सूख जाती है और अगर आप इसे तुरंत मॉइस्चराइज नहीं करते तो आपकी त्वचा में दरारें और सर्दियों में एक्जिमा हो सकता है.3. स्किनकेयर प्रोडक्ट्स को सावधानी से चुनना चाहिएकोमल स्किन केयर प्रोडक्ट्स का उपयोग हेल्दी, चमकती सर्दियों की त्वचा का राज कहलाता है. स्किन की प्राकृतिक नमी बनाए रखने के लिए आपको ऐसे क्लीन्जर का उपयोग करना चाहिए, जिसमें मॉइस्चराइजर हो. अगर चेहरे पर मुंहासे या ब्रेकआउट हैं, तो आप सीरम और ग्लिसरीन वाले प्रोडक्ट्स का उपयोग करें.4. हाइड्रेटेड रहना बेहद जरूरीहेल्दी स्किन चाहिए तो सर्दियों में हाइड्रेटेड रहें. क्योंकि इस मौसम में चाहे अंदर हो या बाहर, हवा शुष्क होती है. नतीजतन पानी आपके शरीर से जल्दी वाष्पित हो जाता है. इसलिए आपको अपनी त्वचा को हाइड्रेट रखना चाहिए. आप ह्यूमिडिफायर लगाकर भी अपने घर में नमी को नियंत्रित कर सकते हैं, यह निस्संदेह आपकी त्वचा को खुश रखेगा.
- उम्र के साथ अक्सर गर्दन पर झुर्रियां पडऩे लगती हैं। उम्र के प्रभाव को कुछ उपाय अपनाकर काफी हद तक कम किया जा सकता है। गर्दन शरीर के सबसे कमजोर हिस्सों में से एक है और आज हम बताने जा रहे हैं गर्दन पर होने वाली झुर्रियों को कैसे रोका जा सकता है।दरअसल हम अक्सर अपना सारा ध्यान अपने चेहरे पर लगाते हुए गर्दन पर ध्यान देना भूल जाते हैं। जैसे-जैसे साल बीतते हैं गर्दन की एलास्टिसिटी और चिकनाई कम होने लगती है और इसमें झुर्रियां आने लगती है।मॉइस्चराइजमॉइस्चराइजिंग हमारी त्वचा की देखभाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, हम अक्सर अपनी गर्दन को छोड़ देते हैं, लेकिन चेहरे या गर्दन की क्रीम से हमारी गर्दन को मॉइस्चराइज करना त्वचा को हाइड्रेट करता है और कोलेजन के स्तर को बढ़ाता है जो झुर्रियों की उपस्थिति को कम कर सकता है। इसके लिए हयालूरोनिक एसिड वाले प्रोडक्ट चुनें जिनमें मॉइस्चराइजिंग क्षमता ज्यादा हो।सनस्क्रीन का इस्तेमाल करेंसूरज की सीधी किरणें हमारी त्वचा के लिए बहुत हानिकारक हो सकती हैं जो उम्र बढऩे के प्रोसेस को तेज कर सकती हैं। बाहर बादल छाए रहने पर भी आपको सनस्क्रीन का इस्तेमाल कभी नहीं छोडऩा चाहिए। बाहर जाने से पहले इसे अपनी गर्दन पर लगाएं।बहुत सारा पानी पीनाहाइड्रेटेड रहना युवा दिखने की कुंजी है। इसलिए अगर आप झुर्रियों को दूर रखना चाहते हैं तो ढेर सारा पानी पिएं और शराब या धूम्रपान की दूसरी आदतों को कम करने की कोशिश करें।स्वस्थ आहारअपने लिए एक स्वस्थ आहार को एडजस्ट करने के साथ-साथ एक स्वस्थ लाइफ स्टाइल बनाए रखना महत्वपूर्ण है। हमारे दैनिक पोषण में खनिज, विटामिन और दूसरे जरूरी पोषक तत्व शामिल होने चाहिए।एक्सफोलिएटगर्दन में जमा सभी गंदगी और डेड सेल्स से छुटकारा पाने के लिए गर्दन को एक्सफोलिएट करना जरूरी है। एक अच्छा एक्सफोलिएटर खरीदें और ग्लोइंग लुक के लिए हफ्ते में कम से कम एक बार लगाएं।नींदहम अक्सर नींद के महत्व को कम आंकते हैं, लेकिन अगर आप अपनी जवानी को थोड़ा और लंबा रखना चाहते हैं तो कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।
- बीते कुछ सालों से तेजी से प्रदूषण का स्तर दिन पर दिन बढता जा रहा है. शहरों में प्रदूषण के कारण से अजीब सा धुआं सा देखने को मिल रहा है. लगातार तेजी से बढ़े प्रदूषण स्तर के कारण आमतौर पर लोगों को कई तरह की शरीरिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है. दिल्ली एनसीआर समेत कई शहरों में प्रदूषण का स्तर गंभीरता के स्तर पर पहुंच गया है. इस कारण से बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोगों को प्रदूषण से समस्या होती है. लोगों को सर्दी, खांसी और जुकाम ,गला बंद जैसी तमाम परेशानियां हो रही हैं जो शरीर के लिए घातक हैं. हम आपको कुछ ऐसे स्टेप्स बताएंगे जिनको आजमाकर आप प्रदूषण के स्तर को खुद के लिए कम कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं शरीर को डिटॉक्स करने के घरेलू नुस्खों के बारे में-हल्दी का करें इस्तेमालआप अपनी जीवनशैली में हल्दी का उपयोग शुरू कर दें. हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटीवायरल जैसे लाभदायक गुण पाए जाते हैं, जो बीमारियों के साथ साथ प्रदूषण से लड़ने के लिए लाभदायक होते हैं. हल्दी यह खांसी, सर्दी, बुखार, गले की खराश, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों के संक्रमण के रामवाण है. आप गर्म दूध या पानी में हल्दी को डालकर हर रोज पीजिए.बीटा कैरोटीन युक्त फूड का करें सेवनप्रदूषण स्तर बहुत ज्यादा होने पर बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए आप बीटा कैरोटीन का सहारा भी ले सकते हैं. यह प्रदूषण से होने वाले सिरदर्द आदि से आपको मुक्त करेगा. यह आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है. इसके साथ ही शकरकंद, गाजर, गहरे रंग के पत्तेदार साग, बटरनट स्क्वैश, कैंटालूपे, लेट्यूस, लाल शिमला मिर्च, खुबानी, ब्रोकोली जैसी सब्जियों को आप दैनिक जीवन में शामिल करना शुरू कर दें, ये आपके लिए लाभदायक होगा.घी का करें सेवनआपको बता दें घी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. हर कोई घी का सेवन शरीर के लिए जरूरी बताता है. शुद्ध घी शरीर में मौजूद सभी प्रदूषण के particles को निकालकर आपके शरीर में डिटॉक्स करने में मदद करता है. घर में बच्चों को आप घी से मालिश भी कर सकते हैं. पैरों के तलवो में अच्छे से घी की मालिश कर सकते हैं.तुलसी की चाय का करें सेवनतुलसी शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाती है. इसके साथ ही ये सालों पुराना रामबाण इलाज है, जिसका सेवन सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है. तुलती के पत्ते फेफड़ों को साफ कर प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद करते हैं. तुलसी का प्रयोग आप रोजमर्रा में कर सकते हैं चाय में आप तुलसी डाल सकते हैं,इसके अलावा आप गर्म पानी में भी 7, 8 तुलसी के पत्ते डालकर पी सकते हैं.-
- होंठों का सूखना और फटना बहुत आम है, क्योंकि होंठों की त्वचा बेहद पतली और संवेदनशील होती है. फटे होंठ किसी भी उम्र में और किसी भी मौसम में हो सकते हैं. लेकिन सर्दियों में ये समस्या बढ़ जाती है. सूखे और परतदार होंठ न केवल बदसूरत लगते हैं, बल्कि डिहाईड्रेशन या विटामिन की कमी का भी संकेत हो सकते हैं. कुछ ऐसे टिप्स हैं, जिनकी मदद से आप फटे होंठों से छुटकारा पाने और उन्हें मुलायम बना सकते हैं.सर्दियों में क्यों रूखे दिखने लगते हैं होंठदरअसल, होंठों की त्वचा चेहरे की अन्य त्वचा की तुलना में अधिक संवेदनशील होती है, जो सर्द हवाओं के संपर्क में आते ही अपना मॉइश्चर खोने लगती हैं. लिहाजा होंठों में नमी की कमी बढ़ जाती है और ये रूखे से दिखने लगते हैं. अगर आप भी रूखे और फटे होंठों की समस्या से परेशान हैं तो इनका खास ख्याल रखकर इन्हें नर्म और मुलायम बना सकते हैं. इसके लिए आप कुछ घरेलू उपायों की मदद भी ले सकते हैं. आइए नीचे खबर में जानते हैं कि विंटर के मौसम के होंठों की देखभाल कैसे करें.डाइट का रखें खास ख्यालसर्दी के मौसम आप डाइट का खास ध्यान दें तो आपके होंठ हमेशा नर्म और मुलायम दिखेंगे. डाइट में आप विटामिन ए और बी रिच फूड खाएं. इसके लिए अपने दैनिक आहार में हरी सब्जी, दूध, घी, मक्खन, ताजे फल और जूस लेते रहें.गुलाब की पंखुड़ियांअगर आप अपने होंठों को विंटर में भी हेल्दी और गुलाबी रखना चाहते हैं तो देशी गुलाब की भीगी हुई पत्तियों को होठों पर कुछ देर तक नियमित मलें. इससे आपके होठ नेचुरल गुलाबी आभा लिए चमकते रहेंगे.क्रीम का इस्तेमाल करेंविंटर में ड्राइनेस को दूर रखने के लिए होंठों पर क्रीम, मलाई, मक्खन या देशी घी हल्के हाथों से कुछ देर मलें. होंठों की त्वचा इससे मुलायम बनी रहेगी. सर्दी के इन दिनों रात को सोते समय पेट्रोलियम जेली या एंटीसेप्टिक क्रीम जरूर लगाकर सोएं.
-
थके होने के बावजूद भी रात को ठीक से नींद पूरी न हो पाए तो कई स्वास्थ्य समस्याएं का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आप थकान दूर करने के लिए कौन से योगासन कर सकते हैं आइए जानें.
बालासन
फर्श पर बैठकर इस आसन की शुरुआत करें. अपने हाथों को अपने सामने तब तक बढ़ाए जब तक कि आपका आगे का भाग फर्श पर न टिक जाए. अगर आपका माथा फर्श तक नहीं पहुंचता है तो अपने माथे के नीचे तकिए या कंबल का इस्तेमाल करें. धीमी, गहरी सांस लेने पर ध्यान दें.
मार्जरीआसन
अपने हाथों और घुटनों को जमीन पर रखें. जैसे ही आप सांस लेते हैं, अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं, अपने पेट को नीचे करें, कंधों को पीछे की ओर मोड़ें और आगे की ओर देखें. जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं, कूल्हों को नीचे की ओर, रीढ़ को गोल करें और सिर को नीचे आने दें. इसे 5-6 बार सांस के साथ आगे बढ़ते हुए दोहराएं. ये रीढ़ को खोलता है, पाचन में सुधार करता है और पीठ दर्द से राहत देता है.
शवासन
अपनी पीठ के बल लेट जाएं, अपने पैरों को अपने सामने फैलाएं. अपनी बाहों को अपने शरीर के किनारे रखें, हथेलियां ऊपर की ओर हों और आंखें बंद कर लें. आप जब तक चाहें इस मुद्रा में रह सकते हैं. अपनी श्वास पर ध्यान केंद्रित करें. ये तनाव से राहत देता है और मानसिक एकाग्रता में सुधार करता है.
- - भोजन के बाद जल्दी टहलने जाना कई भारतीय घरों में एक अनुष्ठान जैसा रहा है और ऐसा माना जाता है कि ये भोजन को आसानी से पचाने में मदद करता है. लेकिन क्या ये हकीकत में तेजी से पाचन और बेहतर मेटाबॉलिज्म में मदद करता है? यहां जानिए रिसर्च से क्या पता चलता है…क्या फायदेमंद है?खाना खत्म करने के बाद, आपका शरीर काम करने लगता है, टूट जाता है और पोषक तत्वों को एब्जॉर्व कर लेता है. भोजन के टूटने या पाचन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा छोटी आंत में होता है.रिसर्च से पता चलता है कि भोजन के बाद चलने से पेट से और छोटी आंत में भोजन के तेजी से ट्रांजिट में मदद मिल सकती है. ये कैसे मदद करता है?“जितनी तेजी से भोजन आपके पेट से छोटी आंत में जाता है, आपको सूजन, गैस और एसिड रिफ्लक्स जैसी सामान्य शिकायतों की संभावना उतनी ही कम होती है.साक्ष्य ये भी इशारा करते हैं कि भोजन के बाद 30 मिनट की पैदल दूरी, नियमित व्यायाम के साथ मिलकर, बॉवेल फंक्शन में सुधार कर सकते हैं और कब्ज की संभावना को कम कर सकते हैं.क्या अध्ययन कहता है पोस्टप्रैन्डियल वॉक न केवल पाचन लक्षणों को कम करता है बल्कि टाइप-2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है.न्यूजीलैंड के ओटागो विश्वविद्यालय के रिसर्च से संकेत मिलता है कि टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए, भोजन के बाद चलना ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में बेहतर होता है, खासकर कार्ब वाले भोजन के बाद.ऐसा कैसे होता है?शरीर भोजन को ग्लूकोज में बदल देता है, जो शरीर के लिए ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है. खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल बढ़ना शुरू हो जाता है.इस स्पाइक से निपटने के लिए, शरीर इंसुलिन को गुप्त करता है, जो ग्लूकोज को कोशिकाओं में ले जाने में मदद करता है. हालांकि, डायबिटीज के व्यक्तियों के लिए, ब्लड शुगर के लेवल के मैनेजमेंट के प्रोसेस को रोकते हुए, इंसुलिन की क्रिया खराब होती है.इससे ब्लड में ग्लूकोज का हाई लेवल हो सकता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. भोजन के बाद टहलने के दौरान, ग्लूकोज का इस्तेमाल शरीर के जरिए एक्टिविटी के लिए एनर्जी पैदा करने के लिए किया जाता है, जिससे ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को कम करने में मदद मिलती है.अब एक अहम सवाल को अड्रेस करने के लिए-अपने चलने पर निकलने से पहले आपको भोजन के बाद कितनी देर तक इंतजार करना चाहिए?भोजन के तुरंत बाद चलने से एसिड रिफ्लक्स हो सकता है और आपका पेट खराब हो सकता है. “अपने लंच या डिनर के बाद 30-45 मिनट के अंतराल के बाद सबसे ज्यादा फायदे का अनुभव करने के लिए चलने की सलाह दी जाती है.”अपने भोजन के बाद एक आसान से मीडियम गति से चलने की भी सिफारिश की जाती है क्योंकि ज्यादा तेजी वाले वर्कआउट से ज्यादा ब्लड काम करने वाली मांसपेशियों की ओर और गैस्ट्रोइनटेस्टिनल ट्रैक्ट से दूर हो सकता है. इससे आपका पाचन धीमा हो सकता है और अपच भी हो सकता है.हेल्थ बेनेफिट्स के साथ-साथ, भोजन के बाद की सैर आपको एक दिन में 10,000 कदम (एक फेमस एस्पिरेशनल फिटनेस टारगेट) पूरा करने के अपने लक्ष्य के करीब भी लाएगी.किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी एंडोर्फिन, या फील-गुड हार्मोन की रिहाई को भी ट्रिगर करती है, जिससे शरीर को आराम मिलता है. भोजन के बाद टहलना उस दिशा में एक सकारात्मक कदम है.अब जब आप भोजन के बाद जल्दी चलने के कई फायदों को जान गए हैं, तो बेहतर स्वास्थ्य और संपूर्ण फिटनेस के लिए इस छोटी सी जीवनशैली में बदलाव करने का समय आ गया है.
- आंखें ना केवल शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं, बल्कि इन्हें सेहत का आइना भी कहा जा सकता है. लाइफस्टाइल और डायट से जुड़ी अच्छी आदतें आंखों की सेहत को भी बेहतर रखती हैं. हम देखते हैं कि काम की भागदौड़ और व्यस्त लाइफस्टाइल के बीच लोग कई बार अपनी आंखों की हेल्थ के बारे में नहीं सोचते. देर तक कम्प्यूटर पर काम करने से लेकर नींद की कमी, तनाव, अनहेल्दी लाइफस्टाइल जैसे कई कारणों से आंखों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अपनी आंखों को सुरक्षित, साफ और स्वस्थ रखने के लिए कुछ साधारण सी बातों का ध्यान रख सकते हैं. नीचे खबर में जानिए वो कौन घरेलू उपाय हैं, जो आपकी आंखों को हेल्दी रखने में काम आ सकते हैं.संतुलित डायट लेना जरूरीहेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि घर में मौजूद साधारण सी चीजों के सेवन से ही आपकी आंखों को सभी आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त हो सकते हैं. अपनी डाइट में आप पालक, शलजम, ब्रोकोली, मक्का, मटर और एवोकाडो जैसी चीजें शामिल करें. इनमें ल्यूटिन और जेक्सैंथिन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो आंखों की रोशनी बढ़ाते हैं.हरी घास पर चलना जरूरीआपने भी अक्सर घर के बड़े-बुज़ुर्गेो से सुना ही होगा कि सुबह-शाम घास पर चलना सेहत के लिए अच्छा होता है, खासकर हमारी आंखों के लिए. बताया जाता है कि पैरों में मौजूद प्रेशर पाइंट्स सीधे आंखों की नसों से जुड़े होते हैं. जब आप नंगे पांव घास पर चलते हैं तो ये प्रेशर पॉाइंट्स एक्टिवेट हो जाते हैं, जिससे, आंखों की सेहस में सुधार होता है.आंखों को बार-बार छूने बचेंहेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बार-बार आंखों को छूने, रगड़ने या हाथ लगाने से आंखों को नुकसान हो सकता है. यह आदतें कोविड-19 संक्रमण का भी रिस्क बढ़ाती हैं. वहीं, आंखों में इंफेक्शन होने का भी डर बढ़ता है, इसलिए ऐसा करने से बचें.स्क्रीन टाइम कम करेंहम देख रहे हैं कि वर्क फ्रॉम होम के दौरान लोगों को बहुत अधिक समय लैपटॉप, मोबाइल और कम्प्यूटर के सामने बिताना पड़ रहा है. बहुत देर तक टीवी देखने की आदत भी आंखों पर बुरा असर डालती है. इससे, ड्राई आईज़ की समस्या हो सकती है. इस समस्या से बचने के लिए काम करते समय थोड़ी-थोड़ी देर बाद ब्रेक लें, आंखों को 2 मिनट बंद करके शांति से बैठें. साथ ही ज़रूरत से अधिक समय तक मोबाइल या टीवी ना देंखें.
- योगा का हर आसन मुश्किल नहीं होता. कुछ योगासन ऐसे भी होते हैं, जिन्हें करना एकदम आसान होता है. इसके साथ ही आपको इन योगासनों से कमाल के फायदे भी मिलते हैं. इन्हीं में से एक है शवासन (Corpse Pose) इसके नियमित अभ्यास से आप कई रोगों से दूर रह सकते हैं. ये योगासन थकान मिटाकर शारीरिक व मानसिक आराम प्राप्त करने में मदद करता है. इस आसन को तब भी किया जा सकता है जब आप बुरी तरह से थके हों और आपको थोड़ी ही देर में वापस काम पर लौटना हो.क्या है शवासनशवासन, योग विज्ञान का बेहद महत्वपूर्ण आसन है. इसको किसी भी योग सेशन के बाद बतौर अंतिम आसन किया जाता है. 'शवासन' शब्द दो अलग शब्दों यानी कि 'शव' (corpse) और 'आसन' से मिलकर बना है. 'शव' का शाब्दिक अर्थ होता है मृत देह, जबकि आसन का अर्थ होता है 'मुद्रा' या फिर 'बैठना'. ये आसन देखने में बेहद सरल लगता है, लेकिन इसमें सिर्फ लेटना ही नहीं होता है बल्कि अपने मन की भावनाओं और शरीर की थकान दोनों पर एक साथ नियंत्रण पाना होता है.शवासन कैसे करें?सबसे पहले अपनी पीठ के बल योगा मैट पर लेट जाएं और आंखें बंद कर लें.ध्यान रहे कि आपके पैर पूरी तरह से फैले हों और घुटने, पंजे, टखने, हथेली आदि विश्राम की स्थिति में हों.हाथों को शरीर के पास रखें, लेकिन शरीर से छूने न दें और हथेलियां आसमान की तरफ रखें.अब 4-5 बार गहरी और लंबी सांस लें.इसके बाद अपना ध्यान सांस पर केंद्रित करने की कोशिश करें और सांस को जितना हो सके धीमा कर लें.इस स्थिति में 5 से 10 मिनट तक रहें.जब आपको आराम महसूस होने लगे, तो वापिस सांस को सामान्य कर लें और सीधी करवट लेते हुए बैठ जाएं.आंखों को एकदम न खोलें. बल्कि धीरे-धीरे खोलें.शवासन से मिलने वाले फायदेये आसन फोकस और याद्दाश्त बढ़ाने में मदद करता है.हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है.सिरदर्द और अनिद्रा से राहत दिलाने के लिए शवासन करने की सलाह दी जाती है.ये आसन अधिक परिश्रम वाले योगासन के बाद शरीर को आराम पहुंचाने के लिए किया जा सकता है.शवासन करने से अस्थाई चिंता व तनाव से राहत पाई जा सकती है.अगर आप ऑफिस या बाहर की थकान मिटाना चाहते हैं, तो भी शवासन काफी फायदेमंद है.आसन करते वक्त रखें ये सावधानीअगर आपकी कमर से नीचे की मसल्स या हैमस्ट्रिंग्स (जांघ की मांसपेशियां) सख्त हैं, तो शवासन के अभ्यास से आपको कुछ ही समय में कमर दर्द की समस्या हो सकती है, इस स्थिति से बचने के लिए शवासन करते समय टांगों को हल्का सा उठा लें.
-
सब कुछ सुंदर (मान लीजिए मनुष्य की बनाई चीजें) एक कीमत के साथ आता है. माना? पता चला, ऐक्रेलिक नाखून एक ऐसी चीज है जो आपको मोहित कर लेती है और जब आप इसकी देखभाल करने में विफल रहते हैं तो आपका दिल टूट जाता है.
जाहिर तौर पर, जब आप सभी आर्टवर्क के बाद अपने अंकों का अच्छी तरह से ध्यान रखते हैं, तो ये 3 हफ्ते तक चलता है ताकि आप इसे ज्यादा समय तक दिखा सकें.
आइए मान लें कि हम सभी को नेल आर्ट के लिए सैलून में दौड़ना और वहां घंटों बिताना पसंद है, जबकि हर दो मिनट में आप देखते हैं कि आपके नाखून कितने सुंदर दिखते हैं.
हम आपको उन सभी के लिए दोषी नहीं ठहराते हैं जो इंटरनेट आपको बार-बार प्रेरित करता है. चौकोर साइज से लेकर डक नेल्स तक, ब्यूटी बार में आग लगी हुई है.
एक बार जब आप अपने नाखूनों को फ्लॉन्ट कर चुके होते हैं और धीरे-धीरे आपके पास मौजूद ऐक्रेलिक नाखूनों से ऊब जाते हैं, तो क्या आप सैलून में वापस जाना चाहते हैं?
चिंता है कि ये आपकी जेब का वजन कम करेगा? हमें लगता है कि ये एक शानदार बिजनेस है, इसलिए अगर आप बड़े समय से परेशान हैं, तो हम यहां आपको इस ऐक्रेलिक आर्टवर्क को ज्यादा सावधानी से हटाने के लिए कुछ घरेलू टिप्स दे रहे हैं.
ऐसटोन अल्टीमेट लिक्विड फॉर्मूला है जो आपको DIY तरीके से इनसे छुटकारा पाने में मदद कर सकता है. मैनीक्योर किट को संभाल कर रखें और नीचे दिए गए इन स्टेप्स के साथ शुरुआत करें.
1. नेल आर्ट केवल चमक और सादे रंगों के बारे में नहीं है, अगर आप कुछ एंबेलिशमेंट्स देखते हैं, तो उन्हें हटाने के लिए एक चिमटी का इस्तेमाल करें.
2. एक्स्ट्रा नाखूनों को नेल क्लिपर से ट्रिम करके इसे फॉलो करें.
3. इसके बाद, अपने नाखूनों को ऐसटोन से बेहतर तरीके से भिगोने के लिए तैयार करें ताकि नेल पेंट आसानी से निकल जाएं. एक नेल बफर लें और इसे खुरचने के लिए अपने नाखूनों पर धीरे से चलाएं.
4. एक कटोरी या ट्रे में ऐसटोन डालें जो आपकी उंगलियों को अमृत से भिगोने में आपकी मदद कर सके.
5. जब आप अपने नाखूनों को 5 मिनट के लिए ऐसटोन पीने दें, तो अपने क्यूटिकल्स से नेल पॉलिश को अलग करने के लिए नेल पुशर का इस्तेमाल करें. नाजुक बनें और जबरदस्ती न निकालें.
6. अपनी अंगुलियों को वापस लिक्विड के अंदर ले जाएं और कुछ मिनट के लिए इसे बाहर निकालें. ये आपके लिए नेल पॉलिश हटाने के प्रोसेस को आसान बना सकता है.
7. आप इन स्टेप्स को तब तक दोहरा सकते हैं जब तक कि ऐक्रेलिक पूरी तरह से बाहर आने के लिए तैयार न हो जाए. समाधान यहां महत्वपूर्ण है.
8. नेल बफर के साथ बचे सभी अवशेषों को हटा दें और अपने नाखूनों को क्यूटिकल ऑयल से चिकना करें. क्यूटिकल ऑयल आपके नाखूनों को नमी की एक सुरक्षात्मक परत प्रदान कर सकता है. तो, अपनी उंगलियों का इस्तेमाल इसे क्यूटिकल बेड पर मालिश करने के लिए करें. -
दीपावली का पर्व हिंदू धर्म में बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है. इस दौरान मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा होती है. घरों को लाइट और फूलों से सजाया जाता है. दीपक जलाए जाते हैं. इस बीच घर में मेहमानों के आने का सिलसिला बना रहता है. मेहमान नवाजी के लिए लोग तरह तरह के व्यंजन बनाते हैं.
आज धनतेरस के दिन से दीपावली पर्व का आगाज हो गया है. 4 नवंबर को लक्ष्मी और गणेश भगवान का पूजन होगा. इसके बाद ही मेहमानों के आने जाने का सिलसिला शुरू होगा. अगर आप भी इस बार दीपावली में कुछ व्यंजन घर पर बनाने के बारे में सोच रही हैं, तो यहां हम आपको देने जा रहे हैं कुछ आइडियाज, जिनसे आपको मदद मिल सकती है.
1- शक्कर पारे
मैदे से बनने वाले शक्कर पारे को आप स्नैक्स के तौर पर बना सकती हैं. इसे आप अभी से बनाकर एक डिब्बे में स्टोर करके रख सकती हैं. जब आपके मेहमान घर पर आएं तो आप नाश्ते के साथ इसे रख सकती हैं.
2- ढोकले
ढोकले ऐसी चीज है जो आसानी से बन जाती है. इसके लिए बहुत मेहनत की जरूरत नहीं होती. आप इसे एक दिन पहले भी बनाकर फ्रिज में रख सकती हैं. इसे माइक्रोवेव या कुकर किसी में भी बनाया जा सकता है. ये काफी लाइट होते हैं और खाने में स्वादिष्ट भी.
3- मालपुआ
अगर कुछ अलग बनाना चाहती हैं तो मालपुआ बना सकती हैं. मैदे और मावे से बनने वाला मालपुआ खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है. त्योहार पर लोगों का मुंह मीठा कराने के लिए ये बेस्ट है.
4- जलेबी
मैदे से बनी और चाशनी में डूबी जलेबी खाने में जबरदस्त लगती है. इसका बेटर बनाकर आप पहले से रख सकती हैं. शाम को जब मेहमान आएं, तब आप इसे आसानी से बना सकती हैं.
5- गुजिया
त्योहार के इस मौके पर मावे से बनी गुजिया भी बेस्ट है. इसे दो से तीन दिन पहले बनाकर रखा जा सकता है. गुजिया खाने के सभी शौकीन होते हैं.
6- गुलाब जामुन
ये एक ऐसी स्वीट डिश है जो दीपावली के मौके पर ज्यादातर लोगों के घरों में बनती है. इसे बनाने के लिए भी आपको मावे और मैदे की जरूरत होती है. साथ ही इसे चाशनी में डुबोया जाता है. आप इस मौके पर मेहमानों के लिए गुलाब जामुन भी बना सकती हैं.
7- दही वड़े
मेहमानों के लिए इस मौके पर आप दही वड़े भी बना सकती हैं. इसे फ्राई करके पहले से रख लीजिए. इसके बाद जब मेहमान आएं आप फटाफट इसे गर्म पानी में डालकर दही में डिप कर दें. इसके बाद चटनी डालकर मेहमानों को परोसें. - देश में त्योहारों के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। इसमें दीपावली के त्योहार को कई मामलों में खास माना जाता है। दीपावली उत्सव, जश्न, मिठाइयों और पटाखों का त्योहार माना जाता है। हालांकि डायबिटीज और अस्थमा के रोगियों को दीपावली में विशेष सावधानी रखने की सलाह दी जाती है। दीपावली की मिठाइयों से डायबिटीज जबकि पटाखों के कारण अस्थमा रोगियों की जटिलताओं के बढ़ने का खतरा रहता है। पटाखों से निकलने वाला धुंआ अस्थमा रोगियों की मुश्किलों को बढ़ा देता है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक पटाखों में कई प्रकार के हानिकारक रसायन होते हैं जो जलने के बाद वातावरण को प्रदूषित कर देते हैं। इस तरह का वातावरण अस्थमा जैसे सांस से संबंधित रोगियों के लिए बहुत ही नुकसानदायक हो सकता है। आइए जानते हैं कि अस्थमा के रोगियों को किस प्रकार की सावधानियां बरतते हुए दीपावली का त्योहार मनाना चाहिए?कोरोना के इस दौर ने लोगों को मास्क लगाए रखने की आदत बनवा दी है, दीपावली के इस मौसम में बाहर जाते समय सभी लोगों, विशेषकर अस्थमा के रोगियों को मास्क जरूर लगाए रखना चाहिए। वातावरण में मौजूद धूल-मिट्टी और पटाखों से निकलने वाले धुएं से सुरक्षित रखने में यह मास्क आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। अस्थमा के रोगियों को दीपावली के दिन डबल मास्क लगाकर रखना चाहिए।दीपावली के दिन चूंकि वायुप्रदूषण बढ़ जाता है ऐसे में अस्थमा के रोगियों को विशेष सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। आप इनहेलर और दवाइयां हमेशा अपने साथ ही रखें, बेहतर रहेगा कि आप पहले से ही इन्हें खरीदकर रख लें। अस्थमा का अटैक कभी भी हो सकता है, ऐसे में इनहेलर रखकर आप जटिलताओं से सुरक्षित रह सकते हैं।दीपावली के दिन अस्थमा के रोगियों को विशेष सावधान रहने की आवश्यकता होती है, चूंकि बाहर के माहौल में प्रदूषण अधिक होता है इसलिए कोशिश करें कि आप ज्यादा से ज्यादा घर के भीतर ही रहें। खिड़की-दरवाजों को बंद रखकर आप प्रदूषण से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। घर से बाहर निकलना भी हो तो मास्क लगाकर ही निकलें।अस्थमा के रोगियों के लिए सांस वाले व्यायाम करना विशेष लाभदायक माना जाता है। सांस वाले व्यायाम अस्थमा की जटिलताओं को कम करने के साथ फेफड़ों को मजबूती देने में सहायक होते हैं। इसके अलावा यदि दीपावली के दिन आपको सांस से संबंधित कोई भी जटिलता का अनुभव होता है तो इस बारे में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।