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ठंड का मौसम बीमारियां लेकर आता है। खासतौर पर जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें बार-बार जुकाम हो जाता है। ठंड लगने की वजह से सर्दी-खांसी हो जाए तो समझ जाएं कि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। इसके लिए खाने-पीने में ऐसी चीजों को शामिल करें जिसमे पोषण की मात्रा ज्यादा हो। बच्चे और बूढ़े ही नहीं बल्कि जवान लोगों को भी सही डाइट लेनी चाहिए। अगर आपके घर में भी सर्दी से लोग बीमार हो रहे हैं तो उन्हें फलों का मुरब्बा बनाकर खिलाएं।
मुरब्बा
मुरब्बा फल को लंबे समय तक बिना खराब हुए स्टोर करने का देसी तरीका है। गुड़, चीनी और मसालों को डालकर तैयार ये मुरब्बा सेहतमंद होते हैं और आसानी से खाए जा सकते हैं। आंवले को डाइट में शामिल करने के लिए बहुत सारे घरों में लोग आंवले का मुरब्बा खाते हैं। इसी तरह से और भी फल हैं जिनके मुरब्बे को डाइट में शामिल करने से पौष्टिक तत्व मिलते हैं।
सेब का मुरब्बा
सेब को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद बताया गया है। लेकिन बच्चे या बड़े कोई भी रोज सेब को नहीं खा पाते। कुछ दिन खाने के बाद सेब से मन ऊब जाता है। आप चाहें तो घर में सेब का मुरब्बा बनाकर रख सकती हैं। इसे हर कोई बड़े चाव से खाएगा और सेहत भी सही रहेगी।
आंवले का मुरब्बा
आंवले का मुरब्बा सबसे ज्यादा लोग खाते हैं। आंवले को कच्चा खाना थोड़ा सा मुश्किल होता है। ऐसे में मुरब्बा हर किसी को पसंद आ जाता है। आंवला गुणों की खान है। विटामिन सी और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सर्दियों में आंवले की खुराक बहुत जरूरी है।
गाजर का मुरब्बा
गाजर विटामिन ए का अच्छा खासा स्त्रोत है। इसे खाने से विटामिन के, पोटैशियम, आयरन और बीटा कैरोटिन मिलते हैं। लेकिन रोज गाजर खाना मुश्किल लग सकता है। इसलिए गाजर का मुरब्बा बनाकर रख लें। रोजाना थोड़ा सा गाजर का मुरब्बा कई सारी बीमारियों को खत्म करेगा।
अदरक का मुरब्बा
सर्दी के बाद होने वाली खांसी परेशान करती है तो उसमे गुड़ और अदरक का मुरब्बा फायदा पहुंचाता है। सर्दियों में अदरक का मुरब्बा खाने से सर्दी खांसी की समस्या ना के बराबर होगी। अदरक में विटामिन के, बी6 और सी होते हैं। साथ ही आयरन, जिंक और सोडियम कैंसर जैसी बीमारियों से भी लड़ते हैं। -
आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो रात को ठंड से बचने के लिए ऊनी कपड़े पहनकर ही बिस्तर पर सो जाते हैं, तो अपनी ये आदत तुरंत बदल डालिए। जी हां, सर्दियों में ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े तो हर व्यक्ति पहनता है। लेकिन रात को भी शरीर में गर्माहट बनी रहे, इसके लिए सोते समय भी ऊनी कपड़े पहनना आपको नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसा करने से बेशक आपको तुरंत गर्माहट महसूस होने के साथ आरामदायक और गर्माहट भरी नींद भी आ जाए। लेकिन क्या आप जानते हैं स्वेटर या ऊनी कपड़े पहन कर सोने से आपके शरीर पर कई तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में।
स्वेटर पहनकर सोने से होने वाले साइड इफेक्ट्स-
स्किन एलर्जी-
स्वेटर पहनकर सोने से स्किन जरूरत से ज्यादा ड्राई हो सकती है, जिससे त्वचा से जुड़े कई तरह के इंफेक्शन होने लगते हैं। एक्जेमा की दिक्कत भी स्वेटर पहनकर सोने से हो सकती है। एक्जेमा होने पर स्किन पर रूखापन और खुजली की समस्या होने लगती है। इस परेशानी से बचने के लिए स्वेटर पहनकर ना सोएं और अगर सो रहे हैं तो मॉइश्चराइजर लगाना ना भूलें।
ठंड बर्दाश्त करने की क्षमता पर असर-
ज्यादा समय तक मोटे और ऊनी कपड़े पहने रहने से शरीर के ठंड बर्दाश्त करने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में अगर आप थोड़े कम गर्म कपड़े पहन कर बाहर निकलते हैं तो आपको बहुत ही आसानी से ठंडी लग सकती है।
पिंपल्स की समस्या-
अगर आपको लगता है कि सर्दियों में आपको पसीना नहीं आता है तो ये आपकी गलतफहमी है। सर्दियों में भी आपको पसीना होता है बस आपको इसका एहसास नहीं होता है। इसके साथ ही हम आपको ये भी बता दें कि आपके स्वेटर या ऊनी कपड़ों की पसीना सोखने की क्षमता अच्छी नहीं होती है, जिसकी वजह से पसीना आपके शरीर पर ही लगा रहता है। इस पसीने को जब स्वेटर की वजह से शरीर का गर्म तापमान मिलता है तो ये एक अलग तरह के पिंपल्स को जन्म देता है जिन्हें स्वेट पिंपल्स कहा जाता है। अगर इन पिंपल्स के बाद भी आप लगातार स्वेटर पहने रहते हैं तो ये पिंपल्स जल्दी ठीक भी नहीं होते हैं।
रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर असर-
गर्म कपड़े पहन कर सोने से रिप्रोडक्टिव हेल्थ को नुकसान पहुंच सकता है। रात को सोते वक्त शरीर में उत्पन्न होने वाली अत्यधिक मात्रा में गर्मी की वजह से जेनाइटल एरिया में भी पसीना होता है जिससे ना सिर्फ प्राइवेट पार्ट्स में इनफ्लेमेशन बल्कि तरह-तरह के इनफेक्शन भी हो सकते हैं। -
जल्दी उठने के फायदे हम बचपन से पढ़ते और सुनते आ रहे हैं। आयुर्वेद में भी ब्रह्म मुहुर्त में उठना सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद बताया गया है। सुबह उठना सिर्फ सेहत के लिहाज से ही अच्छा नहीं बल्कि इससे आपकी लाइफ भी व्यवस्थित रहती है। ज्यादातर घरों में बुजुर्ग सूरज उगने से पहले जाग जाते हैं। वहीं यूथ्स को यह काम जरा मुश्किल लगता है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो देर तक सोते रहते हैं तो जल्दी उठने के कुछ फायदे जान सकते हैं। हो सकता है इसके बाद आपको जल्दी उठने का मोटिवेशन मिल सके।
जानें क्या कहता है आयुर्वेद
आयुर्वेदिक की मानें तो ब्रह्म मुहूर्त में जागने से आपको ज्ञान मिलता है। आप सुबह बैठकर आत्मचिंतन कर सकते हैं या मेडिटेशन बेस्ट तरीका है। अगर आप स्टूडेंट हैं तो इससे आपकी यादाश्त तेज होगी। आपकी कार्य क्षमता बढ़ती है और आप पूरे दिन फ्रेश रहेते हैं। अब सवाल उठता है कि ब्रह्म मुहूर्त कहते किसे हैं? इस सवाल का जवाब है, सूरज उगने से 1 घंटा 36 मिनट पहले का वक्त। यह 48 मिनट तक रहता है। ब्रह्म मुहुर्त में उठ सकते हैं तो बेस्ट अगर नहीं तो आप सूरज निकलने के साथ भी जाग सकते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार के मुताबिक, आयुर्वेद में वात, कफ और पित्त प्रकृति के लोगों को जागने के लिए अलग-अलग वक्त दिया गया है। अगर आपको अपनी प्रकृति नहीं पता तो 6:30 से लेकर 7 बजे के बीच उठ जाएं।
सक्सेसफुल होने का राज
आप कई सफल लोगों की लाइफस्टाइल के बारे में पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि सुबह जल्दी उठना उनकी लाइफस्टाइल का हिस्सा जरूर होता है। जल्दी उठने से आपके पास दूसरे लोगों से ज्यादा वक्त रहता है। आपका दिन हड़बड़ी में शुरू नहीं होता और आप चीजें प्लान करके चलते हैं। आप इस समय में कई प्रोडक्टिव चीजें कर सकते हैं। इतना ही नहीं एक्सरसाइज के लिए भी सुबह का वक्त बेस्ट माना जाता है।
नहीं चढ़ता है मोटापा
आप जल्दी जागते हैं तो नींद भी जल्दी आती है। ऐसे में जो लोग वजन कम कर रहे हैं उनके लिए भी सुबह जल्दी जागना और सोना जरूरी है। टाइम से सोएंगे तो लेट नाइट भूख लगने पर आप जरूरत से ज्यादा खाना भी नहीं खाएंगे। ऐसा माना जाता है कि जो लोग सुबह जल्दी उठते हैं उनमें मोटापा (कोई जेनेटिक समस्या न हो तो) और खतरनाक बीमारियां होने की संभावना कम रहती है।
मिलते हैं इतने सारे फायदे
जल्दी उठने वालों को गहरी और अच्छी नींद आती है। आप अच्छी तरह सो लेते हैं तो पूरे दिन एनर्जेटिक रहते हैं। इससे आपकी हेल्थ के साथ ब्यूटी भी अच्छी रहती है। नींद न पूरी होने से ऐक्ने, चेहरे पर पफीनेस दिख सकती है। जल्दी उठना फिजिकल हेल्थ, मेंटल हेल्थ, ब्यूटी के साथ सक्सेसफुल होने के लिए भी बेहद जरूरी है। आपको बस यह याद रखना है कि जल्दी उठने के चक्कर में नींद के साथ समझौता न करें। वर्ना कम नींद लेने से होने वाली दिक्कतें भी हो सकती हैं। - बादाम और अंजीर का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इन दोनों ड्राई फ्रूट्स में मौजूद गुण और पोषक तत्व शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इनमें मौजूद गुण कई गंभीर बीमारियों में भी बहुत फायदेमंद होते हैं। बादाम में मौजूद विटामिन ई ओमेगा 3 फैटी एसिड और अन्य पोषक तत्व हार्ट से जुड़ी बीमारियों का जोखिम करने के साथ शरीर को ताकत देने और बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा अंजीर में विटामिन ए, विटामिन बी, प्रोटीन, फाइबर आदि भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। शरीर की कमजोरी दूर करने से लेकर पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं में अंजीर और बादाम का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आइए इस लेख में जानते हैं बादाम और अंजीर एक साथ खाने के फायदे और तरीका।बादाम और अंजीर खाने के फायदे-नियमित रूप से बादाम और अंजीर खाने से आपके शरीर का ब्लड शुगर कंट्रोल करने से लेकर कब्ज और अपच की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। अंजीर में मौजूद गुण शरीर में खून की कमी से लेकर अपच और खानपान से जुड़ी समस्या में भी इसका सेवन बहुत फायदेमंद होता है। अंजीर में मौजूद गुण और पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करते हैं। अंजीर और बादाम को भिगोकर एक साथ खाने से आपको ये फायदे मिलते हैं-1. वजन कम करने में फायदेमंदवजन कम करने के लिए अंजीर और बादाम का एक साथ सेवन बहुत फायदेमंद होता है। अंजीर और बादाम को भिगोकर सुबह के समय खाने से आपका पेट भरा रहता है और भूख नियंत्रित रहती है। वजन कम करने के लिए नियमित रूप से इसका एक साथ सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है।2. कब्ज की समस्या में उपयोगीअसंतुलित खानपान और खाराब जीवनशैली के कारण कब्ज और अपच की समस्या लोगों में तेजी से बढ़ती है। कब्ज से छुटकारा पाने के लिए अंजीर और बादाम का एक साथ सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। अंजीर और बादाम में फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है जो कब्ज से निजात दिलाने में बहुत फायदेमंद मानी जाती है।3. शुगर में फायदेमंदशरीर में ब्लड शुगर की मात्रा को कंट्रोल करने के लिए रोजाना अंजीर और बादाम का एकसाथ सेवन बहुत फायदेमंद होता है। अंजीर में पोटैशियम और क्लोरोजेनिक एसिड की पर्याप्त मात्रा होती है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से आपका ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।4. कमजोरी में फायदेमंदकमजोरी दूर करने के लिए अंजीर और बादाम एक साथ खाना बहुत फायदेमंद होता है। अंजीर और बादाम दोनों ही पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनमें मौजूद गुण और पोषक तत्व शरीर में खून की कमी दूर करने से लेकर कई गंभीर समस्याओं से छुटकारा दिलाने में बहुत फायदेमंद होते हैं।5. हड्डियों के लिए फायदेमंदअंजीर और बादाम का सेवन करने से आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं। बादाम और अंजीर दोनों में ही कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होती है, इसका नियमित रूप से सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं और बीमारियों का खतरा कम होता है।रोजाना मुट्ठीभर बादाम और 2 से 3 अंजीर को पानी में भिगोकर सुबह के समय खाने से आपको बहुत फायदा मिलता है। इनका सेवन करने से आपके शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है और दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम भी कम होता है।
- सर्दियों के मौसम में खांसी, जुकाम और इन्फेक्शन की समस्या बढ़ जाती है। इस मौसम में खानपान में लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है। सर्दियों में शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट करने और शरीर को इन्फेक्शन, सर्दी-जुकाम या कफ की समस्या से बचाने के लिए कुछ चीजों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। सर्दियों में कफ की समस्या भी तेजी से बढ़ती है। इस लेख में जानते हैं कौन सी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।1. कॉफी का बहुत ज्यादा सेवनसर्दियों में बहुत ज्यादा कॉफी पीने से आपको कई गंभीर परेशानियां हो सकती हैं। कैफीन की अधिक मात्रा वाले ड्रिंक्स का सेवन करने से आपका शरीर अंदर से डिहाइड्रेट हो जाता है। इसकी वजह से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और शरीर में बलगम या कफ बनने लगता है। कफ की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कैफीन वाले ड्रिंक्स का सेवन करने से बचना चाहिए।2. डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवनसर्दियों में बहुत ज्यादा डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करने से आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं। सर्दी के मौसम में डेयरी प्रोडक्ट्स का बहुत ज्यादा सेवन करने से आपके शरीर में कोल्ड और कफ बढ़ सकता है। हालांकि इसका सीमित मात्रा में सेवन करने से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।3. हिस्टामिन की अधिकता वाले फूड्ससर्दियों में हिस्टामिन की अधिकता वाले फूड्स का सेवन करने से आपको कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। दरअसल हमारा शरीर एलर्जी या कोल्ड आदि से लडऩे के लिए हिस्टामिन रिलीज करता है। लेकिन सर्दी में फ्लू या कोल्ड आदि होने पर हिस्टामिन की अधिक मात्रा के कारण आपकी परेशानियां बढ़ जाती हैं। इसलिए सर्दियों में कफ से बचने के लिए हिस्टामिन की अधिकता वाले फूड्स जैसे मशरूम, शराब, स्ट्रॉबेरी, ड्राई फ्रूट्स, दही या सिरका आदि का सेवन करने से बचना चाहिए।4. शराब पीने से बचेंसर्दियों में बहुत ज्यादा शराब पीने से आपको कई परेशानियां हो सकती हैं। इसकी वजह से आपके शरीर में कफ की अधिकता हो सकती है। बहुत ज्यादा शराब पीने से आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और लिवर को भी नुकसान होता है।5. तला भुना खाना या जंक फूड्ससर्दियों में लोग तली-भुनी चीजों का ज्यादा सेवन करना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं बहुत ज्यादा तला-भुना या जंक फूड खाने से आपकी परेशानियां और बढ़ सकती हैं। इसकी वजह से आपको फ्लू या कोल्ड का खतरा भी बढ़ जाता है। सर्दियों में बहुत ज्यादा तला-भुना खाना खाने से शरीर में कफ बढ़ जाता है।
- रायता खाना तो हम सभी को बहुत पसंद होता है। हम में से ज्यादातर लोग भोजन से पहले, साथ में या बाद में खाना बहुत पसंद करते हैं। यह हमारे भोजन के स्वाद को कई गुना बढ़ा देता है, साथ ही ऐसा माना जाता है कि यह भोजन के बेहतर पाचन में भी मदद करता है। आयुर्वेद की मानें तो भले ही रायता दही से बनता है और आपके आंत स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार रायता एक विरूद्ध आहार है, यानी यह दो ऐसी चीजों के कॉम्बिनेशन से बनता है जो प्रकृति में एक दूसरे से भिन्न होते हैं और इनका साथ में सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। उदाहरण के लिए रायता में दही के साथ में नमक भी डाला जाता है, जो कि असंगत फूड कॉम्बिनेशन है। भले ही यह आपको खाने में बहुत स्वादिष्ट लगता है, लेकिन अगर इसका सही तरीके और समय से सेवन न किया जाए तो आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है।अब सवाल यह उठता है कि आयुर्वेद के अनुसार रायता कब खाना चाहिए? वहीं अक्सर लोगों के मन में यह सवाल भी उठता है कि रायता भोजन से पहले खाना चाहिए, साथ में या बाद में? अगर आप रायता खाते हैं, तो इसका सेवन आपको हमेशा भोजन के हिसाब से करना चाहिए। क्योंकि अगर आप इसका भोजन की शुरुआत से पहले, साथ में या तुरंत बाद सेवन करते हैं तो यह आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार यह एक विरूद्ध आहार है। इसलिए आपको हमेशा यह कोशिश करनी चाहिए कि आप रायते का सेवन हमेशा भोजन से 1 से 2 घंटे पहले या फिर 1 घंटा बाद करना चाहिए। आपको भोजन के साथ में रायते का सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि दही को पचाने में भी समय लगता है। साथ ही जब रायता बनाया जाता है तो दही में कई अन्य सब्जियां, बूंदी और नमक आदि डाला जाता है। जिससे यह पचने में और भी अधिक भारी हो जाता है। इसलिए आपको रायता हमेशा भोजन से पहले या बाद में करना चाहिए। जिससे कि यह भोजन के पाचन में बाधा न बने और आपका पाचन ठीक से काम करें।किन लोगों को रायते के सेवन से बचना चाहिए-जिन लोगों को दूध से एलर्जी है, उन्हें रायता खाने से बचना चाहिए।-रात को रायता का सेवन करते समय ध्यान रखें कि ज्यादा रात न हो, डिनर से पहले करें।-अगर आपका पाचन पहले से खराब है, तो ऐसा में भी आपको रायते से परहेज करना चाहिए।-सर्दी-खांसी और जुकाम आदि में दही के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है। क्योंकि कुछ लोगों में इससे बलगम की समस्या हो सकती है।
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सर्दियां आते ही बाजारों में तिल के लड्डू से लेकर गजक, चिक्की, गोंद के लड्डू और गर्मागर्म भुनी मूंगफली मिलने लगती है। सर्दी की ये मिठाईयां दुकानों पर मिलने वाली रोजाना की मिठाईयों से बेहतर होती हैं। इन्हें खाने का मजा भी अलग होता है। सर्दी की गुनगुनी धूप में बैठकर भुने शकरकंद और मूंगफली खाना लोग पसंद करते हैं। क्या आप जानते हैं ये सारी चीजें केवल स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होती हैं। अगर आप चिक्की या गजक खाने के शौकीन हैं लेकिन सेहत को लेकर चिंतित रहते हैं तो इसके फायदे जानकर खुश हो जाएंगे।
संक्राति और लोहड़ी पर बनती है तिल की मिठाईयां
जनवरी की कड़कड़ाती सर्दी में त्योहारों पर तिल और मूंगफली की मिठाईयां बनाने का चलन हैं। लोहड़ी और संक्राति के मौके पर तिल के लड्डू और गजक हर घर में बनते हैं। जिसे खाने से सर्दी से भी बचाव होता है।
तिल है फायदेमंद
सर्दी के मौसम में शरीर में वात का प्रभाव बढ़ जाता है। ऐसे में हड्डियों और मांसपेशियों में जकड़न हो जाता है। तिल और गुड़ से बने लड्डू जोड़ों की अकड़न को कम करता है। तिल में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में होता है जो हड्डियों को मजबूत करता है। साथ ही तिल शरीर को गर्म रखने में भी मदद करता है। ऐसे में तिल का सेवन सर्दी-जुकाम से भी शरीर को बचाता है।
इन रोगों में तिल खाना है फायदेमंद
हड़्डी और जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को भुने तिल और कच्चे तिल का सेवन करना चाहिए। वहीं डायबिटीज के मरीज भी तिल आसानी से खा सकते हैं। जिन लोगों को मीठे की क्रेविंग होती है वो गुड़ और तिल से बने लड्डुओं को आराम से खा सकते हैं।
भुने शकरकंद खाने के फायदे
भुनी शकरकंद खाना बहुत सारे लोगों को पसंद होता है। शकरकंद गुणों का भंडार है। इसमे आलू से ज्यादा स्टार्च होता है। फाइबर, प्रोटीन, कैलोरी के साथ ही शकरकंद में कैल्शियम और कैरोटेनॉयड्स होते हैं। जो हड़्डियों को मजबूत बनाते हैं।
डायबिटीज के मरीज खा सकते हैं
डायबिटीज के मरीज शकरकंद को आराम से खा सकते हैं। इसमे मौजूद यौगिक रक्त शर्करा को नियंत्रित करते हैं। हालांकि डॉक्टर की सलाह पर ही शकरकंद का सेवन करना चाहिए। अगर आप वजन कम करने के लिए सेहतमंद खाना खाते हैं तो शकरकंद खाएं। ये शरीर में फैट को बढ़ने से रोकता है। भुना शकरकंद खाने से भूख कम लगती है और वजन तेजी से कम होता है। इसलिए सर्दियों में आसानी से भुना शकरकंद खाएं। ये सेहत को हर तरह से फायदा पहुंचाता है। -
सर्दी का सितम जोरों पर है। कोहरा और ठंडी हवाओं ने हर किसी को बेहाल कर दिया है। खुद को गर्म रखने के लिए गर्म कपड़ों के साथ ही हीटर और आग का सहारा सब ले रहे हैं। ऐसे में मन में ये सवाल उठता है आखिर क्यों सर्दी से बचने के लिए कई सारे कपड़े पहनना जरूरी है। बहुत सारे लोगों को कपड़ों की परत पहनना पसंद नहीं होता, ऐसे में वो केवल एक स्वेटर से ही सर्दी दूर भगाना चाहते हैं लेकिन हाड़ कंपाती ठंड में केवल एक स्वेटर शरीर को गर्म रखने में फेल हो जाता है। अगर आपके मन में भी ये सवाल पैदा हो रहा है तो जान लें कि कई कपड़े पहनने का वैज्ञानिक कारण भी है।
क्यों एक कपड़े से ठंड में शरीर गर्म नहीं होता
ठंड से बचने के लिए अक्सर लोग एक मोटा ऊनी स्वेटर पहन लेते हैं। लेकिन ये मोटा कपड़ा शरीर को पूरी तरह से गर्म रखने में फेल हो जाता है। वहीं पतली परत का दो से तीन कपड़ा कड़कड़ाती सर्दी में भी शरीर को तेजी से गर्म कर देता है। इसका कारण शरीर की गर्मी है, जो कि एक मोटे कपड़े से आसानी से बाहर निकल जाती है।
कई परत के कपड़े शरीर को रखते हैं गर्म
जबकि पतली परत के दो से तीन कपड़े शरीर की गर्मी को आसानी से रोक लेते हैं। जब हम दो ऊनी कपड़े पहनते हैं तो शरीर की गर्मी इन दो कपड़ों के बीच फंस जाती है और बाहर नहीं निकलती, जिसकी वजह से शरीर आसानी से गर्म हो जाता है और हमें सर्दी नहीं लगती।
ठंड से बचने के लिए जरूरी है दो से तीन परत का कपड़ा
इसलिए सर्दियों के मौसम में एक मोटा ऊनी कपड़ा पहनने से बेहतर है कि दो से तीन परत के ऊनी कपड़े पहने जाएं। जो शरीर को गर्म रखने में मदद करें।
ठंड में चुनें इस फैब्रिक को
सर्दियों से बचने के लिए ऊनी कपड़े पहने जाते हैं लेकिन आप चाहें तो ऊनी कपड़ों के अलावा हल्की सर्दी में सिल्क फैब्रिक को भी चुन सकते हैं। ये ना केवल शरीर की गर्मी को बाहर आने से रोकते हैं बल्कि कई परत के कपड़े पहनने के लिए कॉटन फैब्रिक से ज्यादा बेहतरीन विकल्प है। - सौंफ हमारे किचन में मौजूद एक अद्भुत मसाला है। हम में से ज्यादातर लोग अपने दैनिक जीवन किसी न किसी रूप में इसका सेवन जरूरी करते हैं। यह खाने में मीठी और बहुत स्वादिष्ट होती हैं, साथ ही हमारे द्वारा खाए जाने वाले कई व्यंजनों को एक बेहतरीन खुशबू और स्वाद प्रदान करता है। लेकिन हम शायद ही कभी इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में सोचते हैं। जबकि इसका सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, खासकर जब आप एक चम्मच सौंफ को रातभर पानी में भिगोकर सुबह इसका सेवन करते हैं।भीगी सौंफ के फायदे-1. पेट के लिए है लाभकारी हैरोजाना नियमित सुबह भीगी सौंफ खाने से पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। यह पेट में गैस, कब्ज, अपच, ब्लोटिंग जैसी समस्याओं का रामबाण उपाय है। यह आपके पाचन को दुरुस्त करता है, साथ ही नेचुरल मेटाबॉलिज्म बूस्टर है। यह मल को सख्त करने और मलत्याग की प्रक्रिया को बेहतर करने में भी लाभकारी है। उल्टी, दस्त आदि में भी इसका सेवन बहुत फायदेमंद है।2. दिमाग होगा तेजसौंफ के बीज पोटेशियम से भरपूर होते हैं, यह मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते है। यह ब्रेन फंक्शन में सुधार कर, मेमोरी बूस्ट करने, साथ ही आपके मस्तिष्क को एक्टिव रखने में भी मदद करता है। साथ यह रक्त में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाती है, तनाव, चिंता और अवसाद जैसी स्थितियों को कम करती है और मूड में सुधार करती है।3. दिल को रखे स्वस्थफाइबर, पोटेशियम जैसे जरूरी मिनरल से भरपूर सौंफ सिस्टोलिक हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार है। जिससे यह हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करती है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए आपको रोज इसका सेवन करना चाहिए।4. पुरुषों की कई समस्याएं करे दूरपुरुषों में लो स्पर्म काउंट, इन्फर्टिलिटी और यौन इच्छाओं में कमी को दूर रखने में सौंफ के बीज बहुत लाभकारी हैं। इनके नियमित सेवन से पुरुषों की ये समस्याएं जल्द दूर होती हैं। यह हार्मोनल संतुलन को भी बनाए रखते हैं।5. महिलाओं के लिए है लाभकारी हैमहिलाओं में पीएमएस, पीरियड्स की ऐंठन और पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो को सामान्य रखने में सौंफ के बीज बहुत लाभकारी हैं। साथ ही इसके सेवन से हार्मोनल समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।
- अक्सर हम देखते हैं कि बहुत से लोगों के शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में पेट के एरिया में अधिक चर्बी देखने को मिलती है। पेट में जमा यह जिद्दी चर्बी कई गंभीर रोगों के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। इसलिए इसे कम करना बहुत जरूरी है।पेट में जमा यह जिद्दी चर्बी हमारी जीवनशैली की खराब आदतें, गतिहीन जीवनशैली और जंक, प्रोसेस्ड, ज्यादा तला-भुना खाने का परिणाम है। इसे कम करने में काफी समय लगता है, इससे छुटकारा पाने का कोई इंस्टेंट उपाय नहीं है। हालांकि अगर आप संतुलित आहार लें और नियमित व्यायाम करें, तो इसके साथ कुछ आयुर्वेदिक उपायों को फॉलो करके अपने बैली फैट लॉस जर्नी में तेजी ला सकते हैं।1. अग्नि को बढ़ाएंहमारी शारीरिक और पाचन अग्नि आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन के बेहतर पाचन और मेटाबॉलिज्म की दर को तेज करने में अहम भूमिका निभाती है। शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरी बर्न करने के लिए अग्नि तेज होना बहुत जरूरी है। इसलिए आपको गर्म तरल पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए और ठंडे फूड्स, ड्रिंक्स से परहेज करना चाहिए।2. पूरा दिन गर्म पानी पिएंअगर आप पूरा दिन गुनगुने या गर्म पानी का सेवन करते हैं, तो इससे शरीर की अतिरिक्त कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। साथ ही इससे आपका पाचन भी दुरुस्त होता है, साथ ही भोजन को पचाने और इससे पोषक तत्वों के अवशोषण में भी आसानी होती है। यह मेटाबॉलिज्म की दर को भी तेज करता है, जिससे आप अधिक तेजी से कैलोरी बर्न करते हैं।3. डिनर 7 बजे तक कर लेंआयुर्वेद यह सुझाव देता है कि जैसे जैसे दिन ढलने लगता है, तो हमारी पाचन अग्नि भी कमजोर हो जाती है। हमारी पाचन अग्नि सूर्य की नकल करती है। जब सूर्य निकलता है तो पाचन अग्नि भी मंद होती है, दोपहर में तेज और दिन ढलने के साथ फिर से मंद हो जाती है। अगर आप सूरज ढलने के बाद कुछ भारी खाते हैं, तो इसे पचने में अधिक समय लगता है और भोजन ठीक से पच नहीं पाता है, अनपचा भोजन चर्बी बढ़ाने में योगदान देता है।4. चबा-चबा कर भोजन करेंआयुर्वेद के अनुसार भोजन को मन लगाकर और अच्छी तरह चबा-चबा कर खाना चाहिए। इससे भोजन में लार और पाचक रस अच्छी तरह मिल जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि हमारे द्वारा खाया जाने वाले भोजन मुंह में 70 प्रतिशत तक पचने योग्य हो जाते है। इसलिए आपको भोजन अच्छी तरह-चबाकर और शांति पूर्व करना चाहिए।5. कुछ आयुर्वेदिक हब्र्स हैं मददगारसुबह खाली पेट पानी में जीरा, सौंफ, अदरक, दालचीनी, धनिया जैसी हब्र्स और मसाले में से कोई भी एक उबालकर, इनमें शहद मिलाकर पीने से वजन घटाने में बहुत लाभ मिलता है। इसके अलावा त्रिफला, आंवला, गुडुची का चूर्ण भी वजन घटाने में मदद करता है। आप किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से इनके सेवन सही तरीका पूछ सकते हैं।अगर आप संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के साथ इन सरल टिप्स को फॉलो करते हैं, तो आपको जल्द स्लिम और फ्लैट बैली पाने में मदद मिलेगी।
- भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत को लेकर हर कोई फिक्रमंद रहता है। ऐसे में ये बेहद जरूरी है कि दिन की शुरुआत हेल्दी ब्रेकफास्ट से हो। अगर हेल्दी फूड के साथ टेस्ट भी मिल जाए तो क्या कहने। चाट खाना तो हर किसी को पसंद होता है लेकिन अगर कुछ हेल्दी और चटपटा मिल जाता है तो मजा और बढ़ जाता है। हम आपको ऐसी ही हेल्दी और चटपटी हरी मटर की चाट बनाना सिखाने जा रहे हैं।हरी मटर की चाट बनाने की सामग्रीमटर - 1 कपटमाटर - 1/4 कपप्याज - 1लाल मिर्च पाउडर - 1/2 टी स्पूनहरी मिर्च (कटी हुई) - 2नींबू रस - 1 टी स्पूनमीठी चटनी - 1 टेबल स्पूनचाट मसाला - स्वादानुसारनमक - स्वादानुसारकाला नमक - स्वादानुसारतेल - आवश्यकतानुसारविधिहरी मटर की चाट बनाना बेहद आसान है. इसके लिए सबसे पहले प्रेशर कुकर में मटर डालें और उसे दो सीटी आने तक पकने दें। कुकर का प्रेशर खत्म होने के बाद खोलें और मटर नर्म हो गए हैं या नहीं चेक कर लें। इसके बाद पानी अलग कर दें और हरे मटर को एक कटोरी में निकाल लें। आप चाहें तो इस चाट को थोड़े से तेल में एक पैन में फ्राई भी कर सकते हैं। इससे इसका स्वाद बढ़ जाएगा। अब इसमें टमाटर, हरी मिर्च, प्याज (जो प्याज नहीं खाते हैं वे इसके बिना भी चाट बना सकते हैं.)अब इसमें लाल मिर्च, काला नमक, सादा नमक, चाट मसाला सहित अन्य मसाले डाल दें। इसके बाद इसे निकालकर इसमें मीठी चटनी अच्छी तरह से मिक्स करें। इस तरह अब हरी मटर की चाट तैयार हो चुकी है। यह खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही पौष्टिकता से भी भरपूर है।
- फिट और हेल्दी रहने के लिए मेटाबॉलिज्म का सही तरीके से काम करना बहुत जरूरी होता है। जब मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ता है, तो आपको मेटाबॉलिक डिसऑर्डर हो सकता है। या फिर आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है। ऐसे में मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करना बहुत जरूरी हो जाता है। मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करके वजन को कंट्रोल में रखा जा सकता है। साथ ही कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचा जा सकता है।मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने के लिए सुबह खाली पेट क्या खाएं?-1. अदरकअपने मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए आप अदरक का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास गर्म पानी लें। इसमें अदरक का पाउडर डालें और फिर सुबह खाली पेट पी लें। आप चाहें तो अदरक का काढ़ा या फिर चाय बनाकर भी पी सकते हैं। सुबह खाली पेट अदरक का सेवन करने से आपको 43 कैलोरी अधिक बर्न करने में मदद मिल सकती है।2. सेब का सिरकासेब का सिरका भी मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद कर सकता है। आप अपने मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए सुबह खाली पेट सेब का सिरका पी सकते हैं। इसके लिए आप 1 गिलास गुनगुना पानी लें। इसमें 1-2 चम्मच सेब का सिरका मिक्स करें। लेकिन सेब के सिरके को पानी के साथ मिलाकर ही पिएं, अन्यथा पाचन तंत्र को नुकसान पहुंच सकता है।3. दाल और बींसदाल और बींस , अंकुरित चना, मूंग प्रोटीन से भरपूर होते हैं। प्रोटीन मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद कर सकता है। दरअसल, हाई प्रोटीन फूड्स को पचाने के लिए शरीर को अधिक कैलोरी बर्न करने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में जब आप प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तो इससे मेटाबॉलिज्म तेजी से काम करता है। इससे आपका वजन भी कंट्रोल में रह सकता है।4. मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए नट्स और सीड्सअपने मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए आप रोज सुबह नट्स और सीड्स का सेवन कर सकते हैं। नट्स और सीड्स खाने से आपके शरीर को ऊर्जा का उपयोग करने की जरूरत होती है। इससे कैलोरी को बर्न करने में मदद मिलेगी।5. अंडेसुबह खाली पेट अंडे का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है। अंडा प्रोटीन का अच्छा सोर्स होता है। एक उबले हुए अंडे में करीब 6.29 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। अंडा खाने से आपका मेटाबॉलिज्म तेजी से काम करेगा, क्योंकि शरीर को प्रोटीन को पचाने में अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है। इससे आपका वजन भी कंट्रोल में रह सकता है।6. अलसी के बीजअलसी के बीजों में प्रोटीन, विटामिन्स पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड भी पाया जाता है। अगर आप रोज सुबह खाली पेट अलसी के बीजों का सेवन करेंगे, तो इससे आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट होने में मदद मिल सकती है। आप अलसी के बीजों को रोस्ट करके, या फिर पाउडर के रूप में खा सकते हैं। इसके अलावा आप रातभर अलसी के बीजों को पानी में भिगोकर रख दें, सुबह खाली पेट इनका सेवन करें।7. ग्रीन टीग्रीन टी को हेल्थ के लिए काफी अच्छा माना जाता है। आप रोज सुबह खाली पेट ग्रीन टी पीकर अपने मेटाबॉलिज्म को बूस्ट कर सकते हैं। ग्रीन टी आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद कर सकता है।
- बाजरा शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सर्दियों में इसे कई तरह से खाया जाता है। लेकिन इसकी रोटी बनाकर खाना शरीर के लिए फायदेमंद होने के साथ खाने में काफी स्वादिष्ट भी लगती है। बाजरा में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, आयरन और फोलेट आदि पाए जाते हैं। इसको खाने से पाचन तंत्र मजबूत होने के साथ वजन कम करने में भी मदद मिलती है। कई लोग सरसों के साग के साथ खाना काफी पसंद करते हैं। इसे डायबिटीज मरीज भी आसानी से खा सकते हैं। बाजरे की रोटी पर मक्खन लगाकर खाने से इसका स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। सर्दियों में बाजरे की रोटी खाने से शरीर गर्म रहता है और मौसमी बीमारियों से भी शरीर का बचाव होता हैं। आइए जानते हैं सर्दियों में बाजरे की रोटी खाने के अन्य फायदों के बारे में।पाचन तंत्र को करे मजबूतबाजरे की रोटी में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। जिसे खाने से पाचन तंत्र हेल्दी रहने के साथ गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं भी आसानी से दूर होती हैं। इसके सेवन से कब्ज की समस्या भी आसानी से दूर होती है। बाजरे की रोटी पेट फूलने जैसी प्रॉब्लमस को भी दूर रखती हैं।वजन कम करने में मददगारसर्दियों में अगर आप भी अपने बढ़े हुए वजन से परेशान है, तो डाइट में बाजरे की रोटी को शामिल करें। बाजरे की रोटी खाने से वजन कम होने के साथ शरीर भी लंबे समय तक हेल्दी रहता है। बाजरे की रोटी में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है और इसे खाने से लंबे समय तक भूख भी नहीं लगती। जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।डायबिटीज के मरीज के लिए लाभदायकबाजरे की रोटी को डायबिटीज के मरीज भी आसानी से खा सकते है। बाजरे के आटे में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। जिस कारण डायबिटीज के रोगी इसे आसानी से खा सकते हैं। बाजरे की रोटी खाने से डायबिटीज कंट्रोल रहने में मदद मिलती है।इम्यूनिटी को करे मजबूतसर्दियों में बाजरे की रोटी खाने से इम्यूनिटी मजबूत होने के साथ शरीर भी हेल्दी रहता है। सर्दियों में इसके सेवन से मौसमी बीमारियों से बचाव होता हैं। बाजरा शरीर को अंदर से गर्म रखता है। जिससे शरीर को हेल्दी रखने में मदद मिलती है।त्वचा के लिए फायदेमंदजी हां, बाजरे की रोटी खाने से त्वचा भी हेल्दी रहती है। बाजरे में आयरन, जिंक और विटामिन बी9 आदि पाए जाते हैं, जो त्वचा का ख्याल रखने के साथ त्वचा संबंधी समस्याओं से भी बचाव करते हैं। बाजरे की रोटी खाने से स्किन स्वस्थ रहती है। बाजरे की रोटी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन ध्यन रखें अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या है, तो डॉक्टर से पूछ कर ही इसका सेवन करें।
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सर्दियां शुरू होते ही लोगों को सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं परेशान करने लगती हैं, ऐसे में अगर आप सर्दी-जुकाम के साथ अपने बढ़ते वजन से भी परेशान है तो भुनी हुई अजवाइन आपकी समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकती है। जी हां, आपने आजतक अजावइन का इस्तेमाल खाने की खुशबू बढ़ाने और हाजमें को दुरूस्त रखने के लिए तो कई बार किया होगा लेकिन क्या आप जानते हैं अजवाइन न सिर्फ आपके हाजमे का बल्कि सर्दी-जुकाम के साथ आपके बढ़ते वजन को भी कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकता है। आइए जानते हैं भुनी हुई अजवाइन खाने से व्यक्ति को मिलते हैं कौन से गजब के फायदे।
अजवाइन में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने के साथ, इंफेक्शन को कम करके दर्द से भी बचाते हैं। इतना ही नहीं वेट लॉस के लिए लोग अजवाइन का पानी और अजवाइन के चूर्ण का भी इस्तेमाल करते हैं।
भुनी हुई अजवाइन खाने के फायदे-
वेट लॉस-
भुनी हुई अजवाइन पेट के एंजाइम को बढ़ाकर पाचन क्रिया को तेज करने का काम करती है। वेट लॉस की इच्छा रखने वाले लोगों को इसका सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए। इस उपाय को करने के लिए अजवाइन, मेथी और कलौंजी को बराबर मात्रा में भूनकर एक साथ मिलाने के बाद इसका सेवन करें। इस मिश्रण को स्टोर करने के लिए एक एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करके रख लें। इस मिश्रण को रोजाना सोने से पहले एक चम्मच पाउडर गर्म पानी के साथ लें।
ब्लोटिंग से करे बचाव-
अजवाइन का इस्तेमाल न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने बल्कि पाचन संबंधी दिक्कतों को भी दूर करने के लिए किया जाता है। भोजन करने के बाद कई बार लोगों को ब्लॉटिंग की समस्य हो जाती है ऐसे में अजवाइन डाइजेस्टिव एंजाइम्स को बढ़ा कर खाना पचाने में तेजी से मदद करता है। इसका एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पेट की सूजन को कम करके ब्लोटिंग की समस्या से बचाव करने में मदद करते हैं।
एसिडिटी-
अजवाइन एसिडिटी और अपच की समस्या को दूर करने में भी बेहद मददगार है। अजवाइन में मौजूद सक्रिय एंजाइम, थाइमोल, गैस्ट्रिक जूस के स्राव में मदद करता है जो पाचन में सुधार करता है। पेट से जुड़ी समस्या से छुटकारा पाने के लिए अजवाइन का सेवन पानी के साथ करें।
सर्दी-जुकाम में फायदेमंद-
अजवाइन खांसी के साथ-साथ बलगम की समस्या में भी राहत पहुंचाने का काम कर सकती है।यह ब्रोन्कियल नलियों को चौड़ा करने में भी मदद करके अस्थमा पीड़ित लोगों की मदद कर सकती है। इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण व्यक्ति का मौसमी इंफेक्शन से भी बचाव करने में मदद करते हैं। - आजकल अधिकतर लोग बैली और कमर के फैट से परेशान हैं। कोई अपना वजन कम करने जिम जाकर हैवी वर्कआउट करता है, तो कोई डाइट प्लान को फॉलो करता है। अगर आप भी अपने बैली और बैक के फैट को बर्न करना चाहते हैं, तो डाइट और एक्सरसाइज के कुछ टिप्स फॉलो कर सकते हैं। रोजाना डाइट और एक्सरसाइज को फॉलो करके आपको वजन घटाने में मदद मिल सकती है। दरअसल, बैली और बैक का फैट व्यक्ति की पूरी पर्सनालिटी को खराब कर सकता है। ऐसे में आपको अपनी पर्सनालिटी को इंप्रूव करने के लिए बैली और बैक फैट को कम करना बहुत जरूरी होता है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर बैली और बैक फैट को कम कैसे किया जा सकता है? या फिर बैली और कमर की चर्बी को कम कैसे करें? पेट और कमर का मोटापा कैसे कम करें?-1. फाइबर रिच फूड्स का सेवन करेंअगर आप अपने बैली और कमर के फैट को कम करना चाहते हैं, तो फाइबर रिच फूड्स का सेवन कर सकते हैं। दरअसल, फाइबर पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। फाइबर भोजन को सही तरह से डाइजेस्ट करने में मदद करता है। साथ ही फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है। इससे आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है और आप ओवरइटिंग से बच सकते हैं। पेट और कमर के फैट को कम करने के लिए आप फलों, सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। नियमित रूप से फाइबर लेने से आपको पेट और कमर की चर्बी को कम करने में मदद मिल सकती है।2. ट्रांस फैट का सेवन करने से बचेंअगर आप ट्रांस फैट खाएंगे, तो इससे आपके पेट और कमर की चर्बी बढ़ सकती है। इसलिए अगर आप अपने कमर और पेट की चर्बी को कम करना चाहते हैं, तो ट्रांस फैट से पूरी तरह से परहेज करें। ट्रांस फैट आपके वजन को बढ़ा सकता है, साथ ही हृदय रोग और डायबिटीज का भी कारण बन सकता है। अगर आप कमर और बैली के फैट को कम करना चाहते हैं, तो हेल्दी फैट को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।3. रेगुलर एक्सरसाइज करेंपेट और कमर के फैट को कम करने के लिए आपके लिए एक्सरसाइज और योग करना भी बहुत जरूरी होता है। पेट और कमर की चर्बी को कम करने के लिए आप एरोबिक एक्सरसाइज कर सकते हैं। सप्ताह में कम से कम 75 मिनट दौड़ जरूर लगाएं। रोजाना वॉक करने, एक्सरसाइज करने से आपको वजन घटाने में मदद मिल सकती है। अगर आप शारीरिक रूप से सक्रिय रहेंगे, तो आपको अपने पेट और कमर की चर्बी को कम करने में काफी हद तक मदद मिल सकती है।4. तनाव कम लेंतनाव भी बढ़ते वजन का एक मुख्य कारण बन सकता है। इसलिए अगर आपका वजन अधिक है या आप बैली और कमर के फैट को कम करना चाहते हैं, तो तनाव लेने से भी बचना बहुत जरूरी होता है। तनाव कम लें, अच्छी नींद लें और खुश रहने की कोशिश करें।5. शुगर से दूरी बनाएंशुगर बैली और कमर के फैट को कम करने में मदद कर सकता है। अगर आपका बैली फैट निकला हुआ है, तो आपको शुगर से पूरी तरह से दूरी बना लेनी चाहिए। शुगर फैट को बढ़ा सकता है। आपको सोडा, स्वीट डिश, आइसक्रीम आदि से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा आपको फास्ट फूड, जंक फूड, तले-भूने खाने से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।कमर और पेट की चर्बी को कम करने के लिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
- सर्दी के मौसम में खाने-पीने के कई ऑप्शन मिल जाते हैं। सर्दियों में पालक, मेथी, बथुआ, मूली, गोभी जैसी कई सब्जियां बाजारों में मिलती हैं। ऐसी ही एक और सब्जी है जो सर्दियों में खूब बिकती है, वो है हरा चना (Green Chickpeas)। इसे आम भाषा में छोलिया के नाम से भी जाना जाता है। यह आकार में काले चने की तरह होता है, लेकिन यह हरे रंग का होता है। सर्दियों में लोग हरे चने की चाट, सब्जी या कढ़ी बनाकर खाते हैं। हरा चना खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। हरा चना प्रोटीन, फाइबर, आयरन और मिनरल्स से भरपूर होता है। हरा चना खाने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं। हरा चना खाने से वजन घटाने में भी मदद मिलती है। तो आइए, जानते हैं सर्दियों में हरा चना खाने के फायदे -प्रोटीन से भरपूरहरा चना में प्रोटीन की उच्च मात्रा मौजूद होती है, जो हमारी मांसपेशियों के लिए बहुत जरूरी है। इसके साथ ही, हरे चने में विटामिन ए और विटामिन सी भी पाया जाता है। हरे चने का सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत बनती है और कई बीमारियों से बचाव होता है। हरे चने में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स स्किन और बालों को स्वस्थ रखने में फायदेमंद होते हैं।वजन घटाने में मददगारहरा चना वजन घटाने में भी मददगार साबित हो सकत है। हरा चना फाइबर का भंडार है। फाइबर को पचाने में समय लगता है, इसलिए इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहता है। हरा चना खाने से भूख को कंट्रोल करने में मदद मिलती है, जिससे वजन कम करने में आसानी होती है। हरे चने में सोडियम और फैट भी कम होता है। इसके साथ ही, हरा चना प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत है, जो वजन घटाने और मसल्स बनाने में मदद करता है।बीपी और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करेहरा चना हमारे दिल को दुरुस्त रखने में भी मददगार साबित हो सकता है। हरा चना खाने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। दरअसल, हरे चने में मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करते हैं। हरे चने का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है।स्किन और बालों के लिए फायदेमंदहरे चने का सेवन हमारी त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होता है। इसमें प्रोटीन मौजूद होता है, जो बालों को मजबूत और घना बनाने के लिए जरूरी है। वहीं, हरे चने में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं, जिससे त्वचा हेल्दी रहती है।डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मददगारहरे चने का सेवन करने से डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षणों को कम करने में भी मदद मिल सकती है। दरअसल, हरे चने में विटामिन बी9 यानी फोलेट पाया जाता है। हरे चने का सेवन करने से मूड को बेहतर बनाने में भी मदद मिलती है। अगर आप अवसाद से ग्रस्त हैं, तो हरे चने को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।हरे चने का सेवन कैसे करें:आप किसी भी मौसम में हरे चने का सेवन कर सकते हैं। आप इसे सर्दियों में अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। आप हरे चने को सलाद के तौर पर खा सकते हैं या इसकी सब्जी बना सकते हैं। आप हरे चने की कढ़ी, सूप या कटलेट बनाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं।
- सर्दियों में एडिया फटने की समस्या काफी आम है। एड़िया फटने की वजह से रोजमर्रा के काम करने में भी परेशानी आने लगती है। फटी एड़ियों की समस्या पानी में बहुत अधिक देर तक रहने की वजह से और एड़ियों की देखभाल नहीं करने की वजह से होती हैं। फटी एड़ियों अगर ज्यादा समय तक रहे,तो इसका पकने का डर भी रहता है। कई लोग फटी एड़ियों की समस्या को ठीक करने के लिए कई तरह की क्रीम्स और लोशन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ये प्रोडक्ट्स थोड़ी देर के लिए ही राहत पहुंचाते हैं। ऐसे में फटी एड़ियों की समस्या को ठीक करने के लिए घर में मौजूद नारियल तेल का इस्तेमाल किया जा सकता हैं। नारियल तेल पाए जाने वाला एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण फटी एड़ियों की समस्या को आसानी से ठीक करता हैं। आइए जानते हैं इस समस्या को ठीक करने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल कैसे करें।नारियल तेल और शहदनारियल तेल और शहद फटी एड़ियों के लिए बहुत फायदेमंद है। सर्दियों में फटी एड़ियों की समस्या होने पर नारियल तेल में शहद को मिलाकर आसानी से लगाया जा सकता है। इनको लगाने के बाद पैरों को नॉर्मल पानी से धो लें। ऐसा नियमित करने से फटी एड़ियों की समस्या ठीक होती हैं। नारियल तेल और शहद को एड़ियों पर लगाने से पैरों को पोषण मिलता है और फटी एड़ियां की समस्या भी ठीक होती है।नारियल तेल और ग्लिसरीननारियल तेल में ग्लिसरीन मिलाकर लगाने से फटी एड़ियों की समस्या आसानी से ठीक होती हैं। नारियल तेल और ग्लिसरीन को मिलाकर लगाने के लिए दोनों को मिलाकर मिश्रण बनाएं। अब इस मिश्रण से एड़ियों की 2 से 3 मिनट तक मसाज करें। आप सोने से पहले इसे लगाकर सो भी सकते हैं। सुबह उठकर पैरों को नॉर्मल पानी से वॉश करें। नारियल तेल और ग्लिसरीन को नियमित लगाने से एड़ियों को पोषण मिलता है और एड़िया मुलायम बनती है।नारियल तेल और एलोवेरा जेलफटी एड़ियों की समस्या को ठीक करने के लिए नारियल तेल और एलोवेरा को मिलाकर लगाएं। 2 चम्मच नारियल के तेल में 1/2 चम्मच एलोवेरा जेल को मिलाकर मिश्रण तैयार करें। अब इस मिश्रण को एड़ियों पर 5 से 10 मिनट तक लगा के रखें। उसके बाद एड़ियों को हल्के गुनगुने पानी से एड़ियों को वॉश करें। ऐसा नियमित करने से एड़ियां सॉफ्ट और मुलायम बनती है।फटी एड़ियों की समस्या को ठीक करने के लिए नारियल के तेल में इन तीन चीजों को मिलाकर लगाया जा सकता है। लेकिन अगर आपको एड़ियों में कोई और भी समस्या हैं, तो डॉक्टर को दिखाकर ही दवाई लें।
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ज्यादातर लोग चाय के बाद नाश्ता करना पसंद करते हैं. लोग सुबह सवेरे पोहा, समोसा, ऑमलेट या फिर फ्रूट जूस लेना पसंद करते हैं. लेकिन सुबह खाली पेट कुछ भी खाने से पहले थोड़ा ध्यान रखना चाहिए. कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं, जिन्हें खाली पेट खाने से बचना चाहिए नहीं तो उनसे शारीरिक समस्या पैदा हो सकती है. आईए जानते हैं कि किन फूड्स को खली पेट नहीं खाना चाहिए.
नाशपाती में पाया जाने वाला कच्चा फाइबर पेट की नाजुक श्लेष्मा झिल्ली को नुकसान पहुंचा सकता है. अगर नाशपाती को खाली पेट खाया जाए तो पेट में दर्द हो सकता है। इसलिए सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से बचें.
दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो पेट की अम्लता के स्तर को बिगाड़ देता है. खाली पेट दूध के उत्पादों के सेवन से उनमें मौजूद लैक्टिक एसिड, पेट के अच्छे बैक्टीरिया को मार सकते हैं, जो कि एसिडिटी को बढ़ा सकते हैं.
हम से बहुत से लोग ऐसा सोचते हैं कि दिन की शुरुआत करने के लिए एक गिलास फल के जूस से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता. लेकिन खाली पेट जूस पीने से अग्न्याशय में बहुत ज्यादा भार पड़ता है, जो की शरीर के लिए अच्छा नहीं होता.
खाली पेट मसाले और मिर्च खाने से पेट की परत में जलन हो सकती है, जिससे एसिडिक रिएक्शन और पेट में ऐंठन करी शिकायत हो सकती है. आपको पता ही होगा की मसालों की प्रकृति तीखी होती है, जो अपच को बढ़ा सकती है.
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-जानिए रेसिपी प्रीति निगम
मसालेदार सब्जी तो आप हर रोज खाते होंगे लेकिन क्या आने क्रीमी ग्रेवी वाली सब्जी ट्राई की है? ठंड का मौसम क्रीमी सब्जी बनाने के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है। आप भी अगर क्रीमी सब्जी बनाना चाहते हैं, तो मेथी मटर मलाई की सब्जी ट्राई कर सकते हैं। यह सब्जी न सिर्फ जल्दी बनकर तैयार हो जाती है बल्कि इसे बनाना बहुत आसान भी है। आइए, जानते हैं कि कैसे बनाएं मेथी मटर मलाई की क्रीमी सब्जी। सबसे अच्छी बात यह है कि आपको इसमें मसाले नहीं डालने हैं।
मेथी मटर मलाई बनाने की विधि-
सबसे पहले आप मेथी को धोकर तोड़ लें। अब आप एक पैन लें इसमें घी या तेल डालें। अब इसमें जीरा और सूखी मिर्च डाल दें। इसे तड़का लें। अब आपको प्याज को पीसकर इसमें डालना है। इसे अच्छी तरह से मिला लें। अब आधा कटोरी दही लेकर इसमें डाल दें। इसे चलाते रहें। अब आपको इसे पकने देना है। एक अलग पैन लेकर इसमें घी डालें और एक कटोरा मटर लेकर इसे अच्छी तरह रोस्ट करें। इसमें मेथी भी पलट दें। मेथी और मटर जब रोस्ट हो जाएं, तो इसे दही और प्याज वाले पैन में डाल दें। अब इसे अच्छी तरह पकने दें। काली मिर्च पाउडर और नमक स्वादानुसार डाल दें। इसे पकाएं। अब दो चम्मच मलाई डाल दें। इसे पका लें। आप देखेंगे कि आपकी व्हाइट ग्रेवी तैयार हो चुकी है। अब आपको इसे गैस से उतार लेना है। इसमें हरा धनिया डालकर सर्व करें। आपको इसमें मसाले नहीं डालने हैं। आपकी क्रीमी ग्रेवी तभी तैयार होगी। - पका हुआ खाना और फूड आइटम को खराब होने से बचाने के लिए फ्रिज में रख दिया जाता है। फ्रिज इन फूड्स को फ्रेश रखने में भी मदद करता है। लेकिन फ्रिज में खाना रखते हुए काफी सावधान रहना चाहिए। क्योंकि, कुछ चीजें फ्रिज में रखने के बाद खराब हो जाती हैं और शरीर में टॉक्सिन पैदा करती हैं।प्याजफ्रिज में प्याज को कभी नहीं रखना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से उनमें मॉइश्चर चला जाता है और फफूंद लगने का खतरा बन जाता है। इन्हें प्लास्टिक बैग के अंदर या आलू के बराबर में भी नहीं रखना चाहिए।लहसुनप्याज की तरह लहसुन को भी फ्रिज में नहीं रखना चाहिए। यह अंदर से रबड़ की तरह बन जाते हैं। लहसुन और प्याज को हमेशा सूखी और ठंडी जगह रखना चाहिए।टमाटरअधिकतर लोग टमाटर को फ्रिज में स्टोर करते हैं। लेकिन ऐसा करने से इनका स्वाद, फ्लेवर और रस खत्म हो जाता है। यह गलती टमाटर का पोषण भी खत्म कर देती है। टमाटर को स्टोर करने का बेस्ट तरीका रूम टेंप्रेचर पर है।शिमला मिर्चअगर आप शिमला मिर्च को भी फ्रिज में रखते हैं, तो तुरंत बंद कर दें। क्योंकि, कम तापमान पर शिमला मिर्च का छिलका मुलायम हो जाता है और अपना कुरकुरापन खो देता है। जो कि इसके स्वाद को बिल्कुल खत्म कर देता है।
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सर्दियों के मौसम में वजन का बढ़ना, इम्यूनिटी का कमजोर हो जाना एक कॉमन समस्या है। इस परेशानी से निपटने के लिए आयुर्वेद एक्सपर्ट दीक्षा भावसार ने अपने हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट में सुझाव दिया है। एक्सपर्ट नें अपने पानी में मिलाई जाने लायक कुछ चीजों के बारे में बताया है।एक्सपर्ट द्वारा बताए गए पानी को दिन भर घूंट-घूंट करके पीने से कई तरह के फायदे मिल सकते हैं। यहां जानिए इस पानी को बनाने का तरीका।
कैसे बनाएं ये पानी...
इसे बनाने के लिए सबसे पहले 1 लीटर पानी लें, उसमें सिर्फ आधा चम्मच सोंठ डालें और इसे तब तक उबालें जब तक कि यह 750 मिलीलीटर न रह जाए। फिर ठंड के दिनों में इसे दिन भर घूंट-घूंट करके पीएं।
क्यों पीएं ये पानी
एक्सपर्ट की मानें तो यह पानी पाचन में सुधार करने में मदद करता है। इसके अलावा वजन को मैनेज करने और सर्दी-खांसी से दूर रखता है। ये पानी आपकी प्रतिरक्षा में सुधार करता है। इसी के साथ ये सूजन, गैस, पेट दर्द को कम करता है।
सौंठ के फायदे
आयुर्वेद में सौंठ को शुंथि के नाम से जाना जाता है। ये जड़ी बूटी ताजा अदरक की तुलना में पचाने में हल्की या आसान होती है। ताजा अदरक के अलावा यह प्रकृति में आंत्र बाध्यकारी है। कफ को कम करने और अग्नि को बढ़ाने के लिए यह एक बेहतर उत्तेजक है। इसलिए सोंठ को हर मौसम में मसाले या औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
रक्तस्राव की परेशानी वाले लोग मिलाएं ये चीज
यह पानी प्रकृति में गर्म होता है, इसलिए जिन लोगों को अत्यधिक पित्त (रक्तस्राव/ताप) विकार है तो वह 1 दरदरी कुचली हुई इलायची इस पानी में मिलाएं।
अदरक की जगह तुलसी
जिन लोगों को अदरक सूट नहीं करता है, उन्हें सोंठ को छोड़ देना चाहिए और इसके बजाय 5 तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करना चाहिए। -
आमतौर पर मेथी के दानों का इस्तेमाल बहुत से व्यंजन में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है.।आपको बात दें कि किचन में मौजूद मेथी के दाने आपकी सेहत और स्वाद दोनों के लिए बेहद गुणकारी हैं. मेथी के दानों, पत्तों में सोडियम, जिंक, फॉस्फोरस, फॉलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे मिनरल्स और विटामिन ए, बी और अनेक पोषक तत्व होते हैं जो आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं. यह स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से बचाने में मददगार माने जाते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार मेथी दानों का उपयोग करके आप अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख सकते हैं।
डाइजेशन के लिए
अगर आप गैस की समस्या से जूझ रहे हैं तो मेथी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है. अंकुरित मेथी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो पेट के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम को ठीक करने में मदद कर सकते हैं. गैस कि समस्या से छुटकारा पाने के लिए रोज सुबह खाली पेट मेथी-अजवाइन का पानी पिएं. ऐसा करने से डाइजेशन को सही रखने में मदद मिलती है. इसमें मौजूद पोषक तत्व एसिडिटी, पाचन और पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं. कब्ज को दूर करने के लिए एक चम्मच मेथी के दानों को एक गिलास पानी में रातभर भिगोकर रखें. अगली सुबह इस पानी को छानकर पी लें. कुछ दिन इसके सेवन से कब्ज दूर हो जाएगी. आप इस पानी को उबालकर चाय की तरह चुस्कियां लेकर भी पी सकते हैं. रोजाना सीमित मात्रा में इसका सेवन करें।
वजन कम करने में है मददगार
अगर आप वजन कम करना चाहते है, तो रोज सुबह खाली पेट मेथी-अजवाइन के पानी का करें सेवन. मेथी-अजवाइन के पानी से फैट को तेजी से बर्न करने में मदद मिलती है।
सर्दी-खांसी से मिलेगी राहत
सर्दी-खांसी की समस्या में भी मेथी-अजवाइन का पानी बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. मेथी और अजवाइन में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो सर्दी-खांसी के साथ-साथ वायरल फ्लू से भी आपको बचाएंगे।
डायबिटीज पर है असरदार
मेथी वाला पानी पीने से और अंकुरित मेथी खाने से शरीर का ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है. इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर्स, प्रोटीन, स्टार्च, शुगर, फॉस्फोरिक एसिड जैसे न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जो डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार हैं।
हृदय संबंधित रोगों से करेगा बचाव
मेथी को दिल की सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. मेथी में पोटैशियम भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो कि ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने मे असरदार है. अंकुरित मेथी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल लेवल संतुलित रहता है, जो हार्ट अटैक के खतरे को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
पीरियड्स के कष्ट का होगा निवारण
बहुत सी महिलाओं को पीरियड्स के दिनों मे अत्यधिक दर्द और ऐंठन महसूस होती है. ऐसे में अंकुरित मेथी का सेवन करने से महिलाओं को राहत मिलती है. अंकुरित मेथी में ब्लड के सर्कुलेशन को नॉर्मल करने की क्षमता होती है, इससे पीरियड्स की अनियमितता को कंट्रोल करने और दर्द में आराम मिल सकता है। -
स्टर्लिंग (स्कॉटलैंड)। व्यायाम करने की आदत डालना आसान नहीं है। लोगों के लिए न केवल व्यायाम के लिए समय निकालना एक प्रमुख कारक है बल्कि दर्द और चोटों का डर भी एक कारण है कि लोग व्यायाम शुरू करने से कतराते हैं। हालांकि, जरूरी नहीं कि व्यायाम करने से दर्द हो या चोट लगे। यहां कुछ सरल चीजें दी गई हैं, जिन्हें आप व्यायाम शुरू करते समय दर्द और चोट के जोखिम से बचने के लिए कर सकते हैं। ‘वार्म-अप' (व्यायाम से पहले शरीर का तापमान बढ़ाना)
व्यायाम से पहले खुद को ‘वार्म-अप' करना महत्वपूर्ण है। इससे मांसपेशियों और पूरे शरीर का तापमान बढ़ जाता है। यह आपके शरीर को व्यायाम के बढ़ते बोझ के लिए भी तैयार करता है। वार्म-अप के बाद गर्म हुई मांसपेशियां लंबे समय तक व्यायाम करने में सक्षम हो पाती हैं। इससे दर्द और चोट का जोखिम भी कम हो जाता है। असल में एक प्रभावी वार्म-अप अलग-अलग व्यायाम के लिए भिन्न हो सकते हैं। लेकिन, सामान्य तौर पर आपको कसरत शुरू करने से पहले कम से कम पांच से दस मिनट का समय वार्म-अप करने के लिए देना चाहिए। उदाहरण के तौर पर दौड़ने से पहले टहलना या तेज कदमों से चलना चाहिए या भारी वजन उठाने से पहले हल्का वजन उठाना चाहिए। आप जो कर सकते हैं उससे अधिक का प्रयास न करें :
व्यायाम शुरू करते समय अपनी क्षमता से अधिक कसरत करना एक सामान्य गलती है। इससे व्यायाम के बाद दर्द हो सकता है और आपके चोटिल होने की आशंका भी बढ़ सकती है। जब आप पहली बार कसरत शुरू करते हैं, तो धीरे-धीरे और अपनी क्षमता अनुसार इसकी शुरुआत और आगे बढ़ना महत्वपूर्ण होता है। व्यायाम के लाभ दिखने में सप्ताह या महीने भी लग सकते हैं, इसलिए अपने स्वास्थ्य और फिटनेस में रातोंरात सुधार देखने की अपेक्षा न करें। कुछ दिनों में आपको पिछले सत्र जितना लंबा या कठिन व्यायाम करना मुश्किल लग सकता है। ऐसे में चोट से बचने के लिए अपने शरीर की सुनें और जब आप थका हुआ महसूस करें तो रुक जाएं। थकान से उबरने के लिए पूरा समय दें :
प्रत्येक सप्ताह आराम करने के लिए एक या दो दिन का समय देना व्यायाम की थकान से उबरने के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, इन दिनों में केवल बैठे रहना और कुछ भी नहीं करने की आवश्यकता नहीं है। मांसपेशियों को उचित आराम मिलने से दर्द और चोट के जोखिम से बचाव संभव है। आराम के दिनों में टहलना या योग जैसे कम थकाने वाले व्यायाम शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, अलग-अलग दिन भिन्न तरह की कसरत करने से यह आपकी मांसपेशियों को बार-बार एक ही तरह का काम करने से बचाएगा। उचित तरीका सीखें
व्यायाम शुरू करते समय शुरुआती दौर में ही कसरत का सही तरीका विकसित करना महत्वपूर्ण है। शुरुआत में, धीमी गति बनाएं और विभिन्न प्रकार के व्यायामों को करने की आदत डालें और तुरंत बहुत अधिक वजन नहीं उठाएं। इससे आपको चोट लगने से बचने में मदद मिलेगी। यदि आप जिम या फिटनेस सेंटर में व्यायाम करना चुनते हैं, तो जिम प्रशिक्षक की मदद ले सकते हैं। यदि आप अकेले व्यायाम करना पसंद करते हैं, तो आपके मार्गदर्शन के लिए बहुत सारे विकल्प ऑनलाइन उपलब्ध हैं। सही जूतों को तरजीह दें
जूतों की सही जोड़ी आपकी कसरत में खासा फर्क ला सकती है। दौड़ने के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि आरामदायक जूते दर्द को कम करने में मददगार साबित होंगे और आपकी कसरत को और अधिक मनोरंजक बना देंगे। - सर्दियों में शकरकंद खाया जाता है। कई घरों में शकरकंद का पराठा शौक से खाया जाता है। सर्दियों में गरम-गरम पराठे और तीखी चटनी खाने का मजा ही कुछ और है। ठंड के दिनों में पराठों का लुत्फ उठाने से पहले आपको ये भी जानना चाहिए कि ये पराठे आपकी सेहत के लिए हेल्दी हैं या नहीं। वैसे तो शकरकंद के पराठे में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कार्बोहाइड्रेट, जिंक, फाइबर आदि। लेकिन इसका सेवन करने से सेहत को कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि सर्दियों में शकरकंद के पराठे खाने के फायदे और नुकसान।सर्दियों में शकरकंद खाने के फायदेसर्दियों में शकरकंद खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। फ्लू जैसी समस्याओं से बचाव में शकरकंद का सेवन फायदेमंद होता है। शकरकंद खाने से शरीर में गरमाहट रहती है। शकरकंद में विटामिन सी पाया जाता है। शकरकंद का सेवन करने से कब्ज की समस्या भी दूर होती है। पाचन तंत्र के लिए शकरकंद का सेवन फायदेमंद होता है। शकरकंद में कैल्शियम मौजूद होता है। जिन लोगों को सर्दियों के दिनों में जोड़ों में दर्द होता है उन्हें शकरकंद का सेवन करना चाहिए। डायबिटीज के मरीज भी सीमित मात्रा में शकरकंद का सेवन कर सकते हैं।क्या शकरकंद से बने पराठे खाना सेहतमंद है?शकरकंद के पराठे का सेवन सर्दियों में करना फायदेमंद माना जाता है। शकरकंद के एक पराठे में करीब 88 कैलोरीज होती हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है। शकरकंद को सुपरफूड भी कहा जाता है क्योंकि ये खुद में एक पूरक आहार है। लेकिन आपको बता दें कि लोग इसे अलग-अलग तरीकों से खाते हैं। सर्दियों में कई लोग आलू के पराठे की तरह शकरकंद का पराठा खाना पसंद करते हैं। सर्दियों में गरम-गरम पराठे का सेवन भी फायदेमंद होता है लेकिन ज्यादा तेल या मिर्च मसाले का इस्तेमाल करने से पराठे की कैलोरीज बढ़ जाती हैं जो आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। पराठे की कैलोरीज बैलेंस करने के लिए तेल का प्रयोग कम से कम करें।शकरकंद का पराठा खाने के नुकसान-ज्यादा मात्रा में शकरकंद के पराठे का सेवन करने से पेट खराब हो जाता है क्योंकि कच्चा का कच्चा कूद पेट दर्द और अपच का कारण बन सकता है।-शकरकंद में मैनिटोल नाम का पदार्थ पाया जाता है जिससे कई लोगों को त्वचा में एलर्जी हो सकती है।-शकरकंद का ज्यादा सेवन करने से हाइपरकलेमिया की शिकायत हो सकती है।-शकरकंद में ऑक्सलेट की मात्रा ज्यादा होती है। इसका ज्यादा सेवन करने से किडनी में स्टोन हो सकता है।शकरकंद के पराठे खाने से पहले किन बातों का ख्याल रखें?-शकरकंद के पराठे का सेवन रात में न करें। शकरकंद में मौजूद कैल्शियम को पचाने के लिए 4 से 5 घंटे लगते हैं और पराठे को रात में खाने से कब्ज हो सकता है इसलिए इसका सेवन दिन या सुबह के समय करें।-कई लोग शकरकंद का पराठा बनाने के लिए गूदे में कच्चा शकरकंद डाल देते हैं। ये पेट के लिए हानिकारक हो सकता है। शकरकंद का सेवन केवल उबालकर या पीसकर करना चाहिए।-शकरकंद का पराठा बनाने के लिए ज्यादा तेल का इस्तेमाल न करें।-पराठा बनाने के लिए ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें।-पराठे को गेहूं के आटे से बनाने के बजाय होलवीट ग्रेन के आटे से बनाएं।-एक बार में केवल एक पराठे का सेवन करें। 2 पराठों की कैलोरीज करीब 160 होंगी।ऊपर बताई टिप्स का ख्याल रखेंगे, तो सर्दियों के दिनों में शकरकंद के पराठे का सेवन कर सकते हैं। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।
- सर्दियों में लोगों को सिर्फ त्वचा की नहीं, बल्कि बालों से जुड़ी कई समस्याएं भी काफी परेशान करती हैं। इन दिनों लोगो ठंड से बचने के लिए कैप लगाते हैं, जिससे बाल चिपक जाते हैं और स्कैल्प में भी काफी पसीना जमा हो जाता है। ठंड के मौसम में लोग सिर जल्दी नहीं धोते हैं, जिसकी वजह से स्कैल्प में गंदगी जमा होती रहती है। इसके अलावा लोग इस दौरान लोग बालों की देखभाल भी ठीक से नहीं करते हैं। साथ ही लोग बाल धोने के लिए भी गर्म पानी का प्रयोग करते हैं, गर्म पानी से सिर धोने पर स्कैल्प में मौजूद प्राकृतिक तेल हट जाता है और स्कैल्प ड्राई हो जाती है। स्कैल्प की ड्राईनेस और गंदगी के कारण डैंड्रफ की समस्या हो जाती है और बाल झड़ना शुरु हो जाते हैं।हालांकि शरीर में पोषण की कमी भी बालों के झड़ने का एक बड़ा कारण हैं। इसलिए सर्दियों के मौसम में आपको बालों को स्वस्थ रखने और झड़ने से रोकने के लिए सिर्फ पर्याप्त देखभाल की ही नहीं, बल्कि अपनी डाइट में भी कुछ फूड्स को शामिल करने की जरूरत होती है। क्या आप जानते हैं अगर आप सर्दियों में आंवला, चुकंदर और गाजर का जूस या ABC जूस पिएं तो इससे बालों के झड़ने की समस्या कम हो सकती है और आपके मजबूत-घने बाल मिल सकते हैं?सर्दियों में बालों का झड़ना रोकने में ABC जूस कैसे फायदेमंद है-ABC जूस के साथ आप बड़े पैमाने पर बालों के झड़ना रोग सकते हैं और शुष्क त्वचा से राहत पा सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं यह शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ाने और खून की कमी दूर करने में भी मदद करता है साथ ही शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करता है। क्योंकि यह जूस कई विटामिन और मिनरल्स और औषधीय गुणों से भरपूर होता है। शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी भी बालों के झडऩे का एक बड़ा कारण है। साथ ही इसकी कमी से आप थका हुआ महसूस करते हैं और आपकी इम्यूनिटी भी कमजोर होती है। इस जूस का सेवन करने से आपको बालों आंतरिक रूप से पोषण मिलता है और बाल मजबूत बनते हैं।एबीसी जूस रेसिपी- ABC juice recipeइसके लिए आपको चाहिए:3 आंवला1 चुकंदर (उबला हुआ)2 गाजर (उबली हुई)अन्य सामग्री:मुट्ठी भर धनिया पत्ती7-8 करी पत्तेमुट्ठी भर पुदीने के पत्तेअदरक का एक टुकड़ाआधा नींबू (वैकल्पिक)कुछ किशमिश (इसे मीठा बनाने के लिए)नमक - 1 छोटा चम्मचएबीसी जूस कैसे बनाएं-एक जूसर या मिक्सर में अपनी पसंद की सामग्रियों का काटकर डालें, इसमें 1 गिलास पानी डालें, कुछ मिनट के लिए ब्लेंड करें। जब यह अच्छी तरह से पिस जाए और एक स्मूद ड्रिंक बन जाए तो एक गिलास में निकाल लें। इसमें थोड़ा नींबू का रस मिलाएं और काला नमक डालें। आपको एबीसी जूस तैयार है। इसका आनंद लें। सुबह खाली पेट पिएं, सेहत को बहुत लाभ मिलेंगे।उबले हुए चुकंदर और गाजर पचाने में आसान होते हैं। कम हीमोग्लोबिन, थकान, बहुत अधिक बालों का झड़ना, त्वचा की समस्याओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के पाचन स्वास्थ्य भी कमजोर होता है, उन्हें कच्ची सब्जियों को पचाने में परेशानी होती है। उबालने से यह सब्जियां हल्की हो जाती हैं और इनका रस भी पचने में अधिक आसान होता है। इस तरह बनाने से यह जूस आपको पूर्ण लाभ प्रदान करता है।नोट: जिन लोगों को गठिया (जोड़ों का दर्द) है, उन्हें जूस में आंवला और नींबू न मिलाने से बचना चाहिए।