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- सुबह के पहले और आखिरी भोजन का खास ख्याल रखना चाहिए। जिसे लेकर हर कोई अलग-अलग बात करता है। कुछ खाने के समय को लेकर तो कुछ लोग खाने में क्या खाएं जैसे टॉपिक्स पर बात करते हैं। यहां हम बता रहे हैं आयुर्वेद के मुताबिक आपको रात के भोजन में क्या खाना चाहिए और किन चीजों को खाने से बचना चाहिए।डिनर में खाने के लिए बेस्ट चीजेंआयुर्वेद के मुताबिक रात के खाने में लो कार्ब डायट को चुनने की सलाह दी जाती है। ऐसे में आप रात के खाने में करी पत्ता, दाल, हल्दी और थोड़ी मात्रा में अदरक जैसी चीजों को खाने में शामिल कर सकते हैं। डिनर में आप जो भी कुछ खा रहे हैं, उसे खाने के बाद आपके पेट को हल्का महसूस करना चाहिए। डिनर के बाद भारीपन नहीं होना चाहिए। रात में ज्यादा हैवी खाने से फैट जमा हो जाता है और वजन बढ़ जाता है। हालांकि, आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि जो खा रहे हैं उसकी सही हो।रात के खाने में क्या नहीं खाना चाहिएआयुर्वेद के मुताबिक डिनर में ऑयली खाना, जंक फूड, मिठाई, चॉकलेट, पचाने में हैवी खाना, मांसाहारी खाना, ठंडा या जमा हुआ खाना, आइसक्रीम और दही जैसी चीजों को खाने से बचना चाहिए। जब इन खाने की चीजों को खाया जाता है, तो कफ बढ़ जाता है। जिसकी वजह से खांसी, जुखाम और सर्दी का बिगडऩा, एलर्जी, वजन बढऩा, उल्टी अपच जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
- कटहल मोरेसी प्लांट फैमिली का हिस्सा है, जिसमें अंजीर, शहतूत और ब्रेडफ्रूट भी शामिल हैं। दुनिया का सबसे बड़ा पेड़ फल है और वजन में 80 पाउंड (35 किलो) तक पहुंच सकता है। पके कटहल का स्वाद मीठा होता है। यह सेब, अनानास, आम और केले जैसे स्वाद से मिलता-जुलता है। कच्चे कटहल की बात करें, तो आपने कटहल की सब्जी या बिरयानी तो बहुत बार खाई होगी। कटहल स्वाद में ही मजेदार नहीं लगता बल्कि यह गुणों से भरा हुआ है। कटहल के अंदर कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जैसे, विटामिन ए, सी, थाइमिन, पोटैशियम, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, आयरन जैसे पोषक तत्व होते हैं। इसमें काफी फाइबर पाया जाता है। सबसे खास बात यह है कि इसमें बिल्कुल भी कैलोरी नहीं होती है। आप अगर वेट लॉस के लिए कटहल खा रहे हैं, तो आपके लिए यह बेस्ट सब्जी है।कैंसर से बचाव करता हैकटहल में लिग्नांस, आइसोफ्लेवोंस और सैपोनिन जैसे फाइटोन्यूट्रिएंट्स से समृद्ध होता है, जो एंटी कैंसर गुणों के लिए जाना जाता है। कैंसर से बचाव के लिए आपको यह सब्जी जरूर खानी चाहिए।दिल को मजबूत बनाता हैकटहल में मौजूद विटामिन बी 6 रक्त में होमोसिस्टीन के स्तर को कम करने में मदद करता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम होता है। ऐसे में आपको इसे डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।इम्यूनिटी बूस्टर होता हैआप अगर बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो आपको कटहल जरूर खाना चाहिए। कटहल का सेवन करने पर यह एंटीऑक्सीडेंट क्षमता और लैक्टिक एसिड को बढ़ाता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार हैं।वेट लॉस के लिए कारगरआप कटहल को लंच ऑप्शन के रूप में खा सकते हैं। कटहल फाइबर से भरपूर होता है, जो वजन कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, कटहल में बहुत कम कैलोरी होती है, जो इसे वेट लॉस फ्रेंडली बनाता है।आंखों की रोशनी बढ़ाता हैयह विटामिन ए से भरपूर होता है, जो आंखों की रोशनी को बनाए रखने के लिए अच्छा माना जाता है। आपको अगर आंखों में दर्द की शिकायत रहती है, तो आपको डाइट में कटहल को जरूर शामिल करना चाहिए।
- खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए तेज पत्ता का इस्तेमाल अक्सर किया जाता है। ये पत्तियां खुश्बू से पूर्ण होती हैं जो खाने में स्वाद और खुशबू दोनों भर देती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जीरा और अजवाइन की तरह आप तेज पत्ता के पानी से भी अपने दिन की शुरुआत कर सकते हैं। इसे आप दो तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां दोनों तरीके और इसके फायदे बताए गए हैं। पढ़ें-तेज पत्ता पानी के फायदे1) हार्ट हेल्थ के लिए बेहतरीन- तेजपत्ते की चाय आपके दिल के लिए अच्छी है, इसमें पोटेशियम, एंटीऑक्सिडेंट और आयरन है। ये पोषक तत्व हृदय गति के साथ-साथ ब्ल प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं।2) बूस्ट होगा इम्यून सिस्टम-तेज पत्ता चाय विटामिन सी का एक स्रोत है, यह इम्यून सिस्टम के लिए भी बहुत अच्छा है और इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण को दूर रखते हैं।3) वजन घटाने में मददगार- तेजपत्ते की चाय में दालचीनी के गुण शामिल होते हैं जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं और वजन घटाने में मदद करती है। इसके अलावा ये आपके तनाव के स्तर को भी कम कर सकते हैं।4) केंसर के इलाज नें मददगार- इसके औषधीय गुणों के कारण, कुछ लोग कैंसर के इलाज के लिए भी तेज पत्ते की चाय का पीते हैं। इसके अलावा, इसके एंटी इंफ्लामेटरी गुण आपके शरीर को सूजन से बचाते हैं।5) कब्ज रोकने में मददगार- तेज पत्ते पाचन में सुधार करने के लिए भी जाने जाते हैं। यह कब्ज से छुटकारा दिलाने में कारगर है।कैसे बनाएं तेज पत्ता का पानीइसे बनाने के लिए एक पैन में पानी गर्म करें और फिर इसमें एक तेज पत्ता डालें। कुछ देर के लिए ढक दें और फिर इसे ढ़क दें। जब पानी उबल जाए तो इस एक ग्लास में डालें और सिप-सिप करते पीएं।बना सकते हैं तेज पत्ता की चायइसे बनाने के लिए, तेज पत्ते, एक चुटकी दालचीनी पाउडर, पानी, नींबू और शहद लें। फिर पत्तों को धो लें और एक बर्तन में पानी डालकर उबाल लें। फिर तेज पत्ता और दालचीनी पाउडर डालें और इसे 10 मिनट तक उबलने दें। आंच बंद कर दें और चाय को एक कप में छान लें। अब, अपने स्वाद के अनुसार कोई शहद या नींबू का रस मिलाएं। और फिर इस ड्रिंक का मजा लें।
- कई बार जल्दबाजी में गर्म खाना खाने या फिर चाय या कॉफी जैसे गर्म पेय पीने से व्यक्ति की जीभ जल जाती है। जो बाद में जीभ पर छाले या दर्द की वजह बन जाते हैं। जली हुई जीभ की वजह से व्यक्ति का कुछ भी खाना-पीना मुश्किल हो जाता है। अगर आप भी इस तरह की समस्या झेल चुके हैं तो अगली बार इस समस्या से तुरंत राहत पाने के लिए ये देसी नुस्खे अपनाना न भूलें।आइसक्रीम-तेज मिर्च या गर्म खाने की वजह से जीभ जलने पर आइसक्रीम का सेवन किया जा सकता है। आइसक्रीम जीभ की सूजन को कम करेगी और जीभ को आराम देगी। इसके लिए आप आइसक्रीम की छोटी-छोटी बाइट लें। इसको मुंह में रखकर तुरंत न खाएं बल्कि जीभ पर मेल्ट होने तक रखा रहने दें। इससे जलन में आराम मिलता है।शहद का सेवन-शहद में जीवाणुरोधी और सूजनरोधी गुण मौजूद होते हैं, जो जलन को कम करने में बेहद मददगार है। अपने मुंह में एक चम्मच शहद डालें और इसे निगलने से पहले थोड़ी देर मुंह में रहने दें। जल्द छालों से निजात पाने के लिए इसे दो-तीन बार इसी तरह मुंह में रखें।च्युइंग गम-पेपरमिंट वाले च्युइंग गम आपकी जीभ को ठंडक पहुंचाएंगे और आपको आराम मिलेगा। ये मुंह में थूक बनाने का काम जल्दी करते हैं जिससे मुंह हमेशा गीला रहेगा और दर्द से आराम मिलेगा।दही -जली हुई जीभ का इलाज करने के लिए दही सबसे अच्छा घरेलू उपचार है। इसमें ठंडक देने वाले गुण मौजूद होते हैं। जीभ जलने के तुरंत बाद एक चम्मच दही खाएं। एक चम्मच दही लें और इसे निगलने से पहले कुछ मिनटों के लिए अपनी जीभ पर रखें आपको आराम मिलेगा।पुदीना का सेवन-पुदीना में मेन्थॉल के गुण मौजूद रहते हैं जो जलन वाले हिस्से को सुन्न करके सूजन को कम करते हैं। पुदीने में मौजूद जीवाणुरोधी गुण स्किन को नुकसान पहुंचाने से बचाते हैं। आप जली हुई जीभ पर पुदीने का टूथपेस्ट लगा सकते हैं, ऐसा करने से आपको आराम मिलेगा।
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व्यस्त जीवनशैली और खानपान की खराब आदतें, एसिडिटी, कब्ज और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं का कारण बनती हैं। आज इस तरह की समस्याओं से लगभग हर शख्स परेशान है। चिंता की बात यह है कि लगातार कब्ज रहने से शरीर के पाचन तंत्र पर भी काफी बुरा असर पड़ता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को सिरदर्द, गैस, भूख में कमी, कमजोरी, जी-मिचलाना आदि समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। जो कई बार तमाम इलाज और दवाइयों के बाद भी पहले जैसी ही बनी रहती हैं।
एसिडिटी का इलाज अगर समय पर नही किया जाए तो यह समस्या बढ़ जाती है, जिससे हार्ट और अन्य कई तरह की बीमारियां हो सकती है। ऐसे में अगर आप भी कब्ज और एसिडिटी जैसी किसी समस्या से परेशान हैं तो उससे छुटकारा पाने के लिए काला नमक और अजवायन का ये घरेलू नुस्खा अपना सकते हैं।
ये है काला नमक और अजवायन का ये असरदार नुस्खा-
काला नमक और अजवायन का ये नुस्खा बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में अजवायन सेंक कर इसका पाउडर बना लें। इसमें काला नमक मिलाएं। इसे खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ लेने से एसिडिटी दूर होती है। अजवायन में मौजूद थायमॉल और काले नमक में अल्केलाइड्स होते हैं। इन दोनों को मिलाकर खाने से एसिडिटी दूर होती है।
कब्ज और गैस से राहत पाने के लिए-
अगर ऐसिडिटी और गैस से परेशान रहते हैं तो आपके लिए अजवाइन का नियमित सेवन बेहद फायदेमंद है। अगर नियमित नहीं लेते तो जिस दिन ज्यादा तेल-मसाले वाली चीजें खा लें, उस दिन अजवाइन जरूर खाएं। यह पेट में मौजूद हानिकारक तत्वों को खत्म करती है। खाना खाने के 10 मिनट बाद एक छोटा चम्मच साबुत अजवाइन चुटकीभर काला या सेंधा नमक के साथ लें और साथ में आधा गिलास पानी पी लें। हर दिन इसे सब्जियों में डालकर भी खा सकते हैं।
अत्यधिक सेवन से बचें-
अजवायन को आधे चम्मच से ज्यादा न लें, क्योंकि इसकी अधिक मात्रा लेने से उल्टी या फिर एलर्जी हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो इसे दो बार से ज्यादा इस्तेमाल न करें। यदि आपको लिवर संबंधी समस्या है या मुंह में छाले हैं तो इसका सेवन न करें। - अधिकांश लोग, बिना सोचे-समझे अपने स्वाद को प्राथमिकता देते हुए कुछ भी खा लेते हैं। चाहे परिणाम कुछ भी हो। ऐसा करने में युवा सबसे आगे हैं। युवाओं में देखा गया है कि वह पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को दरकिनार करते हुए अनहेल्दी खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। जिसके नुकसान बाद में होते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आप जो भी खाएं वह हेल्दी हो और घर का बना हो। इस लेख में हम आपको 10 ऐसे खाद्य पदार्थों की लिस्ट दे रहे हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं। इनका सेवन एक साथ करें....1. बींस और टमाटरबींस और टमाटर एक साथ खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। आप जब भी बींस की सब्जी बनाएं तो उसमें टमाटर जरूर डालें। टमाटर और बींस दोनों में ही आयरन प्रचुर मात्रा में होता है। जिन लोगों में खून की कमी है उन्हें इन दोनों फूड का सेवन जरूर करना चाहिए। बींस मसल्स बढ़ाने में भी मददगार है।2. सैंडविच और पालकआप ब्रेकफास्ट में या स्नैक्स के रूप में सैंडविच का सेवन जरूर करते होंगे। अगर आप सैंडविच में पालक का एक पत्ता भी मिलाकर खाएंगे तो एक दिन की जरूरत का 20 प्रतिशत तक विटामिन ए प्राप्त कर सकते हैं। इससे सैंडविच टेस्टी बन जाता है। सैंडविच में अधिक से अधिक सब्जियों को मिलाकर खाने से यह पोषक तत्वों से युक्त हो जाता है। इसके सेवन से आपको किसी तरह की प्रॉब्लम भी नहीं होती है।3. सालसा और सफेद चनेसालसा में थोड़ी मात्रा में भी अगर सफेद चने का मिश्रण करके सेवन करते हैं तो आपको काफी मात्रा में प्रोटीन मिल सकता है। प्रोटीन का विकल्प तलाश रहे लोगों के लिए सालसा और सफेद चने का मिश्रण बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह आपके पेट को भी हेल्दी रखने में आपकी मदद करता है। आप बिना कैलोरी बढ़ाए हेल्दी डाइट ले सकते हैं।4. ग्रीन टी और लेमन जूसग्रीन टी और नींबू का रस आप एक साथ ले सकते हैं। इसके सेवन से आप शरीर के विषाक्त पदार्थों को आसानी से बाहर निकाल पाते हैं। इसके सेवन से आपको भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट प्राप्त होता है जिससे आपका शरीर बीमारियों से मजबूती के साथ लड़ता है। इसमें मौजूद विटामिन सी आपको कई तरह से फायदा पहुंचाता है।5. दही और केलेयह एक्सरसाइज करने वालों और मसल्स बढ़ाने वालों के लिए एक बेहतरीन मिश्रण है, इसके सेवन से आप तेजी से मसल्स बढ़ा सकते हैं। वर्कआउट के बाद आप दही में केले को मैस कर के खा सकते हैं। दही में मौजूद प्रोटीन और कैल्शियम हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करता है। इसके अलावा केले में भरपूर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है, जो पुरुषों और महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद होता है।
- हमारी जीभ में सबसे ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं। फिर भी लोग जीभ को साफ करना जरूरी नहीं समझते और सफाई को हल्के में लेते हैं जिसके कारण मुंह के स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। जीभ को साफ करते समय गलती करेंगे, तो मुंंह की बदबू, दांतों में सडऩ और मसूड़े खराब होना आदि समस्याएं हो सकती हैं। आपको रात में सोने से पहले भी दांत और जीभ को साफ करके सोना चाहिए। जीभ को साफ रखने से मुंह का स्वाद बरकरार रहता है। आपको रोजाना 2 बार जीभ की सफाई करना चाहिए। आइये जानते हैं कि जीभ की सफाई के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए....जीभ को तेज रगडऩाजीभ साफ करते समय आपको ध्यान रखना है कि जीभ को ज्यादा जोर से न रगड़ें। ऐसा करने पर जलन हो सकती है। अगर टंग क्लीनर से जीभ साफ करने में मुश्किल होती है, तो आप चम्मच का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। टूथब्रश का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन जीभ को खरोंच लगने से बचाने के लिए कोमल ब्रश इस्तेमाल करें। कई लोग माउथवॉश के जरिए जीभ को साफ करते हैं, लेकिन इससे भी जीभ में जलन हो सकती है।टंग क्लीनर को साफ न करनाजीभ को साफ करने के साथ-साथ टंग क्लीनर को भी साफ करना जरूरी है। अगर आप गंदे टंग क्लीनर का इस्तेमाल रोजाना करेंगे, तो जीभ के बैक्टीरिया खत्म होने के बजाय बढ़ जाएंगे। टंग क्लीनर को इस्तेमाल के बाद साफ पानी से क्लीन करें। उसके बाद एक बाउल में पानी लें और उसमें लक्विड सोप डालें। विनेगर और नींबू भी मिलाएं ब्रश की मदद से टंग क्लीनर को साफ करें। फिर उसे धूप में सुखाना न भूलें। इससे टंग क्लीनर में मौजूद कीटाणु पूरी तरह से नष्ट हो जाएंगे।जीभ साफ कैसे करें?-जितना हो सके अपनी जीभ को बाहर निकालें।-इसके बाद टंग क्लीनर की मदद से जीभ को ऊपर से नीचे की ओर साफ करें।-जीभ को टंग क्लीनर से साफ करने के बाद साफ पानी से कुल्ला करें।-पानी को मुंह में अच्छी तरह से घुमाकर बाहर निकालें।-इससे जो गंदगी निकली है वो मुंह से बाहर निकल जाएगी।-जीभ साफ करने का सही तरीका आपने जान ही लिया है। इन टिप्स को प्रयोग में जरूर लाएं।
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केला खाने के बाद उसका छिलका फेंक देते हैं तो अगली बार ऐसा करने से पहले एक बार जरूर सोच लें। जी हां, सिर्फ केला ही नहीं उसके छिलके भी आपकी कई समस्याओं को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। केले के छिलकों में विटामिन बी-6, बी-12, पोटेशियम और मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है, जो त्वचा संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद माने जाते हैं। आइए जानते हैं कैसे।
मस्सों से दिलाए छुटकारा-
मस्सों की समस्या से छुटकारा दिलाने में भी केले का छिलका बेहद फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, एक शोध में माना गया है कि केले के छिलके में मौजूद कुछ खास तत्व मस्सों से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए आप केले के छिलके के टुकड़े को मस्से वाले स्थान पर रात भर के लिए रखें। इस प्रक्रिया को नियमित अपनाने से मस्सा धीरे-धीरे खत्म हो सकता है।
मुंहासों से करे बचाव-
केले के छिलके में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। यह गुण मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करके त्वचा को रिपेयर करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए आप केले के छिलके को पीसकर उसका फेसपैक चेहरे पर लगा सकते हैं या छिलके को प्रभावित त्वचा पर सीधे रगड़ कर उपयोग कर सकते हैं।
झुर्रियां कम करें-
केले के छिलके में मौजूद एंटी-माइक्रोबियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाले) और एंटी-ऑक्सीडेंट (सूजन को कम कर त्वचा को रिपेयर करने में सहायक) गुण त्वचा संबंधी कई समस्याओं को ठीक करने के साथ झुर्रियों को भी दूर करने में लाभकारी परिणाम दे सकते हैं।
अल्ट्रा वायलेट किरणों से करे बचाव-
विशेषज्ञों के मुताबिक, केले के छिलके में फेनोलिक कंपाउंड अधिक मात्रा में उपलब्ध होते हैं। शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि फेनोलिक कंपाउंड त्वचा को अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाने में मददगार साबित हो सकते हैं। यही वजह है कि यह माना जा सकता है कि केले के फेस पैक को नियमित चेहरे पर उपयोग करने से सूरज से होने वाले अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन से बचा जा सकता है।
दांतों को बनाए चमकदार-
अगर आपके दांतों में पीलापन आ रहा है तो आप केले के छिलके का प्रयोग करके उन्हें मोतियों जैसा चमका सकते हैं। केले के छिलके में पोटैशियम, मैग्नीशियम और मैंगनीज की अच्छी मात्रा माई जाती है। ये दांतों में अवशोषित होकर उन्हें सफेद और चमकदार बनाने में मदद कर सकते हैं। इस उपाय को करने के लिए केले के छिलके का एक टुकड़ा लेकर दांतों पर कुछ देर घिस लें। -
अंगूर का खट्टा मीठा स्वाद कई लोगों को पसंद होता है. खासतौर पर बच्चों को अंगूर काफी ज्यादा पसंद होते हैं. यह स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होती है. हाल ही में रिसर्च हुआ है कि अंगूर का नियमित रूप से सेवन करने से लंबी आयु की जा सकती है. दरअसल, इसमें हाई क्वालिटी के फैट होते हैं, जो लिवर डिजीज के खतरे को कम कर सकते हैं. इसके अलावा यह कई गुणों से भरपूर होता है, इसमें कई जरूरी पोषक तत्व जैसे- विटामिन सी, विटामिन ए, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. यह गुण आपकी उम्र को बढ़ाने में असरदार होते हैं.
एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंगूर में एंटी-इंफ्लोमेटरी गुण और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आपके शरीर को फ्री-रेडिकल्स से सुरक्षित रख सकते हैं. इसके सेवन से शरीर में होने वाली सूजन को कम किया जा सकता है. साथ ही यह शरीर के सेल्स और डीएनए को हेल्दी रखने में मददगार हो सकते हैं.
अंगूर खाने से सेहत को होने वाले फायदे-------
बढ़ा सकता है आपकी उम्र
अंगूर का सेवन करने से आपकी उम्र लंबी हो सकती है. रिसर्च के मुताबिक, अंगूर अन्य चीजों की तुलना में करीब 4 से 5 साल अधिक उम्र बढ़ा सकता है.
कैंसर का खतरा होता है कम
अंगूर में एंटी-ऑक्सीडेंट आपके शरीर को फ्री रेडिकल्स से नुकसान होने में बचाते हैं. इससे शरीर में कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोका जा सकता है, जिससे आप कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं.
इम्यूनिटी होती है मजबूत
अंगूर विटामिन सी का काफी अच्छा स्त्रोत माना जाता है. यह संक्रमण से लड़ने में आपकी मदद कर सकता है. इसके अलावा यह बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में काफी मददगार हो सकता है. यह कई तरह की छोटी-छोटी से बीमारियों को दूर कर सकता है.
हाई ब्लड प्रेशर करे कम
अंगूर में सोडियम की मात्रा कम होती है, जो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कंट्रोल कर सकता है. अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर है तो आप अंगूर का सेवन कर सकते हैं. यह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
दिल की बीमारी रखे दूर
अंगूर में सोडियम की मात्रा कम होती है. साथ ही पोटैशियम की मात्रा भी काफी अच्छी होती है, जो हार्ट संबंधी बीमारियों को दूर करने में प्रभावी होता है. इसके अलावा अंगूर का नियमित रूप से सेवन करने से आपकी हड्डियां भी मजबूत रहती हैं. -
अच्छे स्वास्थ्य के लिए दैनिक आहार में फलों को शामिल करने की सलाह हमेशा से दी जाती है। फलों का सेवन शरीर को बीमारियों से बचाने के साथ-साथ त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए भी किया जाना जरूरी है। फलों में अगर सेब की बात की जाए तो इसे सबसे खास माना जाता है। ‘सेब’ आंतरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ स्किन को कई तरीके से लाभ पहुंचा सकता है। यही कारण है कि इसका प्रयोग कई सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाने लगा है।
आइए जानते हैं सेब आपकी स्किन के लिए कैसे काम करता है।
1. स्किन की सूजन कम करता है
अच्छी सेहत के लिए सेब खाने के लाभ तो आपने सुने ही होंगे। इसके साथ ही सेब का इस्तेमाल स्किन से जुड़ी सूजन की परेशानी जैसे एक्जिमा (त्वचा पर लाल चकत्तों के साथ खुजली और सूजन) और पफीनेस में भी लाभकारी हो सकता है। असल में, इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो स्किन से जुड़ी इंफ्लेमेटरी परेशानियों में राहत पहुंचाने का कार्य कर सकता है।
2. त्वचा में निखार लाता है
सेब का उपयोग ग्लोइंग त्वचा पाने के लिए भी किया जा सकता है। एनसीबीआई की रिसर्च में जिक्र मिलता है कि इसमें विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव पाया जाता है। जो एजिंग के लक्षण जैसे झुर्रियों को कम कर सकते हैं और स्किन को चमकदार बनाने का कार्य कर सकते हैं।
3. एंटी-एजिंग गुणों से भरपूर
बढ़ती उम्र के साथ स्किन से संबंधित कई परेशानियां हो सकती हैं, जिनमें स्किन पर दिखने वाले एजिंग प्रभाव (जैसे चेहरे पर झुर्रियां) भी शामिल हैं। सेब में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव पाया जाता है, जो एजिंग के प्रभाव को कम कर झुर्रियों की परेशानियों से बचाव या उन्हें कम करने में सहायता कर सकता है।
4. मुंहासों को दूर करे
सेब का प्रयोग अच्छी स्किन को पाने के साथ ही मुंहासों की परेशानी से बचाव और इसे कम करने के लिए भी किया जा सकता है। सेब में विटामिन-सी पाया जाता है और विटामिन-सी मुंहासों को कम करने में सहायता कर सकता है। साथ ही इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव भी पाया जाता है, जो मुहांसों के कारण होने वाली सूजन को कम करने में सहायक हो सकता है।
अब जानिए स्किन के लिए कैसे करें सेब का प्रयोग----------
स्किन पर सेब के रस को सीधे प्रयोग किया जा सकता है।
सेब के छिलके के पाउडर को गुलाब जल के साथ मिक्स करके चेहरे पर पैक की तरह लगाया जा सकता है।
आधे सेब को चेहरे पर धीरे-धीरे रगड़ते हुए क्लींजर की तरह प्रयोग किया जा सकता है।
सेब के पाउडर को मुल्तानी मिट्टी के साथ मिक्स करके एप्पल फेस पैक बनाकर लगाया जा सकता है।
रोजाना एक सेब का सेवन स्किन को झुर्रियों से बचाने के साथ ही स्किन पर ग्लो लाने में मददगार हो सकता है।
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लीवर में फैट के बढ़ने को फैटी लीवर रोग (Fatty Liver Disease) कहा जाता है। लोगों के मन में ये सवाल होता है कि आखिर इसका पता कैसे चलता है कि लिवर फैटी है या नहीं? तो बता दें कि जब शरीर में मौजूद कुल फैट की मात्रा लिवर के वजन से 10 प्रतिशत ज्यादा हो जाए तो उस स्थिति को फैटी लिवर कहते हैं। लिवर पर फैट जमने से खाना पचाने में परेशानी होने लगती है और मरीज के पेट में दर्द के साथ ही दूसरे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। परेशानी बढ़ने पर लिवर में सूजन भी आ सकती है। खान-पान पर ध्यान दिया जाए तो आप इससे छुटकारा पा सकते हैं।
फैटी लीवर की समस्या में क्या खाएं?
1)अखरोट और लहसुन- अखरोट में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड फैटी लीवर वाले लोगों की मदद कर सकते है। अध्ययनों से पता चलता है कि बिना अल्कोहल फैटी लिवर रोग में अखरोट खाने से लिवर फंक्शनिंग बेहतर हो सकती है। इसी के साथ लहसुन के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण फैटी लीवर की बीमारी वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
2) ब्रोकोली - रिपोर्ट्स के मुताबिक फैटी लीवर वाले लोगों को अपने खाने में ज्यादा सब्जियों को शामिल करना चाहिए। ब्रोकली एक ऐसी सब्जी है जो न सिर्फ आपको वजन कम करने में मदद करेगी बल्कि फैटी लीवर की बीमारी में भी मदद करेगी। दूसरी सब्जियां जैसे गाजर, कद्दू, पत्तेदार साग, चुकंदर, फूलगोभी, हरा प्याज और अजवाइन फैटी लीवर की बीमारी वाले लोगों के लिए अच्छे हैं।
3) ओमेगा 3 फैटी एसिड- शोध में कहा गया है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड लीवर में फैट के लेवल और फैटी लीवर वाले लोगों में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। फैट युक्त मछली जैसे सैल्मन, टूना, सार्डिन, अलसी और अखरोट सभी ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर खाने की चीजे हैं।
4) एवोकाडो- एवोकाडो में मौजूद हेल्दी फैट वजन घटाने और फैटी लीवर की बीमारी दोनों के लिए बहुत अच्छा होते हैं। ये एंटीइंफ्लामेटरी गुण और घुलनशील फाइबर से भी भरा होता है जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा ये ब्लड शुगर को भी कम कर सकता है।
फैटी लीवर रोग से बचने के लिए क्या न खाएं-----------
फैटी लिवर रोग में शराब मुख्य रूप से जिम्मेदार होती है। शराब को बहुत ज्यादा पीने से लीवर खराब हो सकता है, फैटी लीवर हो सकता है और यहां तक कि लीवर सिरोसिस भी हो सकता है। फैटी लीवर की बीमारी वाले व्यक्ति को शराब से बचना चाहिए या इसका सेवन कम से कम करना चाहिए। इसके अलावा शक्कर, फ्रइड खाना, और पैकेज खाने से भी बचना चाहिए। - स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार रात को 8 बजे के बाद डिनर करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है और सोने और खाने के बीच 2 घंटे का गैप होना आवश्यक है। दरअसल खाना लेट खाने से या खाने के तुरंत बाद सो जाने से भोजन ठीक से नहीं पचता और शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमी गति से काम करने लगता है। आइए जानते हैं खाना लेट खाने से किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं।वजन बढ़ सकता हैलगातार लेट खाना खाने से तेजी से वजन बढऩे की समस्या पैदा हो सकती है। अगर आप वजन को कंट्रोल रखना चाहते हैं, तो खाना खाने और सोने के बीच 2 से 3 घंटे का गैप अवश्य रखें। देर रात डिनर करने से बचें। अगर किसी दिन लेट हो भी जाएं, तो उस रात कुछ हल्का खाएं। रात को फास्ट फूड खाने से बचें।पाचन में दिक्कतदेर से खाना खाने से खाना पचने में परेशानी होती है, जिस कारण अगली सुबह ठीक से पेट साफ नहीं होता। लगातार रात को देर से खाना खाने से कब्ज और अपच की समस्या भी पैदा हो सकती है। देर से खाया गया खाना आसानी से नहीं पचता, जिस कारण पाचन तंत्र से जुड़ी अन्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।नींदलेट खाना खाने की वजह से नींद नहीं आने की समस्या भी हो सकती है। देर रात भोजन करने की वजह से शरीर की नैचुरल साइकिल पर असर पड़ता है, जिस कारण सोते समय व्यक्ति बैचेनी भी महसूस करता है और उसे काफी देर तक नींद नहीं आती। नींद नहीं आने का एक कारण लेट भोजन करना भी हो सकता है।एनर्जी लेवल होता है कमदेर रात खाना खाने से आप एनर्जी में कमी को महसूस कर सकते हैं। रात में देर से खाना खाने के बाद अगले दिन जब आप उठते हैं, तो आपको कब्ज, सिरदर्द और अन्य समस्याओं के कारण एनर्जी लेवल में कमी महसूस हो सकती है। कई बार लेट भोजन करने से ठीक से नींद भी नहीं आती, जिस कारण दिमाग काफी बोझिल लगने लगता है और एनर्जी लेवल में कमी आती है।ब्लड प्रेशर और अन्य बीमारियों का खतरालगातार लेट खाना खाने की वजह से ब्लड प्रेशर बढऩे, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज की समस्या पैदा हो सकती है। दरअसल रेगुलर डिनर लेट करने से आपका वजन बढ़ता है और ब्लड शुगर अनियंत्रित रहता है। इसके कारण आपको बीपी और हार्ट से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है।रात को भोजन सही समय से करने पर शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। अगर कभी रात को देर से भोजन करें को ध्यान रखें कि हल्का भोजन करें और खाने में फाइबर की मात्रा को ज्यादा लें। फाइबर पचने में आसान भी होता है और पेट को साफ रखने में भी मदद करता है।---
- कुछ लोग हर सुबह घंटों टॉयलेट में बिताते हैं, इसके बाद भी उनका पेट साफ नहीं होता है। अगर पेट ठीक से साफ न हो तो शरीर में कई बीमारियां होने का डर रहता है। पेट साफ करने के लिए आप हर रोज आंवले के चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। आंवले के चूर्ण का अगर ठीक से सेवन किया जाए, तो ये पेट तो साफ रखता ही है, साथ ही पाचन तंत्र को मजबूत बनाने का काम भी करता है।आंवला चूर्ण खाने का सही तरीका-आंवला चूर्ण को खाने के लिए सबसे पहले एक चम्मच चूर्ण को लेकर इसे रात भर के लिए गिलास में भिगो कर रखें।-सुबह उठने के बाद इस पानी को छलनी की सहायता से छान लें। अब इस पानी को सुबह खाली पेट पिंए।-ये पानी पीने के 15 से 20 मिनट के बाद ही आपका पेट साफ हो जाएगा।-अगर इस पानी का स्वाद आपको खराब लग रहा है, तो आप खाली पेट एक चम्मच आंवले का चूर्ण में थोड़ा काला नमक मिलाकर खाएं और फिर गुनगुना पानी पी लें।-अगर आपको कोई ऐसी बीमारी या एलर्जी है, जिसकी दवा चल रही है, तो इस पानी और चूर्ण का सेवन न करें। ये आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। सेवन करने से पहले डॉक्टर से अवश्य बात करें।आंवला चूर्ण खाने के फायदेवजन घटाने में मददगारआंवला शरीर के मेटाबोलिक रेट को सुधारने में मदद करता है, जिस कारण शरीर पर फैट जमा नहीं होता और वजन घटाने में मदद मिलती है। वजन घटाने के लिए आंवले का चूर्ण खाना खाने से पहले खाएं।त्वचा को हेल्दी रखने में मदद करता हैआंवला पानी का नियमित सेवन करने से पिंपल्स, झाइयां और डल त्वचा की समस्या दूर होती है। स्किन के लिए आंवले के चूर्ण का नियमित सेवन करें। आंवले का चूर्ण त्वचा पर ग्लो भी लाता है। इस चूर्ण को लेने से बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में भी मदद मिलती है।पाचन में करें मददआंवले का चूर्ण पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। इसको नियमित खाने से कब्ज, एसिडिटी और जी मिचलाने जैसी समस्याओं से निजात मिलता है। आंवले में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पेट तो साफ रखने में मदद करता है। इसको नियमित सेवन करने से भूख भी बढ़ती है। आंवले का चूर्ण शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम भी करता है।डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोलआंवले का चूर्ण नियमित सेवन करने से डायबिटीज और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। आंवले में मौजूद क्रोमियम कंटेंट शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।फर्टिलिटी में सुधार करता हैआंवले का चूर्ण पुरुष और महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने का काम करता है। नियमित इसके सेवन से गर्भाधारण की संभावना बढ़ती है। आंवले का चूर्ण पुरुषों में स्पर्म की क्वालिटी को बढ़ाता है।आंवले का चूर्ण सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन अगर आपको कोई बीमारी या इंफेक्शन की समस्या है, तो डॉक्टर से पूछ कर ही इसका सेवन शुरू करें।
- चेहरे की कई समस्याओं को दूर करने के लिए फिटकरी एक रामबाण औषधि है। चेहरे पर फिटकरी का प्रयोग दाग-धब्बों से छुटकारा पाने और साफ-दमकती त्वचा के लिए बहुत प्रभावी उपचार है। इन दिनों लोगों के चेहरे पर झाइयों की समस्या भी काफी देखने को मिल रही है, जिसके शरीर में खून, पोषक तत्वों की कमी, प्रदूषण और धूप में अधिक समय बिताने से लेकर त्वचा संबंधी कोई एलर्जी तक कई कारण हो सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं झाइयों की समस्या को दूर करने में भी फिटकरी बहुत लाभकारी है? जी हां, फिटकरी की मदद से आप झाइयों की समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है।बहुत से लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि फिटकरी से झाइयां कैसे दूर करें या झाइयों से छुटकारा पाने के लिए चेहरे पर फिटकरी का इस्तेमाल कैसे करें? चिंता न करें, इसमें आपकी मदद करने के लिए हम यहां हैं। इस लेख में हम आपको झाइयां दूर करने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल कैसे करें? इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।झाइयों से छुटकारा पाने के लिए आप फिटकरी के पाउडर का प्रयोग कर सकते हैं। आपको आधा छोटा चम्मच फिटकरी पाउडर लेना है और इसे 25-30द्वद्य पानी में घोल लेना है। पानी में फिटकरी को अच्छी तरह मिलने तक मिक्स करें। इस मिश्रण को रात में चेहरा धोकर और सोने से आधे घंटे पहले झाइयों और पूरे चेहरे पर लगाएं। कुछ मिनट तक चेहरे की मसाज करें और इस मिश्रण को चेहरे पर छोड़ दें। आधे घंटे बाद सादे पानी से चेहरा धो लें और मॉइस्चराइजर लगाएं।आप चाहें तो इस मिश्रण को त्वचा पर रात भर के लिए भी छोड़ सकते हैं और सुबह सादे पानी से धो लें। ध्यान रखें कि चेहरा धोने के लिए साबुन या फेसवॉश का प्रयोग न करें।इसके अलावा आप झाइयां हटाने के लिए फिटकरी को चेहरे पर फेस पैक की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए आप एलोवेरा या जैतून के तेल में आधा चम्मच फिटकरी डालकर, इसका एक पेस्ट बना सकते हैं। इसे चेहरे पर लगाएं, कुछ मिनट मालिश करें और 20-25 मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद सादे पानी से धो लें और त्वचा को मॉइस्चराइज करना न भूलें।चेहरे के लिए फिटकरी के अन्य फायदे--झाइयां के साथ ही फिटकरी त्वचा से दाग-धब्बों को साफ करती है।-यह त्वचा को टाइट करती है, जिससे झुर्रियां और फाइन लाइन्स कम होती हैं और आप जवां नजर आते हैं।-कील-मुंहासों से छुटकारा पाने में मदद करती है।-त्वचा को एक्सफोलिएट करती है और डेड स्किन से छुटकारा दिलाती है।-त्वचा की रंगत साफ होती है और आपको ग्लोइंग स्किन पाने में मदद मिलती है।-पिगमेंटेशन और टैनिंग को साफ करने में भी फिटकरी बहुत लाभकारी है।इस तरह फिटकरी का इस्तेमाल करने से आपको झाइयों को जल्द छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। हालांकि, अगर झाइयां किसी मेडिकल कंडीशन, आनुवंशिकी या शरीर में कुछ कमियों के कारण हैं, तो ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जिससे कि वह आपको सही उपचार प्रदान कर सके।
- युवाओं की लाइफस्टाइल थोड़ी अलग है जो हमारे दादा-दादी या घर के पुराने सदस्यों को रास नहीं आती। वो हमेशा ताना मारते हैं कि इतनी देर तक सोना फिर उठना और खाना, ये जीने का सही ढंग नहीं है। ये वाक्य सबको सुनने को मिलता होगा और जब आपकी तबियत खराब होती है तो उनको लगता है गलत दिनचर्या के वजह से आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, लेकिन ये सच नहीं है। इंसान का शरीर कई अंगों से मिलकर जरूर बना है और इन्हे कंट्रोल करने का काम दिमाग के न्यूरॉन्स और हार्मोन्स करते हैं। . हार्मोन्स दिमाग को संकेत देता है जिससे आप खुशी, दुख और भूख लगने का एहसास करते हैं। ये सब आपका हार्मोन्स करवाता है। आइए जानते हैं. हार्मोन्स को कंट्रोल में रखने के लिए डेली डाइट में क्या शामिल करना चाहिए।आलूबुखाराआलूबुखारा खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद फाइबर, एंटी ऑक्सीडेंट्स, विटामिन और खनिज की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो आपके स्किन और दिमाग को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसे रोजाना खाने से तनाव नहीं होता है।ड्रायफ्रूटरोजाना तनाव पूर्ण जीवन जीने से आपका ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है। काजू, पिस्ता और बादाम जैसे सूखे मेवे स्वस्थ फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत हैं। जो आपको डेली डाइट में खाना चाहिए, क्योंकि इसमें विटामिन ई और विटामिन बी की मात्रा भरपूर होती है जो तनाव को कम करने में मदद करती है। इससे मूड स्विंग की समस्या भी कंट्रोल हो सकती है।बेरीज का सेवनअक्सर दिमाग को तेज करने के लिए अखरोट, किशमिश खाने की सलाह दी जाती है जबकि बेरीज खाने से आपके दिमाग के काम करने की क्षमता दोगनी तेजी से बढ़ सकती है. क्योंकि इसमें मौजूद फ्लेवनॉइड्स आपके दिमाग में खून का संचार तेजी से करता है, जिससे आपके बुद्धि का विकास होता है और तनाव को कम करने के लिए इसे रामबाण माना जाता है।
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जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है, तो हम गठिया बीमारी के शिकार हो जाते हैं. ये तब होता है जब बॉडी से विषैला पदार्थ बहार न निकले और वो अंदर ही रह जाए. इससे यूरिक का लेवल बॉडी में बढ़ने लगता है. इस समय आपको बीयर का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. क्योंकि इसमें प्यूरिन की मात्रा अधिक होती है और साथ ही हमें हमारे खान पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए, अगर आप भी इस बीमारी से पीड़ित हैं तो ये खास जानकारी आपके लिए है. आइए जानते हैं इसे कैसे कंट्रोल करें.
फूलगोभी और मशरुम का न करें सेवन--
यूरिक एसिड से पीड़ित लोगों को फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रसेल्स, स्प्राउट्स और मशरूम नहीं खाना चाहिए. क्योंकि इसमें प्यूरीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, इसलिए इन चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए.
प्रोटीन फूडस को रखें दूर--
खास तौर पर देखा जाए तो प्रोटीनयुक्त खाने को कभी मना नहीं किया जाता है. लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जिसमें प्रोटीन जैसे खाने का भी त्याग करना होता है. प्रोटीन युक्त भोजन यूरिक एसिड वाले मरीजों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. जैसे - दूध, दही, राजमा, हरी मटर, पालक, दाल आदि का सेवन करने से परहेज करें. क्योंकि प्रोटीन फूडस में लगभग 100 से 200 ग्राम प्यूरिन होता है.
शुगर ड्रिंक्स--
इनमें ज्यादा चीनी वाले फूड्स, पैकेजिंग ड्रिंक्स, सोडा, शिकंजी आदि आते हैं. इन सभी चीजों को खुद से जितना दूर रखेंगे, आपके लिए उतना अच्छा है. क्योंकि इन पदार्थों से बॉडी में यूरिक की मात्रा बढ़ती है, जिससे आपकी परेशानी और बढ़ सकती है, इसलिए इनसे परहेज करते रहें.
रात में दाल चावल न खाएं--
यूरिक एसिड वाले मरीजों को रात में सिंपल खाना खाना चाहिए कोई भी छिलके वाला दाल या रात के समय दाल और चावल का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए, इससे यूरिक का लेवल और बढ़ता है जिससे और बीमारियों के संकेत मिलने शुरू हो सकते हैं, तो कोशिश करिए कि आपको ये जरूरत ही न पड़े, उसके पहले ही आप डाइट में बदलाव कर लें. - मुंह के छाले काफी कॉमन समस्या है जो किसी को भी हो सकती है। ये आपके मसूड़ों, जीभ, भीतरी गालों, होंठों या तालू के कोमल टिशू की परत में होते हैं। ज्यादातर मामलों में छालों के लिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं होती। हालांकि, इसकी वजह से दर्द और बहुत सारी परेशानी हो सकती है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप दादी-नानी के कुछ नुस्खों को अपना सकते हैं।बड़े काम के हैं दादी-नानी के ये नुस्खे--1) गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच नमक मिलाएं और फिर इससे कुल्ला करें। इसके बाद सादे पानी से गरारे करें। यह दर्द और बेचैनी को शांत करने में मदद करता है।2) लौंग का इस्तेमाल इसके यूजेनॉल और रोगाणुरोधी गुणों के लिए ऑरल हाइजीन के लिए कई प्रोडक्ट में किया जाता है। छालों पर सीधे तेल लगाने से आराम मिलता है। इसे लगाने के बाद गर्म पानी से कुल्ला करें।3) कई अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन सी की कमी से मुंह में छाले हो सकते हैं। ऐसे में संतरा का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये विटामिन सी से भरपूर होता है जो मुंह के छालों को ठीक करने में मदद कर सकता है। रोजाना दो गिलास फ्रेश संतरे का जूस पिएं।4) छालों से छुटकारा पाने के लिए आप नारियल तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। सोने से पहले तेल को सीधे छाले पर लगाएं। नारियल के तेल में रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो नैचुरल रूप से छालों को कम करने में मदद करते हैं।5) शहद को सीधे छाले पर लगाएं और बेहतर रिजल्ट के लिए हर कुछ घंटों में इसे फिर से लगाएं। शहद में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण किसी भी खुले घाव को जल्दी ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
- मानसून में ऑयली हेयर की प्रॉब्लम्स बहुत बढ़ जाती है। खासतौर पर अगर आपके बाल बहुत ज्यादा ऑयली है, तो फिर आपके बाल हर दूसरे दिन गंंदे दिखने लगते हैं लेकिन रोजाना बालों को धोना भी हेल्दी ऑप्शन नहीं है क्योंकि ऐसा करने से बालों का नेचुरल ऑयल खत्म हो जाता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप बालों का सही तरीके से ख्याल रखें। ---------------आइए, जानते हैं कुछ टिप्स--ऑयली बालों को सप्ताह में तीन से चार बार ही धोएं लेकिन रोजाना धोने से बचें।-अगर आपकी स्कैल्प ऑयली है, तो आपको इसे दिन में एक बार धोने की जरूरत हो सकती है।-केमिकल ट्रीटमेंट से बाल बहुत रफ हो जाते हैं। ऐसे में अगर आपने वालों में केमिकल ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया है, तो आपको हेयर मास्क का महीने में कम से कम तीन बार इस्तेमाल करना चाहिए।-उम्र बढ़ने के साथ स्कैल्प कम ऑयली होती है। ऐसे में आपको बार-बार शैम्पू करने की जरूरत नहीं पड़ती।-अपने बालों को धोते समय, बालों की पूरी लंबाई को धोने के बजाय खासतौर पर स्कैल्प की सफाई पर ध्यान दें।-शैम्पू के बाद कंडीशनर का इस्तेमाल करें।। कंडीशनर का उपयोग चमक बढ़ाने, हानिकारक यूवी किरणों से कुछ सुरक्षा प्रदान करके डैमेज हेयर को रिपेयर करने में कारगर है।-बालों के सिरों पर कंडीशनर लगाएं क्योंकि कंडीशनर से बाल सॉफ्ट और हाइड्रेट रहते हैं, जिससे स्पिल्ट हेयर की प्रॉब्लम्स नहीं होती है।-स्विमिंग करते समय बालों को सुरक्षित रखें। तैरने से पहले अपने बालों को गीला और कंडीशनिंग करके क्लोरीन के हानिकारक प्रभावों से अपने बालों को सुरक्षित रखें। टाइट-फिटिंग स्विम कैप पहनें और खोई हुई नमी को बदलने के लिए तैरने के बाद खासतौर पर तैयार किए गए स्विमर्स शैम्पू और डीप कंडीशनर का इस्तेमाल करें।
- जीरा और सौंफ का पानी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप रोजाना सुबह खाली पेट जीरा और सौंफ के पानी का सेवन करते हैं तो इससे अद्भुत फायदे मिलते हैं। यह आपके पाचन को मजबूत बनाता है, और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में भी मदद करता है। यह शरीर के लिए प्राकृतिक डिटॉक्स ड्रिंक है, जो शरीर में जमा गंदगी और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में बहुत सहायक है। लेकिन क्या आप जानते हैं, वजन घटाने के लिए भी जीरा का पानी बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है?वजन घटाने के लिए सौंफ और जीरा का पानी पीने के फायदे-1. मेटाबॉलिज्म होता है तेजवेट लॉस हो या फैट लॉस, दोनों के लिए ही मेटाबॉलिज्म का तेज होना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह तेजी से कैलोरी को बर्न करने में अहम भूमिका निभाता है। जब आपका मेटाबॉलिज्म ठीक तरह से काम करता है, तो आप दिन भर के सामान्य काम करते हुए कैलोरी बर्न करते हैं। साथ ही अगर कोई फिजिकल एक्टिविटी करते हैं, तो इससे तेजी से कैलोरी बर्न होती हैं, जिससे वजन घटाने में सहायता है।2. शरीर को डिटॉक्स करता हैशरीर से अपशिष्ट पदार्थ और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में जीरा और सौंफ का पानी बहुत सहायक है। यह हानिकारक पदार्थ शरीर में चर्बी को बढ़ावा देते हैं। जिससे शरीर का वजन बढ़ता है। यह आपके पाचन और मेटाबॉलिज्म को भी प्रभावित करता है। लेकिन जीरा और सौंफ का पानी पीने से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है3. पाचन को बेहतर बनाता हैवजन घटाने के लिए पाचन का मजबूत होना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह भोजन के पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण बेहतर बनाने में मदद करता है। यह जरूरत के अनुसार भोजन को एनर्जी में परिवर्तित करता है और अनावश्यक भोजन को अपशिष्ट पदार्थों के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करता है।4. सूजन से लड़ता हैजीरा और सौंफ के बीज बायोएक्टिव यौगिक से भरपूर होते हैं। इनमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिससे यह सूजन से लडऩे में बहुत लाभकारी हैं। मोटापा सूजन को ट्रिगर करता है, इसलिए जीरा और सौंफ का पानी पीने से वजन घटाने में बहुत कारगर है।वजन घटाने के लिए जीरा और सौंफ का पानी कैसे बनाएंइसके लिए आपको एक पाव पानी में एक छोटा चम्मच जीरा और एक छोटा चम्मच सौंफ डालना है और अच्छी तरह उबालना है। इसे छान लें और इसमें नींबू का रस और शहद मिलाकर इसका सेवन करें। इससे आपको तेजी से वजन घटाने में मदद मिलेगी।
- अधिकतर घरों में दाल भोजन का अभिन्न अंग होता है। दाल सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। अगर आप दिल को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो आपको अपनी डाइट में कुछ दालों को जरूर शामिल करना चाहिए। ये दालें शरीर को स्वस्थ रखने के साथ दिल को भी हेल्दी रखने में मदद करती हैं। आइये जानते है इन दालों के बारें में।मूंग दालमूंग दाल पचने में काफी आसान होती है। इस दाल को बच्चे और बुजुर्गों को भी आसानी से दिया जा सकता है। ये दाल खाने में काफी स्वादिष्ट होती है और पौष्टिक होती है, जिस कारण बीमार व्यक्ति को भी ये दाल आसानी से दी जा सकती है। मूंग दाल में फोलेट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और मैग्नीशियम पाए जाते हैं, जो हार्ट के लिए हेल्दी माने जाते हैं।उड़द दालउड़द दाल खाने में काफी स्वादिष्ट होती है। इस दाल को नियमित डाइट में शामिल करने से हृदय स्वस्थ रहता है। उड़द दाल में काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं, जो दिल को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। ये दाल ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करती है। ये दाल थोड़ी भारी होती है इसलिए कोशिश करें कि इसे दिन में ही खाएं।मसूर दालमसूर दाल घर में अधिकतर सभी को पसंद होती है। ये दाल आसानी से पच जाती है। इस दाल को बनाना भी आसान होती है। मसूर दाल में कैल्शियम, कार्बोहाइडेट, फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो दिल को हेल्दी रखने में मदद करता है।लोबियालोबिया सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। लोबिया में भरपूर मात्रा में फाइबर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है। लोबिया को दाल की तरह ही बनाया जाता है। लोबिया ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करती है। इसे लंच या डिनर में आसानी से खाया जा सकता है।ये सभी दालें घर में बच्चों से लेकर बुजुर्गों को आसानी से दी जा सकती हैं। दाल प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत होती है। प्रोटीन लेने से शरीर मजबूत होने के साथ एनर्जी भी मिलती है। अगर आपको हृदय से संबंधित कोई बड़ी बीमारी या दिक्कत है, तो डॉक्टर से बात करके ही इनका सेवन करें।
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मॉनसून का सीजन काफी लोगों को पसंद आता है क्योंकि चिलचिलाती धूप, भीषण गर्मी और उमस के बाद जब बरसात आती है तो हर इंसान राहत महसूस करता है. भले ही ये वेदर आपके लिए कितना भी फेवरेट हो, लेकिन ये अपने साथ कई परेशानियों को भी साथ लाता है. इसलिए हमें इस बदलते मौसम में सतर्क रहने की जरूरत हैं वरना संक्रमण का खतरा पैदा हो जाता है और फिर सर्दी, खांसी और जुकाम को दावत मिलती है. आइए जानते हैं कि वो कौन-कौन से घरेलू नुस्खे हैं जो इस परेशानी से बचाव करते हैं.
सर्दी-जुकाम से बचने के लिए इन चीजों का करें सेवन
1. नारियल तेल-
नारियल तेल का इस्तेमाल आमतौर पर बालों और चेहरों के लिए होता है, लेकिन दक्षिण भारत के निवासियों की तरह आप इसे कुकिंग ऑयल की तरह भी यूज कर सकते हैं. इसमें हेल्दी फैट होता जो हमारी सेहत के लिए अच्छा है. आप सुबह के वक्त इस तेल की मदद से खाना पकाएंगे तो सर्दी-खांसी-जुकाम का खतरा कम हो जाएगा.
2. गुनगुना पानी--
बरसात के मौसम में संक्रमण और बीमारियो का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है, इसलिए आप ठंडे या नॉर्मल पानी की जगह गुनगुने पानी का सेवन करें इससे न सिर्फ आप इनफेक्शन से बच सकते हैं, बल्कि डाइजेशन को भी बेहतर किया जा सकता है.
3. अदरक--
अदरक एक ऐसा मसाला है जो हर भारतीय किचन में जरूर पाया जाता है. इसका इस्तेमाल रेसेपीज के टेस्ट बढ़ाने के लिए किया जाता है. यहां तक कई लोग इसको मिलाए बिना चाय नहीं पीते. इस मसाले में जिंजरॉल नामक कंपाउंड होता है जो औषधीय गुण से भरपूर है. सर्दी जुकाम मिटाने के लिए आप अदरक को कच्चा चबा सकते हैं. इसे पीसकर इसका रस पी सकते हैं. कुछ लोग अदरक और आंवला को मिलाकर सेवन करते हैं जिससे काफी फायदा मिलता है. -
जीवन में पानी सबसे ज्यादा जरूरी होता है। जिसकी हमारे शरीर को दिन में कम से कम हर कुछ घंटों में जरूरत होती है। हमारे शरीर को पाचन से लेकर शरीर के तापमान को नियंत्रित करने से लेकर पोषक तत्वों के परिवहन तक कई जरूरी काम करने के लिए इसकी जरूरत होती है। शरीर को ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त तरीके से हाइड्रेट रहने की जरूरत होती है। हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि हमे रोजाना आठ गिलास पानी पीना चाहिए, लेकिन इस बात पर ध्यान नहीं देते कि हम पानी को कैसे पी रहे हैं। आयुर्वेद में स्वास्थ्य के लिए पीने के पानी के कुछ डूज और डॉनट्स हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ रेखा राधामणि ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर हेल्थ बेनिफिट्स के लिए पीने के पानी के आयुर्वेदिक नियमों को शेयर किया है।
पानी पीने के आयुर्वेदिक नियम-
1) बैठ कर पीएं पानी
खड़े होकर पानी पीने की बजाए बैठ कर पीएं। ऐसा करने पर पानी अच्छी तरह से शरीर में एबसॉर्ब होता है।
2) घूंट-घूंट करके पीएं पानी
पानी हमेशा घूंट-घूंट करके ही पीना चाहिए, एक साथ पानी पीने से परेशानी हो सकती है। दिन भर में आठ ग्लास पानी पीने के लिए आपको एक साथ दो-तीन ग्लास पानी पीने की जरूरत नहीं है। बल्कि आयुर्वेद के मुताबिक पूरे दिन सिप-सिप करके ही पानी पीना चाहिए।
3) फ्रिज का पानी पीने से बचें
ऐसा पानी पीएं जो गर्म हो या फिर रूम टेंपरेचर पर हो, फ्रिज के निकले ठंडे पानी को पीने से बचें। क्योंकि ठंडा पानी आपकी पाचन को नम कर देता है।
4) बहते हुए पानी को न पीएं
मिट्टी या कॉपर के बर्तन में स्टोर करे पानी को पीएं। इसी के साथ ध्यान रखें कि बहता हुआ पानी न पीएं और हमेशा स्टोर किया पानी पीएं। - शकरकंद खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, सेहत के लिए भी उतना ही फायदेमंद माना जाता है। अंग्रेजी में इसे स्वीट पोटैटो कहा जाता है। शकरकंद को आप उबालकर, भूनकर खा सकते हैं। यह डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम करता है।शकरकंद में मौजूद पोषक तत्व इसे सुपरफूड बनाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं उन फायदों के बारे में जो शकरकंद खाने से व्यक्ति को मिलते हैं।शकरकंद में मौजूद पोषक तत्व-शकरकंद विटामिंस और मिनरल्स से भरपूर होता है। शकरकंद में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी और विटामिन डी अच्छी मात्रा में होता है। इसमें आलू से ज्यादा स्टार्च पाया जाता है। वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैलोरी, फाइबर से भरपूर होता है। शकरकंद खाने से इम्यूनिटी मजबूत बनती है।शकरकंद में मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, थायमिन और कैरोटेनॉयड्स हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।शकरकंद खाने के फायदे-डायबिटीज-रक्त में बढ़ता हुआ ग्लूकोज का स्तर मधुमेह की समस्या का कारण बन सकता है। इस समस्या को नियंत्रित करने या इस अवस्था से बचने में शकरकंद फायदेमंद हो सकती है। डायबिटीज रोगियों के लिए शकरकंद खाना बेहद फायदेमंद होता है। शकरकंद में मौजूद यौगिक रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए आप शकरकंद को उबालकर खा सकते हैं। लेकिन अगर आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ा है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही शकरकंद का सेवन करना चाहिए।रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार-कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण सर्दी-जुकाम जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं। इस समस्या से निपटने के लिए और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शकरकंद का उपयोग किया जा सकता है। शोध से पता चला है कि बैंगनी शकरकंद के अर्क में पॉलीसेकेराइड (polysaccharide) नामक कंपाउंड पाया जाता है। यह कंपाउंड इम्यून साइटोकाइन (immune cytokine) के स्तर को सुधारे में मददगार हो सकता है। इम्यून साइटोकाइन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।अस्थमा से राहत-अस्थमा की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भी शकरकंद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बेहद लाभदायक हो सकते हैं। शकरकंद में कैरोटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। जो अस्थमा जैसी श्वास संबंधी समस्याओं में लाभकारी हो सकता है।हड्डियों की मजबूती के लिए-शोध में पाया गया कि शकरकंद में कैल्शियम व मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जिस कारण यह हड्डियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। कैल्शियम व मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूती देने के साथ ही उनके विकास में भी मददगार हो सकता है।हाई ब्लड प्रेशर में राहत-शकरकंद अच्छी मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है। अगर आपको ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आपको शकरकंद जरूर खानी चाहिए। इससे हाई ब्लड प्रेशर से बचा जा सकता है।आयरन की कमी करें दूर-अगर आपके शरीर में आयरन की कमी है तो आपको शकरकंद का सेवन जरूर करना चाहिए। शकरकंद में आयरन पाया जाता है, जिससे शरीर को एनर्जी मिलती है।वजन कम करने में मददगार-शकरकंद मे फाइबर होता है, जो वेट लॉस में सहायक होता है। शकरकंद वसा कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं। शकरकंद आपके शरीर में सूजन कम करता है। एक कटोरी भुना हुआ शकरकंद खाने से आपको भूख कम लगती है, जिससे धीरे-धीरे वजन कम होने में मदद मिलती है।
- आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। दूध प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी, डी के साथ ही कई जरूरी विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है और हल्दी को इसके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। हल्दी एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइन्फ्लेमेट्री और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है। जब आप दूध में हल्दी को उबालकर इसका सेवन करते हैं, तो इससे अद्भुत फायदे मिलते हैं। लेकिन क्या हल्दी वाले दूध का सेवन सभी के लिए समान रूप से फायदेमंद है? विशेषज्ञों की मानें तो कुछ लोगों के लिए हल्दी वाले दूध का सेवन काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिनमें अगर हल्दी वाले दूध का सेवन किया जाता है, तो इससे सेहत को बहुत नुकसान पहुंच सकता है।हल्दी वाला दूध किन लोगों को नहीं पीना चाहिए1. किडनी रोगीअगर कोई व्यक्ति किडनी से जुड़ी समस्याओं जैसे किडनी स्टोन, किडनी में सूजन, किडनी फैलियर आदि से जूझ रहा है, तो हल्दी वाले दूध के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि हल्दी में ऑक्सालेट होता है, जो किडनी स्टोन की समस्या को ट्रिगर करता है। अगर किसी व्यक्ति को पहले से किडनी संबंधी कोई समस्या है तो इससे स्थिति गंभीर हो सकती है।2. लो ब्लड शुगर रोगीहल्दी वाले दूध का सेवन करने से लो ब्लड शुगर रोगियों में ब्लड शुगर लेवल अधिक कम हो सकता है, क्योंकि हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करता है। इसलिए इससे लो ब्लड प्रेशर वाले रोगियों के लिए परेशानी बढ़़ सकती है।3. खराब पाचन वाले लोगअगर कोई व्यक्ति पाचन संबंधी सम्याएं जैसे पेट में गैस, ब्लोटिंग, सूजन, सीने में जलन या एसिड रिफल्क्स, कब्ज, अपच आदि से जूझ रहा है, तो हल्दी वाले दूध का सेवन करने खराब पेट की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए पेट संबंधी समस्याएं होने पर हल्दी वाले दूध का सेवन से सख्त परहेज करने की सलाह दी जाती है।4. खून की कमी वाले लोग या एनीमिया रोगीहल्दी वाले दूध का सेवन करने से शरीर में आयरन का अवशोषण बाधित होता है, जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर नहीं बढ़ता है। अगर कोई व्यक्ति शरीर में खून या आयरन की कमी से जूझ रहा है, तो उसे हल्दी वाले दूध के सेवन से बचना चाहिए।5. ब्लीडिंग डिसऑर्डरअगर आप हल्दी वाले दूध का सेवन करते हैं, तो इससे रक्त में थक्के की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। यह ब्लीडिंग डिसऑर्डर वाले लोगों में चोट और ब्लीडिंग के जोखिम को भी बढ़ाता है। साथ ही जो लोग ब्लड थिनर ले रहे हैं, उन्हें हल्दी वाले दूध का सेवन बंद कर देना चाहिए।
- बच्चों से लेकर बड़े, सभी काजल लगाना पसंद करते हैं। काजल लगाने से आंखें खूबसूरत नजर आती है। अधिकतर लोग मार्केट में मिलने वाला काजल इस्तेमाल करते हैं। इस काजल में कैमिकल होता है, जिससे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। कैमिकल युक्त काजल से आंखों में खुजली हो सकती है, आंखों की रोशनी तक कम हो सकती है। इस काजल से बच्चों को आंखों में इरिटेशन हो सकती है और रेडनेस नजर आ सकती है। ऐसे में आप चाहें तो घर पर भी आसानी से काजल बना सकते सकते हैं।बादाम से काजल कैसे बनाएं?-अधिकतर लोग घर पर बादाम से काजल बनाते ही हैं, लेकिन कुछ लोग सोचते हैं कि आखिर घर पर काजल कैसे बनाएं ? आप इन तरीकों से बादाम बना सकते हैं-बादाम का काजल बनाने के लिए आप सबसे पहले दीया में बाती डालकर जलाएं। फोर्क में बादाम लगाएं। उसे जलते हुए दीये के ऊपर रख दें। फिर बादाम को एक चम्मच की मदद से ढंक लें। दीये की लौ से बादाम को अच्छी तरह से जलने दें। इससे चम्मच पर काजल बनना शुरू हो जाएगा। आप इस काजल को किसी साफ कंटेनर में रख सकते हैं। फिर इस काजल में थोड़ा सा शुद्ध घी मिलाएं। अब इस काजल को आप आंखों पर लगा सकते हैं।आंखों की रोशनी बढ़ाएमार्केट में मिलने वाले काजल में कैमिकल होता है। इससे आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है। जबकि बादाम से बना काजल आंखों के लिए सुरक्षित होता है। इसमें विटामिन ए और ई पाया जाता है। जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।आंखों की जलन दूर करेमार्केट में मिलने वाला काजल लगाने से अकसर लोगों को आंखों पर खुजली और जलन महसूस होने लगती है। ऐसे में आप घर पर बने बादाम का काजल लगा सकते हैं। इससे आंखों में होने वाली खुजली से आराम मिल सकता है।आंखें खूबसूरत नजर आती हैंआंखों पर बादाम का काजल लगाने से आंखों की खूबसूरती कई गुणा बढ़ जाती है। इससे पलकों की ग्रोथ भी तेज होती है। आंखों में चमक आती है।आप भी अपने घर पर बादाम का काजल बना सकते हैं। इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है, बल्कि आंखें कैमिकल से बचती है और जलन दूर होती है। लेकिन अगर आपको बादाम वाले काजल से भी खुजली महसूस हो, तो इसका इस्तेमाल करने से बचें।--------