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- पूरा दिन भागदौड़ करने के बाद रात में आराम करने का समय मिलता है. रात में सोना हमारे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी जरूरी है. लेकिन रात में सोते हुए कुछ गलतियां करने से चेहरे पर झुर्रियां आ जाती हैं. जिस कारण आप जवानी में ही बूढ़े दिखने लगते हैं.करवट लेकर ना सोएंजो लोग करवट लेकर सोते हैं, उनका चेहरा बार-बार तकिए पर रगड़ खाता है. जिस कारण त्वचा को सांस लेने की जगह नहीं मिलती है. दरअसल, सोते हुए स्किन सेल्स खुद को रिपेयर करती हैं और इसके लिए उन्हें पर्याप्त ऑक्सीजन की जरूरत होती है. रिपेयर ना होने पर स्किन सेल्स डैमेज होने लगती हैं और चेहरे पर झुर्रियां आ जाती हैं.गंदे पिलो कवर का इस्तेमाल ना करेंआपका पिलो कवर भी चेहरे पर झुर्रियां ला सकता है. क्योंकि, पिलो कवर को ज्यादा दिन तक इस्तेमाल करने से उसके ऊपर धूल-मिट्टी, तेल आदि जमा हो जाते हैं, जो चेहरे की त्वचा को नुकसान पहुंचा देते हैं.आई क्रीम को नजरअंदाज ना करेंआंखों के आसपास झुर्रियां सबसे पहले आती हैं. जिसके पीछे पोषण की कमी होती है. आप रोजाना रात को सोते समय आंखों के आसपास आई क्रीम लगाएं. यह आंखों के आसपास की त्वचा को मॉइश्चराइज करने का काम करती हैं और झुर्रियां आने से रोकती हैं.एल्कोहॉल का सेवन ना करेंसोने से पहले एल्कोहॉल का सेवन करना त्वचा के लिए नुकसानदायक हो सकता है. क्योंकि इससे चेहरे के आसपास फ्लूइड इकट्ठा होने लगता है और झुर्रियां काफी साफ दिखने लगती हैं.एसी के सामने चेहरा करके सोनाकुछ लोग एसी की हवा के बिल्कुल सामने चेहरा करके सोते हैं. जिससे त्वचा की नमी खो जाती है और झुर्रियां आने लगती हैं. एसी की हवा त्वचा को डिहाइड्रेट करती है.
- आप फेफड़ों को लंबे समय तक स्वस्थ रखना चाहती हैं तो ये खबर आपके काम की है. इस बात से हम सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वर्तमान समय में सेहत का ख्याल रखना बेहद अहम हो गया है. खासकर फेफड़ों का स्वस्थ्य होना जरूरी हैहेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो फेफड़ों के संकुचित हो जाने के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है. सांस लेने के लिए हमारे फेफड़े अहम रोल में रहते हैं. फेफड़े ऑक्सीजन को फिल्टर करने का काम करते हैं, फेफड़ों से फिल्टर होने के बाद ही ऑक्सीजन पूरे शरीर में पहुंचती है. डाइट एक्पसर्ट कहती हैं कि फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी डाइट जरूरी है. हालांकि कुछ ऐसी चीजें हैं भी हैं फेफड़ों को कमजोर बनाती हैं, उनसे आप जितना जल्दी हों दूरी बना लें. धूम्रपान और तंबाकू के अलावा प्रोसेस्ड मीट, शुगर वाली ड्रिंक और अधिक शराब पीने के कारण भी आपके लंग्स डैमेज हो सकते हैं. इसलिए इनका सेवन न करें.फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाली चीजेंअधिक नमक का सेवनडाइट एक्पसर्ट कहती हैं कि वैसे तो नमक सेहत के लिए जरूरी माना गया है, लेकिन अगर इसका अधिक सेवन किया गया तो यह फेफड़ों की समस्याओं को बड़ा सकता है. इसलिए फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए नमक का कम सेवन करें.शुगर वाले ड्रिंक्सडॉक्टर रंजना सिंह कहती हैं कि अगर फेफड़ों को हमेशा ठीक रखता है तो शुगर वाले ड्रिंक से दूरी बना लें. इनके नियमित सेवन से वयस्कों में ब्रोंकाइटिस होने की संभावना रहती है. शुगर वाले ड्रिंक्स की जगह आप पानी का ज्यादा सेवन करें.प्रोसेस्ड मीटप्रेसेस्ड मीट को प्रीजर्व रखने के लिए नाइट्राइट नामक तत्व मिलाया जाता है. इसके सेवन से फेफड़ों में सूजन और तनाव की स्थिति पैदा होती है. ऐसे में प्रोसेस्ड मीट जैसे बेकन, हैम, डेली मांस और सॉसेज आदि खाने से बचना चाहिए.डेयरी प्रोडक्ट्स का अधिक सेवनडेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही और पनीर सेहत के लिए काफी लाभदायक होते हैं, लेकिन जब आप इनका अधिक सेवन करने लगते हैं तो यह फेफड़ों के लिए नुकसानदायक हो जाते हैं. इसलिए डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन लिमिट में ही करेंशराब का सेवनशराब आपके शरीर की दुश्मन है. यह फेफड़ों के लिए नुकसानदायक होती है. इसमें मौजूद सल्फाइट अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं. शराब में इथेनॉल भी मौजूद होते हैं, जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
- शरीर तब पूरी तरह मजबूत बनता है, जब आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं. हड्डियों को मजबूत करने के लिए आपको हेल्दी चीजों का सेवन करना चाहिए. इस खबर में हम आपके लिए कुछ ऐसी चीजों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो न सिर्फ हड्डियों के विकास में मदद करती हैं, बल्कि उन्हें लंबी उम्र तक मजबूत रखेंगी. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हड्डियों का खराब या नाजुक होना ऑस्टियोपोरोसिस , रिकेट्स, बोन कैंसर, हड्डियों में संक्रमण जैसी स्वास्थ्य स्थितियों को जन्म दे सकता है. इसलिए इनका विशेष ख्याल रखना चाहिए.डाइट एक्सपर्ट के अनुसार, हड्डियों को मजबूत बनाने में कैल्शियम और विटामिन डी महत्वपूर्ण हैं. कैल्शियम जहां हड्डियों को मजबूत बनाता है, वहीं विटामिन- डी शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है. यही वजह है कि जिन चीजों में इन दो तत्वों की मात्रा ज्यादा हो, उनका सेवन जरूर करें.अंडा बनाता है हड्डियों को मजबूतअंडे में प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. अंडे का सेवन प्रोटीन की कमी पूरी करने और हड्डियों को स्ट्रांग बनाने का आसान तरीका है.फैटी फिश का सेवनफैटी फिश हेल्दी फैट और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर है. ये आपके शरीर के लिए जरूरी विटामिन -डी को पूरा करने में मदद करता है. ओमेगा-3 और विटामिन -डी दोनों ही हड्डियों के स्वास्थ्य और विकास को बढ़ाने में मदद करते हैं.नट्स का सेवनहड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए अखरोट, काजू, बादाम और ब्राजील नट्स खा सकते हैं. ये सभी नट्स कैल्शियम,प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, ओमेगा-3 फैटी एसिड और फास्फोरस हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले पोषक तत्व हैं.पालक का सेवनपालक मजबूत हड्डियों के लिए बेहतर विकल्प है. पालक में कैल्शियम के साथ विटामिन भी भरपूर मात्रा में होता है, जो हड्डियों का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए जरूरी है.==
- हम आपके लिए नारियल पानी के फायदे लेकर आए हैं. यह बालों और त्वचा के लिए बेहद लाभकारी है. नारियल पानी के नियमित उपयोग से आप चेहरे का ग्लो वापस ला सकती हैं. साथ ही झड़ते हुए बालों की समस्या से राहत पा सकती हैं. इस खबर में हम आपके लिए नारियल पानी के उपयोग का तरीका लेकर जाए हैं.डैंड्रफ दूर करता है नारियल पानी---नारियल पानी बालों से डैंड्रफ दूर करता है. इसमें एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो ड्राई स्कैल्प, डैंड्रफ और स्कैलप से संबंधित इंफेक्शन का भी इलाज करता है. आप नारियल पानी को बालों के स्कैल्प पर लगा सकते हैं.इस तरह करें उपयोग---नारियल पानी को एप्पल साइडर विनेगर मिलाएं.इस मिश्रण को शैंपू और कंडीशनर लगाने के बाद स्कैल्प पर लगाएं.करीब एक मिनट के लगा रहने दें और फिर ठंडे पानी से धो लें.झड़ते बालों की समस्या से निजात---नारियल पानी झड़ते बालों की समस्या से निजात दिलाने में मददगार है. ये स्कैल्प को नरिश करने के साथ ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद करता है.इस तरह करें उपयोग----सबसे पहले नारियल पानी से बालों में मसाज कर लें.मसाज करने के बाद शैंपू से बाल धो लें.ये बालों को सॉफ्ट, स्मूद और शाइनी बनता है.ये आपकी त्वचा में नेचुरल कंडीशनिंग एजेंट की तरह काम करता है.स्किन के लिए कैसे फायदेमंद है नारियल पानी-------------ड्राई स्किन दूर करता है नारियल पानीबालों के साथ ही नारियल पानी स्किन के लिए भी लाभकारी है. यह शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है. आप ड्राई और सेंसिटिव स्किन के लिए नारियल पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं. नारियल पानी नरिश और मॉश्चराइज करता है आप नारियल पानी और गुलाब जल मिलाकर स्प्रे बोतल में रखें. आप चाहें तो इसमें एसेंशियल ऑयल मिला सकते हैं. इसके बाद इसे सीधा फेस पर लगाकर मसाज कर सकते हैं.चेहरे पर ग्लो लाता है नारियल पानीनारियल पानी की मदद से आप चेहरे का खोया हुआ ग्लो वापस ला सकती हैं. यह त्वचा को मॉश्चराइज करता है. इसमें विटामिन सी और अमीनो एसिड होता हैं. इसमें एंटी माइक्रोबियल गुण होते है जो मुंहासों से लड़ने में भी मदद करता है. आप मुंहासों को दूर करने के लिए हल्दी, चंदन और नारियल तेल का पेस्ट कर एक्ने प्रोन वाले हिस्से में लगाएं. इस मास्क को अपने चेहरे पर लगाएं और कुछ ही हफ्तों में असर दिखने लगेगा.
- मॉनसून की आमद लोगों को बड़ी राहत देती है, लेकिन बारिश में कई मौसमी बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है. आमतौर पर इस मौसम में वेक्टरजनित बीमारियां (मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियां) तेजी से पैर पसारती हैं. इसके साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी आ जाती है. नमी की वजह से इस मौसम में बैक्टिरिया और फंगल इन्फेक्शन का भी खतरा बढ़ जाता है. कई बार अनजाने में मौसम के प्रतिकूल खानपान के सेवन से भी बारिश के मौसम में शरीर बीमारियों से घिर जाता है. ऐसे में ये बेहद जरूरी है कि इस मौसम में इस बात का खास ख्याल रखा जाए कि सेहतमंद रहने के लिए क्या खाया जाए और क्या नहीं. कोरोना के खतरे के मद्देनजर ये बेहद जरूरी है कि हमारी डेली डाइट इस तरह की रहे जिससे की हमारा इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत हो.डाइट में शामिल करें ये चीजेंबारिश का मौसम आते ही हमारे शरीर की जठराग्नि मंद पड़ जाती है. ऐसे में थो़ड़ी भी गरिष्ठ भोजन अपच सहित अन्य शारीरिक परेशानियों को जन्म दे देता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए डेली डाइट में हरी, पीली, लाल फल सब्जियां जरूर शामिल करें. इसमें गाजर, पपीता, नासपाती, करेला शिमला मिर्च, मौसंबी, आम, अनार, स्ट्रोबेरी आदि शामिल हों.स्ट्रीट फूड से बनाएं दूरीसड़क किनारे लगे चाट चौपाटी के ठेलों को देखकर खाने के शौकीनों का दिल ललचा जाता है लेकिन जानकारों की मानें तो इस मौसम में सबसे ज्यादा बीमारी का खतरा स्ट्रीट फूड से गी होता है. ऐसे में किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए कुछ वक्त के लिए इससे दूरी बना लें. कुछ तला खाने का मन है तो कोशिश करें की उसे घर में ही बनाएं और कम मात्रा में उसका सेवन करें.शरीर में पानी की न आने दे कमीआमतौर पर बारिश के सीजन में प्यास कम लगती है इसकी वजह से कई बार शरीर में पानी की कमी हो जाती है. इससे बचने के लिए रोजाना भरपूर मात्रा में पानी पीएं. इसके अलावा घर में ही बनने वाले इम्यूनिटी बूस्टर डोज का भी दिन में एक या दो बार सेवन किया जा सकता है.ठंडी चीजों से बनाएं दूरीमॉनसून की आमद के बाद कई बार मौसम में उतार चढ़ाव नजर आता है. कई बार कम बारिश की वजह से तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है तो कभी लगातार बारिश के चलते तापमान गिर जाता है. अच्छी बारिश होने के बाद ठंडी चीजों जैसे आइसक्रीम, दही आदि से दूरी बनाना चाहिए।
- आज हम आपके लिए तुलसी पानी के फायदे लेकर आए हैं. तुलसी का पानी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है. वैसे तो हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा की जाती है, लेकिन क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि यह आपको कई बीमारियों से दूर रख सकती है. तुलसी का सेवन करने से सर्दी-जुकाम में ही नहीं, बल्कि पाचन संबंधी समस्याओं में भी राहत मिलती है.क्यों खास है तुलसी का पानी ---जाने माने आयुर्वेद डॉक्टर कहते हैं कि रोजाना तुलसी के पत्तों के सेवन से शरीर डिटॉक्सीफाई होता है. इसके साथ ही तुलसी शरीर के तापमान को भी कंट्रोल में रखती है. वहीं तुलसी के पत्तों के सेवन से वजन भी कम होता है. साथ ही कोलेस्ट्रोल भी नहीं बढ़ता है. अगर नियमित तौर पर खाली पेट तुलसी का पानी पीया जाए तो आपकी इम्युनिटी भी मजबतू हो सकती है.मानसून में फायदेमंद है तुलसी ---खासकर मॉनसून में हल्दी और तुलसी का काढ़ा न सिर्फ इम्यूनिटी को मजबूत करता है बल्कि सर्दी-जुकाम और गले में खराश की समस्या को भी दूर करने में मदद करता है. डॉक्टर अबरार मुल्तानी ने बताया कि अगर आपको पेट से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है तो आप तुलसी का पानी पीकर उससे निजात पा सकते हैं. नीचे जानिए कैसे...पेट की समस्याओं में ऐसे करें तुलसी का सेवन--अगर आपको पेट में एसिडिटी होती है तो रोज तुलसी के 2 से 3 पत्ते चबाएं.नारियल पानी में तुलसी के पत्तों का रस और नींबू मिलाकर पीएं, इससे पेट दर्द में आराम मिलता है.चाय या काढ़े में तुलसी को मिलाकार पीने से पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.खाने में भी तुलसी का रस और पत्ते शामिल करने से बीमारियों से दूर रहा जा सकता है.खाली पेट तुलसी का पानी पीने के फायदे--रोज सुबह खाली पेट तुलसी का पानी पीने से वायरल इंफेक्शन से काफी हद तक बचा जा सकता हैअगर आपको सर्दी-जुकाम और गले में खराश है तो तुलसी का पानी पीने से राहत मिलती है.डायबिटीज के मरीज तुलसी का पानी पीएं, इससे शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है.इसके सेवन से टॉक्सिक पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं.नियमित तुलसी का पानी पीने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.तुलसी का पानी पीने से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर रहती हैं.कब्ज और लूज मोशन की समस्या से भी राहत मिलती है.
- बच्चों का शारीरिक विकास उनकी हड्डियों और स्वास्थ्य पर टिका होता है. अगर बच्चों की हड्डियां मजबूत रहेंगी, तो उनका शारीरिक विकास आसानी से होगा. बच्चों के स्वास्थ्य और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए छाछ देनी चाहिए. छाछ का सेवन करने से बच्चों को कई स्वास्थ्य फायदे प्राप्त होते हैं. आइए इनके बारे में जानते हैं.कंसल्टेंट डाइटिशियनके मुताबिक छाछ एक डेयरी उत्पाद है, जिसे दही से बनाया जाता है. इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होता है. दरअसल, बच्चे दूध पीने में आनाकानी करते हैं, इसलिए आप उन्हें छाछ का सेवन करवा सकते हैं. क्योंकि यह ज्यादा स्वादिष्ट होती है और बच्चे आसानी से इसका सेवन कर लेते हैं. छाछ में मौजूद कैल्शियम बच्चों की हड्डियों को मजबूती देता है, जिससे उनके शारीरिक विकास में मदद मिलती है.बच्चों को छाछ पिलाने से पाचन बेहतर होता हैअक्सर बच्चों को पेट की समस्या होती रहती है, जिसे खत्म करने के लिए छाछ फायदेमंद हो सकती है. क्योंकि, छाछ का सेवन पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज, पेट दर्द व गैस जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.डिहाइड्रेशन से बचाती है छाछदिनभर उछल-कूद करने से बच्चों में पानी की कमी हो सकती है. जिसके कारण उन्हें अत्यधिक थकान व कमजोरी महसूस हो सकती है. ऐसे में बच्चों को छाछ पीलाने से उनके शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और उन्हें एनर्जी मिलती है.बच्चों में छाछ के फायदे: इम्युनिटी बढ़ती हैछाछ में लाभदायक बैक्टीरिया होते हैं. जो बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं. इसके अलावा, छाछ के अंदर विटामिन ए, सी, बी और विटामिन-के जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं.बच्चों के लिए हेल्दी छाछ बनाने का तरीकाआप 1 कप दही लेकर उसमें 2 कप पानी के साथ ब्लेंड कर लें. इसके बाद दही बिल्कुल पतला और स्मूथ हो जाएं, तो उसमें स्वादानुसार काला नमक और एक चुटकी भुना हुआ जीरा डालकर बच्चे को पिलाएं.
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आज हम आपके लिए लेकर आए हैं सौंठ के लाभ. जी हां सौंठ का आयुर्वेद में अपना महत्व है. यह कब्ज को दूर करने के साथ-साथ पाचन भी ठीक कर सकता है. जाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, सौंठ पाचन से जुडी समस्या में यह एक कमाल की औषधि मानी जाती है. अगर आपको खाना खाने के बाद पेट फूलने की समस्या होती है तो सोंठ और दूध का सेवन करने से आपको फायदा हो सकता है.
सौंठ में क्या पाया जाता है
डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, सौंठ में आयरन, फाइबर जैसे पौषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जिसकी वजह से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और मस्तिष्क में ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुंचती है. सौंठ के पाउडर को पानी या दूध में मिलाकर पीने से वजन कंट्रोल में रहता है.
सौंठ खाने के जबरदस्त फायदे
1. वजन कम करती है सौंठ
सौंठ फैट को बर्न करने और ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है. यही वजह है कि सूखी अदरक यानी सोंठ पाचन में सुधार करके वजन घटाने में मदद करता है. इसको खाने से भूख कम लगती है, जिससे खाने को सही तरीके से पचाया जा सकता है.
2. पीरियड्स के दर्द से राहत
सौंठ का इस्तेमाल पीरियड्स के समय होने वाले पेट दर्द के साथ साथ शरीर के दर्द में भी आराम पहुंचाता है. इसके अलावा डिलीवरी होने के बाद सोंठ के लड्डुओं का सेवन पेट को साफ करके शरीर को स्फूर्ति प्रदान करने में मदद करता है.
3. पाचन शक्ति होती है मजबूत
सोंठ का चूर्ण पुरानी अपच के कारण होने वाले पेट दर्द और पेट संबंधी परेशानी को दूर करने के लिए जाना जाता है. सोंठ का पाउडर इस समस्या को कम करने में मदद करता है.
4. कोलेस्ट्रॉल कम करती है सौंठ
सोंठ बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में हेल्पफुल है. एलडीएल लिपोप्रोटीन (बैड कोलेस्ट्रॉल) के हाई लेवल से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में सोंछ के पाउडर का सेवन जरूर करें. -
हस सभी जानते हैं कि ताजे फल खाना कितना फायदेमंद है. लेकिन फल खाने के बाद भी आजकल हमें पूरा फायदा नहीं मिल पाता है. क्योंकि, हम फल खाने का सही तरीका (right way to eat fruits) नहीं जानते हैं. जी हां, न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर के मुताबिक फल खाने का फायदा प्राप्त करने के लिए हमें उन्हें सही तरीके से खाना आना चाहिए. आइए हम फल खाने के फायदे (Benefits of eating fruits) और सही तरीके के बारे में जानते हैं.
फल खाने से मिलते हैं ये फायदे (Health Benefits of Eating Fruits)
USDA के मुताबिक, ताजे फल खाना हमें कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है. जो लोग नियमित रूप से फलों का सेवन करते हैं, उनमें क्रॉनिक डिजीज के विकसित होने का खतरा कम होता है. फल हमें ऐसे जरूरी पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जो स्वास्थ्य और शरीर को मेंटेन रखने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं.
जैसे-
अधिकतर फलों में फैट, सोडियम और कैलोरी की मात्रा कम होती है. इसके अलावा किसी भी फल का सेवन कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ाता.
फल हमें वो पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जिन्हें प्राप्त करने में अधिकतर लोग असफल होते हैं. जैसे विटामिन सी, डायटरी फाइबर और फोलेट.
केला, संतरा, अमरूद, कीवी जैसे फल पोटैशियम युक्त होते हैं. पोटैशियम सामान्य डायट से पाना मुश्किल होता है, जिस कारण ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है.
डायरी फाइबर वाले फल ब्लड कोलेस्ट्रॉल का स्तर, दिल की बीमारी का खतरा और पाचन समस्याएं कम करने में मदद करते हैं.
फलों में विटामिन-सी काफी मात्रा में होता है. जो कि इम्यून सिस्टम, स्किन आदि के लिए बहुत जरूरी है. इसके साथ ही यह शरीर में आयरन की खपत को भी बढ़ाता है.
फल खाने का सही तरीका: जान लें 3 नियम (Right time and way to eat fruits)
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. रुजुता दिवेकर के मुताबिक, फलों को सही तरीके से खाने के लिए आपको 3 नियमों का ध्यान रखना चाहिए. जैसे-
नियम 1- किसी भी फल को अकेले खाएं. उसके साथ दूसरे फल ना मिलाएं.
नियम 2- फल को खाने का सही समय सुबह, वर्कआउट के बाद या शाम के समय होता है.
नियम 3- जब भी फल खाएं, तो उसे अच्छी तरह चबाकर खाएं. उनका रस ना निकालें.
इसके अलावा, फलों को खाते समय ध्यान रखें कि फल को पूरा खाना चाहिए. इसके साथ ही मौसमी फलों को जरूर शामिल करना चाहिए और फलों को सीधा हाथों से खाना चाहिए, किसी चम्मच या कांटे से नहीं. - मुनगा छत्तीसगढ़ में प्राय: सभी जगहों पर मिलता है। इसकी फलीं और पत्तियों की सब्जी शौक से खाई जाती है। पौष्टिता की वजह से आयुर्वेद में भी मुनगा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। आज हम जानेंगे मुनगा का फूल खाने के फायदे....मुनगा को सहजन भी कहते हैं और इसे मोरिंगा ओलीफेरा के नाम से भी जाना जाता है। मुनगा के फूल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं और इनमें बहुत से पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा मौजूद होती है। मुनगा के फूलों में प्रोटीन, विटामिन और सेहत के लिए उपयोगी तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं।मुनगा के फूल में पाए जाने वाले पोषक तत्वमुनगा के फूलों में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो हमारे शरीर की संक्रमण से रक्षा करता है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन और विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसमें विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी 2 या राइबोफ्लेविन, विटामिन बी3 या नियासिन, विटामिन बी-6, फोलेट और एस्कॉर्बिक एसिड , विटामिन सी, कैल्शियम, पोटैशियम, लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोरस और जस्ता।1. स्किन और बालों के लिए बेहद फायदेमंदमुनगा के फूलों का सेवन स्किन और बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। बालों को फ्री रेडिकल्स से बचाने के लिए सहजन के फूलों का सेवन किया जाता चाहिए। मुनगा के फूल में मौजूद प्रोटीन स्किन और बाल दोनों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसक फूल की सब्जी का सेवन आपको स्किन की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से भी बचाता है। इसके साथ ही सहजन के फूल में हाइड्रेटिंग और डिटॉक्सीफाइंग गुण होते हैं जो बालों को घना और मजबूत बनाये रखने का काम करते हैं।2. पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंदपेट और पाचन से जुड़ी कई समस्याओं में मुनगा के फूलों का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। कब्ज, गैस्ट्राइटिस और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी पेट की समस्या में सहजन के फूलों का अर्क और इसके फूलों की सब्जी या साग का सेवन करना चाहिए। इसके फूलों की सब्जी का सेवन करने से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।3. हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंदमुनगा के फूलों का सेवन हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सहजन के फूल में कैल्शियम और फॉस्फोरस की पर्याप्त मात्रा होती है जो हड्डियों के लिए सबसे जरूरी तत्व माने जाते हैं। इसके अलावा मुनगा के फूल की सब्जी का सेवन गठिया की समस्या में भी बहुत उपयोगी माना जाता है। हड्डियों से जुड़ी कई समस्याओं में मुनगा के फूल का सेवन करने से फायदा मिलता है।4. मेमोरी पॉवर और एकाग्रता बढ़ाने में उपयोगीमुनगा के फूलों का सेवन करने से याददाश्त और एकाग्रता बढ़ती है। मुनगा के फूलों में ग्लूटामिक एसिड नामक तत्व पाया जाता है जो अमोनिया के नशे को रोकने में फायदेमंद होता है। ग्लूटामिक एसिड को एक्टिव न्यूरोट्रांसमीटर कंपाउंड भी माना जाता है जो एकाग्रता और याददाश्त को तेज करने में फायदेमंद होता है।5. वजन कम करने में बहुत फायदेमंदमुनगा के फूलों का सेवन वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इन फूलों में फैट की मात्रा बिलकुल न के बराबर होती है और इसमें कैलोरी भी बहुत कम होती है। इसलिए इसका सेवन वजन कम करने के लिए उपयोगी होता है। इसके अलावा सहजन के फूलों में क्लोरोजेनिक एसिड नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो शरीर से अतिरिक्त फैट को बर्न करने का काम करता है।
- अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो रात में डिनर के बाद पैदल चलिए. इससे आपको कई फायदे मिल सकते हैं. आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, भोजन के बाद टहलने से हमारे शरीर का हर अंग और मासपेशियां ठीक से काम करती हैं . इससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरह से काम करता है. टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को भी खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहलने की सलाह दी जाती है. इससे ब्लड शुगर कम होता है. खाना खाने के बाद रोजाना आपको कम से कम 15-20 मिनट टहलना चाहिए. अगर आपके पास ज्यादा समय है तो आप इसे बढ़ा सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें आपको भोजन करने के एक घंटे के अंदर ही टहलना है.खाना खाने के बाद पैदल चलने के फायदे --1. पाचन में सुधार करता हैरात के खाने के बाद टहलने से हमारा पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है. इससे सूजन कम होती है, कब्ज की संभावना कम होती है और पेट से संबंधित किसी भी अन्य समस्या से आराम मिलता है.2. वजन घटाने में मददखाना खाने के बाद अगर आप 15 से 20 मिनट तक टहल लेते हैं तो आप मोटापा के शिकार नहीं हो पाएं. क्योंकि पैदल चलना मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है. बता दें कि वजन घटाने के लिए आपका मेटाबॉलिज्म सही होना चाहिए.3. इम्युनिटी को बढ़ाने में मिलती है मददरात को खाना खाने के बाद चलना भी इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकता है, क्योंकि ये आपके इम्युन सिस्टम से टॉक्सिन को बाहर निकालता है. पैदल चलना हमारे आंतरिक अंगों के लिए बेहतर तरीके से काम करता है.4. ब्लड शुगर के लेवल नियंत्रित रहता हैहेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि खाना खाने के कुछ समय बाद आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ना शुरू हो जाता है. जब आप रात को खाने के बाद टहलने जाते हैं, तो इससे ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है, इससे हाइपरग्लेसेमिया का खतरा खत्म हो जाता है.5. डिप्रेशन में मदद करता हैखाना खाने के बाद पैदल चलने से यह आपके शरीर में एंडोर्फिन को मुक्त करके तनाव को कम करता है. जिसके बाद आप बेहतर महसूस कर पाते हैं.
- हम आपके लिए सीढ़ियां चढ़ने के फायदे लेकर आए हैं. यह वजन घटाने की बेस्ट एक्सरसाइज भी है. अगर आप नियमित तौर पर सीढ़ियां चढ़ने की आदत डाल लेंगे तो कुछ ही हफ्तों में वजन कम कर सकते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जब आप शाम को काम से घर लौटते हैं तो लिफ्ट की बजाए सीढ़ियों से चढ़कर अपने घर में जाएं. सुबह अपने घर से निकलते समय और ऑफिस पहुंचकर लिफ्ट की जगह सीढ़ियों को चुनें. सीढ़ियां चढ़ने आपका सेहत से जुड़ी समस्याओं से निजात दिला सकता है. यह दिल के लिए काफी अच्छी एक्सरसाइज है. जो तनाव औऱ चिंता को दूर करने में भी फायदेमंद हो सकती है. गठिया या किसी अन्य रोग से पीड़ित हैं तो सीढ़ियां चढ़ने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें.सीढ़ियां चढ़ने के जबरदस्त लाभ1. बैलेंस और स्टेमिना बढ़ता हैफिटनेस एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सीढ़ियां चढ़ने से आपके पैर, टखने में मांसपेशियों को स्टेबल किया जा सकता है. इससे शरीर के संतुलन और सहनशक्ति को बेहतर बनाना जा सकता है. शुरूआत में सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी महसूस होगी, लेकिन धीरे-धीरे यह आपके लिए आसान होता जाएगा.2. मानसिक स्वास्थ्य के लिए सहीहेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सीढ़ियां चढ़ने से आपको एक मूड-बूस्टिंग एनर्जी मिल सकती है. इससे कैलोरी बर्न होती है. साथ ही शरीर को ज्यादा ब्लड पंप करता है. तनाव और चिंता को भी दूर करने में भी सीढ़ियां चढ़ना मदद कर सकता है.3. मांसपेशियों बेहतर एक्सरसाइजसीढ़ियां चढ़ने से पैर की मांसपेशियों के अलावा, आपके क्वाड्रिसेप्स, ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग को भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है. सीढ़ियां चढ़ने, सपाट सतह पर चलने, जॉगिंग या दौड़ने से हमारी मांसपेशियां बनती हैं और मजबूत होती हैं.4. वजन कम करने में मददगारअगर आप सीढ़ी चढ़ने की आदल ड़ाल लेंगे तो वजन कम होगा. बस सीढ़ियों पर आप नियमित रूप से और व्यायाम की मुद्रा में चलें जैसे कि आप कार्डियो कर रहे हों, हालांकि आप एक बार में बहुत जोर ना ड़ाले, धीरे-धीरे इसकी आदत ड़ालें ताकि आप कम थकेंसीढ़ियां चढ़ने के दौरान रखें यह सावधानियांधीमी गति के साथ सीढ़ियां चढ़ना शुरू करें.सीढ़ियां चढ़ते वक्त आपकी पीठ सीधी हो.आप 20 या 25 के 5 सेट कर सकते हैं.धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़ने की संख्या बढ़ा सकते हैं.चोट से बचने के लिए अच्छी तरह से फिट किए गए जूते पहनें.
- एक स्वस्थ शरीर के लिए पाचन तंत्र ठीक होना पहली शर्त माना जाता है. अगर आपका पाचन तंत्र कमजोर है तो यह आपको कई बीमारियों के खतरे में डाल सकता है. जाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी कहते हैं कि पाचन को इंप्रूव करने के उपाय कई हो सकते हैं, लेकिन अगर नेचुरल तरीके से पाचन को हेल्दी बनाया जाए तो बेहतर होगा.पाचन तंत्र कमजोर होने पर क्या होता है?जाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसातर, अगर आपका पाचन तंत्र खराब है तो आपको पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं. इसमें सबसे ज्यादा अपच, गैस, कब्ज या पेट का खराब होना है. अगर आपको पेट से जुड़ी समस्याएं अक्सर होती हैं तो यह पाचन तंत्र कमजोर होने के संकेत हो सकते हैं.सुबह उठकर पीना चाहिए गुनगुना पानीपाचन शक्ति को मजबूत करने के लिए सुबह उठकर गुनगुना पानी पीएं. यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है. जिससे आपका पाचन ठीक होता है. इसलिए ठंडा पानी पीने से कई ज्यादा बेहतर है कि आप गुनगुना पानी पिएं.विटामिन-सी का सेवन जरूरीपाचन शक्ति को मजबूत करने के लिए विटामिन सी का सेवन जरूरी है. आप डाइट में विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकें. आप ब्रोकली, संतरा, कीवी और स्ट्राबेरी खा सकते हैं. यह सभी इम्यून सिस्टम के लिए भी फायदेमंद माने जाते हैं.इस बातों का रखें ख्यालजब भी खाना खाएं उसे अच्छे से चबाकर खाएं, इससे पाचन बेहतर होता है. हम देखते हैं कि लोगों की आदत जल्दी-जल्दी खाने की होती है, जिससे कई बार खाना अच्छे से नहीं पचता.
- सप्ताह के आखिर का समय सेल्फ-केयर के लिए है. जब आप पूरा सप्ताह बिताते हैं, लैपटॉप पर शान से टाइप करते हैं और हर दिन नारे लगाते हैं, तो आप निश्चित रूप से सप्ताह के आखिर में एक ब्रेक के लायक होते हैं. क्यूंकि हम में से ज्यादातर लोग अपने सप्ताह के आखिर में सोशल वाली चीजों या फिर खरीदारी में बिताते हैं, हमारे पास वास्तव में आराम करने और शांत रहने के लिए ज्यादा समय नहीं होता है.जब सेल्फ-केयर की बात आती है, तो आपके पैर शायद शरीर के सबसे थके हुए हिस्सों में से एक होते हैं और इस तरह, ज्यादा लाड़ की जरूरत होती है. आपके चेहरे और हाथों की तरह, उन्हें भी थोड़ा प्यार, देखभाल और ध्यान देने की जरूरत है. इस सप्ताह के आखिर में, अपने पैरों को लाड़ प्यार करें और उन्हें आखिर स्पा डे दें.अपने पैरों को ऊपर रखें और लाड़ प्यार करके और अपने आप को एक बहुत जरूरी स्पा डे देकर अपने साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताएं. अपने पैरों को निखारने और उन्हें चमकदार बनाने के लिए 3 आसान घरेलू उपचार देखें.हल्दी, दूध और बेसनये एक अच्छी तरह से जाना जाने वाला तथ्य है कि हल्दी में सूजन-रोधी गुण होते हैं. दूध पैरों को नर्म करेगा और ये सुनिश्चित करेगा कि आपके पैर अच्छी तरह से नमीयुक्त और पोषित हों. इस घरेलू नुस्खे के लिए छोटी चम्मच हल्दी पाउडर में 2 टेबल स्पून बेसन और 1 टेबल स्पून ठंडा दूध मिलाएं. इन्हें अच्छी तरह से आपस में मिलाएं और अपने पैरों पर लगाएं. इसे 15 मिनट तक लगा रहने दें और फिर ठंडे पानी से पैर धो लें.गर्म नमक के पानी में पैरों को डुबोएंअपने पैरों को गर्म नमक के पानी में 10-15 मिनट के लिए डुबोकर रखें. ऐसा करने से आपके पैर मुलायम और तरोताजा महसूस करेंगे. अगर आपके पैर थके हुए और सुस्त दिखते हैं या दर्द है, तो ये शायद सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है.आलू के टुकड़ेआलू एक प्राकृतिक ब्लीचिंग एजेंट है और आपकी त्वचा को जल्द ही हल्का कर देगा और आपके पैरों को चमकदार बना देगा. वो पिगमेंटेशन को कम करने में भी प्रभावी होते हैं. आलू के ताजे स्लाइस को अपने पैरों पर रगड़ें और फिर 10-15 मिनट के बाद धो लें.इन तीन तरीकों को अपनाकर आप अपने पैरों को कोमल और सुंदर बना सकते हैं. अपने शरीर के दूसरे अंगों की ही तरह आपको अपने पैरों की भी उचित रूप से देखभाल करनी चाहिए.-तेजी से मोटापा कम करता है अलसी का काढ़ाअगर आप मोटापे से परेशान हैं और वजन कम करने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. क्योंकि आज हम आपके लिए अलसी के बीज के फायदे लेकर आए हैं. अलसी के बीज वजन घटाने में मदद कर सकते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो घंटों एक जगह बैठकर काम करने वालों लोगों को वजन बढ़ने से अन्य शारीरिक परेशानियां भी बढ़ने लगती हैं. वजन बढ़ने से हार्ट (Heart) संबंधी समस्याएं होने लगती हैं.सेहत के लिए लाभकारी है अलसी का बीजवजन घटाने के लिए लोग डाइटिंग की मदद लेने लगते हैं. इसके बाद भी वजन कम नहीं होता. ऐसे में आपके लिए अलसी के बीज से तैयार काढ़ा आपके काम आ सकता है. अलसी के बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं. जो एक स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी तत्व होते हैं. अलसी का काढ़ा वजन घटाने में मदद करने के अलावा शरीर को दूसरे फायदे पहुंचाता है. यह त्वचा को अंदरूनी सूजन से मुक्ति दिलाने में मददगार है.अलसी का काढ़ा बनाने के लिए जरूरी सामान --एक गिलास पानीएक चम्मच अलसी बीज पाउडरएक बड़ा चम्मच नींबू का रसगुड़ का एक छोटा टुकड़ाअलसी का काढ़ा बनाने की विधि --सबसे पहले एक बर्तन में एक गिलास पानी डालें.अब उसे गैस पर धीमी आंच पर चढ़ाएं.अब इसमें एक चम्मच पिसी हुई अलसी का पाउडर डालें.इसे करीब 2 से 3 मिनट तक ऐसे ही उबलने दें.इसके बाद गैस को बंद कर दें और इसे एक कप में डाल लें.हल्का ठंडा होने पर इसमें एक चम्मच नींबू का रस और एक छोटा टुकड़ा गुड़ का डालें.इसे अच्छी तरह मिला लें और फिर सेवन करेंकुछ ही दिनों में आपको असर दिखाई देगा.
- मकई या कॉर्न में बहुत अधिक न्यूट्रीशनल लाभ पाए जाते हैं और इसकी फूड वैल्यू के कारण भी बहुत से लोग इसे अपनी डाइट में शामिल करना पसंद करते हैं। कार्न को दुनिया की सभी आवश्यक फसलों में से एक माना जाता है। भारत में भी कार्न का प्रयोग कई तरह से किया जाता है जैसे यहां इसे भुट्टे के रूप में खाया जाता है, मक्के की रोटी के रूप में खाया जाता है और पॉप कॉर्न आदि जैसे स्नैक्स भी इससे बनाए जाते हैं। मकई में पाया जाने वाला फेरुलिक एसिड भी उसे सेहत के लिए लाभदायक बनाता है। तभी तो मक्के से मिलने वाले लाभों में से एक है वजन कम होना । पर आइए पहले हम बात करते हैं इसमें मौजूद पोषक तत्वों की।मकई या कॉर्न में पोषक तत्वमकई में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की उच्च मात्रा होती है साथ में विटामिंस और मिनरल्स भी होते हैं यही नहीं इसमें फैट की मात्रा बहुत कम और प्रोटीन भी कम होता है। एक कप मकई में लगभग 175 कैलोरी, 40 ग्राम के करीबन कार्बोहाइड्रेट, 5 ग्राम प्रोटीन, 2 ग्राम फैट, 4.5 ग्राम फाइबर और दैनिक जरूरत का 17 प्रतिशत विटामिन सी, 24 प्रतिशत थियामिन, 20 प्रतिशत विटामिन बी 9, 10 प्रतिशत मैग्निशियम, 9-10 प्रतिशत पोटैशियम होता है। मकई में कार्बोहाइड्रेट्स स्टार्च से मिलते हैं। जिसकी वजह से आपकी ब्लड शुगर बढ़ सकती है। लेकिन इसमें मौजूद फाइबर ब्लड शुगर कंट्रोल करता है।वजन घटाने में कैसे मददगार है मकईस्वीट कॉर्न एक अच्छा प्रो बायोटिक होता है क्योंकि यह हमारे शरीर में पेट के लिए लाभदायक बैक्टेरिया का उत्पादन होने में मदद करता है। इससे पाचन तंत्र भी बेहतर ढंग से काम कर पाता है और शरीर का मेटाबॉलिज्म भी बढ़ जाता है। जो वजन कम होने में लाभदायक होता है। वजन कम करने का पहला स्टेप मेटाबॉलिज्म का मजबूत होना और पेट का स्वस्थ होना।एंटीऑक्सीडेंट से भरपूरमकई या कॉर्न खाने का फायदा ये है कि इसमें बहुत से पौष्टिक तत्व और एंटी ऑक्सीडेंट्स भी होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। इसमें विटामिन ए, बी और सी होते हैं जो स्किन और बाकी सेहत के लिए आवश्यक और लाभदायक होते हैं। यह आपके इंटरनल ऑर्गन के लिए भी लाभदायक होता है। इसमें जिंक, मैग्नेशियम, कॉपर, आयरन और मैंगनीज जैसे तत्त्व होते हैं, जो सेहत के लिए अच्छे होते हैं। यह ग्लूटेन फ्री होता है जिस कारण सिलिक डिजीज से भी बच सकते हैं। स्वीट कार्न डेली मेटाबॉलिज्म के लिए भी पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज़ प्रदान करता है। यह एक पावरफुल इंग्रेडिएंट होता है इसलिए आपको एक साथ अधिक मात्रा में भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।मकई को अपनी डाइट में शामिल क्यों करें-मकई या कॉर्न में बहुत से आवश्यक पौष्टिक तत्व होते हैं जो आपकी ओवर ऑल हेल्थ के लिए अच्छे होते हैं।-यह आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।-कार्न आपको 15 प्रतिशत फाइबर देता है जिसमें से 9 प्रतिशत सॉल्युबल होता है। डाइट्री फाइबर की कमी के कारण कैंसर, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, ओबेसिटी और हाइपरटेंशन की समस्या देखने को मिलती हैं और इनसे बचाने के लिए मकई आपकी बहुत सहायता करती है।-इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी अधिक होता है इसलिए जिन लोगों को शुगर होती है या जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उन्हें इसका सेवन सीमा में ही करना चाहिए।-मकई या कॉर्न ग्लूटेन फ्री होता है इसलिए सिलिक डिजीज वाले मरीज और ग्लूटेन इंटोलरेंट लोग भी इसका सेवन आसानी से कर सकते है ।
- दुनियाभर में ग्रीन टी से कहीं ज्यादा पॉपुलर ब्लैक टी है। भारत में भी चाय का मतलब, काली चाय पत्ती से बनी चाय ही समझा जाता है। काली चाय दुनिया की सबसे पॉपुलर ड्रिंक होने के बावजूद कई लोग इसे सेहत के लिए नुकसानदायक बताते हैं। वास्तव में अगर गलत तरीके से पी जाए, या ज्यादा मात्रा में पी जाए, तो काली चाय ही क्या सभी चीजें नुकसादायक होती हैं। यही कारण है कि लोग ब्लैक टी की अपेक्षा ग्रीन टी को ज्यादा हेल्दी समझते हैं। ऐसा माना जाता है कि ग्रीन टी वजन घटाती है। तो क्या ब्लैक टी भी वजन घटाती है?आज हम बताएंगे कि ब्लैक टी यानी काली चाय के क्या फायदे हैं और इसे कैसे पीना चाहिए?शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है काली चायरिसर्च बताती हैं कि ब्लैक टी में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में ऑक्सिडेशन को रोकते हैं और कई बीमारियों को दूर रखते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स, खासकर पॉलीफेनॉल आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म और पाचन (डाइजेशन) को ठीक रखता है। ये दोनों ही फंक्शन आपके शरीर के वजन को कम करने, चर्बी घटाने और एक्सट्रा कैलोरीज को बर्न करने में मदद करते हैं। इसके अलावा ब्लैक टी के सेवन से स्ट्रेस कम होता है, जिससे नींद अच्छी आती है और दूसरे बायलॉजिकल प्रॉसेस अच्छी तरह फंक्शन करते हैं। इसलिए ब्लैक टी का सेवन अगर सीमित मात्रा में करें, तो आपके शरीर के लिए ये फायदेमंद है।क्या वजन घटाती है काली चाय?वैज्ञानिक शोधों के अनुसार काली चाय यानी ब्लैक टी के सेवन से शरीर की वजन घटाने की प्रक्रिया तेज होती है। 2014 में की गई एक स्टडी में बताया गया कि 3 महीने तक रोजाना दिन में 3 बार ब्लैक टी पीने से अन्य बेवरेज पीने वालों की अपेक्षा ज्यादा वजन घटाया गया। इसी तरह 2017 में चूहों पर की गई एक रिसर्च में भी यही बताया गया था कि ब्लैक टी पीने से वजन सामान्य से ज्यादा घटाया जा सकता है। लेकिन यहां यह ध्यान देना जरूरी है कि ब्लैक टी में कैफीन की मात्रा भी होती है, इसलिए इसका बहुत अधिक सेवन करना भी ठीक नहीं है।एक दिन में कितनी चाय पी सकते हैं?काली चाय यानी ब्लैक टी का ज्यादा सेवन आपके शरीर के लिए नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए आपको ब्लैक टी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। वैज्ञानिकों के अनुसार एक दिन में 2-3 कप तक ब्लैक टी का सेवन किया जा सकता है। 4 कप ब्लैक टी से ज्यादा का सेवन रोजाना करना शरीर और स्वास्थ्य के लिए कई तरह की मुश्किलें पैदा कर सकता है। चाय में मौजूद कैफीन दिल की धड़कन को बढ़ा सकता है। इसलिए एक दिन में 3 कप से ज्यादा ब्लैक टी न पिएं।चाय कैसे पीना होता है ज्यादा फायदेमंद?आमतौर पर भारत में लोग ब्लैक टी के साथ दूध मिलाकर पीते हैं। दूध वाली चाय का सेवन बड़े पैमाने पर किया जाता है। हालांकि सामान्य लोगों के लिए इस चाय को पीने में कोई परेशानी नहीं है। लेकिन फुल फैट दूध से बनी चाय पीने से आपके शरीर में फैट बढ़ सकता है। इसलिए अगर आपको ब्लैक टी दूध में पीनी है, तो आप स्किम्ड दूध के साथ बनाकर पिएं। लेकिन जो लोग अपने वेट को लेकर बहुत ज्यादा कॉन्शियस हैं या जिनका वजन ज्यादा है, वो लोग बिना दूध वाली ब्लैक टी पिएं। इसे बनाने के लिए-पानी में थोड़ी सी ब्लैक टी डालकर उबालें।इसे छानकर इसमें आधा नींबू का रस और 1 चम्मच शहद मिलाकर पिएं। इस तरह से बनाई गई ब्लैक टी आपके वजन घटाने के लिए बेस्ट है।----
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हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन एक खतरनाक स्थिति है जो दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रभावित करती हैं. ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें नसें सिकुड जाती हैं. इसका वजह से खून के प्रवाह पर प्रेशर बढ़ता है. ऐसे में सिरदर्द, बेचैनी महसूस होना, चक्कर आता है. इसके अलावा हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी कई बार जानलेवा हो सकती है. हालांकि इस बीमारी को कम करने के लिए दवाएं उपलब्ध है. इसके अलावा अपने लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव कर ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं. आप घर में एक्सरसाइडज और हेल्दी डाइट का सेवन कर इस बीमारी को कम कर सकते हैं. आइए जानते हैं ब्लड प्रेशर को कैसे कम कर सकते हैं.
कम मात्रा में सोडियम खाएं
कई स्टडी में हाई ब्लड प्रेशर का सीधा अधिक सोडियम से बताया गया है. स्ट्रोक की वजह से सोडियम हो सकता है. डेली रूटीन में नमक कम खाने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कम कस सकते है. सोडियम का प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग- अलग होता है. सामान्य तौर पर लोगों को सॉल्टी प्रोसेस्ड फूड को नियंत्रित करना चाहिए. आमतौर पर एक आदमी को पूरे दिन में 2300 मिली ग्राम से अधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.
पोटेशियम की मात्रा बढ़ाएं
हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए पोटेशियम एक आवश्यक पोषक तत्व है. डाइट में पोटेशियम वाली चीजों का सेवन करने से शरीर में सोडियम के लेवल को कम करने में मदद करता है. प्रोसेस्ड और पैकेड फूड में सोडियम की मात्रा सबसे अधिक होती है. डाइट को बैलेस करने के लिए पोटेशियम वाली चीजों के सेवन करना चाहिए.
हरी सब्जियां – हरे पत्ते, टमाटर, आलू और शकरकंदी
फ्रूट्स- केला, ऐवाकाडो, संतरा,नट्स, दूध, दही, सैल्मन, टूना जैसी चीजें खाएं.
रोजाना एक्सरसाइज करें
हर व्यक्ति के लिए एक्सरसाइज करना जरूरी होता है. शोध में कहा गया है कि स्वस्थ रहने और बीमारियों से दूर रहने के लिए 30 से 45 मिनट तक एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए और अधिक जरूरी है. नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. स्वस्य रहने के लिए हर रोज 40 मिनट चलना काफी है.
धूम्रपान और सिगरेट छोड़े
धूम्रपान और शराब पीने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है. शोध में बताया गया कि शराब पीने से 16 प्रतिशत केस बढ़ते है. शराब और धूम्रपान करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है और ब्लड वैसल्स को नुकसान पहुंचता है. ये दोनों चीजें आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इसलिए बेहतर है कि इन दोनों चीजों को छोड़ दें.
कार्ब्स कम खाएं
एक स्टडी में दावा किया गया कि रिफाइंड कार्ब्स और शुगर से हाई बल्ड प्रेशर की समस्या बढ़ सकती है. इन दोनों चीजों को कम करने से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है. ब्रेड और चीनी जैसी चीजें खाने से सेहत को नुकसान पहुंचता है. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को लो कार्ब डाइट खाने की सलाह दी जाती है. आप इन चीजों की जगह साबूत अनाज और शहद का सेवन करना चाहिए. -
मानसून सीजन में ज्यादातर लोग चटपटी चाट, समोसा और पकौड़े खाना पसंद करते हैं. लेकिन ये चीजें आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होती है. इस मौसमें में पाचन से जुड़ी समस्या हो सकती हैं. अगर आप एसिडिटी, गैस, अपच की समस्या से परेशान रहते हैं तो अपने भोजन में बाजरा आंवला की चटनी खाएं.
ये चटनी खाने में स्वादिष्ट होने के साथ- साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद है. इसमें मौजूद आंवला स्वास्थ्य के साथ -साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो स्किन प्रॉब्लम्स को दूर रखता है. आइए जानते हैं बाजरा आंवला को कैसे बना सकते हैं. इसे डाइट में शामिल करने से क्या फायदे होते हैं.
बाजर आंवला चटनी
सामग्री
आधा कप अकुंरित बाजरा
4 आंवला
आधा कप पाल्म शुगर
3 हरी मिर्च
आधा चम्मच हल्दी
आधा चम्मच सौंफ के बीज
आधा चम्मच अजवाइन
एक चौथाई चम्मच हींग
एक कप पानी
फ्रेश पुदीना के पत्ते
2 टेबलस्पून कोल्ड प्रेसड सरसों का तेल
बनाने का तरीका
प्रेशर कुकर में तेल, सरसों के दाने, सौंफ, मेथी के दाने, हींग और हरी मिर्च डालें. अब इसमें अंकुरित बाजरा डालें और उसे अच्छे से पकने दें. इसके बाद आंवला, नमक और हल्दी डालें. इसे मध्यम आंच पर पकने दें. अब इसमें थोड़ा सा पानी, पुदीना की पत्तियां डालकर पकाएं. प्रेशर कुकर को मध्यम आंच पर 15 मिनट के लिए पकने दें.
जब कुकर खुल जाएं तो उसमें पल्म शुगर मिलाएं. अब इन सभी चीजों को मिक्सी में डालकर पीस लें. इस चटनी को आर पुदीने के पत्तियों से गार्निश करें और अपने फेवरेट डिश के साथ परोसें.
आंवला के फायदे
आंवला एक सुपरफूड है जो सेहत के साथ – साथ त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. ये आपकी इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है. इसके अलावा पाचन तंत्र को मजबूत करता है. वहीं बाजरा भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है. इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन्स की पर्याप्त मात्रा होती हैं. बाजरा मुख्य रूप से राजस्थान और हरियाणा में खाया जाता है. ये शरीर को एनर्जी देने का काम करता है. आंवला और बजरा दोनों पौष्टिक तत्वों से भरपूरहोते हैं. -
शाकाहार यानी वेज खाने की कुछ चीजों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। आइए, जानते हैं प्रोटीन से भरे शाकाहार स्रोत-
हल्की आंच में भुने आलू
आपको जानकर हैरानी होगी कि मीडियम साइज में कटे और हल्की आंच में भुने हुए आलू में प्रोटीन, पोटेशियम, विटामिन सी और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है।
ब्रोकली
अगर अभी तक आप ब्रोकली खाने से परहेज कर रहे थे, तो आपको ब्रोकली खानी शुरू कर देनी चाहिए। आपको ब्रोकली में प्रोटीन की मात्रा और आयरन मिलेगा।
फूलगोभी
ज्यादातर लोगों को फूलगोभी पसंद होती है। इस सब्जी में प्रोटीन, कैलोरीज, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फाइबर और आयरन के गुण होते हैं।
मशरूम
आप अगर बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो आपको मशरूम खाना शुरू कर देना चाहिए। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है।
पालक
पालक में प्रोटीन के अलावा आयरन, फाइबर और विटामिन बी पाया जाता है।
बंदगोभी
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर बंदगोभी शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने में मददगार है। इससे सूजन व दर्द में भी राहत मिलती है।
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अगर आप बढ़े हुए वजन से परेशान है और वजन घटाना चाहते हैं तो एक्सरसाइज और संतुलित आहार के साथ-साथ आप कुछ डिटॉक्स ड्रिंक्स को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। डिटॉक्स ड्रिंक्स शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। इसके साथ ही इससे आपका मेटाबॉलिज्म भी बेहतर रहता है जिससे आपका पाचन भी बेहतर रहेगा और आपको वजन कम करने में आसानी मिलेगी:
==नींबू और अदरक
वजन घटाने में डिटॉक्स ड्रिंक की अहम भूमिका है। नींबू और अदरक के गुणों से बनाए जाने वाले इस ड्रिंक को सुबह खाली पेट पीना चाहिए। ये आपके शरीर को जहां ताकत देता है वहीं आपके मेटाबॉलिज्म को भी दुरुस्त करता है।
ऐसे बनाएं
गुनगुने 1 गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर उसमें 1 इंच के बराबर अदरक को ग्रेट कर लीजिए। इस ड्रिंक को सुबह दो गिलास रोज़ाना 2 महीने तक पिएं।
==दालचीनी का डिटॉक्स ड्रिंक
दालचीनी के ड्रिंक से आपका मेटाबॉलिज्म तो मजबूत होता है, साथ ही इसमें फैट को गलाने की ताकत भी होती है।
ऐसे बनाएं
एक कंटेनर में गुनगुना पानी लीजिए और इसमें एक छोटी चम्मच दालचीनी का पाउडर डालें। सोते वक्त इस डिटॉक्स ड्रिंक का सेवन रोज़ाना करें आपको मनचाहा परिणाम दिखाई देने लगेगा।
==खीरे और पुदीने का डिटॉक्स ड्रिंक
ये डिटॉक्स ड्रिंक न केवल शरीर से हानिकारक विषैले तत्वों को बाहर निकालता है, बल्कि इसका स्वाद और महक भी लाजवाब होती है। खीरा और पुदीना पानी में डाले जाने के बाद अपने पोषक तत्वों को पानी में निकालते हैं, जिससे आपका पाचन बेहतर होता है।
ऐसे बनाएं
एक गिलास लें औऱ उसमें कुछ खीरे के टुकड़े और पुदीने की पत्तियां डालें।
- आज हम आपके लिए लेकर आए हैं मूंग दाल के फायदे। जी हां भारतीय भोजन में मूंग का खूब प्रयोग किया जाता है। वैसे तो सभी दालें प्रोटीन से भरपूर और सेहत का खजाना हैं, लेकिन मूंग की दाल का सेवन सेहत के लिए बेहद लाभकारी माना गया है। इसमें विटामिन 'ए', 'बी', 'सी' और 'ई' की भरपूर मात्रा होती है। डाइट एक्सपर्ट के अनुसार, अगर अंकुरित दाल सुबह सुबह खाई जाए तो इसमें अधिक मात्रा में प्रोटीन, अमीनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचाते हैं।मूंग दाल में पाए जाने वाले पोषक तत्वमूंग दाल में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन बी9, मैग्नेशियम, मैग्नीज, विटामिन बी4, फॉस्फोरस, पोटैशियम, जिंक, आयरन, विटामिन बी 2, बी3, बी5, बी6 आदि पाया जाता ह। इसे प्रोटीन का बेहतरीन विकल्प माना जाता है।मूंग दाल के फायदेवजन कम करेमूंग दाल के सेवन से वजन को भी कम किया जा सकता है। इसमें हाई फाइबर और प्रोटीन होता ह। इसके सेवन से भूख लगने वाले हार्मोन्स उतने सक्रीय नहीं होते और पेट लंबे समय तक भरा भरा भी रहता है।ब्लड प्रेशर को रखें ठीकमूंग की दाल ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में मदद करती है। इसमें मौजूद पोटैशियम, मैग्नीशियम और फाइबर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में काफी काम आता है।पेट के लिए फायदेमंदमूंग दाल में मौजूद फाइबर गट को हेल्दी रखता है। इसमें मौजूद कार्ब भी अन्य चीजों की तुलना में अधिक हेल्दी होता है, जिससे पेट को डीटॉक्स करने और क्लीन करने में सहायता मिलती है।इन बीमारियों से बचाती है मूंग दालमूंग की दाल में भरपूर मात्रा में तरह तरह के एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते है। अधिक मात्रा में फ्रीरेडिकल्स शरीर में कैंसर, इनफ्लामेशन, हार्ट डिजीज आदि की समस्याओं का कारण होती हैं।दिल को रखता है ठीकएक शोध के मुताबिक, यह एलडीएल कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में सक्षम है, जिस वजह से हार्ट की समस्या को दूर रखने के लिए इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
- क्या आप चाय दोबारा गर्म करके पीते हैं? चाय को दोबारा गर्म करके पीने से स्वास्थ्य को कई तरह से नुकसान पहुंच सकता है। दरअसल, चाय को दोबारा गर्म करने से चाय का स्वाद और पौष्टिकता खत्म हो जाती है। इसलिए अगर आप इसे पीते भी हैं, तो आपको इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि आपको इससे नुकसान ही होगा।इतना ही नहीं अगर चाय को कमरे के तापमान में चार घंटे या उससे अधिक समय के लिए छोड़ दिया गया है, तो उसमें बैक्टीरिया और मोल्ड के बढऩे की संभावना रहती है। इससे आंतों को नुकसान पहुंचता है। इसलिए कभी भी चाय को गर्म करके नहीं पीना चाहिए। आइये जाने इस बारे में विशेषज्ञों की क्या राय है।आंतों स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायकस्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए आंतों का स्वस्थ होना बेहद जरूरी होता है। अगर आप अपने आंतों को हमेशा स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो कभी भी दोबारा गर्म की गई चाय का सेवन न करें। इससे पूरी तरह से दूरी बनाकर रखें। इसके अलावा अगर आपको आंतों से जुड़ी कोई समस्या है, तो भूलकर भी ऐसी चाय न पिएं।फूड प्वाइजनिंग होने का खतराकमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को फूड प्वाइजनिंग का अधिक खतरा रहता है। फूड प्वाइजनिंग से बचने के लिए आपको दोबारा गर्म की हुई चाय पीने से बचना चाहिए। दरअसल, छोड़ी गई चाय बैक्टीरिया और कवक के विकास का कारण बन सकता है, ऐसे में अगर इसे दोबारा गर्म करके पिया जाए तो फूड प्वाइजनिंग की समस्या हो सकती है।कैंसरचाय को दोबारा गर्म करके पीने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने की भी संभावना रहती है। दरअसल, चाय को दोबारा गर्म करने पर टैनिन निकलता है, जो कैंसरकारी हो सकता है। टैनिन से चाय का स्वाद बिगड़ जाता है और कड़वा हो जाता है।गैस्ट्रोएंटेराइटिसगैस्ट्रोएंटेराइटिस एक गंभीर समस्या हैं। इसमें व्यक्ति के पेट और आंत में इंफेक्शन हो जाता है। गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक संक्रमण है, इसमें उल्टी और दस्त लगाना सामान्य लक्षण है। यह समस्या दोबारा गर्म करके चाय पीने से भी हो सकती है। ऐसे में भूलकर भी रिहिटिंग चाय नहीं पीनी चाहिए। यह संक्रमण पेट, आंत को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।उल्टी और जी मिचलानागर्म की हुई चाय पीने से उल्टी और जी मिचलाने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए आपको भूलकर भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। वैसे तो चाय पीने से सिरदर्द ठीक होता है, लेकिन अगर छोड़ी गई चाय पी जाए तो यह सिरदर्द, उल्टी और जी मिचलाने जैसी समस्याओं को कारण बन सकता है।
- चाट के जिक्र से ही मुंह में पानी आ जाता है. आलू चना चाट एक आसानी से बनने वाली स्नैक रेसिपी है. इसे आप अपने परिवार और दोस्तों के लिए किसी भी अवसर पर बना सकते हैं. भारत के हर हिस्से में मसालेदार चाट और भेलपुरी के लोग बहुत शौकीन हैं. आप इस स्वादिष्ट चना चाट को घर पर भी झटपट बना सकते हैं. जब भी मन करे इसका आनंद ले सकते हैं. इस हेल्दी और सुपर स्वादिष्ट चाट रेसिपी को किसी पार्टी या पिकनिक जैसे मौकों पर अपने प्रियजनों को परोस सकते हैं.आइए जानें इसकी रेसिपी.उबले आलू – 2प्याज – 1/2नींबू का रस – 1 बड़ा चम्मचआवश्यकता अनुसार नमकधनिया पत्ती – 1 छोटा चम्मचआलू भुजिया – 3 चम्मचटमाटर – 1 कटा हुआकाला चना – 1 कपहरी मिर्च – 1चाट मसाला – 1 चम्मचटमाटर – 1सरसों का तेल – 1 चम्मचकच्ची मूंगफली – 1 चम्मचस्टेप -1इस स्वादिष्ट चाट रेसिपी को बनाने के लिए मध्यम आंच पर एक पैन रखें और इसमें पानी के साथ नमक भी डाल दें. उबाल आने पर इसमें काला चना डाल दें. चने को गर्म पानी में भिगोकर एक तरफ रख दें.स्टेप – 2कच्ची मूंगफली लें और इन्हें एक कड़ाही में सरसों के तेल में 2-3 मिनट के लिए मध्यम आंच पर या हल्के भूरे और कुरकुरे होने तक भून लें.स्टेप -3प्याज, टमाटर, हरी मिर्च और हरा धनिया लें और इन्हें बारीक काट लें.स्टेप – 4एक बाउल में उबले हुए चने लें और बची हुई सामग्री डालें.अच्छी तरह मिलाएं ताकि मसाले और नींबू का रस मिश्रण को अच्छी तरह से कोट कर ले. अब उबले हुए आलू को बारीक काट लें और चने के मिश्रण में अच्छी तरह मिला लें. अब चटपटी आलू और चना चाट परोसें और आनंद लें.काले चने के फायदेकाले चने में मौजूद कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है. चने को अपने आहार में शामिल करने से आपको ब्लड शुगर के स्तर को कम करने और टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है. इसमें मौजूद उच्च फाइबर आपको देर तक भरा रखता है. अगर आप हेल्दी बाल चाहते हैं तो चने को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें. चने में विटामिन ए, बी 6, जिंक और मैंगनीज जैसे आवश्यक विटामिन और मिनरल होते हैं. ये आपके बालों के लिए फायदेमंद है. बालों को समय से पहले सफेद होने से रोकने के लिए चने का नियमित रूप से सेवन करना भी फायदेमंद है.-
- पेट हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है और पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ये कई तरह के एंजाइम को रिलीज करता है जो पाचन तंत्र को बढ़ाने का काम करता है. इसके अलावा एनर्जी देने में मदद करता है. हम क्या खाते हैं इसका असरा हमारे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. हम जो खाते हैं उसका सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव होता है. इसलिए अपनी डाइट का खास खयाल रखना चाहिए.कई लोगों को अक्सर पेट से जुड़ी समस्याएं होती है. इसके पीछे का मुख्य कारण खान पान हो सकता है. आइए जानते हैं पेट की समस्या को दूर करने के लिए किन चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए.बिना धोएं फल और सब्जियां खाना – फलों और सब्जियों की सतह में हानिकारक पेस्टिसाइड्स और फर्टिलाइजर हो सकते हैं. अगर आप सब्जियों और फलों को धोकर नहीं खाते हैं तो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए खाने से पहले फल और सब्जियों को अच्छे से धो लें.कम पका मांस और सीफूड – अधपका मांस और सीफूड खाना सेहत के लिए हानिकारक होता है. क्योंकि इसमें जर्म और बैक्टीरियां होते हैं. अधपका मीट और सीफूड खाने से फूड पॉइजनिंग और पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं.कच्चा दूध – कई बार डायरी प्रोडक्ट्स खाने से भी पेट की समस्याएं बढ़ सकती है. कच्चा दूध पीने से अपच की समस्या हो सकती है. इसलिए दूध से बनी चीजों से कुछ देर के लिए परहेज करें. इसक अलावा बिना फिल्टर के पानी न पिएं. इन चीजों को पीने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है.अधिक मात्रा में नमक और चीनी का सेवन – खाने पीने के पदार्थों में चीनी और नमक का सेवन लिमिट में करें. इन चीजों का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है.चाय और कॉफी का सेवन – चाय और कॉफी से परहेज करें क्योंकि इनमें कैफीन होता है. कैफीन की अधिक मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. इससे अपच और गैस की समस्या हो सकती है.मसालेदार खाना – मसाले खाने का स्वाद बढ़ाने का काम करते हैं. लेकिन अधिक मात्रा में मसालों का सेवन करना नुकसानदायक होता है. अधिक मसाले वाली चीजें खाने से परहेज करें क्योंकि ये चीजें पेट की समस्या को बढ़ा सकती है. इसकी वजह से गैस, जल, अपच आदि की समस्या हो सकती है.खाली पेट एसिडिक चीजें खाना – संतरा, अंगूर, नींबू जैसे खट्टे फलों का सेवन कभी भी खाली पेट नहीं करना चाहिए. ये सभी चीजें एसिडिक होते हैं और सुबह नाश्ते से पहले सेवन करने पर ये अपच का कारण बन सकते हैं. कार्बोनेटेड ड्रिंक्स को पीने से भी बचना चाहिए क्योंकि इससे गैस बनता है.
- इंसान के शरीर का हर एक अंग महत्वपूर्ण होता है। वहीं, अगर बात शरीर के बेहतर कामकाज की करें, तो इसके लिए आपकी हड्डियों का मजबूत होना बेहद जरूरी है। लेकिन आपने कई ऐसे लोगों को देखा होगा जो अक्सर अपने शरीर में दर्द, हड्डियो में दर्द को लेकर शिकायत करते रहते होंगे। यहां तक कि ये समस्या जवान लोगों में भी देखा जाती है। ऐसे में जो लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं, इसके पीछे उनका खराब खानपान हो सकता है। खाने-पीने की कुछ ऐसी चीजें और आदतें हैं जो हड्डियों को समय से पहले ही काफी कमजोर कर सकती हैं। ऐसे में हमें सिर्फ उन चीजों का सेवन करना चाहिए, जो हमारी हड्डियों को कैल्शियम दे सके। तो चलिए हम आपको कुछ ऐसी ही खाने की चीजों के बारे में बताते हैं, जिनका सेवन करने से आपकी हड्डियां कमजोर हो सकती है। इसलिए इनको छोड़ना ही बेहतर विकल्प हो सकता है।नमक का ज्यादा सेवननमक हमारे खाने को स्वाद देने का काम करता है। लेकिन दो तरह के लोग होते हैं एक वे जो कम नमक खाते हैं, तो दूसरे वे जो काफी ज्यादा मात्रा में नमक का सेवन करते हैं। यहां ये समझना होगा कि नमक में सोडियम होता है, जो व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करने के बाद कैल्शियम को यूरीन के माध्यम से बाहर निकाल देता है, जिसकी वजह से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसलिए नमक का ज्यादा सेवन करने से बचें।चॉकलेटआजकल के युवा और बच्चे काफी ज्यादा चॉकलेट का सेवन करते हैं, लेकिन हमें ये समझना होगा कि ये हमारी हड्डियों को अंदर ही अदंर खोखला बना देती है। चॉकलेट के सेवन से शरीर में ऑक्सलेट और शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण कैल्शियम शरीर में अवशोषित नहीं हो पाता है और ये हड्डियां कमजोर होने का कारण बनता है।शराबकई लोग कभी-कभी पार्टी में, तो कई लोग तो रोजाना शराब पीते हैं। लेकिन हम ये भूल जाते हैं कि शराब हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती है। वहीं, शराब के सेवन से व्यक्ति के शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम होने लगती है, जो हड्डियों को कमजोर करने का कारण बनता है।कोल्ड ड्रिंक्सगर्मी के मौसम हो या घर पर पार्टी हो, ऐसे समय पर लोग कोल्ड ड्रिंक्स काफी पीते हैं। उन्हें लगता है कि ये उनको ठंडक दे रही है, लेकिन असल में ये आपकी हड्डियों को कमजोर करने का काम करती है। इसमें पाए जाने वाले फॉस्फोरस और कार्बन डाईऑक्साइड हड्डियों को खोखला बनाने का काम करता है।