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- किशमिश सबसे लोकप्रिय सूखे मेवे में से एक है. मिठाइयां बनाने के लिए इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. ये ड्राई फ्रूट न केवल स्वाद के लिए जाना जाता है बल्कि ये सेहत के लिए भी फायदेमंद है. आप किशमिश के पानी (Raisin Water) का भी सेवन कर सकते हैं.ये आपको ऊर्जा प्रदान करने का एक अच्छा तरीका है. हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने से लेकर आपकी इम्युनिटी को बढ़ाने तक किशमिश के पानी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं. आइए जानें कैसे बनाएं किशमिश का पानी और इसके स्वास्थ्य लाभ क्या हैं.किशमिश का पानी कैसे बनाएंइसके लिए आपको पानी, किशमिश और नींबू (वैकल्पिक) की जरूरत होगी. 2 कप पानी और 150 ग्राम किशमिश लें. एक पैन में पानी डालकर उबाल लें. किशमिश डालें और रात भर भीगने दें. सुबह इस पानी को छान लें और धीमी आंच पर गर्म करें. इस पानी को सुबह खाली पेट पिएं. अगर आप इसका स्वाद बढ़ाना चाहते हैं तो पानी में नींबू मिलाएं.किशमिश का पानी पीने के फायदेलिवर को डिटॉक्सीफाई करता हैकिशमिश का पानी पीने से आपके शरीर से सभी हानिकारक टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद मिलेगी. ये पेय लिवर की जैव रासायनिक प्रक्रिया में सुधार करता है और आपको खून को साफ करने में मदद करता है. ये आपके लिवर को आसानी से डिटॉक्सीफाई करता है.पेट में एसिड को नियंत्रित करता हैअगर आप एसिडिटी की समस्या से जूझ रहे हैं तो किशमिश का पानी पीना आपके लिए एक बेहतरीन उपाय है. ये पानी आपके पेट में एसिड को नियंत्रित करता है.इम्युनिटी को बढ़ाता हैकिशमिश के पानी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद करते हैं. इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए किशमिश के पानी को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं.हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखता हैकिशमिश का पानी आपके खून को साफ करने का काम करता है और आपके हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है. ये आपके शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को खत्म करता है और ये आपके हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है.कैंसर से बचाता हैकिशमिश में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपके शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में भी मदद करते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं.वजन घटाने में मदद करता हैसुबह किशमिश का पानी पीने से भी आपको वजन घटाने में मदद मिलती है. किशमिश फ्रुक्टोज और ग्लूकोज से भरपूर होती है जो आपको ऊर्जा से भरपूर रखती है. इनमें फाइबर भी होता है जो आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है.
- पिस्ता खाना बहुत से लोगों को पसंद है। खास कर कि कई मीठी चीजें, बिना पिस्ता के गार्निश के अधूरी नजर आती हैं। पिस्ता की खास बात ये है कि ये सबसे ज्यादा हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए फायदेमंद है। राज में नींद नहीं आने की समस्या है तो सोने से पहले पिस्ता खाने की आदत डाल लें। इससे शरीर को अनेक फायदे भी मिलेंगे। आइये जानते हैं रात में पिस्ता खाने के फायदे-1. नींद को बेहतर बनाता हैजिन लोगों को नींद नहीं आती पिस्ता उनके लिए बहुत ही फायदेमंद है। ये मेलाटोनिन को बढ़ावा देता है और आपकी नींद को बेहतर बनाने और गहरी नींद से सोने में मदद करता है। इस तरह ये आपके हार्मोन हेल्थ में भी सुधार लाता है और आपकी दिन भर की थकान को दूर करके आपकी नींद को बेहतर बनाता है।2. तनाव कम करता हैपिस्ता में कुछ ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कि तनाव को कम करने में मदद करते हैं। ये ब्रेन को मुक्त कणों के नुकसानों और कुछ सेलुलर क्षति से बचाता है। इससे ब्रेन को कंट्रोल कर पाते हैं और तनाव कम कर पाते हैं। इसके अलावा इसका ओमेगा-3 दिमाग को शांत करने में मददगार है।3. क्रेविंग कंट्रोल करने में मदद करता हैअगर आप रात में सोने से पहले पिस्ता खा लें तो ये क्रेविंग को कंट्रोल करने में मदद करता है। दरअसल, इसमें फाइबर की एक अच्छी मात्रा होती है जो कि पेट भर देता है। दूसरा इसका प्रोटीन दिमाग को संकेत भेजता है कि शरीर में पर्याप्त एनर्जी है और आपको कुछ खाने की जरूर नहीं है। तो, इस तरह ये होर्मोनल और न्यूरल फंक्शन का तालमेल बिठा तक क्रेविंग को रोकने में मदद करता है।4. नर्वस सिस्टम को बेहतर बनाता हैपिस्ता विटामिन बी 6 का एक अच्छा स्रोत है जो माइलिन के निर्माण में मदद करता है जो तंत्रिकाओं के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनाता है। इस प्रकार तंत्रिका तंत्र की रक्षा करता है और इसके कामकाज को बढ़ाता है। विटामिन बी6 की मात्रा अमाइन्स को भी अच्छी तरह से काम करने में मदद करती है, जो शरीर में संदेश देने वाले मोलिक्यूलस होते हैं। पिस्ता का सेवन आंतरिक एसिड के प्रोडक्शन में मदद करता है जो नसों को शांत करने में मदद करता है।5. ब्रेन के फंक्शन को सही रखता हैपिस्ता शरीर में सूजन को कम कर सकता है। दरअसल, पिस्ता में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सेलुलर स्तर पर शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही पिस्ता का ल्यूटिन, बीटा-कैरोटीन और गामा-टोकोफेरोल ऑक्टिसीडेटिव तनाव के कारण होने वाली क्षति से बचाता है। इसके अलावा पिस्ता का पोषक तत्व रक्तप्रवाह में ऑक्सीजन की आपूर्ति में मदद करते हैं, इस प्रकार व्हाइट ब्लज सेल्स के उत्पादन में मदद करते हैं जो इम्यूनिटी बनाढ़े में मदद करता है। साथ ही इसका विटामिन बी 6 की खून में हीमोग्लोबिन और ऑक्सीजन के उत्पादन को भी बढ़ाता है। जितना अधिक ऑक्सीजन और खून में इसका प्रवाह बेहतर होता है, मस्तिष्क उतना ही बेहतर कार्य करता है और स्वस्थ होता है।
- कलौंजी का तेल स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है। यह मानसिक और शारीरिक परेशानियों को दूर करने में आपकी मदद करता है। शरीर के बढ़ते वजन को कम करने के साथ-साथ पाचन को दुरुस्त करने में कलौंजी के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। कलौंजी के तेल में प्रोटीन, सोडियम, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर जैसे तत्व भरपूर रूप से मौजूद होते हैं। इसके अलावा इसमें कई तरह के विटामिंस मौजूद होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं।1. डायबिटीज को करें कंट्रोलडायबिटीज रोगियों के लिए कलौंजी का तेल काफी लाभकारी होता है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए ब्लैक टी में कलौंजी का तेल मिक्स करके पिएं। इसके लिए सुबह खाने से पहले और रात में खाने के बाद ब्लैक टी में आधा चम्मच कलौंजी तेल मिलाकर पिएं। इस तरह नियमित रूप से कलौंजी के तेल का सेवन करने डायबिटीज कंट्रोल हो सकती है।2. पाचन को रखे स्वस्थकलौंजी के तेल का सेवन करने से पाचन दुरुस्त हो सकता है। पाचन को दुरुस्त करने के लिए 1 गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच कलौंजी का तेल और काला नमक मिलाएं। इस पानी का सेवन करने से पाचन में सुधार किया जा सकता है। वहीं, पेट से जुड़ी अन्य परेशानी दूर हो सकती है।3. ब्लड प्रेशर को करें कंट्रोलब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में कलौंजी का तेल लाभकारी होता है। इसके लिए 1 कप चाय में आधा चम्मच कलौंजी के तेल को मिक्स करें। इस चाय का सेवन दिन में कम से कम दो बार करें। इससे ब्लड प्रेशर काफी हद तक कंट्रोल हो सकता है।4 वजन को करे कमवजन को घटाने के लिए कलौंजी के तेल का सेवन कर सकते हैं। शरीर में एक्स्ट्रा चर्बी को घटाने के लिए एक गिलास पानी लें। इसमें नींबू के रस और कलौंजी के तेलों की कुछ बूंदें मिक्स करके पिएं। सुबह खाली पेट इस ड्रिंक का सेवन करने से शरीर का वजन कम हो सकता है।5. मानसिक स्वास्थ्य को करें कंट्रोलकलौंजी का तेल मानसिक स्वास्थ्य के लिए असरकारी हो सकता है। दिमाग को दुरुस्त और एकाग्रता को बढ़ाने के लिए कलौंजी के तेल का सेवन किया जा सकता है। इसके लिए आधा चम्मच कलौंजी के तेल में 10 ग्राम करीब पुदीने के पत्तों का रस मिलाएं। अब इस मिश्रण का नियमित रूप से सेवन करें। इससे आपको कुछ दिन में बेहतर रिजल्ट मिल सकता है।6. आंखों के लिए लाभकारीआंखों के स्वास्थ्य के लिए कलौंजी के तेल का सेवन कर सकते हैं। यह आपके लिए लाभकारी हो सकता है। इसके लिए 1 कप गाजर का जूस लें। अब इसमें आधा चम्मच कलौंजी का तेल और शहद मिक्स करें। नियमित रूप से सुबह और शाम इस मिश्रण का सेवन करने से आंखें हेल्दी हो सकती हैं। बढ़ती उम्र में आंखों की परेशानी होने पर नियमित रूप से इसका सेवन करें।
- खाने में रंगत लानी हो या खाने का स्वाद बढ़ाना हो तो, करी पत्ता बेहद काम आ सकता है। करी पत्ते के अंदर भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, विटामिन सी आदि पोषक वक्त पाए जाते हैं जो सेहत को कई समस्याओं से दूर रख सकता है। वहीं करी पत्ते के लेप से सेहत की कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से शरीर की ये पांच समस्याएं दूर की जा सकती हैं-1 - किसी कीड़े के काटने पर करी पत्ते का इस्तेमालकीड़े-मकौड़े के काटने पर करी पत्ता की जड़ से छाल अलग कर लें। अब उसे पीसकर एक लेप तैयार कर लें। अब प्रभावित स्थान पर लगाएं। ऐसा करने से ना केवल कीड़े के काटने पर दर्द दूर हो सकता है बल्कि सूजन से भी आराम मिल सकता है।2 - दाद-खाज-खुजली से राहत दिलाए करी पत्तादाद-खाज-खुजली होने पर करी पत्ता के रस में नींबू के रस को मिलाएं और इस लेप को प्रभावित स्थान पर लगाएं। ऐसा करने से ना केवल खुजली की समस्या दूर हो सकती है बल्कि पित्ती निकलने की समस्या और दाद की समस्या से राहत मिल सकती है।3 - मुंह से संबंधित समस्याओं को करें दूरगलत खानपान के कारण या मुंह से संबंधित कई समस्याओं को दूर करने के लिए करी पत्ता आपके बेहद काम आ सकती है। ऐसे में आप करी पत्ते का काढ़ा तैयार करें और इससे गरारे करें। ऐसा करने से ना केवल छालों की समस्याओं से राहत मिलती है बल्कि मसूड़ों की समस्या से भी राहत मिल सकती है।4 - सिर दर्द हो दूरसिर दर्द को दूर करने में करी पत्ता आपके बेहद काम आ सकता है। ऐसे में आप करी पत्तों के फूलों को पानी के साथ पीस लें और बने लेप को सिर पर लगाएं। ऐसा करने से सिर का दर्द दूर हो सकता है।5 - बाल झडऩे हो जाएं बंदबाल झडऩे की समस्याओं को दूर करने में करी पत्ता आपके बेहद काम आ सकता है। करी पत्ते को पानी के साथ पीसकर उसमें छाछ मिलाएं और बालों की जड़ों पर लगाएं। ऐसा करने से बाल झडऩे की समस्या से दूर हो सकती है। इसके अलावा जो लोग रूसी से परेशान हैं वे भी इस लेप से रूसी की समस्या को दूर कर सकते हैं। इससे अलग बाल झडऩे से रोकने के लिए तिल के तेल में करी पत्ते को पका लें और उससे मालिश करें। ऐसा करने से बाल झडऩे की समस्या को दूर किया जा सकता है।
- हरी मिर्च के बिना स्वादिष्ठ और चटपटा खाना नहीं बन सकता. खास बात ये है कि हरी मिर्च ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि ये सेहत के लिए भी फायदेमंद है. हम देखते हैं कि अक्सर लोग हरी मिर्च खाने से परहेज करते हैं, लेकिन आप जानते हैं कि ये कई बीमारियों का उपचार करने में मददगार है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि यह वजन घटाने से लेकर ब्लड सर्कूलेशन में तेजी लाने का काम करती है.हरी मिर्च में पाए जाने वाले पोषक तत्वहरी मिर्च में ऐसे कई तत्व पाए जाते हैं, जो एक स्वस्थ शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं. यह विटामिन ए, बी6, सी, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती है. यही नहीं इसमें बीटा कैरोटीन, क्रीप्टोक्सान्थिन, लुटेन -जॅक्सन्थिन आदि स्वास्थ्यवर्धक चीजें मौजूद हैं.साइनस और दमे का इलाजहेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ताजी मिर्च का एक चम्मच रस निकाल कर उसे शहद में मिलाकर खाली पेट खाने से दमे के मरीजों को राहत मिलती है. इसके अलावा हरी मिर्च खाने से गर्मी निकलती है, ये दर्द को कम करती है. इसमें कैप्सेइसिन मौजूद होता है, जो नाक में रक्त प्रवाह को आसान बनाता है. इससे सर्दी और सायनस की समस्या में राहत मिलती है. ठंड के मौसम में इसका सेवन बेहद फायदेमंद माना जाता है.हरी मिर्च के जबरदस्त जादुई फायदेब्लड सर्कूलेशन तेज करती हैडाइट एक्सपर्ट डॉक्टर रंजना सिंह कहती हैं कि हरी मिर्च में कैप्सियासिन नामक यौगिक मौजूद होता है, जो इसे तीखा बनाता है. मिर्च खाने से खून साफ होता है और नसों में खून का फ्लो तेजी से होता है, जिससे चेहरे पर पिंपल्स की समस्या से भी छुटाकारा पाया जा सकता है.इम्यूनिटी बूस्ट करती हैकोरोना काल में हरी मिर्च खाने पर जोर दिया जा रहा है. इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए हरी मिर्च का सेवन कर सकते हैं. हरी मिर्च में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो शरीर को बैक्टीरिया-फ्री रखने में मदद कर सकता है. हरी मिर्च इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद कर सकती है.मूड ठीक करती हैहरी मिर्च मूड बूस्टर का भी काम करती है। यह मस्तिष्क में एंडोर्फिन का संचार करती है, जिससे हमारा मूड काफी हद तक खुशनुमा रहता है।आंखों के लिए फायदेमंदआंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए हरी मिर्च का सेवन लाभकारी हो सकता है. क्योंकि इसमें विटामिन ए पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद कर सकता है.वजन घटाती हैहरी मिर्च वजन घटाने में मददगार है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स गुण भरपूर मात्रा में होने के अलावा कैलोरी नहीं होती. हरी मिर्च मेटाबॉलिज्म के लिए भी अच्छी मानी जाती है.चेहरे पर निखार लाती हैहरी मिर्च आपके चेहरे पर निखार लाने में मदद करती है. इसमें विटामिन ई और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो आपकी स्किन को हेल्दी रखने में मदद कर सकता है.-
- बदलते मौसम में अक्सर लोग बीमार पड़ने लगते हैं. सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार जैसी समस्याएं घेरने लगती हैं. सबसे ज्यादा समस्या उन लोगों को होती है, जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है. ऐसे में शलजम को काफी उपयोगी माना जाता है. शलजम को लोग सब्जी के रूप में इस्तेमाल करते हैं. लेकिन आयुर्वेद में इसे औषधि माना गया है. शलजम में एंटीऑक्सिडेंट्स, मिनरल्स, फाइबर, विटामिन सी, कैल्शियम आदि तमाम पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इसे वात, पित्त और कफ के विकारों को दूर करने वाला माना जाता है. जानिए इसके अन्य फायदों के बारे में.मौसमी संक्रमण में उपयोगीशलजम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं. ये किसी भी तरह के मौसमी संक्रमण से बचाने में मददगार है. सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार जैसी समस्याओं को ये कुछ ही समय में दूर करने की क्षमता रखती है.पुरानी खांसी और सांस की समस्या दूर करेअगर आपको पुरानी खांसी है या बार बार खांसी की समस्या हो जाती है तो शलजम को काटकर, भूनकर और नमक डालकर खाएं. इससे काफी आराम मिलता है. शलजम का तेल को छाती पर लगाने से सांस नली में आई सूजन कम होती है.भूख न लगने परअगर आपको भूख नहीं लगती तो शलजम का सेवन अदरक के साथ करें. इससे आपका भोजन अच्छे से पचता है और भूख न लगने की समस्या दूर होती है. शलजम के पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से अपच, गैस, कब्ज और बवासीर जैसी समस्या दूर होती है.शरीर को डिटॉक्स करने में मददगारअगर आपको शरीर को स्वस्थ रखना है तो समय समय पर शरीर को डिटॉक्स करना बहुत जरूरी है. इसके लिए सुबह खाली पेट शलजम का जूस निकालकर पीएं. इससे आपका शरीर भी डिटॉक्स होगा और आपको हल्का महसूस होगा.वजन घटाती शलजममोटापे को तमाम बीमारियों की जड़ माना जाता है. अगर आपका भी वजन बहुत ज्यादा है और आप वजन घटाना चाहते हैं, तो आप शलजम को अपना वेट लॉस पार्टनर बना सकते हैं. ये आपके शरीर में एक्सट्रा कैलोरी को बर्न करता है और चर्बी को बढ़ने से रोकता है.हड्डियों को करे मजबूतअगर आपकी हड्डियों से जुड़ी तकलीफ है, तो आपको शलजम को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. शलजम में काफी मात्रा में कैल्शियम होता है, जो हड्डियों को मजबूत करने का काम करता है. आर्थराइटिस और अन्य सूजन संबंधी परेशानियों में शलजम काफी उपयोगी है.--
- डायबिटीज के मरीजों के लिए हल्दी का सेवन बेहद फायदेमंद माना जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, हल्दी (Turmeric Benefits) औषधीय गुणों से भरपूर होती है. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है. हल्दी में भरपूर मात्रा में करक्यूमिन होता है. डायबिटीज में हल्दी के सेवन से ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद मिलती है.हल्दी और काली मिर्चडायबिटीज के मरीज हल्दी के साथ काली मिर्च का सेवन भी कर सकते हैं. इसे दूध में मिलाकर पिएं. काली मिर्च में पिपेरिन नामक तत्व होता है, जो खून की नली को स्वस्थ रखने में मदद करता है. ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है.हल्दी और अदरकडायबिटीज के मरीज अदरक और हल्दी का सेवन दूध में मिलाकर या फिर चाय या काढ़े के रूप में कर सकते हैं. इससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.हल्दी और आंवलाहल्दी के साथ आंवले का सेवन भी डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है. आंवले में विटामिन सी और क्रोमियम की अच्छी मात्रा होती है. ये कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है. आंवला पाउडर और हल्दी पाउडर को मिक्स करके पानी के साथ इसका सेवन करें.हल्दी और दालचीनीएक ग्लास दूध में हल्दी और दालचीनी का पाउडर मिलाकर पिएं. इसे आप ब्रेकफास्ट के साथ ले सकते हैं. ये दोनों चीजें ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती हैं. दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेट्री गुण होते हैं. टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को इसका फायदा मिलता है.
- हरी मिर्च और लाल मिर्च दोनों दिखने में एक जैसी होती हैं लेकिन दोनों के अलग-अलग स्वाद हैं और अलग-अलग स्वास्थ्य लाभ भी हैं. हरे रंग की मिर्च जब पुरानी होने लगती है या फिर सूख जाती है तो वो लाल हो जाती है और अधिक तीखी हो जाती है. ऐसे में जानना जरूरी है कि दोनों मिर्च में से हमारे शरीर के लिए कौन सी अधिक फायदेमंद है.लाल मिर्च या हरी मिर्च में अंतरलाल मिर्च पाउडर की तुलना में हरी मिर्च निश्चित रूप से ज्यादा हेल्दी होती है. हरी मिर्च में पानी की मात्रा अधिक होती है और कैलोरी शून्य होती है. ये उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा लाभकारी है जो अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं. हरी मिर्च बीटा-कैरोटीन, एंटीऑक्सिडेंट और एंडोर्फिन का एक समृद्ध स्रोत है, जबकि लाल मिर्च का अधिक सेवन करने से आंतरिक सूजन हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप पेप्टिक अल्सर हो सकता है. वहीं बाजार में मौजूद लाल मिर्च पाउडर में आर्टिफिशियल कलर और सिंथेटिक कलर्स का इस्तेमाल होने की संभावना बहुत अधिक है.हरी मिर्च के फायदे- हरी मिर्च का नियमित रूप से सेवन करने से इंसुलिन लेवल को कंट्रोल करके हाई ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस करने में मदद मिलती है.- फाइबर से भरपूर, हरी मिर्च बेहतर पाचन में मदद करती है.- हरी मिर्च विटामिन ई और विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है जो स्वस्थ त्वचा के लिए बहुत अच्छी है.- बीटा-कैरोटीन होने के कारण हरी मिर्च कार्डियोवस्कुालर सिस्टटम (cardiovascular system) के कार्य को ठीक से बनाए रखने में मदद करती है और इम्यूनिटी (immunity)को बढ़ाने में भी मदद करती है.- हरी मिर्च कैलोरी बर्न करने और मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करती है, इसलिए वजन घटाने में मदद करती है.लाल मिर्च के फायदे- लाल मिर्च में हाई पोटेशियम होने के कारण ये रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है.- लाल मिर्च में कैप्साइसिन नामक यौगिक शरीर में मेटाबॉलिज्म दर को बढ़ाता है जो सीधे कैलोरी बर्न करता है.- लाल मिर्च विटामिन सी से भरपूर होती है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को सपोर्ट करने और पुरानी बीमारियों से लड़ने में मदद करती है.- लाल मिर्च में बहुत शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो रक्त वाहिकाओं और धमनियों की रुकावटों को दूर करने में मदद करते हैं.लाल मिर्च या हरी मिर्च कौन सी है बेहतरनिश्चित रूप से साबूत सूखी लाल मिर्च, लाल मिर्च पाउडर की तुलना में अधिक फायदेमंद होती है क्योंकि वो मूल रूप से सूखी, पकी हुई हरी मिर्च ही हैं. लाल सूखी मिर्च का उपयोग खाने में तीखेपन के लिए और स्वाद के लिए अधिक किया जाता है. लाल मिर्च पाउडर की तुलना में लाल मिर्च का उपयोग करना सुरक्षित है. लेकिन हरी मिर्च खाना अधिक फायदेमंद है क्योंकि ये ताजी होती है और ये ज्यादा फायदा पहुंचाती है.
- विटामिन ए और सी के एक समृद्ध स्रोत के रूप में, पपीता शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालकर इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद कर सकता है. यह बीमारियों और संक्रमणों को दूर रखने में भी मदद करता है. पपीता में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें विटामिन ए, बी, डी और कैल्शियम, लोह, प्रोटीन आदि तत्त्व विपुल मात्रा में होते हैं, इसके नियमित सेवन से त्वचा के रोग दूर होते हैं.पपीता खाने के जबरदस्त फायदेस्किन के लिए लाभकारीपपीता सेहत के साथ स्किन के लिए भी लाभकारी होता है. इसका उपयोग मुंहासे के इलाज के लिए किया जा सकता है. आपको बस इतना करना है कि शरीर के प्रभावित क्षेत्र पर पपीते की त्वचा का मांसल हिस्सा लगाएं. फल खाने से त्वचा भी साफ होगी. आप पपीते से लेटेक्स भी प्राप्त कर सकते हैं और निशान कम करने के लिए इसे जले हुए क्षेत्र पर लगा सकते हैं.कब्ज का इलाजपपीते का सेवन डाइजेशन में मदद करता है. इससे आपका पेट साफ करता है. इस फल में विटामिन सी, फोलेट और विटामिन ई होता है, जो पेट में टॉनिक बनाता है और गति बीमारी को कम करता है.कोलेस्ट्रॉल कम करन में मददगारपपीते में उच्च मात्रा में फाइबर मौजूद होता है. साथ ही ये विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होता है. अपने इन्हीं गुणों के चलते ये कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में काफी असरदार है.इंफेक्शन से बचाव करता हैहेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो पपीता कई फंगल इंफेक्शन्स से लड़ने में भी मददगार माना जाता है और आंतों के कीड़ों को मारने के लिए भी जाना जाता है, जो कई संक्रमणों और जटिलताओं का कारण बनता है.गठिया की बीमारी में लाभकारीपपीता गठिया की बीमारी के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहिए. इसे खाने से गठिया की बीमारी से छुटकारा मिल सकता है. क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी एंजाइम अच्छी मात्रा में पायी जाती है, जो गाठ के चलते होने वाले दर्द में अपना खास असर दिखाती है.इस तरह करें पपीता का सेवनडाइट एक्सपर्ट कहती हैं कि वैसे तो पपीता पका हुआ होना चाहिए, अगर कच्चा भी है तो इसे डेसर्ट, सलाद और स्मूदी में इसका सेवन किया जा सकता है.इन लोगों को नहीं खाना चाहिए पपीता?1. पपीते में लेटेक्स होता है, जो यह गर्भाशय के संकुचन का कारण हो सकता है, यही वजह है कि गर्भवती महिलाओं को इस फल से बचने की सलाह दी जाती है.2. पपीते का सेवन ब्लड प्रेशर के शिकार लोगों के लिए नुकसानदायक साबित होता है. इसलिए जो लोग ब्लड प्रेशर की दवाई ले रहे हैं, उन्हें पपीते का सेवन करने से बचना चाहिए.3. दस्त से परेशान लोगों को पपीता का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए.-
- स्ट्रोक आमतौर पर तब होता है, जब मास्तिष्क के एक हिस्से में ब्लड फ्लो होना बंद हो जाता है। जाहिर तौर पर ब्रेन टिश्यू को इससे नुकसान पहुंचता है। अनहेल्दी फूड हैबिट्स, मोटापा और व्यायाम की कमी कुछ ऐसे लाइफस्टाइल फैक्टर्स हैं, जो स्ट्रोक का रिस्क बढ़ाने के लिए काफी हैं। गुरूग्राम (दिल्ली) के फोर्टिज मेमोरियल रिसर्च इंस्टीस्ट्यूट के प्रधान निदेशक और न्यूरोलॉजिकल विभाग के हेड डॉ. प्रवीण गुप्ता ने कहा कि ब्लड प्रेशर, हार्ट डिसीज, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, तंबाकू व धूम्रपान से परहेज और तनाव को कम करने से स्ट्रोक को आसानी से मैनेज किया जा सकता है। इसके अलावा नियमित व्यायाम और संतुलित आहार भी स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद करता है। वैसे आपका भोजन भी स्ट्रोक के लिए उतना ही जिम्मेदार है। इसलिए आपको कुछ पदार्थों से दूरी बनानी होगी।नमक का सेवन सीमित करें-नमक भी स्ट्रोक के लिए बड़ा खतरा है। यहां नमक से हमारा मतलब पैक्ड फूड में पाए जाने वाले नमक और प्रोसेस्ड नमक से है। बता दें कि पैक्ड फूड में जरूरत से ज्यादा नमक होता है। जितना हो सके, प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड से दूर रहें। अगर आप दिनभर में 5 ग्राम नमक का सेवन कम कर देते हैं, तो हाइपरटेंशन की समस्या से राहत मिलेगी और स्ट्रोक का खतरा भी कम हो जाएगा।स्मोक्ड और प्रोसेस्ड मीट खाने से बचेंभले ही आप स्मोक्ड और प्रोसेस्ड मीट जैसे हॉट डॉग, बेकन, सलामी के शौकीन हों, लेकिन जितनी जल्दी इसका सेवन बंद कर दें उतना अच्छा है। दरअसल, इनमें सोडियम नाइट्रेट जैसे कुछ प्रिजर्वेटिव्स मिलाए जाते हैं, जो ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। डॉ.गुप्ता के अनुसार अक्सर ये प्रिजर्वेटिव्स ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की वजह बनते हैं, जिससे वेसेल वॉल तक डैमेज हो जाती है।प्रोसेस्ड फूड का सेवन बंद करेंयदि आप अपने दिन की शुरूआत ही जंक और ट्रांसफैट से भरपूर भोजन से करते हैं, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। जंक फूड्स में आमतौर पर बहुत ज्यादा ट्रांसफैट होता है, जो एलडीएल नाम का बैड कोलेस्ट्रॉल को जन्म देता है। यह आर्टरीज वॉल में जमा होकर शरीर में सूजन का कारण बनता है। बता दें कि कोलेस्ट्रॉल शरीर की सूजन में वृद्धि और हार्ट अटैक का मुख्य कारण है।सॉफ्ट ड्रिंक्स ना पीएंडॉ. गुप्ता कहते हैं कि 9 साल की एक रिसर्च में पाया गया कि जो लोग रोज, डाइट सोडा पीते थे उनमें हार्ट अटैक या स्ट्रोक से मरने की संभावना 48 फीसदी ज्यादा थी, उनकी तुलना में जो शायद ही कभी डाइट सोडा पीते थे।
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अंडे
तले हुए, उबले हुए या ऑमलेट अंडे को डाइट में शामिल करने के कई तरीके हैं. अंडे में प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है. आप अपने प्रोटीन सेवन को बढ़ाने के लिए अंडे को अपने नाश्ते में शामिल कर सकते हैं. ये शरीर के लिए आवश्यक विटामिन डी, आयरन और मैग्नीशियम जैसे अन्य पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है. आप अंडे को होल ग्रेन ब्रेड के स्लाइस और कुछ वेजी के साथ पेयर कर सकते हैं.
ओट्स
एक कटोरी गर्म ओट्स में एक चम्मच नट बटर, कुछ ताजे फल और मेवे सुबह के लिए एकदम सही नाश्ता है. एक कटोरी ओट्स आपको पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व जैसे फाइबर, कॉपर, आयरन और जिंक प्रदान कर सकता है. ये पोषक तत्व इम्युनिटी को बढ़ावा देने और सर्दियों में आपको सर्दी और खांसी से बचाने में भी मदद कर सकते हैं.
चिया पुडिंग
छोटे चिया सीड्स प्रोटीन से भरपूर होते हैं. सुबह एक बाउल चिया सीड्स में कुछ मेवे और ताजे फल आपको ऊर्जावान बनाए रख सकते हैं. चिया के बीज हृदय रोगों के जोखिम को कम करने और कब्ज को रोकने में भी मदद कर सकते हैं.
मूंग दाल चीला
आप नाश्ते में मूंग दाल चीला भी बना सकते हैं. मूंग दाल विटामिन ए, बी, सी, डी, ई, प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होती है. ये पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए एक हेल्दी विकल्प है.
पोहा
इसमें कुछ मूंगफली मिलाने से ये एक प्रोटीन युक्त भोजन बन जाता है जिसे सुबह खाया जा सकता है. अपने पोहा को अधिक पौष्टिक बनाने के लिए इसमें कुछ मटर, प्याज, आलू और फूलगोभी डालें. आप दोपहर में नाश्ते के रूप में पोहा भी ले सकते हैं. - सर्दी लगभग आ चुकी है. इस मौसम में आंवले (Amla) का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है. ये पोषक तत्वों का एक पावरहाउस हैं. आंवला विटामिन सी के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है. ये एक इम्युनिटी बूस्टर है.आंवला अपने एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-कैंसर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए भी जाना जाता है. इसे सबसे शक्तिशाली फलों में से एक माना जाता है. आइए जानें इसके स्वास्थ्य लाभ और किन तरीकों से आप आंवले का सेवन कर सकते हैं.आंवले के स्वास्थ्य लाभआंवले का सेवन इम्युनिटी को बढ़ावा देने में मदद करता है. आंवला अपने औषधीय गुणों के लिए सालों से इस्तेमाल किया जाता रहा है. ये न केवल संक्रमण, सर्दी और खांसी को रोकने के लिए इम्युनिटी बढ़ाता है. ब्लकि ये डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और किडनी की समस्याओं को दूर रखता है. ये बालों का झड़ना कम करता है.आयुर्वेद में आंवला को आमलकी कहा जाता है. ये शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है. आंवला शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. क्रोमियम की उच्च सामग्री के कारण ब्लड शुगर के स्तर में स्पाइक्स को रोकता है. ताजा आंवला का सेवन इंसुलिन में सुधार करता है. इस प्रकार ये बल्ड सुगर लेवल को कंट्रोल करता है.सर्दियों में बहुत से लोग कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं. इसमें फाइबर अधिक मात्रा में होता है. आंवला पाचन संबंधी बीमारियों को दूर करने में मदद कर सकता है. इसके अलावा ये थायरॉइड, आंखों की रोशनी में सुधार, एसिडिटी और वजन कम करने में मदद करता है.चूर्ण1 चम्मच आंवला चूर्ण को आप सुबह खाली पेट 1 चम्मच शहद या गर्म पानी के साथ ले सकते हैं.जूसआंवले के रस को सुबह सबसे पहले गर्म पानी के साथ मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है.च्यवनप्राशच्यवनप्राश की मुख्य सामग्री आंवला है. आप 1 चम्मच च्यवनप्राश को गर्म पानी के साथ सुबह खाली पेट या भोजन के दो घंटे बाद ले सकते हैं.आंवला मुरब्बा और अचारआप इस सर्दी में बाजार से ताजे आंवले लेकर आंवला मुरब्बा या अचार बना सकते हैं. आप रोजाना इसका आंनद ले सकते हैं.आंवला फलआप रोजाना 1 से 2 आंवला का सेवन कर सकते हैं.आंवला कैंडीआप आंवले को टुकड़ों में काटकर धूप में सुखा सकते हैं. एक बार जब वे पर्याप्त रूप से सूख जाए तो आप इसे स्टोर कर सकते हैं. इनका सेवन आप रोजाना कैंडीज के रूप में कर सकते हैं.
- सर्दियों का मौसम लगभग आ गया है. सर्दियों के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए अधिक ऊर्जा और मेटाबॉलिज्म को तेज करने के लिए अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है. ऐसे में आप पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स डाइट में शामिल कर सकते हैं. इस दौरान आप डिटॉक्स ड्रिंक (Winter Detox Drink) भी डाइट में शामिल कर सकते हैं.ये न केवल शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करेंगे बल्कि ये वजन घटाने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में भी मदद करेंगे. ये पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं. ये बालों और त्वचा में सुधार करने में भी मदद करते हैं. आइए जानें सर्दियों में आप कौन से डिटॉक्स ड्रिंक (Detox Drink) डाइट में शामिल कर सकते हैं.अनार और चुकंदर का जूसअनार और चुकंदर से बने डिटॉक्स ड्रिंक का सेवन कर सकते हैं. ये आयुर्वेद में अपने कई डिटॉक्सिफाइंग गुणों के लिए जाना जाता है. इसमें एलोवेरा जेल होता है. ये आपकी इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है.हल्दी की चायइस चाय में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. हल्दी लिवर फंक्शन को बढ़ाकर इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करती है.संतरा, अदरक और गाजर का जूससंतरा एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी से भरपूर होता है. गाजर में बीटा-कैरोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो वजन घटाने और पाचन में मदद कर सकता है. अदरक पाचन, सूजन और पेट में ऐंठन के लिए एक प्रसिद्ध घरेलू इलाज है. इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं.आंवला जूसइसमें न केवल बड़ी मात्रा में विटामिन सी होता है, बल्कि ये शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है. ये वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण जैसे सर्दी और खांसी से बचाता है.पालक, गाजर और सेब का जूसये संयोजन पोषक तत्वों से भरपूर होता है. पालक का स्वाद कड़वे होने के कारण इसके स्वाद को बेहतर बनाने के लिए इसमें गाजर और सेब मिलाएं.अदरक, नींबू और शहद की चायये ड्रिंक लंबे समय से गले में खराश और सर्दी को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसमें थोड़ा सा अदरक, शहद और नींबू मिलाया जाता है.ग्रीन टी और पुदीनाग्रीन टी को इम्युनिटी में सुधार, खांसी और फ्लू से बचाने के लिए जाना जाता है. इसके अलावा ग्रीन टी पाचन को बढ़ावा देने में मदद करती है. पुदीने में कैलोरी कम होती है. ये पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ावा देता है.
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सिंघाड़ा सेहत के लिए बेहद लाभकारी है। दिल के आकार से मिलता-जुलता लाल और हरे रंग का सिंघाड़ा पानी में पैदा होता है। यह एक मौसमी फल है और इसमें कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इन दिनों कई तरह की बीमारियों से बचाने में कारगर होते हैं। सिंघाड़े को नियमित रूप से खाने से सांस संबधी समस्याओं से भी आराम मिलता है। दिल की बीमारियों के लिए यह रामबाण औषधि है। साथ ही गले में खराश, थकावट, सूजन और ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद है। वैसे तो आप इसे किसी भी वक्त खा सकते हैं, लेकिन खाली पेट इसका सेवन ज्यादा फायदेमंद माना गया है.
सिंघाड़े में पाए जाने वाले पोषक तत्व
सिंघाड़ा में विटामिन ए, सिट्रिक एसिड, फॉस्फोरस, विटामिन सी, मैंगनीज, थायमिन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, आयोडीन और मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, ये सभी पोषक तत्व सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
सेहत के लिए फायदेमंद सिंघाड़ा
1. थॉयराइड में लाभकारी
सिंघाड़े में मौजूद आयोडीन, मैग्नीज जैसे मिनरल्स थायरॉइड और घेंघा रोग की रोकथाम में अहम भूमिका निभाते हैं। यह रक्तपित्त तथा मोटापा कम करने में फायदेमंद होता है।
2. पीलिया की बीमारी में राहत
पीलिया के बीमारी में शरीर में पित्त दोष बढ़ जाता है। सिंघाड़े में पित्त शामक गुण होते हैं, जोकि काफी लाभदायक होता है। सिंघाड़ा के आटे में उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने की ताकत है।
3. महिलाओं के लिए फायदेमंद
प्रेग्नेंसी में सिंघाड़ा खाने से मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं। इससे गर्भपात का खतरा भी कम होता है। इसके अलावा सिंघाड़ा खाने से पीरियड्स की समस्याएं भी ठीक होती है।
4. गैस और अपच से राहत
पेट की दिक्कतों को कम करने में भी सिंघाड़े का सेवन काफी फायदा करता है। ये गैस, एसिडिटी, कब्ज और अपच जैसी दिक्कतों से राहत देता है। साथ ही भूख न लगने की परेशानी को कम करने में भी मदद करता है।
सिंघाड़े खाने का सही तरीका
आप सिंघाड़े को कच्चा भी खा सकते हैं। इसके अलावा इसे उबाल कर नमक के साथ भी खाया जाता है। जब सिंघाड़े का सीजन नहीं होता, तब भी इसके आटे का इस्तेमाल हलवा वगैरह बनाने में किया जाता है। -
शहद और लौंग का सेवन बेहद फायदेमंद माना जाता है। मौजूद एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गु ण आपको स्किन इंफेक्शन (Skin Infection) और कई बीमारियों से बचाते हैं । शहद के साथ लौंग का सेवन इम्युनिटी भी बढ़ाता है। लौंग में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जिसका आपको फायदा मिलता है. जानें कैसे कर सकते हैं शहद और लौंग का सेवन-
खांसी और गले में खराश की समस्या में
लौंग की कलियों को पीसकर शहद में मिलाकर खाएं. इससे गले के दर्द और संक्रमण में राहत मिलेगी. गले में खराश और जुकाम से ये राहत दिलाता है. रात को सोने से पहले लौंग का तेल एक चम्मच शहद में मिलाकर पीने से सूखी खांसी में आराम मिलता है. अदरक वाली चाय में मिलाकर भी इसे पी सकते हैं.
स्किन इंफेक्शन से बचाव
एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर शहद स्किन को मुंहासों से बचाता है. वहीं लौंग के सेवन से चेहरे पर झुर्रियां नहीं आतीं. शहद और लौंग के पाउडर को आप स्किन पर लगा भी सकते हैं.
लिवर को डिटॉक्सीफाई करे
ये लिवर को डिटॉक्सीफाई करता है और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी मददगार है. एक चम्मच शहद में लौंग का पाउडर मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पिएं।
वेट लॉस में कारगर
वजन बढ़ने से परेशान हैं तो शहद और लौंग की चाय बनाकर पिएं.। इससे भूख कम लगेगी। ये कैलोरी को भी बर्न करता है। लौंग का सेवन पाचन को भी ठीक रखता है।
मुंह के छालों का इलाज
एक चम्मच शहद में लौंग का पाउडर मिलाकर इसका पेस्ट बना लें और इसे मुंह के छालों पर लगाएं। इससे मुंह के छालों की समस्या में राहत मिलेगी। -
जिंदगी में ज्यादातर लोग खुद को समय नहीं दे पाते. अनियमित खानपान और बिजी लाइफस्टाइल पाचन तंत्र को बुरी तरह से प्रभावित कर देती है. जो लोग ज्यादा फास्ट फूड्स का सेवन करते हैं, उन्हें कब्ज की समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि भरपूर नींद ना लेना और फिजिकिल एक्टिविटी की कमी भी कब्ज और एसिडिटी का कारण बनती है. अगर पेट से संबंधी इन समस्याओं पर समय रहते ध्यान ना दिया जाए तो यह गंभीर बीमारी का रूप ले लेते हैं. नियमित तौर पर योग करने और हेल्दी डाइट के चलते एसिडिटी और कब्ज की इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. कुछ ऐसे फल हैं, जो कब्ज में फायदेमंद हैं. इनके नियमित सेवन से कब्ज और अपच की समस्या दूर हो सकती है.
कब्ज होने के कारण ---
भोजन में रेशेदार आहार की कमी होना.
मैदे से बने एवं तले हुए मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन करना.
पानी कम पीना या तरल पदार्थों का सेवन कम करना.
समय पर भोजन ना करना.
रात में देर से भोजन करना.
अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, तंबाकू या सिगरेट आदि का सेवन करना.
कब्ज की दूर करने में कारगर हैं ये फल--
1. पपीते का सेवन
कब्ज दूर करने में पपीता लाभकारी है. इसमें विटामिन ए, पोटैशियम, कैल्शियम फोलेट, विटामिन ई और सी और बीटा कैरोटीन की अच्छी-खासी मात्रा होती है. नियमित तौर पर पपीता खाने से आंतों की अच्छी तरह से सफाई हो जाती है, जिससे कब्ज की परेशानी नहीं होती.
2. सेब का सेवन
सेब में मौजूद सर्बिटोल तत्व कब्ज को दूर कर पेट की अच्छी तरह से सफाई कर देता है. नियमित तौर पर सुबह खाली पेट एक सेब का सेवन करना चाहिए.
3. अंगूर का सेवन
कब्ज दूर करने में अंगूर भी कारगर है. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी के साथ-साथ पोटेशियम और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा अंगूर में फ्लेवोनॉयड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट तत्व की भी अधिक मात्रा होती है. नियमित तौर पर अंगूर का सेवन करने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है.
4. नाशपाती का सेवन
नाशपाती का सेवन गर्मियों के मौसम में मिलने वाली नाशपाती स्वास्थ्य के लिए बेहद ही फायदेमंद होती है. नाशपाती में मौजूद पेक्टिन तत्व पेट को साफ करने में मदद करता है. आप चाहें तो नाशपाती के जूस का भी सेवन कर सकते हैं. -
लाल-लाल टमाटर आपकी सेहत के लिए बेहद लाभकारी है. इसके बिना भारतीय रसोई अधूरी सी लगती है. हमारे देश में सबसे ज्यादा इसे सब्जी के रूप में खाया जाता है. टमाटर का वैज्ञानिक नाम सोलनम लाइकोपेर्सिकम है. टमाटर का नियमित सेवन करने से भूख बढती है. इसके अलावा टमाटर पाचन शक्ति, पेट से संबंधित अनेक समस्याओं को दूर करता है .
टमाटर में पाए जाने वाले पोषक तत्व -
टमाटर में विटामिन सी, लाइकोपीन, विटामिन, पोटैशियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. साथ ही इसमें कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले तत्व भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं. ये सभी एक स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी माने जाते हैं.
टमाटर खाने के जबरदस्त लाभ
00 अगर बच्चे को सूखा रोग हो जाए तो उसे प्रतिदिन एक गिलास टमाटर का जूस पिलाने से बीमारी में आराम मिलता है.
00 बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए टमाटर बहुत फायदेमंद होता है.
मोटापा घटाने के लिए भी टमाटर का इस्तेमाल किया जा सकता है. प्रतिदिन एक से दो गिलास टमाटर का जूस पीने से वजन घटता है.
गठिया के रोग में भी टमाटर बहुत फायदेमंद है. प्रतिदिन टमाटर के जूस में अजवायन मिलाकर खाने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है.
गर्भावस्था में टमाटर का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है, इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है, जो गभर्वती के लिए अच्छा होता है.
अगर पेट में कीड़े हो जाएं तो सुबह खाली पेट टमाटर में काली मिर्च मिलाकर खाने से फायदा होता है.
कच्चे टमाटर में काला नमक मिलाकर खाने से चेहरे पर रौनक आती है.
टमाटर के गूदे को चेहरे पर रगड़ने से त्वचा पर निखार आता है.
टमाटर के नियमित सेवन से डायबिटीज में फायदा होता है.
इससे आंखों की रौशनी बढ़ती है.
किस समय खाएं टमाटर--
मायउपचार बेवसाइट के अनुसार, रात के समय में टमाटर खाना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि यह शरीर के चयापचय को बनाय रखता है और आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है. - शरीर को फिट रखने के लिए लोग कठिन डाइट और जिम का सहारा लेते हैं, लेकिन फिर भी बीमारियों का शिकार बन जाते हैं। सुबह के समय 1 गिलास पानी पीने से 5 बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। बस इसके लिए आपको सुबह के समय खाली पेट 1 गिलास गुनगुना पानी पीना है। आइए, अब गुनगुना पानी पीने के फायदे जान लेते हैं-1. टॉक्सिन्सशरीर में टॉक्सिन्स यानी विषाक्त (जहरीले) पदार्थ होने के कारण लो हीमोग्लोबिन, कमजोर हड्डी जैसी समस्या हो सकती है, लेकिन सुबह के समय एक गिलास गुनगुना पानी पीने से शरीर से टॉक्सिन्स निकल जाते हैं। गुनगुना पानी पीने का यह बड़ा फायदा है।2. छाती में बलगमछाती में बलगम जमने से श्वसन तंत्र प्रभावित हो जाता है और आपको सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकडऩ और खांसी की समस्या होने लगती है, लेकिन, गुनगुने पानी के फायदों में बलगम से राहत मिलना भी शामिल है। जिस वजह से आपकी बलगम की समस्या कम हो सकती है।3. गुनगुना मोटापागुनगुना पानी पीने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है। जिससे शरीर फैट बर्निंग की प्रक्रिया तेजी से करता है और शरीर से अतिरिक्त फैट कम होने लगता है। अगर आप मोटापे की समस्या से परेशान हैं, तो सुबह के समय खाली पेट गुनगुना पानी जरूर पीएं।4. खराब पाचनअगर आपका पाचन खराब है और उसके कारण गैस, अपच या कब्ज की समस्या रहती है, तो सुबह में गुनगुना पानी पीना फायदेमंद होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, इससे पाचन तंत्र में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है और पाचन क्रिया सुधरने लगती है।5. खराब ब्लड फ्लोशरीर के सभी अंगों के लिए खून बहुत जरूरी है. क्योंकि, इसी के जरिए उन्हें पोषण मिलता है और उनकी कार्यक्षमता मजबूत रहती है , टॉक्सिन्स और फैट जमने के कारण ब्लड फ्लो बिगड़ जाता। अगर आप गुनगुना पानी पीते हैं, तो शरीर से टॉक्सिन्स और फैट का स्तर कम होता है।
- अलसी एक ऐसी चीज है, जो हर घर के किचन में आसानी से मिल जाती है। यह न सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ाती है, बल्कि आपको कई गंभीर बीमारियों से दूर रखने में भी मददगार है। अगर आप मोटापे से परेशान हैं या फिर त्वचा संबंधित बीमारी के शिकार हैं तो अलसी का सेवन कीजिए। यह ब्लड कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में भी मदद करती है। आइये जानते हैं अलसी खाने के अन्य फायदे....- अलसी के छोटे-छोटे बीजों में सेहत का खजाना छिपा हुआ है। इसका सेवन आपको कई स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से बचा सकता है। एक चम्मच पिसी हुई अलसी 7 ग्राम होती है। इसमें 1.28 ग्राम प्रोटीन, 2.95 ग्राम फैट, 2.02 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 1.91 ग्राम फाइबर, 17.8 मि.ग्रा कैल्शियम, 27.4 मि.ग्रा मैग्निीशियम, 44.9 मि.ग्रा फास्फोरस, 56.9 मि.ग्रा पोटैशियम, 6.09 माइक्रोग्राम फोलेट और 45.6 माइक्रोग्राम ल्यूटिन और जीएक्सेंथिन होता है, जो स्वस्थ्य शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है.अलसी के सेवन के फायदे1. चेहरे को रखती है जवांअलसी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइटोकैमिकल्स गुण पाए जाते हैं, जो बढ़ती उम्र में चेहरे की त्वचा को जवां बनाए रखते हैं। झुर्रियों की समस्या नहीं होतीं और त्वचा चमकदार बनी रहती है।2. प्रोटीन का भंडारअलगी में ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। यही वजह है कि अलसी के बीज पाचन को बेहतर बनाते हैं। इसके बीज टाइप 2 डायबिटीज , कैंसर और हृदय रोग के खतरे को भी कम करने में मदद करते हैं।3. कोलेस्ट्रॉल रहता है कंट्रोलअलसी के बीज से ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मददगार होते है.। एक शोध के अनुसार रोजाना अलसी के बीज खाने से आपका कोलेस्ट्रॉल का लेवल 6 से 11 प्रतिशत तक कम हो सकता है।4. पाचन तंत्र के लिए लाभकारीअलसी का नियमति सेवन करने से आप पाचन शक्ति को बढ़ा सकते हैं, क्योंकि असली में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन शक्ति को बढ़ाकर कब्ज की समस्या को दूर करता है।अलसी के सेवन का सही टाइमआप अलसी का सेवन खाली पेट कर सकते हैं। इसके अलावा रात में सोने से पहले भी अलसी का सेवन किया जा सकता है, क्योंकि यह अच्छी नींद लाने में भी मदद करती है।असली का सेवन करने का सही तरीकासाबुत अलसी के बीज खाने की बजाए अलसी के बीज को पीसकर खाना ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि साबुत अलसी के बीज में ऊपर भूरे रंग का एक कवर जैसा होता है, जिसे पचाना आंत के लिए काफी मुश्किल होता है। इस वजह से अलसी के पोषक तत्वों को शरीर अवशोषित नहीं कर पाता। यही वजह है कि अलसी को पीसकर खाने की सलाह दी जाती है।
- खाने की रंगत बढ़ाने हो या स्वाद दोनों के लिए धनिया एक बेहतरीन विकल्प है। धनिया के अंदर भरपूर मात्रा में पानी, कैलोरी, ऊर्जा, प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, जिंक, कॉपर, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, विटामिन ई आदि पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। ऐसे में इसके सेवन से शरीर की कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनिये का इस्तेमाल यदि बालों पर किया जाए तो बालों की कई समस्याएं दूर होती हैं? आइये जानते हैं धनिया लगाने से बालों को क्या फायदा पहुंचता है।1 - धनिये का पेस्टइस पेस्ट को बनाने के लिए आपके पास धनिए की पत्तियों का होना जरूरी है। अब आप धनिए की पत्तियों को साफ पानी से धोएं और उसका एक पेस्ट तैयार करें। अब उस पेस्ट को ब्रश के माध्यम से बालों की जड़ों में लगाएं। 15 से 20 मिनट के लिए अपने बालों को ऐसे ही छोड़ दें। उसके बाद अपने बालों को साफ पानी से धो लें। धोने के लिए आप माइल्ड शैंपू का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। धनिये के पेस्ट से बालों का विकास होना शुरू हो सकता है।2 - धनिया और एलोवेरा का पेस्टइस पेस्ट को बनाने के लिए आपके पास धनिए की पत्तियों के साथ-साथ एलोवेरा का पत्ता होना भी जरूरी है। अब आप एक कटोरी में धनिये की पत्तियों से बना पेस्ट तैयार करें और उसमें एलोवेरा जेल को मिलाएं। आप चाहें तो मार्केट से आए एलोवेरा जेल को भी उसमें मिला सकते हैं। अब ब्रश के माध्यम से बने मिश्रण को बालों की जड़ों में लगाएं और 20 से 25 मिनट के लिए मिश्रण को ऐसे ही लगा छोड़ दें। उसके बाद अपने बालों को साफ पानी से धो लें। धोने के लिए आप माइल्ड शैंपू का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। बता दें कि धनिये के पेस्ट से बालों का रूखापन दूर हो सकता है।3 - धनिया और नींबूइस पेस्ट को बनाने के लिए आपके पास धनिये के पत्तों के साथ नींबू के रस का होना भी जरूरी है। अब आप एक कटोरी में नींबू के रस के साथ धनिये की पत्तियों से बना पेस्ट मिलाएं और मिश्रण को ब्रश के माध्यम से बालों पर लगाएं और 20 से 25 मिनट के लिए मिश्रण को ऐसे ही लगा छोड़ दें। उसके बाद अपने बालों को साफ पानी से धो लें। धोने के लिए आप माइल्ड शैंपू का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। बता दें कि धनिये के पेस्ट से बालों का डैमेज होना बच सकता है।4 - धनिया और मुल्तानी मिट्टीइस पेस्ट को बनाने के लिए आपके पास धनिये के पत्तों के साथ मुल्तानी मिट्टी का होना भी जरूरी है। अब आप एक कटोरी में मुल्तानी मिट्टी के साथ धनिये की पत्तियों से बना पेस्ट मिलाएं और मिश्रण को ब्रश के माध्यम से जड़ों पर लगाएं। बने मिश्रण को 15 से 20 मिनट के लिए जड़ों और बालो में ऐसे ही लगा छोड़ दें। उसके बाद अपने बालों को साफ पानी से धो लें। धोने के लिए आप माइल्ड शैंपू का भी प्रयोग कर सकते हैं। बता दें कि धनिये और मुल्तानी से बालों को लंबे और घने बन सकते हैं।नोट - इसके इस्तेमाल से जड़ों में यदि खुजली या जलन महसूस हो तो तुरंत इसका सेवन बंद कर दें। हो सकता है कि ये पेस्ट आपको सूट ना कर रहा हो। ऐसे में एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही धनिये की पत्तियों का इस्तेमाल जड़ों में करें।
- आम तौर पर ज्यादातर घरों में सफेद नमक का उपयोग किया है. आप सफेद नमक के फायदों और नकुसान के बारे में तो जानते ही होंगे, लेकिन आज हम आपके लिए लेकर आए हैं काले नमक के फायदे. काला नमक हमें कई गंभीर बीमारियों से निजात दिला सकता है. इसे 'हिमालयन सॉल्ट' के नाम से भी जाना जाता है. यह मुख्य रूप में भारत, पाकिस्तान, बांग्लोदश, नेपाल आदि हिमालय के आसपास के स्थानों की खदानों में मिलता है. देश के मश्हूर आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, काले नमक के सेवन से उल्टी, एसिडीटी (Acidity) या कब्ज जैसी समस्याएं आसानी से दूर हो जाती है. काला नमक एसिडीटी को खत्म कर देता है. इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, डिप्रेशन और पेट से जुड़ी कई दिक्कतों को दूर करने में काला नमक कारगर माना जाता है. काले नमक में इसमें एंटीऑक्सिडेंट तत्व होते हैं और जिसमें नॉर्मल नमक की तुलना में सोडियम लेवल बहुत ही कम होता है. इसके अलावा इसमें मिनरल्स जैसे आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम भरपूरर मात्रा में होते हैं जो हमारे हेल्दी शरीर के लिए बहुत ही जरूरी हैं.काले नमक के सेवन से मिलने वाले फायदे1. छोटे बच्चों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंदकाला नमक छोटे बच्चों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. यह अपच और कफ की जमावट को सीने से हटाता है. अपने शिशु के भोजन में थोड़ा सा काला नमक रोजाना मिलाएं, क्योंकि इससे पेट भी ठीक रहेगा और कफ आदि से भी छुटकारा मिलेगा.2. इन लोगों के लिए भी फायदेमंदअगर आप शुगर पेशेंट हैं तो काले नमक का सेवन कीजिए. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार काला नमक शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा नियंत्रित रखने का काम करता है और वे अधिक हेल्दी महसूस करेंगे.3. पाचन शक्ति को करता है मजबूतकाला नमक हमारी पाचन शक्ति को बढ़ावा दे सकता है. इसके साथ ही यह सेराटोनिन हॉर्मोन को भी बढ़ा सकता है, जो हमें तनावमुक्त रखने में मदद कर सकता है.4. हड्डियों को करता है मजबूतकाला नमक कई तरह के पोषक तत्वों और मिनरल्स से भरपूर होता है. अगर नियमित रूप से इसका सेवन किया जाए तो शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं. यही वजह है कि जिन लोगों की हड्डियां कमजोर होती हैं उन्हें काले नमक का सेवन करने की सलाह दी जाती है.5. फैट बर्न करने में हेल्पफुलहमारे शरीर में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया को खत्म करता और शरीर में बढ़े हुए फैट को बर्न करने में मददगार है. इतना ही नहीं यह खाने का जायका कई गुना बढ़ा देता है. आयुर्वेदार्य मानते हैं कि काले नमक को हर रोज सुबह के वक्त गर्म पानी में मिलाकर पीने से शरीर स्वस्थ रहता है.इस बात का ख्याल रखना बेहद जरूरीकाला नमक में सोडियम अधिक होता है और इसका अधिक सेवन करने से शरीर में अधिक क्रिस्टल बनने लगता है जिससे पथरी की समस्या हो सकती है. इसलिए काले नमक का सेवन लिमिट में करें.
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बचने के लिए आपको अपने पानी के काउंट पर ध्यान देने की जरूरत है। डॉक्टर्स द्वारा रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है। वैसे तो शरीर गर्मियों के मौसम में ज्यादा डिहाईड्रेशन का सामना करता है, हालांकि शरीर में पानी की कमी किसी भी मौसम में हो सकती है।
ड्राई माउथ- अगर आप पानी सही से नहीं पीते हैं तो आपका मुंह सूखने लगता है। ऐसे में ये साफ लक्षण है कि आपके शरीर में पानी की कमी हो रही है। अगर आपको मुंह सुखा लग रहा है तो तुरंत एक ग्लास पानी पीएं।
ड्राई स्किन- सर्दियों के मौसम में कई लोगों को ये परेशानी होती है, लेकिन अगर आपको ऐसा अभी से होने लगा है तो आप समझ लें कि ये पानी की कमी के कारण हो रहा है। ध्यान रखें की आप पानी ज्यादा पीएं और स्किन को सही रखें।
थकावट- अगर आपको हर समय थका-थका महसूस होता है, तो जान लें की ये पानी की कमी के कारण हो रहा है। जब आप ज्यादा पानी नहीं पीते हैं तो आपकी बॉड़ी खून से पानी लेने लगती है। जिसकी वजह से खून में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है और कार्बन डायऑक्साइड बढ़ सकता है।
कॉन्सटीपेशन- अगर आपको कॉन्सटीपेशन की समस्या होता रहती है तो आप नियमित तौर पर 8 से 10 गिलास पानी पीएं।
जोड़ों में दर्द- पानी की कमी से जोड़ों में दर्द हो सकता है। 80 प्रतिशत शरीर कार्टिलेज और स्पाइन पानी से बना है। जब आप कम पानी पीते हैं तो आपको घुटनों में दर्द, कमर में दर्द और शोल्डर में दर्द जैसी समस्या होने लगती है।
पेशाब का पीला रंग- ये सबसे ज्यादा खतरनाक होता है जिसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। पेशाब का गहरा पीला रंग यही बताता है कि आपके शरीर में पानी की कमी हो रही है। साथ ही पेशाब के समय अगर आपको जलन हो रही है तो ये बता रहा है कि आपके शरीर को पानी की जरूरत है। - प्लास्टिक बर्तनों की खूबसूरती हमें अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसे में हम में से कई लोग मार्केट से तरह-तरह के प्लास्टिक बर्तनों को खरीद लेते हैं और रोजाना उसका इस्तेमाल करने लग जाते हैं। खासतौर पर कई लोग प्लास्टिक से बने प्लेट का इस्तेमाल करना बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैं। कुछ लोग तो प्लास्टिक प्लेट्स में खाना अपने शौक के लिए खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लास्टिक प्लेट देखने में जितना खूबसूरत होता है, उतना ही आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।जी हां, रिसर्च के मुताबिक, प्लास्टिक प्लेट या फिर डिस्पोजल प्लेट में खाने से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। दरअसल, जब आप इन प्लेट्स में गर्म खाना या फिर अन्य गर्म चीजें रखते हैं, तो प्लास्टिक की प्लेट में मौजूद केमिकल्स आपके खाने में मिल सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों को खाने से यह आपके लिए जहरीला साबित हो सकता है।हम में से कई लोग खाने को माइक्रोवेव में गर्म करने के लिए प्लेट में खाना रखते हैं और इसे सीधे माइक्रोवेव में डाल देते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो यह आपके लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है। दरअसल, जब आप खाना प्लास्टिक की प्लेट में रखकर सीधे माइक्रोवेव में रखते हैं, तो इसके बहुत से सूक्ष्म कण और प्लास्टिक की थोड़ी-बहुत मात्रा आपके खाने में जा सकती है। ऐसे में जब आप इन भोजन को खाते हैं, तो यह केमिकल्स आपके शरीर में पहुंचकर आपको नुकसान पहुंचा सकता है।प्लास्टिक प्लेट में मौजूद किस तरह के केमिकल्स से हो सकता है खतरा?शुद्ध प्लास्टिक को बनाने के लिए बीपीए (या बिस्फेनल ए) का इस्तेमाल किया जाता है। बीपीए, मुख्य रूप से पॉलीकार्बोनेट या पीसी (रीसायकल कोड 7) नामक प्लास्टिक के एक प्रकार में पाया जाता है। यह बड़ी मात्रा में शरीर के लिए जहरीला हो सकता है। इसकी वजह से स्तन और प्रोस्टेट कैंसर और हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।बीपीए ऐसा केमिकल है, जो आपके शरीर में एस्ट्रोजेन जैसे हार्मोन को असंतुलित कर सकता है। शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन असंतुलित होने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है। हार्मोन असंतुलन होने से मूड में बदलाव, रोशनी के प्रति संवेदनशीलता, ऑयली स्किन, नींद न आना, तनाव, चिड़चिड़ापन, चिंता, कैंसर और कार्डियोवस्क्युलर डिसीज होने का खतरा रहता है। खासतौर पर इसकी वजह से महिलाओं को इंफर्टिलिटी की शिकायत हो सकती है। बीपीए से बने कंटेनरों को गर्म करके खाने से भोजन में बीपीए का स्तर बढ़ जाता है।बच्चों को पहुंचा सकता है नुकसानपर्यावरण के लिए प्लास्टिक बिल्कुल सही नहीं होता है। अगर आप लंबे समय तक बच्चों को प्लास्टिक प्लेट में खिलाते हैं, तो उसके सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। प्लास्टिक प्लेट में लगातार कई दिनों तक खाने से बच्चों की इम्यूनिटी पावर भी वीक हो सकती है।प्लास्टिक पर्यावरण के साथ-साथ आपके सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए प्लास्टिक के प्लेट्स और बर्तनों का इस्तेमाल न करें। अगर आप प्लास्टिक के प्लेट्स या फिर अन्य बर्तनों का यूज कर रहे हैं, तो उसमें खाना गर्म करने की गलती न करें। आपकी यह गलती आपके सेहत पर विपरीत असर डाल सकती है।
- अच्छी नींद की जरूरत हर किसी को होती है। इसके लिए हम आपको एक उपाय बताने जा रहे हैं। बेहतर नींद के लिए सोने से पहले लें दूध के साथ काजू का सेवन करें।काजू प्रोटीन, फैट और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो कि दिल की बीमारियों से बचाने के साथ शरीर को कई फायदे पहुंचाते ह, तो वहीं दूध कैल्शियम से भरपूर है और हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करता हैं। पर इन दोनों को एक साथ लेने के ज्यादा फायदे हैं।काजू दूध बनाने का सही तरीका-1. थोड़े काजू लें और इसे 4 से 5 घंटे के लिए दूध में भिगो कर रख दें।2. अब इसको ओखली में या सिल बट्टे पर दरदरा कर के कूट लें।3. अब कूटे हुए काजू को एक सॉस पेन या पतीले में डाल लें।4. अब इसमें दूध डाल कर उबालें।5. फिर इसमें और दूध मिलाएं और इसका सेवन करें।काजू दूध के फायदे1. नींद को बेहतर बनाता है काजू दूधकाजू नींद के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें मेलाटोनिन के साथ मैग्नीशियम और जिंक जैसे आवश्यक खनिज होते हैं जो कि नींद में एक बड़ी भूमिता निभाते हैं। मेलाटोनिन, मैग्नीशियम और जिंक का संयोजन अनिद्रा को दूर करते है। ऐसे में जब आपको नींद ना आए, तो आप काजू वाल दूध पी कर सो सकते हैं। इसके अलावा दूध में मौजूद ट्रिप्टोफैन होता है, जो नींद और मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही इसमें सेरोटोनिन और मेलाटोनिन होता है जो अच्छी नींद दिलाने में मदद करता है।2. स्किन के लिए फायदेमंदकाजू वाला दूध आपकी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है। काजू वाला दूध कॉपर से भरपूर होता है जो कि त्वचा में प्रोटीन के निर्माण में एक बड़ी भूमिका निभाता है। ये खनिज कोलेजन और इलास्टिन के उत्पादन को नियंत्रित करता है और त्वचा की लोच बढ़ाने में मददगार है। साथ ही ये त्वचा में झुर्रियों को कम करने में मददगार है।3. गट हेल्थ के लिए फायदेमंदकाजू वाला दूध पीने के फायदे की बात करें तो इसमें विटामिन के होता है जो पेट में सूजन को रोकता है। ये गट हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है। साथ ही मेटाबोलिज्म को भी सही रखने और बोवेल मूवमेंट को तेज करने में मदद करता है।4. आयरन की कमी को दूर करता हैजब आपके शरीर को पर्याप्त आयरन नहीं मिलता है, तो प्रोटीन हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं कर पाता है और शरीर में खून की कमी हो जाती है। इसके कारण एनीमिया हो जाता है। काजू के दूध से आयरन के अवशोषण को बढ़ाने के लिए, इसे स्मूदी में ताजा स्ट्रॉबेरी या संतरे के साथ मिलाकर मिला सकते हैं क्योंकि विटामिन सी आयरन के ऑब्जपशन में मदद करता है।5. हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता हैकाजू दूध हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है। ये पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड में समृद्ध है। काजू के दूध में पोटेशियम और मैग्नीशियम भी होते हैं जो कि हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं और हृदय रोग को रोक सकते हैं।
- लोग हमेशा जवान दिखना चाहते हैं, क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ चेहरे का ग्लो और आकर्षण कम हो जाता है. मगर उन्हें जानकारी नहीं होती कि त्वचा को हमेशा जवान बनाए रखने के लिए कुछ जबरदस्त फूड को डाइट में शामिल करना फायदेमंद होता है. इन एंटी एजिंग फूड्स (Anti-Aging Foods) को नियमित रूप से खाने पर आपको झुर्रियां, मुंहासे या ढीली त्वचा का इलाज पाने के लिए किसी क्रीम की जरूरत नहीं पड़ेगी.आइए जानते हैं त्वचा को हमेशा जवान बनाए रखने के लिए किन एंटी-एजिंग फूड्स (best anti-aging foods) का सेवन करना चाहिए.ये एंटी एजिंग फूड्स प्राकृतिक रूप से बायोटीन, एलेजिक एसिड, विटामिन सी, विटामिन ई प्रदान करते हैं और कोलेजन का उत्पादन बढ़ाते हैं. जिससे त्वचा में कसाव और चमक आता है.1. अंडाअंडा सिर्फ मसल्स को ही मजबूत नहीं बनाता है, बल्कि त्वचा को जवान बनाए रखने में भी मदद करता है. पीले भाग के साथ अंडा खाने से शरीर को प्रोटीन के साथ बायोटीन भी मिलता है. जो कि त्वचा के साथ बालों और नाखूनों को स्वस्थ बनाने में मदद करता है.2. डार्क चॉकलेटडार्क चॉकलेट में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. जो त्वचा को सन डैमेज से बचाने में मदद करते हैं. कई शोध में यह भी पाया गया है कि डार्क चॉकलेट का सेवन करने से त्वचा में रक्त प्रवाह भी सुधरता है. इसलिए झुर्रियों का इलाज (wrinkles problem treatment) करने के लिए यह एक टेस्टी उपाय है.3 गाजरएंटी-एजिंग डाइट में गाजर को जरूर शामिल करना चाहिए. क्योंकि, इसमें बीटा-केरोटीन तत्व भरपूर होता है. जो त्वचा व चेहरे को ग्लोइंग बनाने में मदद करता है और सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है.4. शकरकंदगाजर की तरह शकरकंद में भी बीटा-केरोटीन होता है. जो कि इसे ग्लोइंग स्किन के लिए जबरदस्त फूड बनाता है. इसे आप भूनकर और नमक डालकर खा सकते हैं. इससे त्वचा के बढ़ती उम्र के लक्षण दूर होते हैं.5. शिमला मिर्चअधिकतर लोगों को शिमला मिर्च का सेवन करना पसंद नहीं होता है. लेकिन जब आप जानेंगे कि शिमला मिर्च त्वचा को हमेशा जवान बनाए रखने में मदद करती है, तो आप इसका सेवन जरूर करेंगे. इसमें मौजूद विटामिन सी झुर्रियों की समस्या को दूर करने का जबरदस्त इलाज है.