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छोटी सी दिखने वाली मिर्च खाने में तीखी होती है। लेकिन ये स्वाद को बढ़ा देती है। हरी मिर्च जितनी तीखी होती है उतनी ही सेहत के लिए फायदेमंद भी। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन, पोटेशियम, प्रोटीन, कॉपर, कार्बोहाइड्रेट जैसे गुण जो पाए जाते हैं। इसके साथ ही हरी मिर्च शरीर को कई बीमारियों से बचाती है। इसलिए इसे खाने में जरूर डालना चाहिए ये आपको सेहतमंद रखने में मदद करेगी।
शरीर के बैक्टीरिया से दूर रखे हरी मिर्च
अक्सर जिन लोगों का इम्यून सिस्टन कमजोर होता है वह लोग बहुत ही जल्दी बीमार भी हो जाते हैं। हरी मिच इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करती है।
हरी मिर्च तनाव दूर करने में मदद करती है
हरी मिर्च आपके दिमाग में एंडोर्फिन रिलाज करती है, जो किसी भी व्यक्ति के मूड को प्रभावित करता है। इसके साथ ही हरी मिर्च शरीर में नई उर्जा पैदा करती है। जिसकी वजह से आप फ्रेश महसूस करते हैं।
आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार है हरी मिर्च
हरी मिर्च में विटामिन की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो कमजोर आंखों के लिए फायदेमंद साबित होती है।
कैंसर से बचाती है रही मिर्च
हरी मिर्च में अच्छी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाय जाते हैं जो शरीर को कैंसर जैसे बीमारी से बचाने का काम करते हैं। इसके साथ ही कैलोरी नहीं होती। जिसकी वजह से शरीर में इसे खाने से मेटाबॉलिज्म में भी तेजी आती है।
अगर आप भी अपने खाने में लाल मिर्च का इस्तेमाल करते हैं तो आज इस अपनी इस आदत को बदल डालें और हरी मिर्च का इस्तेमाल करना शुरू कर दें क्योंकि लाल मिर्च आपको बीमारियों की ओर लेकर जाती है और हरी मिर्च आपको बीमारियों से बचाने का काम करती है। -
तरबूज और दूध दो ऐसे फूड्स हैं जिन्हें सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। लेकिन जब इन दोनों को एक साथ खाने की बात आती है, तो इसे एक अच्छा विचार नहीं माना जाता है। यहां तक कि आयुर्वेद इन दोनों फूड्स के मिश्रण को सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक बतात है। इस लेख में जानें आपको तरबूज और दूध को एक साथ सेवन क्यों नहीं करना चाहिए, और इससे सेहत को होने वाले नुकसान
दरअसल आयुर्वेद के अनुसार तरबूज और दूध प्रकृति में एक दूसरे 'विरुद्ध' या विपरीत होते हैं। दूध की प्रकृति 'मधुर' या मीठी होती है, जबकि तरबूज की प्रक्रति सिट्रिक या खट्टी होती होती है। इसलिए, जब इन फूड्स का सेवन एक साथ किया जाता है तो इससे शरीर में पेट से जुड़ी कई समस्याएं होती है और पाचन में गड़बड़ होती है। ऐसे में आयुर्वेद इन दोनों को फूड्स को एक साथ खाने से बचने की सलाह देता है।
1. परेशान पेट
जब तरबूज और दूध का एक साथ सेवन किया जाता है तो यह पेट की समस्याओं के कारणों को ट्रिगर कर सकते हैं। बहुत से लोग गर्मियों में ऐसे फूड कॉम्बिनेशन खाते हैं या पीते हैं, जिसमें दूध, तरबूज और रूहअफ्जा को मिलाया जाता है। ये ड्रिंक स्वाद में बेहद लाजवाब होते हैं, लेकिन कुछ लोगों को इस तरह के ड्रिंक को पीने के बाद पेट में दर्द, परेशान पेट, बेचैनी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
2. पेट में गैस की समस्या
तरबूज और दूध का एक साथ सेवन करने से कुछ लोगों को पेट में गैस की समस्या हो सकती है। हालांकि सभी लोग इसका अनुभव नहीं करते हैं, क्योंकि हम सभी का शरीर अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है। दूध में फैट, विटामिन डी और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए जब आप तरबूज और दूध को साथ में खाते हैं, तो तरबूज के अम्लीय घटक दूध में मौजूद प्रोटीन को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे यह कॉम्बिनेशन आपके पेट में लंबे समय तक बना रहता है, जिससे पेट में गैस की समस्या हो सकती है, यहां तक कि कुछ लोगों को इससे दस्त की समस्या हो सकती है।
3. मतली या जी मिचलाना
तरबूज और दूध को एक साथ खाने से जी मिचलाना और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तरबूज और दूध आपके पेट में लंबे समय तक रहता है। दोनों फूड्स की प्रकृति विपरीत होती है, इसलिए इन्हें पचाने में आपके पाचनतंत्र को थोड़ा समय लग सकता है। ब्लोटिंग की समस्या भी इसी कारण होती है।
यह भी ध्यान रखें
यह जरूरी नहीं है कि तरबूज और दूध के सेवन से सभी लोगों को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़े। सभी लोगों की प्रकृति अलग होती है, इसलिए यह जरूरी नहीं है कि अगर किसी चीज से एक व्यक्ति को दिक्कत हो रही है तो वह दूसरे के साथ भी हो। लेकिन फिर भी आपको ज्यादा मात्रा में किसी भी चीज के सेवन से बचना चाहिए। -
कई लोगों के मन में ये सवाल आता है कि क्या हम बैंगन खाने के बाद दूध पी सकते हैं। दरअसल ऐसा माना जाता है कि बैंगन खाने के बाद दूध पीने से एलर्जी या आंतरिक समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा लोगों का ऐसा माना भी है कि बैंगन में मौजूद रसायन दूध के साथ क्रिया करके ऐसे तत्व पेट में गैस बना सकते हैं, जिससे आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हं,ै लेकिन हम आपको बता दें कि बैंगन के बाद दही के सेवन से कोई परेशानी नहीं होती है। न ही इससे आपको कोई स्किन एलर्जी होती है। बल्कि इस बात का इससे कोई लेना देना ही नहीं है कि बैंगन खाने के बाद आप दूध नहीं पी सकते हैं। यह पूरी तरह से स्वस्थ होता है लेकिन अगर आप बैंगन के बाद दूध पीने की सोच रहे हैं, तो आपको कुछ बातें जरूर जान लेनी चाहिए, ताकि आपको कोई परेशानी न हो।
- बैंगन और दूध का एक साथ सेवन करने से कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन डाइजेशन के अनुसार आपके पेट के लिए बैंगन और दूध को एक ही समय पर पचाना काफी मुश्किल हो सकता है। इससे पेट में दर्द और कब्ज की दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा लगातार इसका सेवन करने से पेट में अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। दरअसल हम सुबह के नाश्ते के साथ दूध का सेवन कर सकते हैं लेकिन दोपहर के हैवी लंच के साथ, जिसमें आप चावल, बैंगन की सब्जी और दाल शामिल करते हैं, तो उसके साथ दूध को पचा पाना काफी मुश्किल हो जाता है। दूध में फैट की मात्रा अच्छी-खासी होती है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि ये दिक्कत आपको केवल बैंगन खाने के बाद दूध पीने से हो सकती है। ऐसा किसी भी सब्जी के सेवन के बाद हो सकती है क्योंकि हैवी खाना लेने के बाद दूध पीना एक बेहतर आइडिया नहीं हो सकता है।
बैंगन के साथ क्या खा सकते हैं
बैंगन के साथ क्या खा सकते हैं। इसके जबाव में एक्सपर्ट बताती है कि आप सुबह में अपने ब्रेकफास्ट के दौरान दूध पी सकते हैं लेकिन लंच के समय आप दूध की जगह दही या छाछ का सेवन करें। इससे आपको काफी लाभ होगा। साथ ही खाने को पचाने में भी आपकी मदद कर सकता है। इससे आप तरोजाता भी महसूस करते हैं। इसके अलावा कई लोगों को लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में उनके लिए भी दूध एक अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है। - अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का होना बहुत जरूरी होता है। कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है, उन्हें कमजोर होने से बचाता है। इसके अलावा कैल्शियम दांतों के लिए भी जरूरी होता है। कैल्शियम हड्डियों के कमजोर होने और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करता है। अधिकतर लोग कैल्शियम लेने के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करते हैं। आप चाहें तो शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर कुछ जड़ी-बूटियों का सेवन भी कर सकते हैं।1. गुग्गुलगुग्गुल एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, यह शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करता है। शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर आप गुग्गुल का सेवन कर सकते हैं। 250 मिग्रा. गुग्गुल में करीब 2 ग्राम कैल्शियम होता है। आयुर्वेद में जोड़ों में दर्द होने पर अक्सर गुग्गुल का सेवन करने की सलाह दी जाती है।2. गिलोयआयुर्वेद में गिलोय का उपयोग कई बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। गिलोय कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक, कैल्शियम और मैग्नीशियम का बेहतर सोर्स होता है। गिलोय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, साथ ही हड्डियां भी मजबूत बनाता है। शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर आप गिलोय का काढ़ा, गिलोय जूस या फिर गिलोय चूर्ण ले सकते हैं।3. तुलसीताजा या सूखा तुलसी भी कैल्शियम का अच्छा सोर्स होता है। 1 चम्मच तुलसी में करीब 42 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। इसलिए अगर आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है, तो आप तुलसी का सेवन कर सकते हैं। तुलसी में कैल्शियम के अलावा अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं। तुलसी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही हड्डियों को भी मजबूत बनाता है।4. अजवाइन के बीजअजवाइन भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। अजवाइन के बीज में कैल्शियम भरपूर होता है। 1 चम्मच अजवाइन के बीज में 115 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। आप अजवाइन के बीजों का उपयोग सूप आदि में कर सकते हैं। इसके अलावा सौंफ, जीरा और धनिया के बीज में भी कैल्शियम अच्छी मात्रा में होता है। कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आप अपने आहार में इन बीजों को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा सूखे अजवाइन के फूल और डिल भी कैल्शियम के लिए बेस्ट जड़ी-बूटी है। प्रति चम्मच सूखे अजवाइन के फूल में करीब 45 मिग्रा कैल्शियम होता है। आप ग्रिल्ड फिश, भुनी हुई सब्जियों इसकी गार्निशिंग कर सकते हैं।5. दालचीनीआयुर्वेद में दालचीनी को काफी फायदेमंद माना गया है। दालचीनी के उपयोग से कई शारीरिक समस्याएं दूर होती हैं। एक चम्मच दालचीनी में करीब 78 मिग्रा कैल्शियम होता है। आप दालचीनी पानी, दालचीनी काढ़ा पी सकते हैं। अगर आपको भी हड्डियों में दर्द रहता है या फिर आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है, तो आप इन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन कर सकते हैं।
- कनेर के फूल के बारे में तो आपने सुना ही होगा। ये फूल कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इसमें कुछ एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टीक गुण होते हैं जिसकी वजह से कई लोग कनेर के फूलों का उपयोग घरेलू नुस्खों में करते हैं। लेकिन आज हम बात करने के पत्तियों के बारे में करेंगे। दरअसल, कनेर के पत्तों में भी इसके फूलों जैसे खास गुण होते हैं। इसके पत्तों से लेप बना कर लोग कई प्रकार से इस्तेमाल करते हैं। इससे लोग दर्द पर लगाते हैं, तो कई बार घाव व दाद-खुजली में इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा भी इन पत्तियों को इस्तेमाल करने के कई फायदे हैं।1. दाद होने पर लगाएं कनेर के पत्तेकनेर के पत्तों का एंटीबैक्टीरियल गुण दाद के बैक्टीरिया को मारने और इसे ठीक करने में मदद करेगा। इसके अलावा इसका एंटीसेप्टीक गुण दाद के दाग और निशान को कम करने में मदद करता है। इसे लंबे समय के लिए इस्तेमाल करें तो ये दाद को पूरी तरह से ठीक करने में मदद करेगा। कनेर के पत्तों से लेप बनाने के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है, बस आपको कनेर के पत्तों को नारियल तेल में पकाना है और इस तेल को अपने शरीर पर लगाना है। ये दाद को जड़ से खत्म करने में मदद करेगा।2. जोड़ों के दर्द में फायदेमंदजोड़ों के दर्द के लिए आप कनेर के पत्तों का लेप बना कर इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है जो कि जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर कर सकता है। साथ ही ये लेप हड्डियों को अंदर से आराम भी पहुंचाता है। इसे बनाने के लिए आपको बस ये करना है कि कनेर की ताजी पत्तियों को लें और इसे पीस लें। आप इसमें थोड़ा जैतून का तेल मिला कर गर्म कर लें। अब इसे दर्द वाले जोड़ों पर लगाएं और हल्के हाथों से मालिश करें। फिर इसे ऐसे ही छोड़ दें। आप पाएंगे कि आपके जोड़ों का दर्द इससे धीमे-धीमे कम हो जाएगा।3. पुराने घावों परअगर आपको कभी कोई चोट लग जाए और वो पुरानी होने लगे तो आपको कनेर के पत्तों का इस्तेमाल करना चाहिए। दरअसल, कनेर के पत्तों में पुराने घावों को ठीक करने की क्षमता होती है। आप इसे लगातार इस्तेमाल करके पुराने घावों को ठीक कर सकते हैं। साथ ही इसका एंटीसेप्टीक गुण घाव वाली त्वचा को भरने, नए त्वचा आने और घाव को पूरी तरह से ठीक होने में मदद करती है। आप इसके लिए कनेर के पत्तों को पीस लें और इसमें हल्का सा एलोवेरा मिला लें। अब इस लेप को अपने घाव पर लगाएं। ये घाव को तेजी से ठीक करने में मदद करेगा।4. खुजली कम करने में मददगारकनेर के पत्तों को आप खुजली कम करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, इसमें त्वचा को शांत करने और खुजली को कम करने वाले गुण है। इसे लगाने से आप कैसे भी खुजली को उसमें राहत पा सकते हैं। इसके लिए कनेर के पत्तों को लौंग या फिर पुदीने के तेल में पका कर रख लें। फिर इसे खुजली वाली जगह पर लगाएं। ये खुजली को तेजी से कम करने में आपकी मदद करेगा।5. कीड़े-मकोड़े काटने परकीड़े-मकौड़े काटने पर कनेर के पत्ते बहुत फायदेमंद है। इसका एंटीबैक्टीरियल गुण इंफेक्शन को कम करने में मददगार है। ये कीड़े-मकौड़े के काटने पर होने वाले रैशेज और खुजली को कम कर सकता है और इससे राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसके लिए आप दो काम कर सकते हैं। पहले तो कनेर के पत्तों को नारियल तेल में पका लें और इसमें थोड़ा सा काली मिर्च पीस कर मिला लें। अब इसे आप अपनी स्किन पर लगा लें।इस तरह इन पांच तरीकों से कनेर के पत्ते सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हैं। आप चाहें तो, इसे दूध में मिला कर और इसका लेप बना कर अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। ये चेहरे के दाग-धब्बों को कम करने में मददगार है।
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रीठा एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल बालों की देखभाल के लिए किया जाता है। रीठा बालों को चमकदार, मुलायम बनाता है। इसके साथ ही रीठा के उपयोग से बाल लंबे, घने और मुलायम भी बनते हैं। रीठा का इस्तेमाल आप शैंपू, हेयर पैक के रूप में कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर महिलाएं बालों की खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए रीठा का उपयोग करती हैं।
बालों में रीठा लगाने के फायदेरीठा बालों को काला, घना और लंबा बनाता है। रीठे के इस्तेमाल से बालों को अनगिनत फायदे मिलते हैं। यह हेयर फॉल रोकता है। जानें बालों में रीठा के फायदे1. हेयर फॉल के लिए रीठाअगर आपके बाल झड़ रहे हैं, तो आप रीठे का पेस्ट बालों पर लगा सकते हैं। रीठे में मौजूद तत्व बालों को टूटने से बचाते हैं, बालों को मजबूत बनाते हैं। इसके लिए आप रीठे का पेस्ट तैयार करें। इससे स्कैल्प, बालों की अच्छी तरह से मसाज करें। 30 मिनट बाद बालों को धो दें। हेयर फॉल को रोकने के लिए हफ्ते में 2 बार रीठा पेस्ट का यूज जरूर करें। यह झड़ते बालों का अच्छा उपाय है।2. जुएं हटाने के लिए रीठाहेयर फॉल रोकने के साथ ही रीठे का इस्तेमाल सिर से जुएं होने पर भी किया जा सकता है। रीठे में एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण होते हैं, जो बालों से जूं हटाने में मददगार होता है। इसके साथ ही बालों पर रीठा लगाने से रूसी या डैंड्रफ भी दूर होता है।3. बालों को घना बनाए रीठापतले, कमजोर बालों पर रीठा का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आपके बाल पतले हैं, तो रीठा शैंपू यूज कर सकते हैं। रीठा शैंपू बालों को अच्छी तरह से साफ करता है। बालों से धूल-मिट्टी और गंदगी निकालता है। बालों को घना और मजबूत बनाने के लिए रीठा का उपयोग जरूर करें।4. बाल मुलायम-चमकदार बनाए रीठारीठा में विटामिन और सैपोनिन होता है, इससे बीलों की चमक बढ़ती है। अगर आप बालों को मुलायम और चमकदार बनाना चाहती हैं, तो रीठा का उपयोग कर सकती हैं। रीठा में मौजूद पोषक तत्व बालों को जड़ से मजबूत बनाते हैं।5. बालों का रूखापन दूर करे रीठारीठा बालों की ड्रायनेस को भी दूर करता है। अगर आपको बाल रूखे, ड्राय, फ्रिजी और बेजान है, तो आप रीठा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके उपयोग से बालों का रूखापन कम होता है।बालों में रीठा कैसे लगाएंआप चाहें तो रीठा पेस्ट भी बालों पर लगा सकते हैं। रीठा पेस्ट बनाने के लिए रीठा पाउडर, शिकाकाई पाउडर, आंवला पाउडर और अंडा (यदि मिलाएं। इसे अपने बालों, स्कैल्प पर अच्छी तरह से लगाएं और 30 मिनट बाद बालों को धो दें।या फिर रात में रीठा को पानी में भिगो दें और सुबह उसे मसलकर उसकी गुठली अलग कर लें। उस पानी से बालों को धो लें। - कई लोगों को हाई यूरिक एसिड के कारण बहुत परेशानी होती है। खून में यूरिक एसिड का स्तर बढऩे से गठिया और तमाम बीमारियां होने का खतरा रहता है। यूरिक एसिड बढऩे से मरीजों के हाथ-पैर में जकडऩ आ जाती है और असहनीय दर्द होता है। इस स्थिति में जोड़ों में दर्द और सूजन की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा उंगलियों में सूजन और दर्द की परेशानी होती है। ऐसे लोगों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यूरिक एसिड का स्तर आपके खानपान पर भी निर्भर करता है। ऐसे में आपको आपने डाइट में आपको हरी सब्जियां और फल का सेवन करना चाहिए लेकिन अक्सर लोगों को यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए प्रोटीन का सेवन कम करने की कोशिश करते हैं। दरअसल प्रोटीन के अधिक सेवन से आपके यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। ऐसे में आपके मन में ये सवाल उठ सकता है कि क्या दही खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है। तो इसका एक सीधा जबाव बिल्कुल नहीं। आप यूरिक एसिड की समस्या में दही का सेवन बिल्कुल आराम कर सकते हैं।यूरिक एसिड बढऩे पर क्या नहीं खाना चाहिए?यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए आपको ट्रांस फैट का बेहद कम मात्रा में या बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए। दरअसल आपको यूरिक एसिड के लिए शराब या रेड मीट का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। इससे समस्या बढऩे की संभावना रहती है। इसके अलावा आपको मीट या मछली का भी सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। आपको शुगर युक्त पेय पदार्थ और चीनी का भी कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। आपको किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनके अनुसार सुझाए गए डाइट का पालन करना चाहिए।इन बातों का भी रखें ध्यान1. इसके लिए आपको अपना वजन कम रखने की जरूरत है और नियमित तौर पर कोई न कोई एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए।2. इसके अलावा भरपूर मात्रा में विटामिन सी का सेवन करें। इससे यूरिक एसिड का स्तर कंट्रोल में रहता है।3. आपको कम फैट वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए ताकि आपके शरीर स्वस्थ रहे।
- काली किशमिश में कई विटामिंस, मिनरल्स पाए जाते हैं। यह सेहत के साथ ही बालों के लिए भी काफी लाभकारी होता है। काली किशमिश में पोटैशियम, फाइबर, पॉलीफेनोल्स, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। ये सभी तत्व बालों के लिए फायदेमंद होते हैं। नियमित रूप से काली किशमिश खाने से बाल काले बनते हैं। इसके अलावा यह बालों को मजबूत और मुलायम बनाने में भी मदद करता है। अगर आपके बाल छोटी उम्र में ही सफेद हो गए हैं, तो आप नियमित रूप से काली किशमिश का सेवन कर सकते हैं। बालों के लिए काली किशमिश के फायदे-काली किशमिश में पोषक तत्वकाली किशमिश अंगूर से तैयार होता है। इसमें कई तरह के विटामिंस और मिनरल्स पाए जाते हैं। काली किशमिश में फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। किशमिश में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्वस्थ बालों के रोम को उत्तेजित करके बालों को झडऩे से रोकते हैं। वे बालों के विकास के लिए आवश्यक स्वस्थ कोशिकाओं को भी बढ़ावा देते हैं। किशमिश में कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।1. सफेद बालों के लिए काली किशमिशअगर कम उम्र में आपके बाल सफेद हो रहे हैं, तो आप काली किशमिश को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। काली किशमिश खाने से सफेद बालों को काला करने में मदद मिलती है। यह एक तरह का परमानेंट इलाज होता है। काली किशमिश खाने से बाल सफेद होने से बचते हैं। यह सफेद बालों को काला करने का अच्छा उपाय है।2. हेयरफॉल रोकेकाली किशमिश में आयरन भरपूर होता है। साथ ही यह ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है। काली किशमिश खाने बाल मजबूत भी बनते हैं। काली किशमिश न सिर्फ बालों को काला बनाती है, बल्कि इसे खाने से बाल मजबूत भी बनते हैं। काली किशमिश खाने से बाल मोटे होते हैं।3. बाल मुलायम और चमकदार बनते हैंहेयर फॉल रोकने, बालों को काला बनाने के साथ ही काली किशमिश खाने से बाल मुलायम और चमकदार भी बनते हैं। नियमित रूप से तय मात्रा में काली किशमिश खाया जाए, तो बाल हमेशा मुलायम रहते हैं। काली किशमिश खाने से बालों, स्कैल्प को पर्याप्त पोषण मिलता है। इससे बाल जड़ों से मजबूत बनते हैं। साथ ही बाल चमकदार भी बनते हैं। इससे रूखे, बेजान बाल मुलायम बनते हैं।4. हेयर ग्रोथ में लाभकारीअगर आपको बालों की ग्रोथ कम है, तमाम कोशिशों के बाद भी बाल नहीं बढ़ रहे हैं तो आप काली किशमिश को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। काली किशमिश हेयर फॉल को रोकने के साथ ही हेयर ग्रोथ में भी मदद करता है। इससे बाल लंबे और घने बनते हैं। किशमिश में विटामिन सी होता है यह संयोजी ऊतक को बनाए रखता है, इसे कोलेजन कहा जाता है। यह बालों के विकास को बढ़ावा देता है। विटामिन ई कोशिका झिल्ली को और मजबूत करता है।कितनी किशमिश खानी चाहिए?काली किशमिश खाना बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है। 20-15 ग्राम काली किशमिश खाने से बाल हमेशा स्वस्थ बने रहते हैं। काली किशमिश खाने का सबसे बेहतर तरीका है कि रात को किशमिश भिगो दें। सुबह उठकर इनका सेवन करें।काली किशमिश सेहत, त्वचा के साथ ही बालों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसलिए स्वस्थ रहने और बालों को स्वस्थ रखने के लिए आपको काली किशमिश को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
- चना प्रोटीन से भरपूर एक ऐसा फूड है जिसे कई लोग खाना बहुत पसंद करते हैं। चना फाइबर से भरपूर होता है और पाचन क्रिया को स्वस्थ रखता है। इसके अलावा इसका ऑयरन शरीर में खून की कमी को दूर करता है और ताकत बढ़ाता है। इसके अलावा चना खाना उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिनकी मांसपेशियां कमजोर या फिर जिनके शरीर की बनावट कमजोर है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि किन लोगों के लिए चना खाना फायदेमंद नहीं है? जानते हैं इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं.....1. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या वाले लोगों कोचना खाने के बाद कई लोग पेट दर्द, गैस और बदहजमी की शिकायत करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चना खाने के बाद गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं काफी आम हैं। दरअसल, चना में कुछ ऐसे कंपाउंड होते हैं जो ठीक से पच नहीं पाते हैं। इसके अलावा पके हुए चना में जटिल शुगर, किण्वित ओलिगोसेकेराइड, डिसाकाईड्स, मोनोसेकेराइड और पॉलीओल्स भी होते हैं, जिन्हें पचाना मुश्किल हो सकता है और आंतों द्वारा पूरी तरह से अवशोषित नहीं किया जा सकता है। ये शुगर बड़ी आंत में बैक्टीरिया द्वारा किण्वित होती हैं और आंतों में सूजन या आंत में फंसी हुई गैस का कारण बनते हैं जिससे असुविधा होती है। इसलिए पाचन तंत्र के इन रोगों वाले लोगों को चना खाने से बचना चाहिए। जैसे कि-गैस और एसिडिटी वाले लोगों को-क्रोहन रोग वाले-बड़ी आंत में सूजन वाले लोगों को-लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोगों को2. गाउट से पीडि़त लोगों कोचना में प्यूरीन नामक एक रसायन होता है और जब ये प्यूरीन टूट जाते हैं तो अतिरिक्त यूरिक एसिड उत्पन्न होता है, जिसके परिणामस्वरूप गाउट होता है। गाउट एक प्रकार का गठिया है जो जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल के जमा होने के कारण होता है। इसे जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। इसलिए जिन लोगों को जोड़ों के दर्द की समस्या है या फिर अर्थराइटिस की समस्या है, उन्हें चना खाने से बचना चाहिए।3. जिन्हें पथरी होकिडनी की पथरी से बहुत से लोग परेशान रहते हैं। ऐसे में चना खाना इन लोगों की इस परेशानी को और बढ़ा सकता है। दरअसल, चना में ऑक्सालेट होते हैं, जो किडनी द्वारा पेशाब के जरिए बाहर निकल जाते हैं। जैसे-जैसे शरीर में ऑक्सालेट का स्तर बढ़ता है, वे कैल्शियम के साथ किडनी में जमा हो जाते हैं और कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन, एक प्रकार की किडनी स्टोन का उत्पादन करते हैं। खून में यूरिक एसिड के स्तर में वृद्धि गुर्दे की पथरी के विकास को बढ़ावा दे सकती है। साथ ही ये किडनी के दर्द को भी बढ़ा सकती है इसलिए किडनी रोगी को इसे खाने से बचना चाहिए।4. एलर्जी वाले लोगों कोकुछ लोगों को चना सहित इस तरह की हाई प्रोटीन वाली फलियों से एलर्जी होती है। अगर आपको चना खाते ही खुजली, उल्टी या फिर एलर्जी राइनाइटिस की समस्या होती है तो आपको भी इसे खाने से बचना चाहिए। दरअसल, ये सब प्रोटीन एलर्जी या फिर फूड एलर्जी की वजह से होता है। इसी कारण से आपको मतली, उल्टी, पेट में दर्द और त्वचा में खुजली हो सकती है। चना खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना सबसे अच्छा है क्योंकि एलर्जी की प्रतिक्रिया तीव्र हो सकती है और कभी-कभी जानलेवा भी हो सकती है।5. कुछ दवाएं लेने वाले लोगों मेंअगर आप कुछ दवाओं का सेवन करते हैं, तो आपको चना के सेवन को लेकर एक बार सोचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें पोटेशियम का मात्रा बहुत ज्यादा होती है। तो जो लोग हृदय रोग के लिए बीटा-ब्लॉकर्स जैसे दवाओं को ले रहे हैं, उनके खून में ये दवाएं पोटेशियम के स्तर को बढ़ा सकते हैं। इसलिए उन्हें अपने पोटेशियम सेवन के बारे में सावधान रहना चाहिए।
- हम में से कई लोग फ्रूट्स खाना बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैं। फ्रूट्स चाट तैयार करने के लिए हम कई तरह के फलों को मिलाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे फ्रूट्स कॉम्बिनेशन होते हैं, जिसका सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। अगर आप इ न फ्रूट्स कॉम्बिनेशन का सेवन करते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल सकती है। इससे पाचन तंत्र प्रभावित होता है। साथ ही कई लोगों में एलर्जी की परेशानी बढ़ जाती है। आइए विस्तार से जानते हैं किन फलों को एक साथ नहीं खाना चाहिए....तरबूजगर्मियों में तरबूज का सेवन काफी ज्यादा किया जाता है। यह एक ऐसा फल है, जिसमें पानी की मात्रा काफी ज्यादा होती है। बाकि फलों की तुलना में इसे पचाना भी आसान होता है। लेकिन आपको बता दें कि तरबूज को हमेशा अकेले की खाना चाहिए। डायटीशियन का कहना है कि इसे किसी भी फल के साथ मिक्स करके न खाएं। अगर आप तरबूज को किसी फल के साथ मिक्स करके खाते हैं, तो यह आपका पाचन बिगाड़ सकता है। यही बात खरबूजे पर भी लागू होती है।संतरा और दूधसंतरा के साथ कभी भी दूध न लें। दूध और संतरा का एक साथ सेवन करने से आपको पाचन से जुड़ी परेशानी हो सकती है। साथ ही संतरे में एसिड होता है, जो शरीर के एंजाइम को नष्ट कर सकता है। जिसका असर पाचन पर पड़ सकता है। इससे बगलम और कफ की समस्या हो सकती है। इसी तरह दूध के साथ अन्य खट्टे फल जैसे- अनानास, नींबू, अंगूर जैसे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि, आप मीठे फलों का सेवन दूध के साथ कर सकते हैं।नींबू और पपीताकामिनी कुमारी बताती हैं कि खट्टे फलों को कभी भी मीठे फलों के साथ नहीं खाना चाहिए। इतना ही नहीं, फ्रूट चाट बनाते समय अगर आप इसपर नींबू का रस छिड़कते हैं, तो यह आपका सेहत बिगाड़ सकते हैं। खासतौर पर अगर आप नींबू के साथ पपीता का सेवन करते हैं, तो यह आपके हीमोग्लोबिन पर बुरा असर डाल सकता है। साथ ही इसके कारण एनीमिया जैसी परेशानी हो सकती है।गाजर और संतराअगर आप फ्रूट चाट बनाते वक्त गाजर और संतरा को एक साथ मिलाकर खा रहे हैं, तो इससे आपके सेहत पर असर पड़ सकता है। गाजर और संतरा का एक साथ सेवन करने से किडनी पर इसका बुरा असर हो सकता है। यह कॉम्बिनेशन सीने में जलन और पित्त की समस्या को उत्पन्न कर सकता है। इसलिए कोशिश करें कि गाजर और संतरा का एक साथ सेवन न करें।केला और अमरुदकेला और अमरुद का भी एक साथ गलती से भी सेवन न करें। एक साथ केला और अमरुद के सेवन से पेट में गैस और एसिडिटी की परेशानी हो सकती है। साथ ही इसके कारण सिरदर्द को भी बढ़ावा मिल सकता है। इसलिए कोशिश करें कि केला और अमरुद एक साथ न खाएं।खुबानी और अनारअगर आप फ्रूट चाट की प्लेट में अनार और खुबानी को एक साथ जोड़ रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। दरअसल, खुबानी और अनार दोनों ही प्रोटीन और शुगर का समृद्ध स्त्रोत होता है। ऐसे में दोनों का एक साथ सेवन करने से आपके पाचन से जुड़ी परेशानी को हो सकती है। साथ ही सीने में जलन, एसिडिटी जैसी समस्या हो सकती है।
- अनहेल्दी डाइट, स्ट्रेस या तनाव का असर हमारी सेहत के साथ ही बालों पर भी पड़ता है। हमेशा तनाव में रहने, खाने में पोषक तत्वों की कमी और कैमिकल बेस्ड हेयर प्रोडक्ट के इस्तेमाल से हेयर फॉल, ग्रे हेयर जैसी समस्याएं होने लगती हैं। बालों को मजबूत, घना, लंबा और चमकदार बनाने के लिए उन्हें भी पोषण की जरूरत होती है। बालों को पोषण देने के लिए हम नारियल का तेल, सरसों का तेल या बादाम का तेल लगाते हैं। आप चाहें तो बालों की समस्याएं दूर करने के लिए लौकी के तेल का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।लौकी की सब्जी के साथ ही लौकी का तेल भी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। लौकी का तेल हमारे सिर, बालों और मस्तिष्क के लिए काफी फायदेमंद होता है। इस तेल को बालों पर लगाने से हेयर फॉल रुकता है। इसके अलावा लौकी का तेल लगाने से रूसी भी दूर होती है। दरअसल, लौकी के तेल में मैग्नीशियम, सोडियम, आयरन, पोटैशियम, विटामिन सी, जिंक, मैंगनीज और विटामिन बी कॉम्पलेक्स पाया जाता है। लौकी के तेल में मौजूद ये सभी तत्व बालों को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं।1. सफेद बालों से छुटकारा -आजकल अधिकतर लोग सफेद बालों की समस्या से परेशान हैं। कम उम्र में ही बाल सफेद नजर आने लगते हैं। इसे छिपाने के लिए लोग कलर डाई का सहारा लेते हैं। लेकिन अगर आप सफेद बालों से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं, तो बालों पर लौकी का तेल लगा सकते हैं। इस तेल से बालों की मालिश करने से बाल काले होते हैं। सफेद बालों से छुटकारा मिलता है।2.डैंड्रफ हटाए- डैंडफ से छुटकारा पाने के लिए लौकी का तेल भी फायदेमंद है। इस तेल से मालिश करने से रूसी दूर होती है।3. बालों को मजबूत बनाए - नियमित रूप से लौकी का तेल बालों पर लगाने से बालों को पोषण मिलता है, जिससे बाल लंबे और मजबूत बनते हैं।4. ड्राय हेयर केयर- लौकी के तेल से बालों की मसाज करने से ड्राय हेयर से भी छुटकारा मिलता है।लौकी का तेल कैसे बनाएंलौकी के तेल को घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। इसके लिए नारियल के तेल और लौकी की जरूरत होगी।-लौकी का तेल बनाने के लिए लौकी को छिलकों समेत काट लें।-अब लौकी के टुकड़ों को 4-5 दिनों तक धूप में सुखाने के लिए रख दें।-इसके बाद एक पैन लें। इसमें नारियल का तेल डालें।-नारियल का तेल गर्म होने के बाद इसमें लौकी के टुकड़े डाल दें।-इसे 15-20 मिनट तक पकाएं। जब लौकी अच्छी तरह पक जाए तो, गैस बंद कर दें।-अब इसे ठंडा होने दें। फिर इसे छान लें और कांच की बोतल में डाल दें।इस आप रात को बालों पर लगाकर सो सकते हैं। इसके लिए लौकी का तेल लें, बालों पर 10 मिनट तक मसाज करें। सुबह बालों को अच्छी तरह से धो लें। इससे बाल लंबे और मजबूत बनेंगे।
- लौकी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होती है। वजन कम करने से लेकर शरीर की कई परेशानियों को दूर करने में लौकी फायदेमंद होती है। लेकिन क्या आपने कभी लौकी की पत्तियों का सेवन किया है? जी हां, लौकी की तरह लौकी की पत्तियां भी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकती हंै। आज हम इस लेख में लौकी की पत्तियों को खाने के फायदे और इसकी कुछ स्वादिष्ट रेसिपीज के बारे में जानेंगे।100 ग्राम कच्ची लौकी की पत्तियों में मौजूद पोषक तत्व -एनर्जी - 39 कैलोरी, प्रोटीन - 2 ग्राम, फैट - 1 ग्राम, मिनरल - 2 ग्राम, फाइबर - 1 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट - 6 ग्राम, कैल्शियम - 80 एमजी, फास्फोरस - 59 एमजी।लौकी की पत्तियों के फायदेवजन कम करने में असरदारलौकी की पत्तियों का सेवन करने से शरीर का वजन कम हो सकता है। इसमें एनर्जी के साथ-साथ फाइबर की मात्रा भी होती है, जो आपके शरीर के वजन को कम करने में प्रभावी हो सकता है।इम्यूनिटी करे बूस्टलौकी की तरह लौकी की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद कर सकते हैं। नियमित रूप से लौकी की पत्तियों का साग बनाकर खाने से बीमारियों से लडऩे की क्षमता बढ़ सकती है।हड्डियों को करे मजबूतलौकी की पत्तियों में कैल्शियम भरपूर रूप से होता है, जो शरीर की हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में मदद कर सकता है। साथ ही यह मांसपेशियों के विकास में भी मददगार है।हेल्दी फैटलौकी में हेल्दी फैट होता है, जो शरीर के वजन को कम रखता है। साथ ही इससे शरीर को एनर्जी और कई अन्य पोषक तत्व मिलते हैं।डायबि़टीज रखे कंट्रोलडायबिटीज मरीजों के लिए भी लौकी की पत्तियों का सेवन लाभकारी हो सकता है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से ब्लड शुगर कंट्रोल हो सकता है। लौकी के जूस की तरह लौकी की पत्तियों के जूस का भी सेवन किया जा सकता है।दिल के लिए फायदेमंदलौकी की पत्तियां दिल के लिए काफी फायदेमंद हो सकती हैं। सप्ताह में कम से कम तीन बार इसका रस पीने से आपसे दिल से जुड़ी बीमारियां दूर हो सकती हैं। साथ ही यह रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है।लौकी के पत्ते की रेसिपीजलौकी के पत्ते की चटनीआवश्यक सामग्री- लौकी की पत्तियां - 10, हरी मिर्च - 2 , सरसों तेल - 1 छोटी चम्मच , लहसुन की कली - 4-5सबसे पहले लौकी की पत्तियां, लहसुन, हरी मिर्च मिक्सर ग्राइंडर में डालकर पीस लें। इसके बाद इसमें इसे एक कटोरी में डाल लें। अब इसमें सरसों का तेल और स्वादानुसार नमक डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें। लीजिए लौकी के पत्तों की चटनी तैयार है।लौकी के पत्ते का साग250 ग्राम लौकी की पत्तियां लें। अब इसे काट लें। इसके बाद कढ़ाई चढ़ाएं और इसमें सरसों का तेल डाल लें। इसके बाद इसमें हींग और हीरा डालें। अब इसमें लौकी की पत्तियों को डालकर अच्छी तरह भुन लें। जब पत्तियों में से पानी सूख जाए, तो इसमें नमक डाल लें। आप चाहें, तो ऊपर से कुछ हरी मिर्च भी डाल सकते हैं।नोट- ध्यान रखें कि अगर आप पहले से किसी परेशानी से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह पह ही लौकी की पत्तियों का सेवन करें।
- लौकी पोषक तत्वों से भरपूर सब्जी है, इसका सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। लौकी में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और फाइबर अधिक मात्रा में होता है। लौकी में मौजूद तत्व शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। लौकी को जूस, सब्जी आदि के रूप में खाया जाता है, लेकिन आप चाहें तो लौकी का भर्ता बनाकर भी खा सकते हैं। लौकी का भरता स्वादिष्ट होने के साथ ही काफी पौष्टिक भी होता है। लौकी का भर्ता खाने से वजन को नियंत्रण में रखा जा सकता है, साथ ही शरीर में पानी की पूर्ति भी होती है। लौकी डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए भी उपयोगी होती है।लौकी का भर्ता खाने के फायदे1. स्ट्रेस कम होता हैलौकी खाने से स्ट्रेस कम होता है। लौकी में पानी अधिक मात्रा में होता है, इससे शरीर ठंडा रहता है। साथ ही लौकी में सेडेटिव प्रॉपर्टीज होती है, इससे शरीर रिलैक्स रहता है।2. वजन कम करेघीया या लौकी को वजन कम करने के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है। वैसे तो वजन कम करने के लिए लौकी का जूस पीने की सलाह दी जाती है, लेकिन आप चाहें तो लौकी का भरता भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। लौकी में फाइबर होता है, इसे खाने से जल्दी से भूख नहीं लगती है और वजन कंट्रोल में रहता है।3. डाइजेशन में फायदेमंदलौकी डाइजेशन में भी काफी फायदेमंद होता है। लौकी में मौजूद तत्व डाइजेशन में सहायक होता है। लौकी में फाइबर होती है, जो पाचन क्रिया में सुधार करता है। गैस, एसिडिटी और कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाता है। पाचन से जुड़ी समस्या होने पर आप लौकी के भरते का सेवन कर सकते हैं।4. स्किन के लिए फायदेमंदलौकी त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। लौकी खाने से शरीर में जमा गंदगी और टॉक्सिंस आसानी से निकल जाते हैं। इससे स्किन ग्लोइंग और खूबसूरत बनती है। साथ ही शरीर अंदर से साफ होता है।5. शरीर को ठंडा रखेलौकी का भर्ता शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। लौकी की तासीर ठंडी होती है, ऐसे में गर्मियों में इसका सेवन किया जा सकता है। लौकी का सेवन करने से शरीर ठंडा रहता है और पानी की पूर्ति होती है।लौकी का भर्ता कैसे बनता हैलौकी का भर्ता बनाने के लिए आप सबसे पहले लौकी को धोकर गैस पर छिलका समेत भून लें। लौकी के छिलके को अच्छे से काला होने दें। इसके बाद लौकी के काले छिलके को निकाल लें, छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिक्सी में दरदरा पीस लें। अब एक गैस में तेल गर्म करें, इसमें लहसुन, जीरा और प्याज डालें। साथ में हरी मिर्च भी काटकर डाल दें। नमक डालकर प्याज को सुनहरा होने तक भून लें। फिर इसमें टमाटर, लाल मिर्च पाउडर और हल्दी पाउडर डालें। मसाले को अच्छी तरह से पकने दें। इसके बाद इसमें पिसी हुए लौकी डाल लें और 3-4 मिनट के लिए पकाएं। इसमें हरा धनिया, घी डालें और गर्मा-गर्म सर्व करें। घी से लौकी के भर्ता का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। आप भर्ता को रोटी के साथ खा सकते हैं।
- तरबूज और खरबूज गर्मियों में सबसे अधिक खाए जानें वाले फलों में से है। इन फलों के सेवन से शरीर की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। खरबूजे की बात कि जाए, तो यह गर्मी के सीजन में शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। साथ ही इससे कई अन्य फायदे होते हैं। इसमें कई तरह के पोषक तत्व जैसे- विटामिन ए, सी, ई, के, नियासिन, जिंक, मैग्नीशियम इत्यादि पाए जाते हैं। इन पोषक तत्वों से शरीर की कई समस्याएं दूर रहती हैं।खरबूजे के बीज खाने के फायदे1. इम्यूनिटी करे बूस्टखरबूजे के बीजों को अपने आहार में शामिल करने से आपके शरीर को भरपूर रूप से विटामिन सी प्राप्त होता है। दरअसल, इसका सेवन करने से ब्लड में व्हाइट ब्लड सेल्स की कोशिकाओं को बढ़ाया जा सकता है। ब्लड में व्हाइट ब्लड सेल्स बढऩे से इम्यूनिटी बेहतर हो सकती है।2. गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंदखरबूजे के बीजों में फोलेट की अच्छी होती है, जो शरीर से अतिरिक्त सोडियम को हटा देती है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं में वॉटर रिटेशन की समस्या कम हो सकती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए भी खरबूजे का बीज फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, गर्भावस्था में एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार ही इसका सेवन करें।3. ब्लड प्रेशर को करे कमखरबूजे के बीज में पोटैशियम भरपूर रूप से होता है। पोटैशियम युक्त आहार का सेवन करने से ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है। साथ ही यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी काफी अच्छा होता है। खरबूजे के बीजों का सेवन करने से स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है।4. आंखों को रखे सुरक्षितखरबूजे के बीजों में विटामिन ए और बीटा कैरोटीन की अधिकता होती है, जो आंखों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। नियमित रूप से खरबूजे के बीजों का सेवन करने से मोतियाबिंद होने के खतरे को कम किया जा सकता है। साथ ही यह आंखों की रोशनी को प्रोटेक्ट करने में भी लाभकारी है।5. नाखून और बालों को रखे सुरक्षितबालों और नाखून के लिए भी खरबूजे का बीज फायदेमंद है। इसमें मौजूद हाई प्रोटीन, टिश्यूज के विकास में सहायक होते हैं। साथ ही यह बालों और नाखून की प्रोटीन को बढ़ावा देता है। नियमित रूप से खरबूजे के बीजों का सेवन करने से नाखून और बालों को सुरक्षित रखा जा सकता है।6. स्ट्रेस करे कमखरबूजे के बीजों का सेवन करने से मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जो मस्तिष्क को शांत करता है। ऐसे में खरबूजे के बीजों का सेवन करने से स्ट्रेस फ्री की परेशानी दूर हो सकती है।7. एसिडिटी करे कमखरबूजे के बीजों में न्यूट्रल पीएच होता है। यह एसिड रिफ्लक्स या पेट की अन्य समस्याओं को दूर करने में प्रभावी हो सकता है। कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी समस्या को दूर करने के लिए खरबूजे के बीजों का सेवन किया जा सकता है।खरबूजे के बीज के नुकसानखरबूजे के बीजों का सेवन करने से शरीर को कई तरह के लाभ हो सकते हैं। हालांकि, इससे शरीर को कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। ऐसे में एक्सपर्ट की सलाह पर ही इसका सेवन करें।लो ब्लड प्रेशर की समस्या - खरबूजे के बीजों का सेवन करने से लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। खासतौर पर ऐसे लोगों को जो पहले से ही ब्लड प्रेशर कम करने की दवा ले रहे हैं।यूरिन की समस्या - अधिक मात्रा में खरबूजे के बीजों का सेवन करने से बार-बार यूरिन पास करने की परेशानी हो सकती है।
- पिज्जा, बर्गर या कोई भी स्नैक्स या फास्ट फूड के साथ सर्व की जाने वाली टोमैटो सॉस अनहेल्दी होती है। टमाटर सॉस का ज्यादा सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक होता है, अगर आप ज्यादा सॉस खा लेंगे तो वजन बढ़ सकता है। बाजार में मिलने वाली टमाटर सॉस का ज्यादा सेवन करने से एक्ने या स्किन प्रॉब्लम्स शुरू हो सकती हैं। टमाटर सॉस में सोडियम, शुगर का इंटेक ज्यादा होता है जिससे आपकी सेहत बिगड़ सकती है इसलिए आपको टमाटर सॉस के हेल्दी विकल्प ढूंढ लेने चाहिए।1. घर पर बना सकते हैं टोमैटो सॉसआप घर पर भी टोमैटो सॉस तैयार कर सकते हैं। इसे बनाने का तरीका बेहद आसान है। आपको टमाटर, लहसुन, विनेगर, थोड़ा गुड़ और नमक मिलाना है और उसमें गरम मसाला मिलाकर पीस लेना है, ये टोमैटो सॉस का एक हेल्दी विकल्प है। ये टोमैटो सॉस बाजार में मिलने वाली सॉस से ज्यादा हेल्दी है क्योकि इसमें किसी तरह के प्रिजर्वेटिव मौजूद नहीं होते हैं और न ही एक्सट्रा शुगर मिलाई जाती है। कोशिश करें कि केचअप को आप हफ्ते भर में ही इस्तेमाल करके खत्म कर लें। घर की बनी सॉस में करीब 60 से 70 कैलोरीज हो सकती हैं।2. टमाटर चटनीआप सॉस या टोमैटो केचअप की जगह टमाटर चटनी का सेवन कर सकते हैं। टमाटर की चटनी को आप घर पर आसानी से बना सकते हैं। टमाटर की चटनी को बनाने के लिए आप करी पत्ते, मिर्च, अदरक, लहसुन को एड करें और पीस लें। इस ऑप्शन को आप टोमैटो सॉस की जगह ट्राय कर सकते हैं। टमाटर की चटनी में आपको कैलोरीज की चिंता करने की जरूरत नहीं है, इसमें 30 से 40 कैलोरीज पर सर्विंग हो सकती है।3. टोमैटो सालसाऐसा नहीं है कि केवल बाजार में टोमैटो सालसा मिलता है, आप इसे घर पर भी तैयार कर सकते हैं। टोमैटो सालसा बनाने के लिए आप प्याज, मिर्च, लहसुन, नमक, काली मिर्च को रोस्टेड टमाटर के साथ मिक्सी में चलाएं, जो पेस्ट तैयार होगा उसे आप चिप्स, पकौड़े, रोटी, पराठा आदि के साथ खा सकते हैं। टोमैटो सालसा की कैलोरीज करीब 50 से 55 हो सकती है।4. टोमैटो हम्मसटमाटर से अच्छा हम्मस तैयार किया जा सकता है। आप लहसुन, काला, नींबू का रस, ऑलिव ऑयल और ड्राय टोमैटो को मिक्सी में डालें और जो पेस्ट तैयार होगा उसे हम हम्मस कहेंगे। इसे आप ज्यादातर सभी स्नैक्स के साथ खा सकते हैं। हम्मस में करीब 50 कैलौरीज होंगी। इस हम्मस में विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा है, इसे आप अपनी डाइट में आसानी से शामिल कर सकते हैं। इसकी कैलोरीज करीब 40 से 50 के बीच होगी।5. श्रीराचा सॉसआप टोमैटो सॉस की जगह श्रीराचा सॉस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। श्रीराचा एक तरह की चिली सॉस होती है जो चाइनीज डिशेज में डाली जाती है, आप इसे कम मिर्च में भी तैयार कर सकते हैं। श्रीराचा सॉस को मिर्च, लहसुन, विनेगर, टमाटर को मिला करके बनाया जाता है। इसकी कैलोरीज करीब 60 से 70 के बीच हो सकती है।
- पका हुआ पपीता आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है, उसी तरह कच्चे पपीता भी उपयोगी है. कच्चा पपीता भी पेट के रोगों को ठीक करता है. इसके अलावा जोड़ों की समस्याओं में भी कच्चा पपीते का यूज किया जाता है. वजन कम करने में भी आप कच्चे पपीते का उपयोग कर सकते हैं. बता दें कि कच्चे पपीते में पपैन नाम का पदार्थ होता है, जो आपकी बॉडी के लिए अच्छा होता है. कच्चा पपीता अगर सही मात्रा में खाएं तो ये पाचन के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. तो चलिए जानते हैं कि इसके अलावा कच्चे पपीते के क्या फायदे हैं.इस तरह करें कच्चे पपीते का उपयोगबता दें कि सुबह के समय फलों का सेवन अच्छा होता है. इसलिए पपीते का सेवन भी सुबह के समय करने से ज्यादा लाभ मिलता है. पपीता आपके पेट के लिए एक उपयोगी फल है. कोशिश करें कि खाली पेट आप कच्चे पपीते का सेवन करें. बता दें कि कई लोग कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर भी सेवन करते हैं.किसी भी घाव को भरने में मददगारकच्चे पपीते में मौजूद विटामिन और अन्य पोषक तत्व आपकी त्वचा को हेल्दी बनाते हैं. इसके सेवन से शरीर की किसी भी घाव या जख्म को भरने की क्षमता बढ़ जाती है. तो ऐसे लोग जिन्हें कच्चा पपीता नहीं पसंद वह इसको अपनी पसंद बना सकते हैं.
- जो आप खाते हैं उसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ता है. बदलती लाइफस्टाइल और बिगड़े खान-पान के चलते लोगों की हेल्थ खराब होने लगती है. ऐसे में कई प्रकार की बीमारियां आपको घेरने लगती हैं. कोलेस्ट्रॉल का बिगड़ना भी बहुत बड़ी परेशानी है.बॉडी में होते हैं 2 तरह के कोलेस्ट्रॉलआपकी बॉडी में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं. पहला अच्छा और दूसरा खराब. अगर आपकी बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगे तो इससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति में आपको कोलेस्ट्रॉल को संतुलित बनाए रखना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं कि ऐसे कौन-से ड्राई फ्रूट्स हैं, जिससे आप बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं.1. खाएं अखरोट'अखरोट' बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर सकता है. यह एक ऐसा ड्राई फ्रूट है, जो आपकी बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करता है. अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड और मोनोसैचुरेटेड फैट भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है.2. बादाम खाने की आदत बनाएंआपने देखा होगा कि फिट रहने के लिए रोज बादाम खाने की सलाह दी जाती है. बता दें कि बादाम में एमिनो एसिड होता है, जिससे शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड बनाता है. रोज बादाम का सेवन करने से बैड कोलेस्ट्रॉल तेजी से कम होता है.3. पिस्ता भी डाइट में शामिल करेंपिस्ता भी आपको रोज खाना चाहिए. रोज थोड़े से पिस्ता खाने से गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है4. सीड्स भी बैड कोलेस्ट्रॉल करता है कमसीड्स भी बॉडी से बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद हैं. अगर आप अपनी डाइट में सीड्स शामिल करेंगे तो इससे आपको जरूर फायदा मिलेगा.
- कटहल की सब्जी टेस्ट के साथ-साथ हेल्दी भी होती है. इसको बनाने के कई तरीके होते हैं. कटहल में विटामिन A, C, पोटेशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, लेकिन कई बार कुछ लोग कटहल खाने के बाद ऐसी चीजें खा लेते हैं, जिससे तबीयत खराब हो जाती है. आइए जानते हैं कि कटहल खाने के बाद आपको कौन-सी चीजें नहीं खानी चाहिए.पपीता न खाएंआपको कटहल की सब्जी खाने के बाद पपीता नहीं खाना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे स्किन एलर्जी हो सकती हैं. साथ ही आपको लूज मोशन की समस्या हो सकती है.कटहल खाने के बाद न पिएं दूधकई लोग कटहल की सब्जी के बाद दूध पी लेते हैं, लेकिन ऐसा आपको कभी नहीं करना चाहिए. इससे पेट में सूजन आने के साथ आपको स्किन पर रेशैज हो सकते हैं. बता दें कि कई लोगों को सफेद दाग की परेशानी भी होने लगती है. ऐसे लोगों को इससे दूर रहना चाहिए.कभी न खाएं भिंडीभिंडी को भी आपको नहीं खाना चाहिए. अगर आप भी कटहल के बाद भिंडी खाते हैं तो आपको पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है. इसके अलावा एसिडिटी की समस्या का भी सामना कर सकते हैं.बिल्कुल न खाएं पानज्यादातर लोगों को खाना खाने के बाद पान खाने की आदत होती है. ऐसे में अगर आपने कटहल की सब्जी खाई हो उसके बाद पान कभी नहीं खाएं.
- ब्रेकफास्ट करना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार ब्रेकफास्ट हमारे पूरे दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है। नाश्ता करने से आपको पूरे दिन अन्य कामों को करने लिए एनर्जी मिलती है दिन को ऊर्जा मिलती है, पाचन तंत्र में सुधार होता है और कई स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम कम होता है। नाश्ता करने से आपका दिल स्वस्थ रहता है साथ ही साथ ही शरीर में ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रित रहता है। वहीं, अगर आप ब्रेकफास्ट नहीं करते हैं तो इससे आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।आयुर्वेद के अनुसार हमेशा नाश्ते में कुछ गर्म फूड्स का सेवन करना चाहिए क्योंकि नाश्ते में कुछ ठंडा खाना आपके पूरे दिन को खराब कर सकता है।सुबह के समय सूरज उगता है। सुबह के समय सूर्य अपनी इष्टतम क्षमता के अनुसार कार्य नहीं कर रहा होता है। ठीक ऐसा ही हमारी पाचन अग्नि के साथ होता है। इसलिए पूरे दिन भोजन को पचाने में सक्षम होने और हमारे पेट को तैयार करने के लिए, हल्का और गर्म नाश्ता करना सबसे अच्छा है क्योंकि यह पचाने में हल्का है,और आपके पेट पर ज्यादा दबाव नहीं डालता है। आयुर्वेद के अनुसार गर्म नाश्ता करना आपकी पाचन अग्नि और पेट के लिए एक वार्म-अप व्यायाम की तरह है, जिसे हम अपने शरीर को दोपहर के भोजन को पचाने के लिए तैयार करने के लिए करते हैं, जिसके लिए अधिक ताकत की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद दोपहर का भोजन 12 से 2 बजे के बीच करने का सुझाव देता है क्योंकि यही वह समय होता है जब सूर्य आकाश में अपने चरम पर होता है (सबसे शक्तिशाली) और हमारी पाचन क्षमता भी इसी तरह इष्टतम होती है।नाश्ते में ठंडी चीजें क्यों नहीं खानी चाहिएआयुर्वेद के अनुसार नाश्ते में ठंडी चीजों का सेवन करना जलती आग पर पानी डालने जैसा है। जो आपकी पाचन अग्रि को बढ़ाने के बजाए उल्टा इसके ठंडा करने का काम करता है। इसलिए आयुर्वेद सुझाव देता है कि नाश्ते में ताजा पका हुआ दलिया, उबले हुए फल (सेब या नाशपाती), अलग-अलग चीला (पेनकेक्स), उबली हुई फलियां (मूंग, छोले) या सिर्फ उबली हुई सब्जी का सूप जैसे गर्म और हल्के फूड्स का सेवन करें।आयुर्वेद के अनुसार नाश्ते में ठंडी चीजें खाने से पेट से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, जैसे पेट में सूजन, ब्लोटिंग और ऐंठन, कब्ज। साथ ही आपके पेट में मौजूद आंत अत्यंत गर्मी के प्रति संवेदनशील है, ऐसे में जब आप ठंडी चीजों का सेवन करते हैं तो इससे पूरे शरीर को झटका लगता है। इसके चलते आपको पाचन संवेदनशीलता, थकान और साइनस संक्रमण जैसी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आयुर्वेद के अनुसार ठंडा नाश्ता केवल उच्च पित्त वाले लोगों के लिए है। दूसरों के लिए गर्म नाश्ता सबसे अच्छा है।
- शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रक्त यानी ब्लड की पर्याप्त मात्रा होनी बहुत जरूरी है। शरीर में मौजूद ब्लड में पायी जाने वाली लाल रक्त कणिकाएं यानी रेड ब्लड सेल्स की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए। ब्लड में रेड ब्लड सेल्स की कमी होने की वजह से आपके शरीर में एनीमिया की समस्या हो सकती है। शरीर में खून की कमी या एनीमिया की समस्या से बचने के लिए अच्छी लाइफस्टाइल और खानपान का हेल्दी होना बहुत जरूरी है। दरअसल रेड ब्लड सेल्स शरीर में मौजूद खून की सबसे आम कोशिकाएं हैं। ये कोशिकाएं शरीर के अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजन पहुँचाने में मदद करती हैं। शरीर की हड्डियों मौजूद अस्थिमज्जा या बोन मैरो रक्त कणों को बनाने के लिए बहुत जरूरी है। एक क्यूबिक मिलीलीटर में लगभग 50 लाख रक्त कणिकाएं मौजूद होती हैं। ये रक्त कणिकाएं अगर आप माइक्रोस्कोप से देखेंगे तो लाल रंग के मोटे-मोटे कण दिखाई देंगे। क्या आप जानते हैं कि स्वस्थ शरीर में रेड ब्लड सेल कितना होना चाहिए?शरीर में पायी जाने वाली रेड ब्लड सेल्स का निर्माण बोन मैरो में होता है। ब्लड की सबसे आम कोशिका के रूप में जानी जाने वाली रेड ब्लड सेल्स कणों के रूप में दिखाई देती हैं। हर व्यक्ति में रेड ब्लड सेल का काउंट अलग-अलग हो सकता है। व्यक्ति के खानपान और लाइफस्टाइल के साथ-साथ उसके स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियां इसके लिए जिम्मेदार मानी जाती हैं। शरीर से कार्बन डाई ऑक्साइड को निकालने के लिए और शरीर के अलग-अलग अंगों में ऑक्सीजन की सप्लाई करने के लिए रेड ब्लड सेल्स बहुत जरूरी होती हैं। आमतौर पर इन कोशिकाओं का जीवनकाल या लाइफ 120 दिनों का होता है। सीनियर फिजिशियन डॉक्टर समीर के मुताबिक एक एडल्ट और हेल्दी व्यक्ति में रेड ब्लड सेल्स का काउंट 4.50 लाख से लेकर 5.50 लाख तक होता है। इन रक्त कणिकाओं की संख्या शरीरिक स्थिति और इंसान के खानपान की वजह से कम या ज्यादा हो सकती है।शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी दूर करने के उपायशरीर में मौजूद रेड ब्लड सेल्स शरीर के अलग-अलग अंगों में ऑक्सीजन की सप्लाई करने का काम करती हैं। शरीर में खून की कमी के लक्षण दिखने पर आपको खून की जांच जरूर करानी चाहिए। आप जब खून की जांच कराते हैं तो इससे आपको शरीर में मौजूद ब्लड सेल्स के बारे में सटीक जानकारी हो सकती है शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी होने पर आप इन फूड्स का सेवन कर सकते हैं।1. आयरन की प्रचुर मात्रा वाले फूड्स का सेवन शरीर में रेड ब्लूस सेल्स की कमी को दूर करने का काम करते हैं। शरीर में खून की कमी होने पर आपको डॉक्टर भी आयरन से भरपूर फूड्स का सेवन करने की सलाह देते हैं। आयरन रिच फूड्स का सेवन करने के लिए रेड मीट, फलियां, अंडे, बीन्स और ड्राई फ्रूट्स को अपनी डाइट में शामिल करें।2. पालक में मौजूद गुण शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसमें आयरन की भी प्रचुर मात्रा होती है जो आपके लिए बहुत फायदेमंद है। शरीर में रेड ब्लड सेल्स का काउंट बढ़ाने के लिए आप रोजाना पालक का सेवन कर सकते हैं।3. गाजर में मौजूद गुण शरीर में रेड ब्लड सेल्स और खून की कमी की समस्या को दूर करने में फायदेमंद होते हैं। आप अपनी डाइट में गाजर को कई तरीकों से शामिल कर सकते हैं।4. विटामिन सी का सेवन करने से आपके शरीर को आयरन के अवशोषण करने में फायदा मिलता है। विटामिन सी युक्त फूड्स का सेवन आपके शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ाने का काम करते हैं।5. विटामिन बी 12 से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने से शरीर में रेड ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ाने में फायदा मिलता है। विटामिन बी 12 से भरपूर चीजें शरीर में खून बढ़ाने और हीमोग्लोबिन का निर्माण करने में मदद करती हैं।
- गर्मियों में त्वचा को अधिक देखभाल की जरूरत पड़ती है। नॉर्मल स्किन से लेकर कॉम्बिनेशन स्किन वाले लोगों तक के फेस पर एक्स्ट्रा ऑयल देखने को मिलता है। इसकी वजह से चेहरे का खिला रंग दब जाता है। ऐसे में सिर्फ क्लींजिंग, टोनिंग, और मॉइश्चराइजिंग करना काफी नहीं होगा। खास कर अगर आपकी स्किन ऑयली हो तो, क्योंकि इस स्किन टाइप के लोगों को कोई ना कोई परेशानी बनी ही रहती है।इसके साथ ही गर्मियों में तेज धूप, धूल-मिट्टी, और प्रदूषण के कारण हमारी त्वचा की रंगत खो जाती है। इस तरह की परेशानियों से निपटने के लिए लोग मौसमी फलों का इस्तेमाल करते हैं। खाने के अलावा इन फलों का इस्तेमाल अगर आप अपनी त्वचा को निखारने में करें, तो फायदा तुरंत देखने को मिल सकता है। वहीं मौसमी फलों में अंगूर स्किन के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।इसकी मदद से आप निखरी और जवां त्वचा पा सकती हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेटरी गुण त्वचा को कमसिन और कोमल बनाए रखने में मदद करते हैं। तो चलिए जानते हैं कि गर्मियों में स्किन केयर के लिए इसका इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।सुबह उठने के बाद चेहरे पर बहुत सारा ऑयल देखने को मिलता है तो आप अंगूर का फेस पैक इस्तेमाल करें। इसके लिए अंगूर का पेस्ट बनाएं और उसमें 1 चम्मच दही मिक्स कर दें। दोनों इंग्रेडिएंट्स को थिक रखने की कोशिश करें। अब इसमें 2 से 3 बूंद नींबू का रस मिलाएं। अब इस फेस पैक को चेहरे पर लगा लें। जब यह सूखने लगे तो गुनगुने पानी से चेहरा धोएं। गर्मियों में इस फेस पैक को ऑयली स्किन और मुंहासों से राहत पाने के लिए रोजाना इस्तेमाल किया जा सकता है।इस तरह त्वचा को बनाएं चमकदारबढ़ती उम्र के लक्षण चेहरे पर ना दिखें, इसके लिए फेस मसाज फायदेमंद मानी जाती है। यह त्वचा को कोमल और चमकदार बनाती है। यही नहीं इससे झुर्रियां और फाइन लाइन्स की समस्या भी ठीक हो सकती है। इसके लिए अंगूर के रस में रोज एसेंशियल ऑयल मिक्स करें। इन दोनों इंग्रेडिएंट्स को मिक्स करने के बाद चेहरे पर अप्लाई करें। अब मसाज रोलर की मदद से मसाज करें। इससे काफी फर्क आएगा और आपकी त्वचा पहले से मुलायम और चमकदार नजर आएगी।डार्क सर्कल की समस्या होगी दूरअगर आपको डार्क सर्कल की समस्या है तो उसके लिए अंगूर के पल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए अंगूर का पेस्ट तैयार करें और उसमें अंगूर के बीज का तेल मिक्स करें। अब इस मिश्रण को आंखों के नीचे लगाएं। 20 से 30 मिनट तक इसे लगाए रखें और फिर ठंडे पानी से साफ कर लें। आप यह काम सोने से पहले या फिर सुबह उठने के बाद कर सकते हैं।ग्लोइंग स्किन के लिए बनाएं शीट मास्कगर्मियों के मौसम में फ्रेश और ग्लोइंग त्वचा चाहती हैं तो अंगूर के रस को शीट मास्क के साथ अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए अंगूर को अच्छी तरह ब्लेंड कर लें और उसका रस निकाल लें। अब इसमें लैवेंडर एसेंशियल ऑयल की 1 बूंद मिक्स कर दें। इसके बाद एक ड्राई शीट मास्क लें और इस मिश्रण में डिप कर दें। अब इसे अपने चेहरे पर अप्लाई करें और 20 मिनट के लिए छोड़ दें। शीट मास्क हटाने के आधे घंटे बाद चेहरे को नॉर्मल पानी धोएं।
- हरी सब्जियों में भरपूर विटामिन्स होते हैं। हर सब्जी की एक खासियत होती है। आइए जाने किस सब्जी में क्या है?घीयाघीया यानी लौकी को बहुत से लोग पसंद नहीं करते हैं। इस सब्जी का नाम लेते ही ज्यादातर लोग मुंह बनाने लग जाते हैं। आप भी अगर इस सब्जी को पसंद नहीं करते, तो आप घीया के कोफ्ते, हलवा या फिर चने की दाल डालकर सब्जी बना सकते हैं। लौकी में कई प्रकार के पोषक तत्व पाऐ जाते हैं। प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन जैसे पोषक तत्वों के लिए आपको इसे जरूर खाना चाहिए।तोरईतोरई की सब्जी को भी बहुत से लोग देखना नहीं चाहते. ऐसे में इस सब्जी से डील करने का तरीका यह है कि आप इसमें चने की दाल या फिर काले चने डालकर बनाएं. आप इसे दही के साथ भी खा सकते हैं। इसमें कैल्शियम, कॉपर, आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।कद्दूकद्दू की सब्जी को भी ज्यादातर लोग पसंद नहीं करते. कुछ लोगों को यह सब्जी इसलिए पसंद नहीं आती क्योंकि इसमें थोड़ी-सी मिठास होती है। आप कद्दू की सब्जी को पनीर के साथ बना सकते हैं। यह सब्जी चने की दाल के पराठे के साथ बहुत अच्छे लगते हैं। कद्दू में कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, फाइबर, सोडियम व फोलेट जैसे पोषक तत्व भरपूर होते हैं।टिंडेटिंडे की सब्जी भी ऐसी ही सब्जियों की लिस्ट में आती है। आप अगर इस सब्जी को पसंद नहीं करते, तो आप भरवां टिंडे यानी स्टफ्ड टिंडे बना सकते हैं। पोषक तत्वों के मामले में टिंडा भी किसी से कम नहीं है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, थियामिन. नियासिन, रिबोफाल्विन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।बैंगनकई लोगों को बैगन जरा भी पसंद नहीं आता , तो कई लोग इसकी सब्जी और खासकर के भर्ता बड़े चाव से खाते हैं। बैंगन में विटामिन ए, सी, ई, बी-2, बी-6 के साथ-साथ आयरन और जिंक मौजूद होते हैं।
- भारत में नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। नवरात्रि में मां दुर्गा की नौ अलग-अलग रूपों में पूजा की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्र 2 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। इस दौरान लोग 9 दिनों का उपवास रखते हैं और देवी की पूजा करते हैं। कई लोग व्रत के दौरान खाली पेट में ऐसी चीजों का सेवन करते हैं, जिससे उन्हें गैस और पेट दर्द की परेशानी हो सकती है क्योंकि कुछ फूड्स ऐसे होते हैं, जिसका सेवन व्रत के दौरान आपको खाली पेट में नहीं करना चाहिए। कुछ ऐसे ही फूड्स के बारे में हमको बताने जा रहे हैं, जिसे आपको व्रत के दौरान खाली पेट में नहीं खाना चाहिए।खाली पेट इन चीजों का सेवन न करें1. चायकई लोगों को सुबह उठकर चाय पीने की आदत होती है। फिर चाहे व्रत का दिन ही क्यों न हो। वह सोचकर रखते हैं कि सुबह उठकर सबसे पहले चाय पीना है, लेकिन इससे आपकी परेशानी बढ़ सकती है। दरअसल सुबह खाली पेट में चाय पीने से एसिडिटी, पेट दर्द और जलन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा यह पाचन तंत्र को भी प्रभावित कर सकता है और ब्लड शुगर जैसी तकलीफ भी हो सकती है। सबसे जरूरी बात की इसके सेवन से शरीर को किसी तरह का कोई पोषण नहीं मिलता है।2. दूध और दहीकई लोग सुबह खाली पेट में दूध और दही पीना सही मानते हैं कि दूध-दही तो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है। ऐसा है भी कि दूध और दही एक अच्छा आहार है, लेकिन इसे व्रत के दौरान खाली पेट में न पीएंं क्योंकि यह शरीर में एसिड का स्तर बढ़ा सकता है। सुबह के समय संतृप्त वसा और प्रोटीन का विपरीत प्रभाव हो सकता है। साथ ही यह आंतों के एंजाइम को भी प्रभावित कर सकते हैं इसलिए सुबह के समय प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ लेने से बचें।3. केलाकेला सबसे अच्छे फलों में से एक होता है। इसका सेवन दिन के समय में किया जा सकता है, ं लेकिन सुबह खाली पेट नहीं क्योंकि एसिडिक चीजों के सेवन से अपच, सीने में जलन और गैस की दिक्कत आ सकती है। केले में मैग्नीशियम की भी प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जिससे परेशानी हो सकती है। इसके अलावा अगर सर्दी-जुकाम की समस्या है, तो उस मामले में भी सुबह के समय केले का सेवन नहीं करना चाहिए।4. तले भूने खाद्य पदार्थव्रत के दौरान आपको किसी भी तरह के तले भूने पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे कई तरह की समस्या हो सकती है। हमेशा व्रत के दौरान उबला हुआ खाना खाने की कोशिश करें और स्वस्थ रहें।5. कच्ची सब्जियांव्रत के दौरान कई लोग कुछ सब्जियों भी लेते हैं। ऐसे में कच्ची सब्जियां आपके लिए सही विकल्प नहीं हो सकता है। कच्ची सब्जियां में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जिसका सुबह के समय सेवन करना आपके लिए सही नहीं हो सकता है इसलिए खाली पेट कच्ची सब्जियों का सेवन न करें। इससे पेट फूलने और दर्द की परेशानी भी हो सकती है।6. साइट्रस फलखट्टे फल अगर सही समय पर खाए जाएं तो ये हमेशा सेहतमंद होते हैं। खाली पेट खट्टे फल खाने से एसिड का उत्पादन बढ़ सकता है। इसके अलावा, फलों में बहुत अधिक फाइबर और फ्रुक्टोज भी खाली पेट खाने पर आपके पाचन तंत्र को धीमा कर सकते हैं। आपको विशेष रूप से सुबह-सुबह अमरूद और संतरे जैसे सख्त रेशों वाले फल खाने से बचना चाहिए। इससे आपका पूरा दिन प्रभावित हो सकता है।इन बातों का रखें ध्यान1. व्रत के दौरान सुबह ही पूजा करके खाना खाने का प्रयास करें ताकि पेट अधिक देर तक खाली न रहे।2. पूरे दिन भरपूर मात्रा में पानी पिएं और हो सके तो जूस या स्मूदी भी ले सकते हैं।3. इसके अलावा बहुत अधिक भागदौड़ वाला काम करने से बचें। इससे ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है।4. हालांकि इस दौरान आप कुछ खास वर्कआउट कर सकते हैं।5. दिन की शुरूआत में आप एलोवेरा का रस, आंवला का रस या भीगे हुए बादाम खा सकते हैं।
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फ्रूट्स खाना सेहत के लिए हमेशा फायदेमंद माना जाता है। क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे भी फ्रूट्स हैं, जिनकी मदद से आप आपना वजन कम कर सकते हैं। वजन कम कर रहे लोगों को कुछ फ्रूट्स को अपना बेस्ट फ्रेंड बनाना होगा, जिससे आप अपना वजन आसानी कम कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि कौन-से फ्रूट्स हैं, जिससे वजन कम करने में आपकी मदद हो सकती है।
Grapefruit से कम होगा वजन
सबसे पहले बात करते हैं संतरे के जैसे दिखने वाले इस Grapefruit के बारे में। रिपोर्ट के मुताबिक, Grapefruit फ्रूट को खाना से आपका वजन कम हो सकता है। यदि आप भी इस फ्रूट को नहीं खाते हैं तो आज ही इसे अपनी डाइट में शामिल करें।
सेब खाने से भी वजन होगा कम
सभी सलाह देते हैं कि रोज एक सेब खाओ, डॉक्टर से दूर रहो। यह हकीकत में सही सलाह है। सेब में कैलोरी भी कम होती है और यह वजन घटाने में सहायक पाया गया है। इसमें लगभग 110 कैलोरी होती है और यह शरीर को एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करता है। यह आपके स्वास्थ्य पर भी अधिक प्रभाव डालता है। इससे आपका कोलेस्ट्रॉल सामान्य रहता है।
Berries भी अपनी डाइट में करें शामिल, वजन होगा कम
Berries खा कर भी आप अपना वजन कम कर सकते हैं। अगर अपने आहार में आधा कप Berries खाते हैं, तो यह आपको 42 कैलोरी प्रदान करता है। यह बहुत प्रभावी हो सकता है, क्योंकि यह शरीर में लगभग 12 प्रतिशत विटामिन-सी और मैंगनीज स्तर प्रदान करता है।
कीवी भी खाएं, वजन होगा कम
इसके अलावा माना जाता है कि कीवी से भी आप अपना वजन कम कर सकते हैं। चीकू जैसा दिखने वाला यह फल पौष्टिक होता है। यदि आप रोज इस फल को अपनी डाइट में शामिल करेंगे तो आपको जरूर फायदा मिलेगा। -
हाई ब्लड प्रेशर के मामले देश में लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में काफी संख्या में लोग इससे निपटने के लिए तमाम तरह के उपाय अपना रहे हैं, लेकिन ये बीमारी उनसे दूर नहीं हो पाती है। मजबूर होकर ऐसे लोगों को दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है। आपने देखा होगा कि कई बार बीपी या Hypertension अचानक से बढ़ जाता है । ऐसे स्थिति में ज्यादातर लोग घबरा जाते हैं। इससे निपटने के लिए आपको घबराने के बजाय समझदारी से काम लेना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि अचानक से बीपी बढ़ने पर क्या करना चाहिए-----
1. एक्सरसाइज करने की बनाएं आदत
बता दें कि ब्लड प्रेशर बढ़ने पर मरीज को कई तरह की परेशानियां होती हैं, जैसे तेज सिरदर्द, छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, कन्फूजन और स्किन पर लाल रंग के चकत्ते दिखाई देते हैं । ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए एक्सरसाइज और डाइट दो सबसे जरूरी चीजें होती हैं। माना जाता है कि यदि आप ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो आपको एक्सरसाइज करने के साथ-साथ डाइट में पौष्टिक चीजें शामिल करनी चाहिए।
2. विटामिन-सी का सेवन करना चाहिए
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के लिए विटामिन-सी का सेवन करना चाहिए। दरअसल, खट्टे फल विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट और मिनरल से भरपूर होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में असरदार साबित होते हैं। आप खट्टे फलों में अंगूर, संतरे और नींबू का सेवन कर सकते हैं।
3. बेरीज से भी बीपी होगा कंट्रोल
इसके अलावा बेरीज से भी बीपी को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके खाने से आपका बीपी कंट्रोल में रहता है। एंटीऑक्सिडेंट और फ्लेवोनोइड से भरपूर बेरीज ना सिर्फ सेहतमंद रखती हैं बल्कि दिल के रोगों का खतरा भी कम करती है।