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- नयी दिल्ली. भारत का चीनी उत्पादन सितंबर को समाप्त होने वाले 2024-25 सत्र में 19 प्रतिशत घटकर 2.58 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह पिछले सत्र के 3.19 करोड़ टन के उत्पादन से कम है। अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) ने यह जानकारी दी। नवीनतम अनुमान एआईएसटीए के दो करोड़ 65.2 लाख टन के पहले के उत्पादन अनुमान की तुलना में 7.2 लाख टन कम है। उत्पादन अनुमान में गिरावट की वजह महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात में कम उत्पादन को बताया गया है। भारत के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र का चीनी उत्पादन पिछले सत्र के 1.1 करोड़ टन से कम यानी 80 लाख टन ही रहने की उम्मीद है। देश के दूसरे शीर्ष उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में उत्पादन, 90 लाख टन अनुमानित है जो पहले के अनुमान के मुकाबले अपरिवर्तित है लेकिन पिछले सत्र में दर्ज 1.04 करोड़ टन के उत्पादन से कम है। कर्नाटक में चीनी उत्पादन 41 लाख टन रहने का अनुमान है, जो प्रारंभिक अनुमान से थोड़ा अधिक है, लेकिन अब भी पिछले साल के 53 लाख टन के उत्पादन से कम है।
- नयी दिल्ली। जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड (जेएसएल) ने मंगलवार को कहा कि वह वर्ष 2050 तक अपने शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कार्बन कटौती परियोजनाओं में 700 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रक्रिया में है। जेएसएल ने बयान में कहा कि अगले पांच वर्षों में विभिन्न पर्यावरण अनुकूल परियोजनाओं की स्थापना के लिए निवेश जारी रहेगा। इनमें नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, जैव विविधता संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और कार्बन कटौती प्रौद्योगिकी को अपनाना शामिल है। कंपनी ने कहा, ‘‘अगले पांच वर्षों में कार्बन कटौती परियोजनाओं में 700 करोड़ रुपये का निवेश करने का उद्देश्य वित्तीय और पर्यावरणीय लक्ष्यों को प्राप्त करना है। वित्त वर्ष 2034-35 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और कार्बन तीव्रता को 50 प्रतिशत तक कम करना और 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन को पूरा करना इसका लक्ष्य है।'' जेएसएल ने यह भी कहा कि उसने प्रकृति से संबंधित वित्तीय खुलासा (टीएनएफडी) रिपोर्ट पर एक कार्यबल गठित किया है। इसका उद्देश्य व्यावसायिक लचीलापन और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करने के अवसरों का लाभ उठाते हुए प्रकृति से संबंधित जोखिमों की पहचान करना, उनका आकलन करना और उन्हें कम करना है। टीएनएफडी ढांचा अपने मापदंड और रणनीतिक लक्ष्यों को रेखांकित करने के लिए शासन, रणनीति, जोखिम और प्रभाव प्रबंधन के चार महत्वपूर्ण स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह रिपोर्ट जाजपुर, हिसार और विशाखापत्तनम में स्थित कंपनी की इकाइयों पर व्यापक जैव विविधता प्रबंधन योजनाएं (बीएमपी) और प्रकृति जोखिम आकलन प्रदान करती है।
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नयी दिल्ली. स्विगी ने सोमवार को उपवास के दौरान खाने से जुड़ी अधिसूचना रोकने की सुविधा शुरू करने की घोषणा की। इसके तहत उपयोगकर्ताओं को उपवास के दौरान खाने को लेकर सूचना को रोकने की सुविधा मिलेगी। कंपनी ने बयान में कहा कि इस सुविधा से रमजान से शुरू होकर नवरात्रि तक व्रत या रोजा के दौरान खाने-पीने से जुड़ी कोई सूचना नहीं मिलेगी। साथ ही कंपनी उपयोगकर्ताओं को जरूरत होने पर मंच को तैयार रखेगी। स्विगी ने कहा, ‘‘उपयोगकर्ता कभी भी स्विगी ऐप से उपवास वाली सुविधा को चालू या बंद कर सकते हैं...उपवास के घंटों के बाद अधिसूचना अपने आप फिर से चालू हो जाएंगी।'' यह सुविधा पूरे वर्ष विभिन्न उपवास अवसरों के लिए उपलब्ध रहेगी, जिससे उपयोगकर्ताओं को अपने भोजन संबंधी सूचनाओं के प्रबंधन में अधिक आसानी होगी।
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नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2026 में भारतीय फार्मा बाजार में सालाना आधार पर 8-9 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। सोमवार को जारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (आईएनडी-आरए) की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 में इस सेक्टर की वृद्धि सालाना आधार पर 7.5-8.0 प्रतिशत रहेगी। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर कृष्णनाथ मुंडे ने कहा कि “भारतीय फार्मा बाजार में वित्त वर्ष 2024 में सालाना आधार पर 6.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023 में सालाना आधार पर 9.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।”
इस साल फरवरी में फार्मा बाजार ने सालाना आधार पर 7.5 प्रतिशत का राजस्व दियाइस साल फरवरी में फार्मा बाजार ने सालाना आधार पर 7.5 प्रतिशत का राजस्व दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कीमत और नए लॉन्च में आई वृद्धि की वजह से देखी गई। कीमत में वृद्धि सालाना आधार पर 5.2 प्रतिशत और नए लॉन्च में सालाना आधार पर 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।ओवरऑल फार्मा प्रोडक्ट्स की 12 महीने की रोलिंग बिक्री में 8.1 प्रतिशत की वृद्धिरिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा, मूविंग एनुअल टोटल (एमएटी) या ओवरऑल फार्मा प्रोडक्ट्स की 12 महीने की रोलिंग बिक्री में फरवरी में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। कार्डियक थेरेपी ने फार्मा बाजार में एमएटी में 10.8 प्रतिशत की वृद्धि और मासिक बाजार हिस्सेदारी में 13.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बेहतर प्रदर्शन किया।इसके बाद गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, न्यूरोलॉजी/सेंट्रल नर्वस सिस्टम और डर्मेटोलॉजी का स्थान रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी ओर, एंटी-इंफेक्टिव, रेस्पिरेटरी और गायनोकोलॉजी थेरेपी में फरवरी में कमजोर वृद्धि देखी गई। इस बीच, एक दूसरी हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि देश में फार्मा सेक्टर में तेजी से उत्पादन में वृद्धि देखी जा रही है।भारत बना जेनेरिक दवाओं का दुनिया का सबसे बड़ा सप्लायरमैकिन्से एंड कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय फार्मा सेक्टर 8 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ा है और 2024 में निर्यात दरों में भी 9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। एपीआई और बायोटेक्नोलॉजी में अपनी क्षमताओं का विस्तार करते हुए, इसने 8 प्रतिशत सीएजीआर से वृद्धि की है, जो वैश्विक औसत से दोगुना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश जेनेरिक दवाओं का दुनिया का सबसे बड़ा सप्लायर भी बन गया है, जिसकी फार्मा निर्यात वृद्धि दर 9 प्रतिशत है, जो वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी है। - नई दिल्ली। ग्लोबल सबमरीन केबल नेटवर्क में अहम भूमिका निभाने के साथ भारत में अपनी रणनीतिक भौगोलिक स्थिति के कारण बाजार पर और अधिक प्रभावी होने की क्षमता है। देश में वर्तमान में मुंबई, चेन्नई, कोचीन, तूतीकोरिन और त्रिवेंद्रम में स्थित 14 अलग-अलग लैंडिंग स्टेशनों पर लगभग 17 अंतरराष्ट्रीय समुद्री केबल हैं।देश में अभी लगभग 17 अंतर्राष्ट्रीय समुद्री केबल हैं जो मुंबई, चेन्नई, कोचीन, तूतीकोरिन और त्रिवेंद्रम में 14 अलग-अलग जगहों पर पहुंचते हैं2022 के अंत में इन केबलों की कुल क्षमता क्रमशः 138.606 टेराबाईट प्रति सेकंड (टीबीपीएस) और 111.111 टीबीपीएस थी। देश में अभी लगभग 17 अंतर्राष्ट्रीय समुद्री केबल हैं जो मुंबई, चेन्नई, कोचीन, तूतीकोरिन और त्रिवेंद्रम में 14 अलग-अलग जगहों पर पहुंचते हैं।सबमरीन केबल इंफ्रास्ट्रक्चर में भारतीय टेलीकॉम ऑपरेटरों में टाटा कम्युनिकेशंस शामिलसबमरीन केबल इंफ्रास्ट्रक्चर में भारतीय टेलीकॉम ऑपरेटरों में टाटा कम्युनिकेशंस शामिल हैं, जिसके पास मुंबई, चेन्नई और कोचीन में पांच केबल लैंडिंग स्टेशन हैं; ग्लोबल क्लाउड एक्सचेंज के पास मुंबई और त्रिवेंद्रम में स्टेशन हैं; भारती एयरटेल चेन्नई और मुंबई में स्टेशनों का संचालन करती है; सिफी टेक्नोलॉजीज और बीएसएनएल दोनों विभिन्न केबल लैंडिंग स्टेशनों के संचालन में शामिल हैं; वोडाफोन और आईओएक्स पुडुचेरी में एक नया केबल लैंडिंग स्टेशन बनाने की योजना बना रहा है।पिछले महीने, भारती एयरटेल ने चेन्नई में नई एसईए-एमई-डब्ल्यूई 6 सबमरीन टेलीकॉम केबल उतारीपिछले महीने, भारती एयरटेल ने चेन्नई में नई एसईए-एमई-डब्ल्यूई 6 सबमरीन टेलीकॉम केबल उतारी। कंपनी ने 30 दिसंबर, 2024 को मुंबई में केबल पहले ही उतार दी थी। 21,700 रूट किमी (आरकेएम) सबमरीन केबल सिस्टम भारत को सिंगापुर और फ्रांस (मार्सिले) से जोड़ता है और स्थलीय केबल के माध्यम से इजिप्ट को पार करता है। इसके साथ, एयरटेल ने वैश्विक स्तर पर सबमरीन केबल सिस्टम में विविध क्षमता के साथ अपने नेटवर्क की उपस्थिति को और बढ़ाया है।मुंबई और चेन्नई में केबल लैंडिंग एयरटेल के डेटा सेंटर आर्म, एनएक्सटीआरए के साथ पूरी तरह से इंटीग्रेट होगी। एयरटेल का ग्लोबल नेटवर्क पांच महाद्वीपों में फैला हुआ है। कंपनी ने वैश्विक स्तर पर 34 केबल में निवेश किया है। सबमरीन केबल 99 प्रतिशत से अधिक अंतरराष्ट्रीय डेटा एक्सचेंजों को ले जाती हैं।पिछले मााह मेटा ने भारत और अमेरिका के बीच डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 50,000 किलोमीटर की नई अंडर सी केबल परियोजना ‘वॉटरवर्थ’ की घोषणा कीपिछले महीने, मेटा ने भारत और अमेरिका के बीच डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 50,000 किलोमीटर की नई अंडर सी केबल परियोजना ‘वॉटरवर्थ’ की घोषणा की। कंपनी के अनुसार, प्रोजेक्ट वॉटरवर्थ अमेरिका, भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में इंडस्ट्री-लीडिंग कनेक्टिविटी लाएगा। परियोजना पूरी हो जाने के बाद यह पांच प्रमुख महाद्वीपों तक पहुंच जाएगी और 50,000 किलोमीटर (पृथ्वी की परिधि से भी अधिक) तक फैलेगी, जिससे यह उपलब्ध उच्चतम क्षमता वाली टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर दुनिया की सबसे लंबी केबल परियोजना बन जाएगी।सब सी केबल परियोजनाएं हैं ग्लोबल डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की रीढ़मेटा के अनुसार, भारत में डिजिटल सर्विस की बढ़ती मांग की वजह से यह निवेश आर्थिक विकास, लचीले इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल इन्क्लूशन के लिए मेटा के कमिटमेंट की पुष्टि करता है, जो भारत के संपन्न डिजिटल लैंडस्कैप को सपोर्ट करता है और टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन को बढ़ावा देता है। सब सी केबल परियोजनाएं ग्लोबल डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की रीढ़ हैं, जो दुनिया के महासागरों में 95 प्रतिशत से अधिक अंतरमहाद्वीपीय ट्रैफिक के लिए जिम्मेदार हैं, जो डिजिटल कम्युनिकेशन, वीडियो एक्सपीरियंस और ऑनलाइन लेनदेन को सहजता से सक्षम बनाती हैं।
- बेंगलुरु,। कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी संघ (केआईटीयू) के आह्वान पर आईटी क्षेत्र में कार्य और जीवन के बीच हितकारी संतुलन का समर्थन करने के लिए रविवार को बेंगलुरु के ‘फ्रीडम पार्क' में 100 से अधिक लोग एकत्रित हुए। केआईटीयू के सलाहकार वसंतराज ने इस आयोजन पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि बेंगलुरु के एक तकनीकी केंद्र के रूप में दर्जे को देखते हुए कम से कम 6,000 लोगों को अपनी आवाज उठाने के लिए भाग लेना चाहिए था। वसंतराज ने कहा, “हकीकत तो यह है कि बड़ी-बड़ी आईटी कंपनियां डॉलर विनिमय दर के माध्यम से लाभ कमा रहीं हैं लेकिन अंततः कर्मचारियों को निचोड़ रही हैं। पिछले तीन दशकों में आईटी उद्योग को दुनिया का केंद्र बन जाना चाहिए था लेकिन अब भी यह एक सेवा उद्योग ही बना हुआ है।” केआईटीयू के सदस्य राम ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन इंफोसिस के मानद चेयरमैन नारायण मूर्ति और एलएंडटी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एसएन सुब्रमण्यन की हालिया टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया के लिए आयोजित किया गया था क्योंकि इन दोनों ने ही ‘वैल्यू चेन' क्षेत्र की विफलता के लिए कर्मचारियों को दोषी ठहराया है। राम ने कहा, “वे (नारायण मूर्ति और एसएन सुब्रमण्यन) काम के घंटों को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, मानो इससे समस्या हल हो जाएगी। लेकिन काम के घंटों में वृद्धि से वास्तव में उत्पादकता नहीं बढ़ती। चूंकि हाल ही में उनके बयान बड़ी तेजी से सामने आने लगे हैं इसलिए हमने अपनी आवाज के साथ इसका मुकाबला करने का फैसला किया, जिसमें कार्य और जीवन के बीच संतुलन के महत्व पर जोर दिया गया।”
- नयी दिल्ली। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी आईआईएफएल फाइनेंस ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित सात नई स्वर्ण-ऋण शाखाएं खोली हैं। आईआईएफएल फाइनेंस ने एक बयान में कहा कि ‘शक्ति' शाखाओं के नाम से ब्रांडेड ये नयी शाखाएं उन महिलाओं की ताकत और मजबूती का प्रतीक हैं, जो अपने समुदायों में सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाती हैं। इसमें कहा गया है कि ये शाखाएं सभी ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करेंगी, तथा महिला उद्यमियों के लिए विशेष लाभ और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम प्रदान करेंगी। प्रत्येक ‘शक्ति' शाखा में सभी कर्मचारी महिलाएं हैं। इससे 40 महिला पेशेवरों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
- नयी दिल्ली। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच चांदी भी निवेशकों को निवेश के लिहाज से आकर्षित कर रही है और इसने इस साल अब तक लगभग 11 प्रतिशत का रिटर्न (प्रतिफल) दिया है। इसके बावजूद विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत बुनियाद और अन्य मूल्यवान धातुओं की तुलना में सस्ती कीमतों के साथ, चांदी का प्रदर्शन रिटर्न के लिहाज से अगले दो-तीन साल बेहतर रहने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि सोने की तुलना में चांदी में उतार-चढ़ाव अधिक होता है। इसका कारण यह निवेश परिसंपत्ति के साथ-साथ औद्योगिक धातु के रूप में उपयोगी और आकर्षक है। लेकिन यह सोने की तुलना में अधिक किफायती है, जिससे छोटे निवेशकों के लिए इसे खरीदना आसान हो जाता है। मेहता इक्विटीज लि. के उपाध्यक्ष (जिंस) राहुल कलंत्री ने कहा, ‘‘ देश में चांदी की कीमत एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) वायदा में बीते वर्ष 17.50 प्रतिशत चढ़ी है और यह 10 साल के औसत रिटर्न 9.56 प्रतिशत से अधिक है। पिछले दो साल में इसमें मजबूत प्रदर्शन देखने को मिला है और इस साल भी अब तक इसमें 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ चांदी के हाल के प्रदर्शन को देखते हुए निवेशक आने वाले समय में इसमें संभावनाओं को लेकर सतर्क हुए हैं। वर्तमान में, चांदी वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान 25 अप्रैल, 2011 को निर्धारित अपने रिकॉर्ड 50 डॉलर प्रति औंस से लगभग 35 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रही है। कीमत का यह स्तर बाजार में तेजी की उम्मीद करने वालों के लिए निवेश को लेकर एक आकर्षक प्रवेश बिंदु का संकेत हो सकता है।''उल्लेखनीय है कि एशियाई बाजार में चांदी वायदा कीमत बीते शुक्रवार को 0.17 प्रतिशत घटकर 33.28 डॉलर प्रति औंस रही। आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के निदेशक (जिंस और मुद्रा) नवीन माथुर ने कहा, ‘‘एक जिंस के रूप में चांदी औद्योगिक धातु होने के कारण अत्यधिक अस्थिर रही है। साथ ही अनिश्चित आर्थिक परिदृश्य के दौरान निवेश उद्देश्यों के लिए भी इस पर गौर किया जाता है। हालांकि, अन्य कीमती धातुओं की तुलना में मजबूत बुनियाद और सस्ती कीमतों के साथ, अगले दो-तीन साल के परिदृश्य के हिसाब से रिटर्न के मामले में चांदी का प्रदर्शन अन्य कीमती धातुओं से बेहतर रहने की उम्मीद है। इसलिए उच्च रिटर्न को देखते हुए चांदी में निवेश अब भी बेहतर जान पड़ता है।'' चांदी के भाव में तेजी के कारणों के बारे में पूछे जाने पर माथुर ने कहा, ‘‘इस साल कीमती धातु के रूप में चांदी की कीमत लगातार ऊपर चढ़ रही है, जिसका मुख्य कारण अमेरिका की अनिश्चित व्यापार नीतियां हैं। इससे इस साल सुरक्षित निवेश के रूप में सफेद धातु में प्रवाह देखा जा रहा है। औद्योगिक मांग बनी रहने के साथ अमेरिका में प्रमुख ब्याज दर के 2025 में नीचे आने की संभावना के साथ चांदी की बुनियाद मजबूत बनी हुई है। इसलिए इस साल चांदी जैसी सुरक्षित निवेश परिसंपत्तियों की ओर रुझान भी बढ़ रहा है।'' कलंत्री ने कहा, ‘‘चांदी की कीमत में तेजी के कारणों में अमेरिका में ब्याज दर में गिरावट शामिल है, जिसने कीमती धातुओं को निवेश के लिहाज से अधिक आकर्षक बना दिया है। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में नीतिगत अनिश्चितताओं के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर जारी तनाव में वृद्धि जैसे कारक भी इसके दाम में तेजी ला रहे हैं। इसके साथ यह लगातार दूसरा वर्ष है जब चांदी की औद्योगिक मांग मजबूत बनी हुई है और यह आभूषण खरीद में गिरावट की भरपाई कर रही है।'' यह पूछे जाने पर कि निवेशकों के लिए सोने और चांदी में क्या बेहतर है, माथुर ने कहा, ‘‘सोने की तुलना में चांदी में उतार-चढ़ाव अधिक होता है, क्योंकि यह एक औद्योगिक धातु के रूप में कार्य करने के साथ-साथ निवेश परिसंपत्ति के रूप में भी आकर्षक है। यह इस तथ्य से भी स्पष्ट है कि चांदी ने पिछले 15 वर्षों में सात बार नकारात्मक रिटर्न दिया है, जबकि सोने ने इसी अवधि में केवल तीन बार नकारात्मक रिटर्न दिया है। इसलिए एक दीर्घकालिक ‘कंजर्वेटिव' निवेशक के लिए 70:30 (70 प्रतिशत राशि सोने में और 30 प्रतिशत चांदी में) या फिर एक आक्रामक निवेशक के लिए 60:40 का आवंटन आदर्श और बेहतर माना जाता है।'' मेहता इक्विटीज के कलंत्री ने कहा, ‘‘सोना, चांदी की तुलना में अधिक स्थिर है और इसमें उतार-चढ़ाव कम होता है। साथ ही आर्थिक संकट, मंदी और मुद्रास्फीति के दौरान यह अच्छा प्रदर्शन करता है।
- नयी दिल्ली,। सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से सात के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में पिछले सप्ताह सामूहिक रूप से 2,10,254.96 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) रहीं। पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,134.48 अंक या 1.55 प्रतिशत चढ़ा, वहीं एनएसई निफ्टी 427.8 अंक या 1.93 प्रतिशत के लाभ में रहा। समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 66,985.25 करोड़ रुपये बढ़कर 16,90,328.70 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का बाजार मूल्यांकन 46,094.44 करोड़ रुपये बढ़कर 13,06,599.95 करोड़ रुपये रहा। बाजार मूल्यांकन में तेज उछाल के बाद टीसीएस एक बार फिर शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में दूसरे स्थान पर पहुंच गई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की बाजार हैसियत 39,714.56 करोड़ रुपये बढ़कर 6,53,951.53 करोड़ रुपये रही। भारती एयरटेल का मूल्यांकन 35,276.3 करोड़ रुपये बढ़कर 9,30,269.97 करोड़ रुपये हो गया। आईटीसी का बाजार पूंजीकरण 11,425.77 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 5,05,293.34 करोड़ रुपये पर और आईसीआईसीआई बैंक का 7,939.13 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 8,57,743.03 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हिंदुस्तान यूनिलीवर की बाजार हैसियत में 2,819.51 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई और उसका बाजार पूंजीकरण 5,17,802.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस रुख के उलट एचडीएफसी बैंक का बाजार मूल्यांकन 31,832.92 करोड़ रुपये घटकर 12,92,578.39 करोड़ रुपये पर आ गया। बजाज फाइनेंस की बाजार हैसियत 8,535.74 रुपये घटकर 5,20,981.25 करोड़ रुपये रह गई। इन्फोसिस का मूल्यांकन 955.12 करोड़ रुपये घटकर 7,00,047.10 करोड़ रुपये रह गया। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी का स्थान रहा।
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नयी दिल्ली. उद्योग जगत की अग्रणी महिलाओं का मानना है कि उचित मार्गदर्शन और सलाह को प्राथमिकता देने वाला एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र उन्हें सशक्त बना सकता है। उन्होंने कहा कि उद्यमशीलता का परिदृश्य अवसरों से भरपूर होने के बावजूद, विशेष रूप से महिलाओं के लिए कई तरह की बाधाएं लाता है। रुकम कैपिटल की संस्थापक और प्रबंध भागीदार अर्चना जहांगीरदार के अनुसार पूर्वाग्रह के अलावा मार्गदर्शन और संपर्क की कमी चलते महिलाओं को अपनी नेतृत्व क्षमता साबित करने में बाधा का सामना करना पड़ता है। आईवीसीए की उपाध्यक्ष सुनीता प्रसाद ने कहा कि महिलाओं के आदर्श कम हैं, जिससे मार्गदर्शन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उद्योग को भविष्य की महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र में नेतृत्व और निर्णय लेने वाली भूमिकाओं में महिलाओं की मौजूदगी बाधाओं को तोड़ने में मदद करती है और प्रेरणा का एक व्यापक प्रभाव पैदा करती है। प्रसाद ने कहा, “हमें महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए उत्प्रेरक, वित्तपोषण कार्यक्रमों और पहलों की आवश्यकता है। हमें ऐसे नेटवर्क बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जहां महिलाएं सहयोग कर सकें और आगे बढ़ सकें।” लेट्सवेंचर की सह-संस्थापक शांति मोहन ने कहा कि भारत की स्टार्टअप यात्रा एक निर्णायक बिंदु पर है, जहां सही मार्गदर्शन के साथ एक समावेशी परिवेश उद्यमिता के माध्यम से मूल्य सृजन की भारत की आकांक्षा को पूरा करेगा।
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नयी दिल्ली. भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनी ओला इलेक्ट्रिक वाहन और वाहन कलपुर्जा (पीएलआई-वाहन योजना) के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने वाली भारत की पहली दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माता बन गई है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि योजना के तहत उसे वित्त वर्ष 2023-24 के निर्धारित बिक्री मूल्य के लिए कुल 73.74 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया गया है। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पीएलआई-वाहन योजना का उद्देश्य वाहन क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और उन्नत, स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन समाधानों की स्वीकार्यता को बढ़ावा देना है। पीएलआई के लिए ओला इलेक्ट्रिक की पात्रता भारत की ईवी क्रांति में इसके नेतृत्व और एक मजबूत स्थानीय विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की इसकी प्रतिबद्धता दिखाती है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, “हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय से पांच मार्च, 2025 की तारीख का स्वीकृति आदेश प्राप्त हुआ है।” ओला इलेक्ट्रिक ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के निर्धारित बिक्री मूल्य हेतु प्रोत्साहन के लिए 73.74 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।” सितंबर, 2021 में शुरू की गई पीएलआई-वाहन योजना का उद्देश्य वाहन क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और उन्नत, स्वच्छ और टिकाऊ गतिशीलता समाधानों को अपनाने को बढ़ावा देना है। पांच वर्षों में 25,938 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ इस योजना का लक्ष्य आयात पर निर्भरता को कम करना और देश को वैश्विक ईवी आपूर्ति शृंखला में एक प्रमुख कंपनी के रूप में स्थापित करना है।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की लौह अयस्क खनन कंपनी एनएमडीसी ने बृहस्पतिवार को अमिताव मुखर्जी को अपना नया चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) नियुक्त करने की घोषणा की। मुखर्जी अबतक कंपनी के सीएमडी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे।
एनएमडीसी ने एक नियामकीय सूचना में एक्सचेंज को बताया कि अमिताव मुखर्जी को कंपनी के बोर्ड में सीएमडी के रूप में नियुक्त किया गया है। वह पदभार ग्रहण करने की तिथि यानी छह मार्च, 2025 से लेकर अपनी सेवानिवृत्ति की तिथि यानी 29 फरवरी, 2028 तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, पद पर बने रहेंगे। नवंबर, 2018 में एनएमडीसी में निदेशक (वित्त) के रूप में शामिल होने के बाद, उन्होंने मार्च, 2023 से सीएमडी का अतिरिक्त प्रभार संभाला। कंपनी ने कहा कि मुखर्जी एनएमडीसी स्टील लिमिटेड और लीगेसी आयरन ओर लिमिटेड के चेयरमैन भी हैं। लागत लेखाकार और भारतीय रेलवे लेखा सेवा (आईआरएएस) के 1996 बैच के वरिष्ठ अधिकारी मुखर्जी ने भारत सरकार में विभिन्न प्रमुख भूमिकाओं में काम किया है, और देश के औद्योगिक और आर्थिक विकास में योगदान दिया है। उनके नेतृत्व में, एनएमडीसी ने वित्त वर्ष 2023-24 में 4.5 करोड़ टन उत्पादन को पार करने वाली भारत की पहली लौह अयस्क खनन कंपनी बनने का ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में एनएमडीसी स्टील प्लांट के चालू होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में, कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया में सोने के खनन में प्रगति की है और वैश्विक खनन महाशक्ति बनने की दिशा में एक दूरदर्शी अंतरराष्ट्रीय विस्तार खाका तैयार किया है। - नयी दिल्ली. पिछले साल लक्जरी आवास खंड में सालाना मूल्य वृद्धि के लिहाज से दिल्ली वैश्विक स्तर पर 18वें स्थान पर रही। वैश्विक संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक की ‘द वेल्थ रिपोर्ट- 2025' के मुताबिक ‘प्राइम इंटरनेशनल रेजिडेंशियल इंडेक्स' (पीआईआरआई 100) का मूल्य 2024 में 3.6 प्रतिशत बढ़ा। रिपोर्ट में जिन 100 लक्जरी आवासीय बाजारों को शामिल किया गया, उनमें से 80 ने सकारात्मक या समान वार्षिक मूल्य वृद्धि दर्ज की। भारतीय शहरों में, दिल्ली 18वें स्थान पर है। यहां लक्जरी आवासीय कीमतों में सालाना 6.7 प्रतिशत वृद्धि हुई। दिल्ली का स्थान 2023 में 37वां था। इसी तरह बेंगलुरु 59वें स्थान से 40वें स्थान पर पहुंच गया। मुंबई 2023 से 13 स्थान नीचे गिरकर 21वें स्थान पर आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 18.4 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ सियोल रैंकिंग में सबसे आगे है, मनीला का 17.9 प्रतिशत वृद्धि के साथ दूसरा स्थान है। दुबई, रियाद और तोक्यो शीर्ष पांच में शामिल हैं। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि दिल्ली और बेंगलुरु ने वैश्विक लक्जरी आवासीय बाजार में उल्लेखनीय वृद्धि का प्रदर्शन किया है, जिससे इन शहरों में बुनियादी ढांचे के विस्तार, आर्थिक वृद्धि और लक्जरी संपत्तियों की बढ़ती मांग का पता चलता है।
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निफ्टी में 10 दिन की गिरावट पर विराम
मुंबई. स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को जोरदार तेजी आई और दोनों मानक सूचकांक लंबी छलांग लगा गए। बीएसई सेंसेक्स जहां 740 अंक चढ़ गया, वहीं एनएसई निफ्टी में 10 दिन से जारी गिरावट पर विराम लगा। निचले स्तर पर बिजली और अन्य शेयरों में लिवाली से बाजार में रौनक लौटी। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 740.30 अंक यानी 1.01 प्रतशित चढ़कर 73,730.23 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 943.87 अंक तक चढ़ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 254.65 अंक यानी 1.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,337.30 अंक पर बंद हुआ। इसके साथ, निफ्टी में 10 कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर विराम लगा। कारोबार के दौरान यह 312.25 अंक तक चढ़ गया था। छोटी कंपनियों के शेयरों से जुड़ा बीएसई समॉलकैप सूचकांक 2.80 प्रतिशत चढ़ा जबकि मझोली कंपनियों का बीएसई मिडकैप सूचकांक 2.66 प्रतिशत के लाभ में रहा। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 7,97,247.7 करोड़ रुपये बढ़कर 3,93,04,041.75 करोड़ रुपये पहुंच गया। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, आईटीसी, नेस्ले इंडिया, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक, एशियन पेंट्स और कोटक महिंद्रा बैंक में प्रमुख रूप से तेजी रही। दूसरी तरफ बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक और जोमैटो के शेयर नुकसान में रहे।
मेहता इक्विटीज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में मजबूत संकेतों के साथ घरेलू सूचकांकों में तेजी आई। इसका कारण यह संकेत है कि वैश्विक व्यापार तनाव के बीच डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन कुछ शुल्क दरों को वापस ले सकता है। इससे धारणा मजबूत हुई।'' तापसे ने कहा कि इसके अलावा, फरवरी पीएमआई सूचकांक में वृद्धि जैसे स्थानीय कारकों ने भी बाजारों धारणा को मजबूती दी। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग में सुधार के कारण फरवरी में भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तेज वृद्धि देखी गई। इसके चलते उत्पादन में तेजी से विस्तार हुआ और रोजगार में पर्याप्त वृद्धि हुई। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई व्यापार गतिविधि सूचकांक जनवरी के 26 महीने के निचले स्तर 56.5 से बढ़कर फरवरी में 59.0 हो गया। यह तेज विस्तार को दर्शाता है। क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से अधिक अंक से विस्तार का संकेत मिलता है, जबकि 50 से नीचे का अंक गिरावट को दर्शाता है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘भारत समेत उभरते बाजारों में तेजी देखी गई। इसे कमजोर अमेरिकी डॉलर से समर्थन मिला। मेक्सिको, कनाडा और चीन पर अमेरिकी शुल्क लगाए जाने और जवाबी कार्रवाई के खतरे के बावजूद यह तेजी आई है।'' नायर ने कहा, ‘‘जारी व्यापार युद्ध के दीर्घकालिक परिणाम अनिश्चित बने हुए हैं। निकट भविष्य में अमेरिका में मुद्रास्फीति बढ़ने से प्रमुख ब्याज दर में कटौती की संभावना कम हो सकती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू स्तर पर, वाहन, धातु और आईटी जैसे क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर लिवाली देखी गई। इसका कारण मूल्यांकन के निचले स्तर पर आना है। हालांकि, वैश्विक व्यापार तनाव और उनके संभावित दीर्घकालिक आर्थिक प्रभावों के बीच इस सुधार की स्थिरता अनिश्चित बनी हुई है।'' एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी बढ़त के साथ बंद हुए। यूरोपीय बाजारों में दोपहर कारोबार में तेजी का रुख था। वॉल स्ट्रीट मंगलवार को नुकसान में रहा था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.49 प्रतिशत घटकर 70.69 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 3,405.82 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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नई दिल्ली। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि ग्लोबल एनर्जी लैंडस्केप में भारत ने अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए तीसरे सबसे बड़े बायोफ्यूल उत्पादक के रूप में अपनी पहचान बनाई है, जो कि स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा की ओर बढ़ते कदम को दिखाता है।
भारत ने इस साल जनवरी तक पेट्रोल में 19.6 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग हासिल कीकेंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में बताया, “भारत ने इस साल जनवरी तक पेट्रोल में 19.6 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग हासिल कर लिया है और मूल 2030 शेड्यूल से पांच साल पहले ही 20 प्रतिशत हासिल करने की तैयारी है, जिससे ईंधन आयात और उत्सर्जन में कमी आएगी।”पिछले 10 वर्षों के दौरान इथेनॉल ब्लेंडिंग पहल ने किसानों की आय में वृद्धि कीआधिकारिक अनुमान के अनुसार, पिछले 10 वर्षों के दौरान इथेनॉल ब्लेंडिंग पहल ने किसानों की आय में वृद्धि की है क्योंकि यह गन्ने से बनाया जाता है, जो ग्रामीण रोजगार में वृद्धि को दर्शाता है। साथ ही 1.75 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर सीओ2 उत्सर्जन में कमी आई है और इसके परिणामस्वरूप 85,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है।सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इस प्रयास में सबसे आगे रही हैं, जिन्होंने देश भर में पेट्रोल के साथ इथेनॉल के अलग-अलग ब्लेंड पेश किए हैं।ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 131 डेडिकेटेड इथेनॉल प्लांट के साथ समझौते किएऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 131 डेडिकेटेड इथेनॉल प्लांट के साथ समझौते किए हैं। इन प्लांट से 745 करोड़ लीटर की वार्षिक उत्पादन डिजाइन क्षमता जुड़ने की उम्मीद है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने हाईर ब्लेंडिंग प्रतिशत को संभालने के लिए स्टोरेज कैपेसिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में भी निवेश किया है।इथेनॉल100 ईंधन अब देश भर में 400 से अधिक आउटलेट पर उपलब्धकेंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि ई 100 ईंधन अब देश भर में 400 से अधिक आउटलेट पर उपलब्ध है, जो भारत को स्वच्छ, हरित भविष्य के करीब ले जा रहा है। यह प्रगति, इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी की यात्रा है।पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने सबसे पहले मार्च 2024 में इंडियन ऑयल के 183 आउटलेट पर इथेनॉल (ई) 100 ईंधन लॉन्च किया। इसकी उच्च-ऑक्टेन रेटिंग के साथ, जो आमतौर पर 100-105 के बीच होती है, इथेनॉल 100 उच्च-प्रदर्शन इंजनों के लिए बेहतर साबित होता है, जो पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए बेहतर दक्षता और बिजली उत्पादन सुनिश्चित करता है।इसके अलावा, इथेनॉल 100 का इस्तेमाल कई तरह के वाहनों में किया जा सकता है, जिसमें गैसोलीन, इथेनॉल या दोनों के किसी भी मिश्रण पर चलने के लिए डिजाइन किए गए फ्लेक्स-फ्यूल वाहन शामिल हैं।भारत अब एलएनजी टर्मिनल क्षमता में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देशपुरी ने कहा, “शांत शहर डिगबोई से दुनिया के टॉप एनर्जी बाजारों तक, भारत की पेट्रोलियम यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व द्वारा निर्देशित लचीलेपन और प्रगति की कहानी है।” इस संदर्भ में, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत अब एलएनजी टर्मिनल क्षमता में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश बन गया है, जो एक स्थिर और सुरक्षित एनर्जी सप्लाई सुनिश्चित करता है। देश में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वैश्विक रिफाइनिंग क्षमता भी है, जो एक प्रमुख ऊर्जा केंद्र के रूप में इसकी भूमिका को मजबूत करती है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसने भारत को रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों का 7वां सबसे बड़ा निर्यातक बनने में भी सक्षम बनाया है, जिससे वैश्विक व्यापार और ईंधन सुरक्षा मजबूत हुई है। - नयी दिल्ली. भारत के खुदरा क्षेत्र के 2034 तक बढ़कर 190 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका सबसे अधिक लाभ उन खुदरा विक्रेताओं को होगा जिनके पास देश की विविध जनसांख्यिकी और विपरीत उपभोक्ता व्यवहारों को अपनाने की क्षमता है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) और रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि अलग-अलग उपभोक्ता समूहों के साथ (जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी जरूरतें हैं) खुदरा विक्रेताओं को विभिन्न अवसरों को पहचानने और ‘भारत' और ‘इंडिया' में सफल होने के लिए वे कहां खेलना चाहते हैं, इसका तेजी से चयन करने की जरूरत होगी। भारत में खुदरा बाजार 2024 में 82 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह 2014 में 35 लाख करोड़ रुपये का था। पिछले दशक के दौरान देश का खुदरा क्षेत्र सालाना 8.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की आर्थिक वृद्धि तथा विविधता वाले उपभोक्ता आधार की वजह से खुदरा क्षेत्र तेजी से बढ़ा है। रिपोर्ट कहती है कि कोविड-19 महामारी के समय को छोड़कर भारत की उपभोग वृद्धि का रुख अच्छा रहा है।रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय खुदरा क्षेत्र 2024-34 के दौरान सबसे ऊंची वृद्धि दर्ज करने के लिए तैयार है। इसमें कहा गया है कि भारतीय खुदरा क्षेत्र विशाल है और इसके 2034 तक 190 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है।
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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत का आर्थिक भविष्य विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के बजाय घरेलू निवेशकों के योगदान से तय होगा। उन्होंने इंडस्ट्री से अपील की कि वे छोटे निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और बाजार में अनावश्यक उतार-चढ़ाव को कम करने पर ध्यान दें।
मुंबई में आयोजित एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) समिट में गोयल ने बताया कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (AUM) वर्तमान में 70 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई हैं, और जल्द ही यह 100 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर सकती है। उन्होंने इसे भारतीय शेयर बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव बताया, जिससे घरेलू निवेशकों का प्रभाव और अधिक बढ़ेगा।घरेलू निवेशकों की बाजार को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिकागोयल ने इस बात पर जोर दिया कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा दिया है और देशभर में निवेशकों तक नए वित्तीय विचारों को पहुंचाया है। उन्होंने यह भी सराहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, जब विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से पैसा निकाला, तब घरेलू निवेशकों ने बाजार को स्थिर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।उन्होंने SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) जैसे निवेश विकल्पों की सफलता की भी प्रशंसा की, जो खुदरा निवेशकों के लिए बाजार में बने रहने का एक सुरक्षित तरीका साबित हुआ है। हालांकि, उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि निवेशकों को अचानक बाजार में गिरावट या उतार-चढ़ाव के प्रभाव से बचाने के लिए अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत है।केंद्रीय मंत्री ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री से आग्रह किया कि वे छोटे और नए निवेशकों को बाजार की वास्तविकताओं के बारे में सही जानकारी दें। उन्होंने कहा कि बाजार में अनिश्चितता और गलत सूचनाएं कई बार निवेशकों को भ्रमित कर सकती हैं, इसलिए म्यूचुअल फंड कंपनियों को जिम्मेदारीपूर्वक निवेशकों का मार्गदर्शन करना चाहिए।गोयल ने आगे कहा कि सरकार के बढ़ते वित्तीय खर्च और निजी कंपनियों के निवेश से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की यह पहल अगले 22 वर्षों तक भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने में सहायक होगी। -
नई दिल्ली। भारत का गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन फरवरी 2025 में 9.1% बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह लगातार 12वां महीना है जब जीएसटी कलेक्शन 1.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। इस बार कलेक्शन बढ़ने की मुख्य वजह घरेलू व्यापार में तेजी रही, जिससे घरेलू स्तर पर जीएसटी राजस्व 10.2% बढ़कर 1.42 लाख करोड़ रुपये हो गया। वहीं, आयात से मिलने वाला जीएसटी राजस्व 5.4% बढ़कर 41,702 करोड़ रुपये हो गया।
फरवरी में सेंट्रल जीएसटी (CGST) कलेक्शन 35,204 करोड़ रुपये और स्टेट जीएसटी (SGST) कलेक्शन 43,704 करोड़ रुपये रहा। इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) का कलेक्शन 90,870 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि सेस के रूप में सरकार ने 13,868 करोड़ रुपये एकत्र किए। इस दौरान सरकार ने 20,889 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया, जो पिछले साल की तुलना में 17.3% अधिक था। रिफंड को हटाने के बाद, फरवरी 2025 में शुद्ध जीएसटी कलेक्शन 1.63 लाख करोड़ रुपये रहा, जो कि 8.1% की वृद्धि को दर्शाता है।हालांकि, इस बार फरवरी में केवल 28 दिन थे, जिसके कारण कलेक्शन पिछले महीनों के मुकाबले थोड़ा कम रहा। इसके बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूती दिखा रही है। देश की रियल GDP ग्रोथ वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 6.2% हो गई है, जो कि पिछली तिमाही में 5.6% थी। सरकार के अनुमानों के अनुसार, पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की GDP ग्रोथ 6.5% रहने की उम्मीद है, जबकि नॉमिनल GDP ग्रोथ 9.9% रह सकती है। इसी तरह, ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) 171.80 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 161.51 लाख करोड़ रुपये था। GST कलेक्शन में लगातार 12 महीनों से अच्छी वृद्धि हो रही है, जिससे यह साफ दिखता है कि भारत की अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है। - मुंबई. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 50 शेयरों वाले सूचकांक एनएसई निफ्टी का मूल्यांकन अच्छा और उचित है। बीते सप्ताह शेयर बाजारों में हुई तेज बिकवाली के बाद, वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि भारतीय बाजारों में कुछ और सुधार हो सकता है। उन्होंने कहा कि 19 का पीई अनुपात निफ्टी के मूल्यांकन को अच्छा और उचित बनाता है।म्यूचुअल फंड उद्योग के निकाय एम्फी के एक कार्यक्रम में गोयल ने कहा कि निफ्टी के कुछ शेयरों में थोड़ी गिरावट हो सकती है, लेकिन कुल मिलाकर निफ्टी अभी भी अच्छे मूल्यांकन को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ''सबसे तेजी से बढ़ने वाले विकासशील देश के लिए 19 के पीई अनुपात पर मौजूदा मूल्यांकन उचित है। हालांकि, यहां कुछ छोटे सुधार अभी भी हो सकते हैं।'' गोयल ने कहा कि बाजार में मौजूदा गिरावट उन लोगों के लिए चेतावनी है, जिन्होंने छोटे निवेशकों को सही सलाह नहीं दी है। उन्होंने एम्फी से ऐसे लोगों को अलग-थलग करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि म्यूचुअल फंड को अपनी जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता नहीं छोड़नी चाहिए।
- ओयो पूर्व चेक-इन प्रक्रिया पर दे रहा ध्यान: सीईओमुंबई. होटल मंच ओयो के मुख्य सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रितेश अग्रवाल ने कहा है कि कृत्रिम मेधा (एआई) में होटल उद्योग की काफी मदद करने की क्षमता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पूर्व-चेक-इन प्रक्रिया जैसी कुछ बड़ी चीजें हैं जिन पर ओयो ध्यान केंद्रित कर रहा है। ‘मुंबई टेक वीक' के एक सत्र में अग्रवाल ने कहा कि व्यवसाय में प्रवेश करने से पहले डर या अहंकार के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए क्योंकि ये उद्यमशीलता की सफलता के सबसे बड़े दुश्मन हैं। होटल उद्योग में एआई की स्वीकार्यता से जुड़े एक सवाल पर अग्रवाल ने कहा, “मूल रूप से हमारा व्यवसाय गतिशील मूल्य निर्धारण के आधार पर बनाया गया था। अब, यह उन मॉडलों पर डिजायन नहीं किया गया था जो आज की एआई की दुनिया उपयोग कर रही है क्योंकि हमने अपना व्यवसाय सात-आठ साल पहले शुरू किया था।” उन्होंने कहा कि यदि कंपनी ने गतिशील मूल्य निर्धारण का उपयोग नहीं किया होता तो उनका ब्रांड आज जैसा नहीं होता। रीतेश अग्रवाल ने कहा, “हम अमेरिका, यूरोप, दक्षिण-पूर्व, एशिया, पश्चिम-एशिया और अन्य बाजारों से 75 या 70 से अधिक बुकिंग प्राप्त करते हैं। ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि हम भारत में बैठकर गतिशील मूल्य निर्धारण डिजायन कर सकते हैं और होटल में प्रवेश करने से पहले ही इसका बेहतर उपयोग कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि सही स्थानों का मिलान करने में बहुत अधिक डेटा विज्ञान और एआई का क्रियान्वयन किया गया है, जिससे गतिशील मूल्य निर्धारण को बढ़ावा मिल रहा है, जो अपने आप में कई अरब डॉलर का उद्योग है। उन्होंने कहा कि एक उद्यमी के रूप में आपको पहले दिन से ही डर, शर्मिंदगी, गर्व, अहंकार और सब कुछ कमरे के बाहर छोड़कर (व्यवसाय में) प्रवेश करना होगा ‘क्योंकि ये उद्यमशीलता की सफलता के सबसे बड़े दुश्मन हैं।' अपने होटलों के शौचालयों की सफाई का अपना उदाहरण देते हुए, जिसे वे आज भी कभी-कभी एक रोल मॉडल के रूप में करते हैं, उन्होंने कहा, “लोगों के लिए यह स्वीकार करना बहुत कठिन है कि वे ऐसा करेंगे, क्योंकि दुर्भाग्य से, हमारा पालन-पोषण हमें यह नहीं सिखाता है, जैसे कि बहुत से परिवारों में इस तरह का पालन-पोषण किया जाता है कि आपको सब कुछ करना ही है।” अग्रवाल ने कहा, “लेकिन कुछ जगहों पर ऐसा लगता है कि शायद ये हमारा काम नहीं है, ये किसी और का काम है। मुझे लगता है कि मेरा नज़रिया यही होगा कि आपको ये शर्म, ये घमंड छोड़ना होगा कि ये मेरा काम नहीं है, ये किसी और का काम है।
- नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने शनिवार को कहा कि उसने चालू वित्त वर्ष (2024-25) में एक मार्च, 2025 को 400 अरब यूनिट का अपना अब तक का सबसे तेज उत्पादन हासिल कर लिया है। कंपनी ने बयान में कहा कि यह उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 12 दिन पहले यानी महज 335 दिनों में हासिल की गई। पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में कंपनी ने 13 मार्च, 2024 को 400 अरब यूनिट उत्पादन स्तर को पार कर लिया था। भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली उपयोगिता कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड देश की बिजली जरूरतों का एक-चौथाई हिस्सा पूरा करती है। इसकी स्थापित क्षमता 77 गीगावाट से अधिक है। इसमें 29.5 गीगावाट की अतिरिक्त क्षमता निर्माणाधीन है, जिसमें 9.6 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता शामिल है। कंपनी वर्ष 2032 तक 60 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।बिजली उत्पादन के साथ-साथ एनटीपीसी ने ई-परिवहन, बैटरी भंडारण, पंप हाइड्रो भंडारण, अपशिष्ट से ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन समाधान सहित विभिन्न नए व्यावसायिक क्षेत्रों में कदम रखा है। एनटीपीसी ने केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली वितरण की बोली में भी भाग लिया है।
- भिलाई । सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस विभाग ने अपनी उत्पादकता और दक्षता को निरंतर बनाए रखते हुए, फरवरी 2025 में कई रिकॉर्ड-तोड़ उपलब्धियां हासिल कीं है, जो विभाग के समर्पण, नवाचार और परिचालन उत्कृष्टता को रेखांकित करता है।विभाग ने 2.04 टन प्रति घन मीटर प्रति दिन की दर से रिकॉर्ड करते हुए अपनी अब तक की सर्वश्रेष्ठ मासिक उत्पादकता हासिल की, जो जनवरी 2020 में स्थापित 2.012 टन प्रति घन मीटर प्रति दिन की दर से अपने पिछले रिकॉर्ड को पार कर गई। इसके अतिरिक्त, 28 फरवरी, 2025 को विभाग ने चार फर्नेस ऑपरेशंस के साथ 18,515 टन के प्रभावशाली हॉट मेटल उत्पादन करते हुए अपना अब तक का उच्चतम रिकॉर्ड दर्ज किया था। इस रिकॉर्ड ने 27 फरवरी 2025 को 18,417 टन के उत्पादन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए नया सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड स्थापित किया है।फरवरी 2025 में ब्लास्ट फर्नेस-8 (बीएफ-8) ने 2.32 टन प्रति घन मीटर प्रति दिन की नई मासिक उत्पादकता का रिकॉर्ड स्थापित किया, जो फरवरी 2024 में हासिल किए गए 2.229 टन प्रति घन मीटर प्रति दिन के पुराने रिकॉर्ड को पार कर गया। इसके अलावा, विभाग ने अपने सर्वश्रेष्ठ मासिक बीएफ- शॉप कोक दर 425 किलोग्राम प्रति टीएचएम भी हासिल की, जो फरवरी 2019 में स्थापित 447 किलोग्राम प्रति टीएचएम के रिकॉर्ड से बेहतर थी।विभाग की दक्षता के परिणामस्वरूप मासिक सीडीआई दरों में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ। ब्लास्ट फर्नेस-6 (बीएफ-6) ने 118 किलोग्राम प्रति टीएचएम तक पहुंच गया, जो फरवरी 2023 में बनाये 117 किलोग्राम प्रति टीएचएम के पिछले रिकॉर्ड से बेहतर थी। पूरे शॉप ने 120 किलोग्राम प्रति टीएचएम की दर हासिल की, जो फरवरी 2024 में दर्ज 118 किलोग्राम प्रति टीएचएम के पुराने रिकॉर्ड को पार कर गई। शॉप उत्पादन क्षमता के मामले में विभाग ने अब तक का सबसे उच्चतम 2.040 टन प्रति घन मीटर प्रति दिन का रिकॉर्ड स्थापित किया, जो फरवरी 2020 में बनाये गए 1.954 टन प्रति घन मीटर प्रति दिन के पिछले सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड से बेहतर था।कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री राकेश कुमार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने शॉप फ्लोर का दौरा किया और टीम के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उनकी सराहना की और बधाई दी। उन्होंने इस सफलता का श्रेय, टीम के अटूट आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प को दिया। श्री राकेश कुमार ने कहा कि जब उत्पादन लक्ष्यों को प्रेरणा के रूप में देखा जाता है, तो सफलता की कोई सीमा नहीं होती। उन्होंने सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि हमें ऐसा उत्पादन करना चाहिए, जो सुरक्षा से समझौता किए बिना हासिल किया गया हो। उल्लेखनीय है कि मौजूदा अभियान के हिस्से के रूप में, बीएफ-7 ने 2.01 टन प्रति घन मीटर प्रति दिन की अपनी उच्चतम उत्पादकता दर्ज करके प्रदर्शन में बड़ी छलांग लगाई है, जो दिसंबर 2024 में हासिल किए गए 1.80 टन प्रति घन मीटर प्रति दिन के पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से काफी बेहतर है। इसी तरह, बीएफ-6 भी 1.83 टन प्रति घन मीटर प्रति दिन की अपनी चरम उत्पादकता पर पहुंच गया है, जिसमें 2,711 टन प्रतिदिन (टीपीडी) का दैनिक हॉट मेटल उत्पादन हुआ है, जो 1.78 टन प्रति घन मीटर प्रति दिन के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया है।
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नयी दिल्ली. सकल जीएसटी संग्रह फरवरी 2025 में सालाना आधार पर 9.1 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया। आधिकारिक आंकड़ों में शनिवार को यह जानकारी दी गई। सकल जीएसटी संग्रह एक साल पहले इसी अवधि में 1.68 लाख करोड़ रुपये और जनवरी 2025 में 1.96 लाख करोड़ रुपये था। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे घरेलू खपत से बढ़ावा मिलने और आर्थिक पुनरुद्धार का संकेत मिलता है।
इस दौरान सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के तहत घरेलू राजस्व 10.2 प्रतिशत बढ़कर 1.42 लाख करोड़ रुपये रहा। आयात राजस्व 5.4 प्रतिशत बढ़कर 41,702 करोड़ रुपये हो गया। आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन महीने में केंद्रीय जीएसटी से 35,204 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी से 43,704 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी से 90,870 करोड़ रुपये और मुआवजा उपकर से 13,868 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ। फरवरी के दौरान कुल 20,889 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो सालाना आधार पर 17.3 प्रतिशत अधिक है। फरवरी 2025 में शुद्ध जीएसटी संग्रह 8.1 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.63 लाख करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले इसी महीने में शुद्ध जीएसटी संग्रह 1.50 लाख करोड़ रुपये था। ईवाई के टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी संग्रह के मजबूत आंकड़े संकेत देते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का मजबूती से सामना कर रही है। आयात से संबंधित संग्रह की तुलना में घरेलू जीएसटी राजस्व में लगातार वृद्धि घरेलू स्तर पर मजबूती का संकेत देती है। केपीएमजी के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख एवं पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि घरेलू आपूर्ति पर जीएसटी संग्रह में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि और कुल मिलाकर 9.1 प्रतिशत की वृद्धि चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था के संभावित पुनरुद्धार का संकेत देती है। डेलॉयट इंडिया के पार्टनर एमएस मणि ने कहा कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, कर्नाटक जैसे बड़े विनिर्माण और उपभोक्ता राज्यों में जीएसटी संग्रह में 10-20 प्रतिशत की सीमा में अच्छी वृद्धि हुई है। -
नई दिल्ली। भारत की रियल जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो गई है, जो कि इससे पहले की तिमाही में 5.6 प्रतिशत (संशोधित अनुमान) थी। यह जानकारी सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को दी गई। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर 9.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमानसरकार द्वारा जारी किए गए अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इस दौरान चालू वित्त वर्ष के लिए नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर 9.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके अलावा, सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान संशोधित करके 5.6 प्रतिशत कर दिया है, जो कि पहले 5.4 प्रतिशत था।चालू वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमानआंकड़ों में बताया गया कि वित्त वर्ष 2024-25 में रियल जीवीए (ग्रॉस वैल्यू एडेड) 171.80 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में 161.51 लाख करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि पिछले वित्त वर्ष 8.6 प्रतिशत थी। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए नॉमिनल जीवीए 300.15 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में 274.13 लाख करोड़ रुपये था। इसमें सालाना आधार पर 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 12.3 प्रतिशत, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 10.4 प्रतिशत, फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज सेक्टर में 10.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गईताजा आंकड़ों में, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रियल जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर 9.2 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 को छोड़कर बीते 12 वर्षों में सबसे तेज वृद्धि दर है। इस दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 12.3 प्रतिशत, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 10.4 प्रतिशत, फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज सेक्टर में 10.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इसके अलावा वित्त वर्ष 2024-25 में कंस्ट्रक्शन सेक्टर की वृद्धि दर 8.6 प्रतिशत, फाइनेंशियल, रियल एस्टेट एंड प्रोफेशनल सर्विसेज सेक्टर के 7.2 प्रतिशत, ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज सेक्टर के 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।( - चेन्नई/ विविध क्षेत्र में कारोबार करने वाली कंपनी कोठारी इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने तमिलनाडु में उर्वरक और फुटवियर (जूता-चप्पल) कारोबार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अगले दो-तीन साल में लगभग 7,300 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस निवेश से तमिलनाडु में लगभग 1,300 करोड़ रुपये की लागत से उर्वरक उत्पादन इकाई की स्थापना, फीनिक्स कोठारी फुटवियर लिमिटेड के तहत लगभग 6,000 करोड़ रुपये की लागत से कल्लाकुरिची जिले के करूर और एरायूर में फुटवियर विनिर्माण सुविधाएं, तथा दक्षिणी तमिलनाडु में फुटवियर और सहायक उपकरणों के लिए एक औद्योगिक पार्क की स्थापना होगी। कंपनी के नवनियुक्त कार्यकारी चेयरमैन जे रफीक अहमद ने संवाददाताओं से कहा कि तमिलनाडु में एक उर्वरक विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जो केंद्र के ‘मेक इन इंडिया' (भारत में निर्माण करो) अभियान में सहायता करेगा। वर्तमान में गैस, अमोनिया सहित उर्वरक विदेशों से आयात किया जाता है। उन्होंने कहा कि कतर स्थित एफ जे ग्लोबल एंड इन्वेस्टमेंट के मालिक फलाह जसीम जे एम अल-सानी कोठारी इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशक मंडल में शामिल होंगे। अल-सानी शाही परिवार के सदस्य और दोहा बैंक के संस्थापक सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि चेन्नई मुख्यालय वाली कंपनी ने उर्वरक उत्पादन सुविधा की स्थापना के लिए भूमि चिह्नित कर ली है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी।