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अदरक को अगर आप सिर्फ चाय का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते हैं तो यहां इसके कई सारे फायदे जान सकते हैं। आयुर्वेद में इसको औषधि के रूप में गिना जाता है।
आयुर्वेद में कई मर्जों की दवा है अदरक, जानें खाने का तरीका और फायदे
अदरक में कई सारे औषधीय गुण होते हैं। आयुर्वेद के साथ मेडिकल साइंस भी इस बात को मानता है। अगर आपका पेट फूलता है, खांसी है, गला खराब है, सर्दी हुई है या पाचन की समस्या है तो आप सर्दियों में अदरक को कई तरह से ले सकते हैं। आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर बताया है कि अलग-अलग समस्याओं में अदरक के क्या फायदे हैं। साथ ही इसे खाने का क्या तरीका है। खासतौर पर सर्दी में यह आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
--अगर आपका हाजमा सही नहीं है तो छाछ में सोंठ मिलाकर पिएं।
--अगर आपका गला खराब है, खांसी, सर्दी हुई है या पेट फूल रहा है तो एक इंच अदरक लेकर इसे कद्दूकस कर लें। फिर इसे आधे ग्लास पानी में 3-5 मिनट तक पका लें। फिर इसे छानकर पी लें।
--सर्दियों में इम्यूनिटी अच्छी रखनी है और ब्लोटिंग, गले की खराश से बचना है तो एक लीटर पानी में आधा चम्मच सोंठ का पाउडर लें। इसे 15 मिनट तक धीमी आंच पर उबालें। इस पानी को पूरे दिन घूंट-घूंट कर पीते रहें।
--अगर आपका लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा तो जीरा, धनिया और सौंफ वाली चाय में 1 इंच अदरक घिसकर डालें। खाना खाने के एक घंटे बाद इसे खाएं इससे लिवर फंक्शन ठीक होगा।
--अगर भूख नहीं लग रही और मुंह का स्वाद खराब है तो 5 एमएल अदरक का जूस लें। इसमें एक चम्मच शहद डालें। , चुटकीभर नमक और 5 बूंद नींबू की डालकर खाने के पहले पिएं।
--अगर आपका हाजमा सही नहीं है तो सोंठ और गुड़ की छोटी-छोटी गोलियां बनाएं।
--अदरक की प्रकृति गरम होती है। अगर आप पित्त या ब्लींडिंग डिसऑर्डर जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो इसे बिना डक्टर की सलाह के मत लें। - सौंफ का इस्तेमाल भारतीय रसोई में मसाले या तड़के के रूप में किया जाता है। इसके अलावा माउथ फ्रेशनर के रूप में भी सौंफ और मिश्री आदि का खूब इस्तेमाल किया जाता है। सौंफ में मौजूद गुणों और पोषक तत्वों के कारण इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में औषधि के रूप में भी किया जाता है। सौंफ खाने से पेट से लेकर पाचन से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं में फायदा मिलता है। सौंफ में कैल्शियम, आयरन, सोडियम, पोटैशियम जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, इन पोषक तत्वों की आपूर्ति से शरीर हेल्दी और फिट रहता है। इसके अलावा खाली पेट सौंफ का सेवन करना भी सेहत के लिए उपयोगी माना जाता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं खाली पेट सौंफ खाने के फायदे।खाली पेट सौंफ खाने के फायदे-सौंफ में सेहत के लिए फायदेमंद कैल्शियम, विटामिन जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा सौंफ में पर्याप्त मात्रा में मौजूद पोटैशियम हार्ट से जुड़ी बीमारियों में भी बहुत उपयोगी होता है। सौंफ खाने से आपको हाई ब्लड प्रेशर के समस्या में भी बहुत फायदा मिलता है। रोजाना खाली पेट सौंफ का सेवन करने से आपको ये फायदे मिलते हैं-1. कब्ज की समस्या में फायदेमंदसुबह खाली पेट सौंफ खाने से आपको कब्ज की समस्या में बहुत फायदा मिलता है। सौंफ में फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है, इसका सेवन पेट से जुड़ी बीमारियों में बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना सुबह एक चम्मच सौंफ चबाने के बाद आधा गिलास गुनगुना पानी पीने से आपको कब्ज की समस्या में बहुत फायदा मिलेगा।2. हार्ट के लिए बहुत फायदेमंदसुबह खाली पेट सौंफ खाने से दिल की बीमारियों का जोखिम कम होता है। सौंफ में पोटैशियम की मात्रा पायी जाती है जो शरीर में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को कम करने में बहुत फायदेमंद है।3. इम्यूनिटी बढ़ाएसौंफ में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा होती है। सुबह खाली पेट सौंफ खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ाने में बहुत फायदा मिलता है।4. खून की कमी दूर करेशरीर में खून की कमी या एनीमिया की समस्या होने पर शरीर कदम कमजोर हो जाता है। इस समस्या में डॉक्टर आयरन की प्रचुर मात्रा वाले फूड्स का सेवन करने की सलाह देते हैं। सौंफ में आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है, रोजाना सुबह के समय इसका सेवन करने से आपको खून की कमी दूर करने में मदद मिलेगी।5. हड्डियों के लिए फायदेमंदसौंफ में कैल्शियम की भी मात्रा होती है। सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी का खतरा भी कम होता है।रोजाना सौंफ का सेवन करने से आपको पाचन और पेट से जुड़ी समस्याओं में बहुत फायदा मिलता है। सुबह खाली पेट एक चम्मच सौंफ चबाकर गुनगुना पानी पीने से आपको कई समस्याओं में फायदा मिलेगा। इसके अलावा लोग सुबह के समय सौंफ के पानी का सेवन भी करते हैं, यह भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
- दिनभर पेट में भारीपन या गैस महसूस होती है? हमेशा पेट फूला-फूला रहना हमेशा भोजन के कारण ही हो यह जरूरी नहीं है। अगर यह परेशानी महसूस होती है और लगातार बनी हुई है, तो इसके पीछे कई गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं। कुछ विकार पेट और आंतों को प्रभावित करते हैं जिससे पाचन की समस्या बनी रह सकती है।पेट में गैस बनने के कारण क्या हैं? अक्सर अनहेल्दी डाइट, एक्सरसाइज की कमी या मसालेदार चीजों के अधिक सेवन से ऐसी समस्या होती है लेकिन ज्यादा गैस बनने की वजह कुछ गंभीर बीमारियां भी हैं। ऐसा माना जाता है कि अनिद्रा, पेट का कैंसर, सूजन, दस्त, पेट दर्द और कब्ज जैसी समस्याएं भी इसका कारण बन सकती हैं।नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्लीप एपनिया से पीडि़त लोग अक्सर मुंह से सांस लेते हैं और खर्राटे लेते समय हवा निगल लेते हैं। तो, अगर किसी को स्लीप एपनिया है तो गैस होने लगेगी क्योंकि प्रभावित व्यक्ति ने सारी रात सोते समय हवा निगल ली है। यदि कोई व्यक्ति भारी खर्राटे लेता है और स्लीप एपनिया की समस्या है तो इसके निदान के लिए डॉक्टर की मदद बहुत जरूरी है और इसे टालना अच्छा नहीं है।कोलन कैंसरयह बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि पेट के कैंसर और पेट फूलने के बीच संबंध है। पेट के कैंसर से पीडि़त लोगों में पेट फूलना, लगातार पेट की परेशानी जैसे ऐंठन, गैस या दर्द जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसलिए इन लक्षणों के प्रति सतर्क रहें। अत्यधिक गैस को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। अगर यह बार-बार हो रहा है, तो समय रहते डॉक्टर के पास जायें और उचित इलाज करायें।इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोमइरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या में पेट में ऐंठन, दस्त, कब्ज, सूजन और गैस जैसी परेशानी होती हैं। मेयो क्लिनिक की रिपोर्ट बताती है कि इससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यह समस्या एक दिन की नहीं पुरानी हो सकती है इसलिए इसे नियंत्रित करने या इसके इलाज के लिए डॉक्टरी सलाह लेनी जरूरी है।डायवर्टिकलोसिसडायवर्टिकलोसिस रोग के लक्षणों में सूजन, दस्त, पेट दर्द और कब्ज शामिल हो सकते हैं। पेट की परेशानी जो आमतौर पर काफी गंभीर होती है और अक्सर गैस के साथ महसूस की जा सकती है डायवर्टिकलोसिस के सबसे आम लक्षणों में से एक है। विशेषज्ञों के अनुसार इन स्थितियों का सटीक कारण अब तक पता नहीं चला है लेकिन इसके इलाज के लिए डॉक्टर से मिलना सही है।हाइपोथायरायडिज्म भी है वजहपाचन संबंधी समस्याएं कभी-कभी थायरॉइड डिसफंक्शन के कारण भी हो सकती हैं। हाइपोथायरायडिज्म के मामले में व्यक्ति के पेट और आंतों के माध्यम से भोजन का मार्ग धीमा हो जाता है। इस समस्या में धीमी गति से पाचन होने से सीने में जलन, कब्ज, पेट फूलना और गैस जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं।
- बेहतर स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक चीजों का सेवन करना बहुत जरूरी होता है। इन्हीं पौष्टिक चीजों में अलसी और कद्दू के बीज भी शामिल हैं। अलसी के बीजों में काब्र्स, प्रोटीन, पानी, फाइबर और हेल्दी फैट पाया जाता है। वहीं, कद्दू के बीजों में भी पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। कद्दू के बीजों मे पोटैशियम, मैग्नीशियम, कॉपर, फाइबर और प्रोटीन पाया जाता है। चलिए, जानते हैं अलसी और कद्दू के बीज खाने के फायदे क्या हैं?1. पेट की समस्याएं दूर करेआजकल अधिकतर लोग पेट की समस्याओं से परेशान हैं। कोई कब्ज से तो, कोई गैस या अपच का सामना कर रहा है। अगर आपको भी पेट की समस्या रहती है, तो आप अलसी और कद्दू के बीजों का सेवन कर सकते हैं।2. मांसपेशियों को मजबूत बनाएअगर आपको अकसर ही मांसपेशियों में दर्द रहता है, तो आप अलसी और कद्दू के बीजों का सेवन कर सकते हैं। अलसी और कद्दू के बीजों में मौजूद पोषक तत्व मसल्स को मजबूत बनाते हैं। मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए आप अलसी और कद्दू के बीजो को दूध में मिलाकर ले सकते हैं।3. वजन कम करेअगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो भी अलसी और कद्दू के बीजों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। रोजाना रात को सोते समय अलसी और कद्दू के बीजों का सेवन करने से आपको वजन घटाने में मदद मिल सकती है। दरअसल, अलसी और कद्दू के बीजों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। ऐसे में फाइबर भोजन को पचाने में मदद करता है और फैट को बर्न कर सकता है।4. स्किन के लिए फायदेमंदअलसी और कद्दू के बीज स्किन के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं। रोजाना रात को अलसी और कद्दू के बीज खाने से आपको निखरी हुई त्वचा मिल सकती है। दरअसल, अलसी और कद्दू के बीज खाने से बॉडी डिटॉक्स होती है। साथ ही स्किन की रंगत में भी सुधार होता है।5. फर्टिलिटी बढ़ाएमहिला हो या पुरुष, हर कोई अपनी फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए अलसी और कद्दू के बीजों का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए रात में इसका सेवन करें।अलसी और कद्दू के बीजों का सेवन कैसे करें?-आप अलसी और कद्दू के बीजों का सेवन एक साथ मिलाकर कर सकते हैं। इसके लिए आप अलसी और कद्दू के बीजों का अलग-अलग पाउडर बना लें। अब इन दोनों को एक साथ मिक्स कर लें। एक गिलास दूध गर्म करें। इसमें थोड़ा अलसी का पाउडर और कद्दू के बीजों का पाउडर मिक्स करें। अब रात को सोते समय अलसी और कद्दू के बीजों का पाउडर वाला दूध पी सकते हैं।
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~प्रीति निगम
पनीर को अक्सर लोग खाना पसंद करते हैं। इसे अलग-अलग तरीकों से बनाया जा सकता है, जैसे दूध, सोया वगैराह। हालांकि हम यहां बता रहे हैं कि मूंगफली से पनीर बनाने का तरीका। इस मूंगफली पनीर की बनावट और स्वाद स्टोर से खरीदे पनीर की तुलना में बिल्कुल समान है। मूंगफली पनीर का इस्तेमाल कई तरह की डिश बनाने के लिए किया जा सकता है।
जानिए इसे बनाने का तरीका-
मूंगफली पनीर बानने की सामग्री
- मूंगफली
- विनेगर
- पानी
बिना दूध कैसे बनाएं पनीर
-एक बाउल में 2 कप मूंगफली के दाने डालें और इसे अच्छे से धोएं। फिर बाउल में गुनगुना पानी भर दें और मूंगफली के दानों को 1 घंटे के लिए भीगने दें। फिर सारा पानी निकाल दें और मूंगफली को ब्लेंडर में डालें। लगभग 1/4 कप पानी डालें और एक गाढ़ा पेस्ट बनने तक अच्छी तरह मिलाएं। ध्यान रखें कि मूंगफली ठीक से पीसी गई हो ।
-अब एक बर्तन में 1 लीटर पानी में मूंगफली का पेस्ट डालें। मीडियम आंच पर रखें और तब तक मिलाते रहें जब तक कि पेस्ट पानी में अच्छी तरह से मिक्स न हो जाए। मूंगफली के दूध को उबालने की जरूरत नहीं है, इसे 2-3 मिनिट लगातार चलाते रहने के बाद गैस बंद कर दीजिए।
-फिर छानने के लिए एक कपड़े में इसे रखें और उसमें से दूध को निकाल लें। एक पोटली बनाएं और अच्छी तरह निचोड़कर सारा दूध निकाल लें। मूंगफली के दूध को एक बर्तन में इकट्ठा कर लें। पोटली में आपको मूंगफली का गूदा मिलेगा जिससे आप बर्फी आदि बना सकते हैं.
-अब मूंगफली के दूध वाले बर्तन को मीडियम आंच पर रखें। इस बीच, 4 बड़े चम्मच पानी में 1 बड़ा चम्मच सफेद सिरका घोलें। जब दूध में उबाल आ जाए तो गैस बंद कर दें। फिर इसमें सिरका डालें और लगातार चलाते रहें। एक बार जब दूध फटने लगे, तो बचे हुए सिरके के मिश्रण को बर्तन में डालें और हिलाते रहें। मिश्रण को तब तक चलाएं जब तक कि सारा छैना अलग न हो जाए और पानी जैसा मिश्रण न रह जाए।
-जब सारा छैना अलग हो जाए तो इसे जल्दी से छान लें। इसके लिए एक बड़ी छलनी लें और इसे मलमल के कपड़े से ढंक दें। छैना में ठंडा पानी डालें ताकी इससे विनेगर की स्मेल निकल जाए।
-अब मलमल के कपड़े से एक पोटली बनाएं और उसमें से अतिरिक्त पानी को निचोड़ लें। पोटली को प्लेट में रखिये। इसे 1 घंटे के लिए ऐसे ही रहने दें।
-आपका बिना दूध वाला घर का बना पनीर अब इस्तेमाल के लिए तैयार है। स्टोरेज के लिए एक बाउल में पानी भरकर पनीर को उसमें डुबाकर फ्रिज में रख दें। इसे दो दिन से ज्यादा स्टोर न करें। - पालक पनीर की सब्जी अधिकांश लोगों को खूब पसंद आती है। ढाबे में तो लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं, लेकिन इस पालक और पनीर को एक साथ खाने से कई दिक्कतें आ सकती हैं। विशेषज्ञों की राय में पालक- पनीर खाने से शरीर में आयरन की कमी और गुर्दे में पथरी होने की आशंका बढ़ जाती है।पालक पनीर एक नुकसानदायक कॉम्बिनेशन है, जो पालक के पोषण को मार देता है। पालक-पनीर खाने से आयरन और कैल्शियम एक साथ मिलता है। लेकिन फिर भी शरीर में आयरन की कमी हो जाती है। क्योंकि, आयरन बिना अवशोषित हुए बाहर निकल जाता है। पालक के साथ पनीर खाने से कैल्शियम और आयरन साथ में मिलता है। कैल्शियम के कारण आयरन का इस्तेमाल रुक जाता है। इस तरह शरीर को आयरन नहीं मिलता और इसकी कमी हो जाती है। पालक-पनीर की जगह पालक-आलू या पालक-कॉर्न खाना चाहिए। पालक पनीर खाने से बॉडी आयरन को एब्जोर्व नहीं कर पाती है। वैसे ही यह गुर्दे की पथरी भी बनाता है। क्योंकि एक स्टडी के मुताबिक, पालक में ऑक्सैलिक एसिड होता है, जो पनीर के कैल्शियम का इस्तेमाल नहीं होने देता। यह कैल्शियम किडनी में जाकर जम जाता है और पथरी बनने लगती है।दरअसल हेल्दी फूड्स खाना ही हेल्दी ईटिंग नहीं होती। आपको ये भी पता होना चाहिए कि कौन-से फूड्स किसके साथ खाने चाहिए या फिर नहीं खाने चाहिए। क्योंकि, फूड्स में मौजूद न्यूट्रिएंट्स एक दूसरे का अवशोषण रोक सकते हैं।पालक को हेल्दी मानकर अगर आप इसका बहुत ज्यादा सेवन करते हैं, तो भी साइड इफेक्ट हो जाते हैं। ज्यादा पालक खाने से गैस, किडनी स्टोन, जोड़ों में दर्द, खून गाढ़ा होना, पेट फूलना, क्रैम्प आदि समस्याएं हो सकती हैं।पालक के साथ कभी ना खाएं ये फूडपालक के साथ उन फूड्स को नहीं खाना चाहिए, जिनमें कैल्शियम बहुत ज्यादा होता है। जैसे- दही, दूध, टोफू और चीज़।--
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-प्रीति निगम
आइए, जानते हैं ऐसे ही कुछ कमाल के कुकिंग टिप्स-
चावल के कीड़े
चावल में कीड़े पड़ना आम बात है, अगर चावल में एक भी कीड़ा पड़ जाता है, तो फिर इसमें कई कीड़े पड़ते जाते हैं। ऐसे में अगर आपको चावल में कीड़े पड़ने से रोकना है, तो इसमें नीम की पत्तियां डंंठल सहित डाल दें।
छैना के पानी का क्या करें
आप अगर पनीर बनाने के लिए दूध फाड़ते हैं, तो इसका पानी बच जाता है। इसके पानी को आप पराठे का आटा गूंदने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे पराठे का स्वाद बढ़ जाता है।
चावल का रंग और स्वाद
चावल का रंग और स्वाद बढ़ाने के लिए इसे उबालते समय इसमें एक नींबू निचोड़कर डाल दें। इससे चावल का रंग और स्वाद बढ़ जाता है। आप कुकर या पतीले किसी भी बरतन में चावल बनाएं लेकिन यह तरीका जरूर अपनाएं।
समोसे का स्वाद
समोसे को क्रिस्पी बनाने के लिए मैदे में चावल का आटा डालकर गूंदे। इससे समोसे पहले से ज्यादा टेस्टी और क्रिस्पी बनेंंगे। साथ ही मैदे की कुछ मात्रा भी कम हो जाएगी। -
बाजार से अनार खरीदते समय अक्सर लोग उसका लाल रंग देखकर उसे घर ले आते हैं। लेकिन ये अनार खरीदने का सही तरीका नहीं है। ज्यादातर मामलों में ऐसे अनार काटने पर न तो मीठे होते हैं और न ही इनके दानों में रस होता है। जिसके बाद पैसे और मूड दोनों खराब हो जाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा कई बार हो चुका है तो आज आपको बताते हैं बाजार से अनार खरीदने का क्या है परफेक्ट तरीका।
अनार खरीदते समय ध्यान रखें ये टिप्स-
वजनदार अनार-
बाजार से अनार खरीदते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि उसका छिलका मुलायम होना चाहिए। इसके अलावा अनार के साइज और वेट पर भी ध्यान दें। वही अनार चुनें, जो फूले हुए और भारी हों। ऐसे अनार के दानों में जूस ज्यादा होता है।
अनार के रंग से ना हों कंफ्यूज-
आप रंग देखकर अनार खरीदते हैं, तो यह गलत तरीका है।अनार का रंग हल्के गुलाबी से लेकर एकदम लाल के बीच हो सकता है। इसके अलावा अनार के छिलकों पर मौजूद हल्की दरारों से परेशान ना हों। क्योंकि, इससे अनार के दानों पर खास फर्क नहीं पड़ता है।
मीठा अनार कैसे करें पसंद-
अनार मीठा है या नहीं, यह उसकी सुगंध यानि खुशबू से पता चल सकता है। अगर आपको अनार से कोई महक नहीं आ रही है, तो आप इसे दबाकर भी देख सकते हैं क्योंकि मीठे अनार रसीले होते हैं।
अनार स्टोर करने का सही तरीका-
अनार के दाने निकालकर उन्हें किसी एयर टाइट कंटेनर में भरकर फ्रिज में रख सकते हैं। इस तरह अनार के दाने 5 दिन से लेकर महीने भर तक खाने लायक रहते हैं। - प्रीति निगमदाल कई प्रकार की होती हैं। सभी दालें पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। इनमें कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। इसलिए हेल्थ एक्सपट्र्स भी हमेशा अपनी डाइट में दालों को शामिल करने की सलाह देते हैं। लेकिन अधिकतर लोग दाल खाने के बाद गैस, सूजन और कब्ज की शिकायत कर सकते हैं। दाल खाने से कई लोगों को पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अगर दालों को सही तरह से खाया जाए, तो इससे पाचन को दुरुस्त बनाया जा सकता है। अब आप सोच रहे होंगे कि फिर आखिर कौन सी दाल खाने से गैस नहीं बनती है?कौन सी दाल खाने से गैस नहीं बनती है?-अधिकतर दालें गैस बनाती हैं, क्योंकि अधिकतर दाल वातिक होते हैं। लेकिन अगर आप दाल में हींग और देसी घी का छौंक लगाते हैं, तो इससे गैस नहीं बनती है। चने की दाल, उड़द की दाल और काले चने अधिक गैस बनाते हैं। इसलिए अगर आपको अकसर ही गैस बनती है, तो इन दालों का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कौन सी दाल खाने से गैस नहीं बनती है?कौन सी दाल खाने से गैस नहीं बनती है?-मूंग की दालवैसे तो अधिकतर दालें गैस का कारण बनती हैं। लेकिन मूंग की दाल खाने से आप गैस से बच सकते हैं। मूंग की दाल सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होती है। इसमें आयरन, जिंक, फॉस्फोरस, फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है। मूंग की दाल खाने से पाचन तंत्र मजबूत बनता है, इससे कब्ज की समस्या से बचा जा सकता है। मूंग की दाल खाने से पेट से संबंधित समस्याओं में आराम मिल सकता है। लेकिन मूंग की दाल में फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है, ऐसे में आपको मूंग की दाल का सेवन भी कम मात्रा में ही करना चाहिए। आप मूंग की हरी और पीली दाल खा सकते हैं।मसूर की दालअगर आप मूंग और मसूर की दाल को मिक्स करके खाएंगे, तो गैस की समस्या से बच सकते हैं। दरअसल, मूंग की तासीर ठंडी होती है और मसूर की दाल की तासीर गर्म होती है। ऐसे में अगर आप इन दोनों को एक साथ मिलाकर खाएंगे, तो इससे आपको अधिक लाभ मिल सकता है। मूंग और मसूर की दाल को आप सुबह, दिन या रात को किसी भी समय खा सकते हैं। लेकिन दिन में एक से अधिक बार मूंग और मसूर की दाल खाने से बचना चाहिए।अरहर की दालअगर आप अरहर की दाल खाते हैं, तो घबराए नहीं। यह बहुत अधिक गैस का उत्पादन नहीं करता है। अरहर की दाल पेट में बनने वाली गैस को दूर कर सकती है। साथ ही कब्ज के लिए भी फायदेमंद होती है। अरहर में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी12 जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसलिए आप अरहर की दाल को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। आप अरहर की दाल में देसी घी और हींग का छौंक लगाकर अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इससे आप गैस से बच सकते हैं।
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हम आपको ऐसे ही एक फल के बारे में बता रहे हैं। शरीफा ऐसा फल है जो हल्की ठंड में मार्केट में आना शुरू हो जाता है। कई लोग इस फल को सीताफल भी कहते हैं।
कुछ फल ऐसे होते हैं, जिन्हें लोग ज्यादा पसंद नहीं करते लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह फल गुणों से भरपूर नहीं होते। आज हम आपको ऐसे ही एक फल के बारे में बता रहे हैं। शरीफा ऐसा फल है जो हल्की ठंड में मार्केट में आना शुरू हो जाता है। कई लोग इस फल को सीताफल भी कहते हैं। इंग्लिश में इसे कस्टर्ड एप्पल कहा जाता है। गुणों की बात करें, तो यह फल विटामिन-सी, बी मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। आप अगर इस फल को नहीं खाते, तो इसके गुण जरूर जान लीजिए। आपको इस फल से प्यार हो जाएगा। आइए, जानते हैं शरीफा के फायदे-
शुगर लेवल कंट्रोल करता है
शरीफा शुगर लेवल कंट्रोल करता है। आप अगर शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए कई तरीके फॉलो कर चुके हैं, तो फिर आपको इस फल को भी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
खून की कमी को करता है दूर
आपके शरीर में अगर खून कम बनता है, तो फिर यह फल आपका सच्चा दोस्त है। इसे खाने से एनीमिया की प्रॉब्लम दूर हो जाती है इसलिए आपको शरीफा जरूर खाना चाहिए।
वजन बढ़ाता है
आप अगर दिखने में कमजोर हैं या कोई भी डाइट आपके शरीर में नहीं लगती है, तो आपको शरीफा खाना चाहिए। शरीफा आपके डाइजेशन सिस्टम को बेहतर बनाने में बहुत कारगर है।
ओरल हेल्थ को बनाए रखता है
ओरल हेल्थ को बनाए रखने में भी शरीफ बहुत फायदेमंद है। खासकर अगर आपके दांतों में दर्द रहता है, तो फिर शरीफा को खाना बिल्कुल भी न भूलें। इससे आपके मुंह की बदबू भी दूर होती है। - छुहारा स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके सेवन से शरीर को कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं। सर्दी के दिनों में छुहारे खाने से आपको कई लाभ हो सकते हैं। सर्दियों में छुहारे का सेवन करने से यह आपके शरीर के लिए सुपरफूड्स की तरह कार्य करते हैं। सर्दियों में आप छुहारे का सेवन कई तरह से कर सकते हैं। आइए जानते हैं सर्दियों में छुहारे का सेवन करने से स्वास्थ्य को क्या लाभ होते हैं?हड्डियों की बढ़ाए मजबूतीसर्दियों में धूप के संपर्क में कम आने की वजह से शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। इस स्थिति में हड्डियों से जुड़ी परेशानी बढऩे का खतरा रहता है। अगर आप अपनी हड्डियों को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं तो छुहारे का सेवन करेँ। छुहारे का सेवन करने से हड्डियों को भरपूर रूप से कैल्शियम मिलता है, जिससे हड्डियों की मजबूती बढ़ती है। इसके अलावा छुहारा पोटेशियम, फॉस्फोरस, कॉपर और मैग्नीशियम से भरपूर होता है, जो ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया जैसे हड्डी से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने में आपकी मदद कर सकता है।हार्ट अटैक के खतरे को करे कमसर्दियों में शरीर का तापमान कम होने की वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। इस स्थिति में छुहारा खाने से आपके शरीर को लाभ पहुंच सकता है। दरअसल, छुहारा खाने से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है, जिससे हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम होता है। ऐसे में यह हार्ट अटैक के जोखिमों को कम करने में आपकी मदद कर सकता है।शरीर को रखे गर्मशरीर को गर्म रखने के लिए आप छुहारे का सेवन कर सकते हैं। यह आपके शरीर को गर्मी प्रदान करता है। सर्दी के दिनों में शरीर को गर्म रखने के लिए आप छुहारे का सेवन कई तरह से कर सकते हैं।एनर्जी बूस्टरसर्दियों में छुहारा एनर्जी बूस्टर की तरह कार्य कर सकता है। यह अच्छी और गहरी नींद के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा यह आपके शरीर की सुस्ती को कम कर सकता है। दरअसल, छुहारा काब्र्स का अच्छा स्त्रोत माना जाता है, जिससे आपके शरीर को भरपूर रूप से एनर्जी मिलती है।आयरन युक्तछुहारा खाने से शरीर को समृद्ध रूप से आयरन प्राप्त होता है। इसके सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। शरीर में आयरन की कमी के कारण ऊर्जा की कमी, हार्मोनल समस्याएं, कमजोर इम्यूनिटी, बाल झडऩा, स्किन का पीलापन जैसी परेशानी हो सकती है। इन स्थितियों से बचने के लिए आप अपने आहार में छुहारा शामिल कर सकते हैं।सर्दियों में छुहारे का सेवन करने से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि सर्दियों के दिनों में होने वाली परेशानी को नजरअंदाज न करें। समस्या बढऩे पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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सर्दियों के मौसम में कब्ज कॉमन परेशानी है। गर्मियों की तुलना में सर्दियों में कब्ज ज्यादा कॉमन क्यों होती है? यह हमारी रोजाना की आदतों में बदलाव के कारण हो सकता है। सर्दियों में जब तापमान ठंडा होता है तो पानी पीने की मात्रा कम हो जाती है, क्योंकि प्यास नहीं लगती है। इसी के साथ कम व्यायाम, बहुत ज्यादा चाय और कॉफी पीने और पर्याप्त हाई फाइबर वाली खाने की चीजों को न खाने से कब्ज की समस्या हो सकती है। आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार (Dr Dixa Bhavsar Savaliya) ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में 5 चीजों के बारे में बताया है जो सर्दियों में सुबह खाली पेट खानी चाहिए, जिससे कबज की समस्या दूर होती है।
कब्ज होने के हैं बहुत सारे कारण---
1) मन लगाकर नहीं खाना
2) रूखे, ठंडे, मसालेदार, तले हुए और फास्ट फूड को बहुत ज्यादा खाना।
3) सही मात्रा में पानी नहीं पीना
4) खाने में फाइबर की कमी
5) खराब मेटाबॉलिज्म
6) खराब स्लीप साइकिल
7) देर रात का खाना
8) खराब लाइफस्टाइल
इन चीजों को खाने से कब्ज को मिलेगा छुटकारा
खजूर
खजूर वात और पित्त को संतुलित करने में भी मदद करते हैं और उन्हें कब्ज, हाइपरएसिडिटी, जोड़ों के दर्द, चिंता, बालों के झड़ने को रोकने में मदद करते हैं। कब्ज से छुटकारे के लिए 2-3 भीगे हुए खजूर सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ खाएं।।
मेथी के बीज
हाई पित्त वाले लोगों को इससे बचना चाहिए। 1 चम्मच मेथी के बीज को रात भर भिगोएं और सुबह सबसे पहले खाएं। आप बीजों का पाउडर भी बना सकते हैं, फिर सोते समय गर्म पानी के साथ 1 चम्मच मेथी पाउडर लें।
गाय का घी
गाय का घी आपके मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है। एक गिलास गर्म गाय के दूध के साथ 1 चम्मच गाय का घी पुरानी कब्ज वाले लोगों के लिए सबसे अच्छा काम करता है।
आंवला
आप 1 चम्मच आंवला पाउडर या 3 ताजे आंवले का रस ले सकते हैं। नियमित रूप से सुबह खाली पेट इसे खाने पर कब्ज से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
किशमिश
काली किशमिश फाइबर से भरपूर होती है। इन्हें भिगो कर खाने से इन्हें पचाना आसान हो जाता है। - वजन कम करना हमेशा इतना मुश्किल नहीं होता जितना लोग समझ लेते हैं। वेट कंट्रोल करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत होती है विल पावर की। जरूरी नहीं कि आप डायटिंग करनें। टेस्टी चीजें खाकर भी आप शरीर में जमा चर्बी घटा सकते हैं और वजन कम कर सकते हैं। खासतौर पर कुछ देसी खाने ऐसे हैं जिन्हें खाकर आपको भरपूर पोषण मिलता है, वेट कंट्रोल रहता है और कुछ टेस्टी खाने की क्रेविंग भी खत्म होती है। यहां कुछ ऐसे ही फूड की लिस्ट है जो वेट कम करने वालों के लिए बेस्ट हैं। इनमें ज्यादातर आप रोजाना खाते ही हैं। लेकिन अगर आपने खाना छोड़कर वजन कम करने का प्लान बनाया है तो इनको डायट चार्ट में शामिल कर सकते हैं।मूंग दाल चीलाआप वजन कम करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने खाने-पीने का टाइम फिक्स कर लें। शाम को जल्दी खाना खा लें। खाना में प्रोटीन बेस्ट ऑप्शन है। इसके लिए आप मूंग दाल चीला खा सकते हैं। आपको पोर्शन का भी ध्यान रखना है। एक या दो चीले काफी हैं।दाल-चावलघर का बना दाल-चावल बेस्ट फूड है। यह प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का बढ़िया कॉम्बिनेशन है। जब आप इसमें घी डाल लेते हैं तो फैट भी मिलता है। वजन कम करने वालों को घी नहीं खाना चाहिए यह गलत धारणा है। आप पूरे दिन में एक चम्मच घी आराम से डाइजेस्ट कर सकते हैं। आप डिनर में दाल-चावल के साथ प्लेट भरकर सलाद खाएं। दाल की मात्रा चावल से ज्यादा रखें।इडली-सांबरइडली-सांबर कई लोगों का फेवरिट होता है। यह साउथ इंडियन डिश भी आपके वेट लॉस के लिए परफेक्ट है। इडली स्टीम में पकी होती है। सांबर में दाल के साथ आप जितनी ज्यादा सब्जियां डाल लेंगे उतना न्यूट्रिशन मिलेगा। साथ में इसमें पड़ने वाले मसाले भी आपकी सेहत के लिए अच्छे होते हैं।राजमा-चावलदाल-चावल की तरह राजमा-चावल भी कई लोगों को पसंद होता है। राजमा-चावल वेट लॉस करने वाले लोगों के लिए बढ़िया ऑप्शन है। राजमा खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है। यह भी प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा मिश्रण है।दलियामूंग दाल का दलिया हेल्थ के लिए काफी अच्छा होता है। इसमें आप ढेर सारी सब्जियां और ज्यादा मात्रा में दाल डालकर बनाएं। यह पोषण से जुड़ी सारी जरूरतों को पूरा करेगा। इसके साथ ही पेट ज्यादा समय तक भरा रखकर आपको वेट कंट्रोल करने में मदद करेगा।रोटी-सब्जीढेर सारी रंग-बिरंगी सब्जियों की बढ़िया मिक्स वेज बनाकर आटे या मल्टीग्रेन आटे की रोटी बनाकर खाएं। इससे आपको फाइबर मिलेगा तो जल्दी भूख नहीं लगेगी। साथ ही सब्जियों से माइक्रोन्यूट्रिएंट्स भी मिलेंगे।
- ठंड के मौसम में त्वचा से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। त्वचा में जिरोसिस यानी त्वचा का रूखापन, स्केबीज यानी खुजली की समस्या, सोरायसिस, काले धब्बे, मुंहासे, रूखी त्वचा के कारण एक्ने होना आदि समस्याएं बढ़ जाती हैं। इस समस्याओं का आसान इलाज चाहते हैं, तो कलौंजी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। कलौंजी के तेल के इस्तेमाल से कई तरह के त्वचा रोग या संक्रमण दूर होते हैं।कलौंजी तेल के गुणकलौंजी तेल में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन के कारण त्वचा में हो रही समस्याओं के निदान के लिए कलौंजी का तेल फायदेमंद होता है।संक्रमण में कलौंजी का तेल क्यों फायदेमंद है?कई बार संक्रमण के कारण त्वचा में घाव हो जाते हैं। घाव को भरने के लिए कलौंजी तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। त्वचा संक्रमण के साथ सूजन और दर्द को कम करने के लिए कलौंजी तेल की कुछ बूंदें ही काफी हैं। हल्के घावों को भरने के लिए इसका इस्तेमाल सुरक्षित है। इसके अलावा मुंहासों के लिए भी कलौंजी तेल का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। त्वचा में गंदगी के कारण मुंहासे होते हैं जो कि एक तरह का संक्रमण ही है जिसके लिए कलौंजी तेल को नारियल या बादाम तेल के साथ मिलाकर त्वचा पर लगाया जा सकता है।-घर पर कलौंजी का तेल बनाने का तरीका-कलौंजी के दाने और मेथी के दानों को पीस लें।-एक कंटेनर में पाउडर के साथ नारियल और अरंडी का तेल डालें।-इसे सूरज की रौशनी में 2 से 3 हफ्तों तक रखें।-फिर थोड़ा-थोड़ा निकालकर इस्तेमाल करें।कलौंजी तेल की मालिशत्वचा में संक्रमण होने पर कलौंजी के तेल को संक्रमण वाले हिस्से में लगाकर हल्के हाथ से मालिश करें ताकि तेल, त्वचा के अंदरूनी परत तक पहुंच जाए। रातभर के लिए तेल को लगाकर छोड़ दें। सुबह पानी से त्वचा को साफ कर लें। इस उपाय की मदद से त्वचा में संक्रमण की समस्या दूर होगी।क्रीम या लोशन के साथ मिलाएं कलौंजी का तेलकलौंजी तेज को संक्रमण के लिए इस्तेमाल करना है, तो उसे क्रीम या लोशन के साथ मिलाएं और त्वचा पर लगाएं। त्वचा का संक्रमण दूर करने के लिए नीम की पत्तियों के साथ कलौंजी का तेल मिलाकर त्वचा पर लगा सकते हैं। नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं लेकिन कई लोगों को केवल नीम के इस्तेमाल से एलर्जी हो जाती है इसलिए कलौंजी का तेल और नीम का कॉम्बिनिेशन फायदेमंद होगा।संक्रमण दूर करेगा कलौंजी तेल का सेवनत्वचा में संक्रमण का इलाज करने के लिए कलौंजी तेल को अप्लाई करने के बजाय उसका सेवन कर सकते हैं। सब्जी में या सलाद की ड्रेसिंग में कलौंजी का तेज डालकर खा सकते हैं। कलौंजी का तेल स्वाद में कड़वा होता है इसलिए इसका सेवन शहद के साथ मिलाकर कर सकते हैं। कलौंजी का सेवन सुबह नाश्ते में या रात के खाने के बाद कर सकते हैं।कलौंजी तेज की 4 से 5 बूंदों का ही इस्तेमाल करें। जिन लोगों को इससे एलर्जी है वो टीट्री ऑयल या नीम ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- पीठ में दर्द होना एक आम समस्या है। आमतौर पर ज्यादा देर बैठे रहना, अधिक वजन उठाना, मांसपेशियों में तनाव, ऐंठन और मोटापा पीठ में दर्द के मुख्य कारण होते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पेट में गैस बनने के कारण भी पीठ में दर्द हो सकता है? जी हां, पेट में गैस बनने या एसिडिटी होने पर आपको पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है। जिस तरह पेट या सीने में गैस बनती है, उसी तरह पीठ में भी गैस बन सकती है। यह एक गंभीर समस्या है, जिसमें व्यक्ति को पीठ में दर्द के साथ उल्टी और जी मिचलाने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। आमतौर पर लोग गैस बनने पर दवाओं का सेवन करते हैं। लेकिन, आप गैस के कारण होने वाले पीठ दर्द को दूर करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खों का सहारा ले सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में -पेट में गैस के कारण पीठ दर्द होने पर अपनाएं ये घरेलू उपाय -अजवाइनअगर पेट में गैस बनने के कारण पीठ में दर्द हो रहा हो, तो इससे छुटकारा पाने के लिए आप अजवाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं। गैस की वजह से पीठ दर्द की समस्या को दूर करने के लिए अजवाइन का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद माना जाता है। अजवाइन में थाइमोल नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो गैस की समस्या को दूर करने में मदद करता है। गैस की वजह से पीठ दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए आधा चम्मच अजवाइन को अच्छी तरह से पीस लें। अब इसमें थोड़ा सा काला नमक मिलाएं और पानी के साथ इसका सेवन करें। ऐसा करने से आपको गैस और पीठ दर्द की समस्या से जल्द आराम मिलेगा।अदरकगैस के कारण पीठ दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए आप अदरक का रस भी इस्तेमाल कर सकते हैं। गैस की समस्या को दूर करने के लिए अदरक का रस बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए एक चम्मच नींबू के रस में अदरक का रस और काला नमक मिलाएं। इस मिश्रण का सेवन करने से आपको गैस और पेट में दर्द से तुरंत आराम मिलेगा। अदरक में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं।गर्म पानी से सिंकाईअगर आपको गैस के कारण पीठ में दर्द हो रहा हो तो आप गर्म पानी से सिंकाई कर सकते हैं। गर्म सिंकाई करने से मांसपेशियां रिलैक्स होंगी और गैस रिलीज हो सकेगी। इससे गैस और दर्द से जल्द राहत मिलेगी।बेकिंग सोडा और नींबूगैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप बेकिंग सोडा और नींबू का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे गैस के कारण होने वाले पीठ दर्द की समस्या में भी लाभ होगा। इसके लिए एक चम्मच नींबू के रस में आधा चम्मच बेकिंग पाउडर मिलाएं। इसे एक कप पानी में अच्छी तरह से मिला कर तुरंत पर लें। ऐसा करने से आपको पेट में गैस और इसकी वजह से होने वाले पीठ दर्द से जल्द आराम मिलेगा।गैस की वजह से पीठ में दर्द से निजात पाने के लिए इन बातों का ध्यान रखेंपेट में गैस की वजह से पीठ में दर्द होने पर भरपूर मात्रा में पानी पिएं। इससे मल त्यागने में आसानी होगी और पेट अच्छी तरह साफ हो सकेगा। मल त्यागने से गैस और दर्द में राहत मिलेगी।-मैदा और जंक फूड आदि खाने से परहेज करें।-ज्यादा से ज्यादा सुपाच्य भोजन लें।-गैस की वजह से पेट में दर्द होने पर आराम करें।-अगर आपको कुछ खाद्य पदार्थों से गैस की समस्या होती है तो उन्हें खाने-पीने से बचें।-ज्यादा दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह से एंटी गैस दवाओं का सेवन करें।इन घरेलू उपायों की मदद से आप पेट में गैस के कारण होने वाले पीठ दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन, अगर दर्द बना रहे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए पापड़, चटनी, आचार सर्व किया जाता है। वहीं ढ़ाबा और रेस्तरां में मिलने वाली लच्छा प्याज और मसाला लहसुन भी लोगों को खूब पसंद आता है। मसाला लहसुन सभी लोग अलग अलग तरह से बनाते हैं। यहां हम बड़ी आसानी से बनने वाली मसाला लहसुन की मजेदार रेसिपी, जिसे आप फटाफट बनाकर तैयार कर सकते हैं। यहां देखिए मसाला लहसुन बनाने की रेसिपी, इसे आप तब भी बनाकर तैयार कर सकते हैं जब आपको किसी सब्जी को बनाने या खाने का मन न हो।
मसाला लहसुन बनाने के लिए आपको चाहिए...
लहसुन
नमक
लाल मिर्च पाउडर
काली मिर्च पाउडर
चाट मसाला पाउडर
नींबू
हरी चटनी
तेल
कैसे बनाएं ---
- इसे बनाने के लिए बड़े साइज वाले लहसुन लें और फिर इसे अच्छे से छील लें।
- अब एक कढ़ाई में तेल गर्म करें और फिर छिली हुई लहसुन की कली को फ्राई करें।
- फ्राई करे हुए लहसुन को एक टिशू पेपर पर निकालें, ताकी एक्सट्रा तेल पेपर सोक लें।
- अब एक बाउल में लहसुन लें और फिर इसमें नमक, लाल मिर्च पाउडर, काली मिर्च पाउडर, चाट मसाला पाउडर, नींबू का रस और हरी चटनी डालकर अच्छे से मिक्स करें।
-ढाबा स्टाइल मसाला लहसुन तैयार है। इसे पराठा या फिर नान के साथ सर्व करें। इस मसाला लहसुन को आप बनाकर भी रख सकते हैं। हालांकि, इसे ज्यादा दिन तक स्टोर न करें ।
कैसे बनाएं चटनी---
चटनी बनाने के लिए आप हरा धनिया, पुदीना को अच्छे से धोएं। फिर इसे ब्लेंडर में डालें और इसी के साथ इसमें नमत, काला नमक, अमचूर पाउडर, जीरा पाउडर डालें और अच्छे से ब्लेड करें।
लहसुन-धनिया की ये चटनी मजबूत करती है इम्यूनिटी, सीखें बनाने का आसान तरीका -
ड्राय फ्रूट्स के फायदों से भरपूर होते हैं । पॉप्युलर लिस्ट में बेशक छुहारे का नाम सबसे ऊपर ना आता हो लेकिन पोषक तत्वों के मामले में छुहारा किसी से कम नहीं है। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में छुहारे खाने के बहुत से फायदे हैं। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर होते हैं। आपके शरीर में अगर सूजन रहती है, तो आपको रोजाना दो छुहारे जरूर खाने चाहिए।
कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए छुहारे को रोजाना खाना चाहिए। एक खजूर रोज खाने से कैंसर का खतरा कम होता है। इसे खाने से पेट में गुड बैक्टीरिया बढ़ते है&, जो हेल्थ के लिए काफी अच्छे होते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे
आपको अगर हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम रहती है, तो आपको छुहारे को जरूर खाना चाहिए। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर सकता है। आपको अगर सूखा छुहारा खाने से हेल्थ इश्यू होते हैं, तो आप भिगाकर इसे खा सकते हैं।
वेट लॉस फ्रेंडली
आप अगर चीनी का इस्तेमाल बहुत ज्यादा करते हैं, तो आप छुहारे को इसकी जगह रिप्लेस कर सकते हैं। छुहारे के बीज निकालकर आप इसे मिक्सी में अच्छी तरह से पीस लें। इसे आप चाय और स्वीट डिशेज में यूज कर सकते हैं।
डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर करता है
आपके पेट में अगर बार-बार दर्द होता है या लूज मोशन की शिकायत रहती है, तो आपको डाइट में छुहारे को शामिल करना चाहिए। इसमें एंटीडायरेहियल होता है, जो दस्त को रोकने में मददगार है। - जब वजन घटाने की बात आती है, तो गेहूं के आटे की रोटी कम खाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि गेहूं के आटे की रोटी में फाइबर और अन्य पोषक तत्व की तो अच्छी मात्रा होती है, लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है। साथ ही कुछ लोगों को गेंहू से एलर्जी भी होती है। जब सर्दियों का मौसम शुरू होता है, तो लोग वजन घटाने के लिए ज्वार और मक्के की रोटी का सेवन बहुत करते हैं, क्योंकि आम तौर पर इन्हें गेहूं के आटे की रोटी से ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। साथ ही इनमें कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की मात्रा कम होती है। यह पचने में भी आसान होती हैं। लेकिन एक सवाल वजन कम करने वाले लोगों को अक्सर परेशान करता है, कि वजन घटाने के लिए ज्वार की रोटी ज्यादा फायदेमंद है या मक्के की रोटी? किसे खाने से तेजी से वजन घटता है?ज्वार की रोटी - मक्के की रोटी में पोषक तत्वअगर वजन घटाने के संदर्भ में दोनों रोटियों में भेद करें तो हम पाते हैं कि पोषण के मामले में दोनों में ही कुछ खास अंतर देखने को नहीं मिलती है। 100 ग्राम ज्वार के आटे की बात करें तो इसमें 9.7 ग्राम फाइबर, 72 ग्राम काब्र्स और 360 कैलोरी होती हैं।वहीं मक्के के आटे की बात करें तो इसमें प्रति 100 ग्राम 7 ग्राम फाइबर, 6.8 ग्राम प्रोटीन, 77 ग्राम काब्र्स और कैलोरी की मात्रा 360 के आसपास होती है।किसे खाने से तेजी से वजन घटता है?दोनों ही आटे से बनी रोटी पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, इनमें शरीर के लिए कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। दोनों ही वजन घटाने वाले लोगों के लिए बहुत लाभकारी है, दोनों का सेवन करने से वजन प्रबंधन में मदद मिलती है। पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और मेटाबॉलिज्म रेट भी बढ़ता है। यह आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस करने में मदद करती है और आप कम कैलोरी का सेवन करते हैं। साथ ही यह आपकी अनहेल्दी फूड्स की क्रेविंग कंट्रोल करने में भी मदद करती हैं। जिससे वजन कम करने में आसानी होती है।लेकिन अक्सर लोग कुछ गलतियां करते हैं, वे साग के साथ में जब इन रोटियों का सेवन करते हैं तो उन पर काफी अधिक घी या मक्खन लगाकर खाते हैं, जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है। अगर आप इस तरह इनका सेवन करते हैं, तो इससे आपको वजन प्रबंधन में कोई मदद नहीं मिलेगी। आपको वजन प्रबंधन के दौरान कम कैलोरी और फैट वाला भोजन करना होता है। बाकी दोनों ही वजन घटाने में लाभकारी हैं अगर आप सीमित मात्रा में इनका सेवन करते हैं।
- अक्सर लोग सर्दी-जुकाम होने पर दही खाना छोड़ देते हैं। कुछ लोगों का मानना होता है कि सर्दी-जुकाम में दही खाने से समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है। क्या वाकई ऐसा होता है? क्या सच में जुकाम होने पर दही नहीं खानी चाहिए। जानें, जुकाम होने पर दही खाना चाहिए या नहीं।दही में मौजूद पोषक तत्व सर्जी-जुकाम से लडऩे में करते हैं मदद ?दही में मौजूद जरूरी पोषक तत्व सर्दी से लडऩे में मदद करते हैं। एक कप दही में एक वयस्क की दैनिक जरूरत के अनुसार 8 मिलीग्राम जिंक होता है। जिंक इम्यून सिस्टम को हेल्दी रखने के लिए जरूरी होता है। जब इम्यू सिस्टम मजबूत होगी, तो ये छोटी-मोटी समस्याएं जल्द दूर हो जाएंगी। दही विटामिन ए, कैल्शियम और पोटैशियम के साथ एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद कुछ अन्य सामग्री अन्य तरीके से कोल्ड में मदद करती है।इसमें मौजूद कई तरह के पोषक तत्व शरीर की पोषण की जरूरत को पूरा कर जुकाम के लक्षणों से राहत प्रदान करते हैं। इसमें मौजूद गुड बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम का मजबूत कर जुकाम से लडऩे में मदद करता है। बावजूद इसके लोगों में यह आम धारणा है कि जुकाम में दही खाने से बचना चाहिए।किसी को जुकाम में दही खाना सूट करता है, तो किसी को नहीं। ऐसे में इसका सेवन पूरी तरह से आपकी इम्यूनिटी पर निर्भर करता है। यदि आप बिना दही खाए सर्दी के लक्षणों को कम करना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में सब्जियां, फलों और सलाद को अधिक मात्रा में शामिल करें। इससे शरीर को पोषण मिलने के साथ ही इम्यूनिटी भी मजबूत होगी। शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए फलों का जूस और सूप पिएं। जुकाम, गले में खराश से छुटकारा पाने के लिए आप अदरक, तुलसी, हल्दी और शहद से बना काढ़ा पी सकते हैं।
- केला शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। केला स्वादिष्ट होने के साथ शरीर के लिए बहुत हेल्दी भी होता है। केला सस्ता होने के साथ हर मौसम में आसानी से मिल भी जाता है। केला शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर, कैल्शियम, आयरन और विटामिन ए आदि पाए जाते हैं। केला खाने से डायबिटीज कंट्रोल में रहती है और पाचन तंत्र भी मजबूत रहता हैं। केला का शेक बनाकर, चिप्स बनाकर, सब्जी आदि रूप में भी खाया जा सकता हैं। केला खाने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती है। ये शरीर को इंस्टेट एनर्जी देता है। आइए जानते हैं केला खाने के अन्य फायदों के बारे में।पाचन तंत्र के लिए फायदेमंदकेला पाचन तंत्र को हेल्दी रखने में मदद करती हैं। केला में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो कब्ज को दूर करने के साथ पेट में गैस, दर्द और ऐंठन की परेशानी को दूर करता हैं। रोज एक केला खाने से पेट हेल्दी रहता है। केला शरीर को स्वस्थ रखने के साथ शरीर में पानी की कमी को पूरा करता हैं। लूज मोशन की समस्या में केला आसानी से खाया जा सकता है।हड्डियां करें मजबूतरोज 1 केला खाने से शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं। केले में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता हैं, जो हड्डियों को मजबूत करके कमजोरी को भी दूर करता हैं। केला में मौजूद प्रोबायोटिक बैक्टिरिया खाने से कैल्शियम को लेता है। जिससे शरीर लंबे समय तक हेल्दी रहता है।डायबिटीज में फायदेमंदरोज 1 केला खाने से डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलती हैं। क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। फाइबर का सेवन ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। डायबिटीज में बहुत सारे फल नहीं खाएं जा सकते। लेकिन केला का एक सीमित मात्रा में सेवन शरीर को स्वस्थ रखता है।तनाव को करें दूररोज 1 केला खाने से तनाव की समस्या दूर होती है। केले में ट्रिप्टोफैन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर में सेरोटोनिन बनाता है। सेरोटोनिन को हैप्पी हार्मोन कहा जाता हैं। इसकी वजह से शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं और तनाव की समस्या दूर होती हैं।वजन को करें कंट्रोलकेले में भरपूर मात्रा में फाइबर और स्टार्च होता है, जो देर तक भूख नहीं लगने देता। जिससे वजन कम करने में मदद मिलती हैं। केले को आप नाश्ते या शाम के स्नैक्स में आसानी से खा सकते हैं। ऐसा करने से देर तक भूख नहीं लगेगी और तेजी से वजन घटेगा।रोज 1 केला शरीर के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन ध्यान रखें अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी हैं, तो डॉक्टर से पूछ कर ही इसका सेवन शुरू करें।
- अधिकतर बच्चे खाना खाने में बहुत आनाकानी करते हैं। जिस कारण माता पिता ऐसी चीजों को ढूंढ़ते रहते हैं, जो बच्चे आसानी से खा भी लें और उन्हें पसंद भी हो। ऐसे में माता पिता सुबह में ब्रेकफास्ट जल्दी कराने के चक्कर में कई बार ब्रेड जैम खिला देते हैं। माता पिता, तो ये सोच कर खिलाते है कि ये हेल्दी होने के साथ बच्चों की पसंदीदा भी है। लेकिन आपको बता दें, बच्चों को ज्यादा ब्रेड जैम खिलाने से उनकी शरीर में कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। आइए जानते हैं बच्चों को रोज ब्रैड जैम खिलाने के नुकसान के बारे में।मोटापा बढ़ता हैबच्चों को अधिकतर ब्रेड जैम खिलाने से बच्चों के शरीर में अनहेल्दी फैट तेजी से बढ़ता है और बच्चे मोटापा के शिकार हो जाते हैं। जैम में काफी मात्रा में शुगर पाई जाती है। इस कारण वह बच्चों में मोटापे को बढ़ाती है। ब्रेड और जैम पोषक तत्व नहीं होते। इसलिए ये शरीर के लिए हानिकारक होती है।हेल्दी चीज खाने में बच्चे नखरें दिखाने लगते हैंबच्चों को जब पता होता है कि घर में ब्रेड और जैम रखी है, तो वह और कुछ खाने से आनाकानी करते हैं। वह परांठे के साथ भी जैम का सेवन ही करना चाहते है। बच्चों को जैम खाने की आदत पड़ जाती है, जो उनकी हेल्थ के लिए बिल्कुल सही नहीं होता। इससे आपका बच्चा फसी ईटर बन सकता है।पाचन तंत्र हो जाता है खराबलगातार ब्रैड जैम बच्चों को खिलाने से पाचन संबंधी परेशानियां हो सकती है। ब्रैड मैदा का बना होता है, जो बच्चों के पेट में कब्ज को पैदा करता है। वहीं जैम में ज्यादा शुगर होने के कारण ये पेट को खराब कर सकता है। इसलिए बच्चों को रोज ब्रेड जैम देने से बचें।ज्यादा मात्रा में शुगरजैम बनाने की प्रक्रिया में उसमें बहुत अधिक शुगर को डाला जाता है। ज्यादा चीनी की मात्रा होने से रोज जैम खाना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। ज्यादा चीनी खाने से डीयबीटिज होने का खतरा और दिल संबंधित परेशानियां हो सकती हैं।पोषक तत्व की कमीजैम खाने से बच्चे के शरीर को पोषक तत्व नहीं मिल पाते। जिस कारण वह कमजोर होने के साथ उनकी इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती हैं। जैम वैसे, तो फलों से बनता है। लेकिन इसके बनाने के लिए इसमें बहुत ज्यादा पानी और फलों को बहुत देर तक उबाला जाता है। जिस कारण इसमें पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।बच्चों को ज्यादा ब्रैड जैम खिलाने से वह शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में बच्चों को ये खिलाने से बचें। छोटे बच्चों को ब्रैड जैम खिलाने से पहले डॉक्टर की परामर्श अवश्य लें।
- आपने कई लोगों को अखबार में रखकर कुछ खाते हुए देखा होगा। खासतौर पर, स्ट्रीट फूड की दुकानों पर भी दुकानदार पैकिंग के लिए अक्सर अखबार का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा, कई लोग ऑफिस के लंच में रोटी को अखबार में लपेटकर लाते हैं। आमतौर पर हम इस पर गौर नहीं करते हैं और अखबार में लपेटकर दिए गए खाने को आराम से खा लेते हैं। लेकिन, आपकी यह आदत आपकी सेहत के लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकती है। हेल्थ एक्सपट्र्स के मुताबिक, कभी भी खाना अखबार में लपेटकर नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। दरअसल, अखबार की छपाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्याही में खतरनाक रसायन होते हैं। अखबार में खाना लपेटकर खाने से यह स्याही शरीर के अंदर जाकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार, अखबार में खाना लपेटकर खाने से कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे....कैंसरअखबार की स्याही में डाई आइसोब्यूटाइल फटालेट, डाइएन आईसोब्यूटाइलेट जैसे रायसन मौजूद होते हैं। अखबार में गर्म खाना रखने से ये स्याही कई बार खाने के साथ चिपक जाती, जिससे सेहत को नुकसान होता है। शरीर में इन केमिकल्स की ज्यादा मात्रा होने पर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। अखबार में खाना लपेटकर खाने से मुंह के कैंसर से लेकर फेफड़ों के कैंसर होने तक का खतरा रहता है। अखबार में खाना रखकर खाने से शरीर में कैंसर के कारक तत्व पहुंच सकते हैं।आंखों की रोशनी जाने का खतराअखबार पर खाना रखकर खाने से आंखों को भी नुकसान पहुंच सकता है। अखबार की स्याही अगर शरीर के अंदर चली जाए, तो इससे आंखों की रोशनी जाने का खतरा रहता है। खासतौर पर, बुजुर्गों और बच्चों को इसका खतरा सबसे अधिक होता है। सेहतमंद रहने के लिए खाना पैक करने के लिए अखबार की जगह एलुमिनियम फॉयल का इस्तेमाल करें।पाचन संबंधी समस्याएंअखबार में खाना लपेटकर खाने से पाचन तंत्र को भी नुकसान हो सकता है। अखबार की स्याही में मौजूद विषैले रसायनों से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इससे पेट में इंफेक्शन हो सकता है। इसके अलावा, अखबार में ऑयली चीजें रखकर खाने से लिवर के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।हार्मोनल असंतुलनअखबार में खाना लपेटकर खाने से हॉर्मोन्स भी प्रभावित हो सकते हैं। अखबार में खाना रखकर खाते हैं तो इससे आपको हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है। इसकी वजह से महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर बुरा असर पड़ सकता है।
- सर्दियों का मौसम आ चुका है। सर्दियों का मौसम आते ही बाजार में बहुत सारे साग, फल और सब्जियां आ जाती है। साग हो, मूली हो या फिर ताजी पालक। इस मौसम में आप आयरन और विटामिन से भरपूर आहार ले सकते हैं। इसी मौसम में ऐसे बहुत से फल आते हैं जो आपको वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। इन्हीं में से एक है अमरूद। दरअसल, अमरूद में फोलेट भी होता है जो फर्टिलिटी को बढ़ाने में मदद करता है। रिसर्च के मुताबिक अमरूद हाई ब्लड प्रेशर मरीजों के लिए काफी लाभदायक माना जाता है, क्योंकि यह सोडियम के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है। यह वजन घटाने में भी अहम भूमिका निभाता है।वजन घटाने में कैसे मदद करता है अमरूद1. अमरूद में काफी मात्रा में फाइबर होता है। दरअसल, वजन घटाना है तो पाचन क्षमता का ठीक होना बेहद जरूरी है और फाइबर पाचन शक्ति को बढ़ाने में अहम रोल निभाता है।2. अमरूद में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी कम होती है। देखा जाए तो 100 अमरूद में महज 14 ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। कई अध्ययनों की माने तो जिन चीजों में कार्बोहाइ्ड्रेट की मात्रा कम होती है वह वजन घटाने में मददगार साबित होते हैं।3. यह सलाह दी जाती है कि जिन फलों में कैलोरी की मात्रा कम हो उन्हें वजन घटाने का अहम स्रोत माना जाता है और अमरूद उन फलों में से एक है।4. अमरूद को प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत माना गया है। दरअसल, प्रोटीन भूख से जुड़े हार्मोन 'ग्रेलिन' को नियंत्रित करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।5. अमरूद में बी बिटामिन्स जैसे बी1, बी3, बी6 और फोलेट मौजूद होता है और यह सभी शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए काफी अहम हैं।
- घर पर लगा तुलसी का पौधा सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि सेहत के नजरिए से भी बेहद गुणकारी माना गया है। आयुर्वेद में तो तुलसी के पौधे को वरदान कहा जाता है। इसकी पत्तियों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। नियमित रूप से तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होने के साथ संक्रामक रोग भी दूर रहते हैं। आइए जानते हैं सुबह खाली पेट तुलसी की पत्तियां चबाने से सेहत को मिलते हैं क्या-क्या फायदे।तनाव से छुटकारा-एक शोध में यह पाया है की तुलसी की पत्तियों में तनाव को कम करने वाला हार्मोन यानी कोर्टिसोल पाया जाता है। रोजाना खाली पेट तुलसी की 12 पत्तियां चबाने से व्यक्ति को तनाव से छुटकारा मिल जाता है।डायबिटीज रखें कंट्रोल-तुलसी में यूजीनोल, मिथाइल यूजेनॉल और कैरियोफिलिन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जिससे पैन्क्रीऐटिक बीटा सेल्स सही से काम करते हैं। जिसकी वजह से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बनी रहती है, और ब्लड शुगर लेवल का स्तर भी ठीक रहता है। जो डायबिटीज होने से रोकता है।मुंह की बदबू-अगर आपके मुंह से बदबू आ रही हो तो तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लें। इससे सांस की बदबू दूर हो जायेगी।सिरदर्द और सर्दी की शिकायत -अगर व्यक्ति को साइनसिस, एलर्जी, सिरदर्द और सर्दी की शिकायत रहती है तो तुलसी की पत्तियों को पानी में अच्छे से उबालने के बाद छान लें। इसके बाद छाने हुए पानी को थोड़ा-थोड़ा करके पीएं। ऐसा करने से आपको सिर दर्द में आराम मिलेगा।गले की खराश-तुलसी के पत्ते पानी में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। इसके बाद इस पानी का सेवन करें आपको जल्द ही गले की खराश से मुक्ति मिल जायेगी।-
- सर्दियों में अधिकतर लोग मूंगफली खाना पसंद करते हैं। सर्दियों में धूप और ठंड हवाओं के बीच में बैठकर मूंगफली खाने का मजा ही अलग होता है। मूंगफली सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। वहीं, मूंगफली की तासीर भी गर्म होती है, इसलिए सर्दियों में मूंगफली खाना काफी फायदेमंद माना जाता है। मूंगफली में हेल्दी फैट्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन और मैग्नीशियम काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए आपको मूंगफली का सेवन जरूर करना चाहिए। लेकिन मूंगफली को आपको दिन के समय खाना चाहिए, क्योंकि रात में मूंगफली खाने आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप भी रात में मूंगफली खाते हैं, तो थोड़ा संभल जाइए।रात में मूंगफली खाने के नुकसान-1. वजन बढ़ सकता हैअगर आप रात में मूंगफली खाते हैं, तो इससे आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है। ऐसे में अगर आपका वजन पहले से ही अधिक है, तो रात में मूंगफली खाना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल, मूंगफली में फैट और कैलोरी अधिक मात्रा में होती है। ऐसे में जब रात में मूंगफली खाई जाती है, तो इससे प्राप्त कैलोरी बर्न नहीं हो पाती है। क्योंकि रात में व्यक्ति सो जाता है। ऐसे में अगर रोजाना रात में मूंगफली खाई जाए, तो वजन तेजी से बढऩे लग सकता है।2. नींद आने में दिक्कतअगर आप रात में मूंगफली खाते हैं, तो आपको नींद आने में दिक्कत महसूस हो सकती है। क्योंकि मूंगफली खाने से शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है। ऐसे में अगर आप रात में मूंगफली खाएंगे, तो इससे आपको एनर्जी महसूस होगी। आपको नींद नहीं आएगी।3. सूजन बढ़ सकती है-अगर आप रात में अधिक मात्रा में मूंगफली खाएंगे, तो आपको सुबह के समय शरीर में सूजन भी महसूस हो सकती है। मूंगफली खाने से अनसैचुरेटेड फैट्स और अम्लों के बीच में असंतुलन हो सकता है, इसकी वजह से सूजन हो सकती है। रात में मूंगफली खाने से आपको जोड़ों में सूजन और दर्द का अनुभव हो सकता है।4. पाचन से जुड़ी समस्याएंरात में मूंगफली खाने से आपको पाचन से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, रात में मूंगफली खाने से शरीर इसके पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाता है। इसके लिए आंतरिक अंगों को अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। ऐसे में कब्ज, गैस या अपच की समस्या हो सकती है। इसके अलावा रात में मूंगफली खाने से शरीर को प्रोटीन, आयरन या अन्य पोषक तत्वों का अवशोषण करने में काफी दिक्कत हो सकती है।मूंगफली खाने का सही समय क्या है?-मूंगफली का सेवन सुबह या दिन के समय करना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। आप शाम को स्नैक्स के रूप में भी मूंगफली का सेवन कर सकते हैं। लेकिन रात को सोने से पहले या डिनर के बाद मूंगफली का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि रात में मूंगफली खाने से आपको फायदों के बजाय नुकसान पहुंच सकता है।मूंगफली कितनी खानी चाहिए?-जिस तरह रात में मूंगफली खाना नुकसानदायक होता है। उसी तरह अगर आप दिन के समय अधिक मूंगफली खाते हैं, तो इससे भी आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए आपको कम मात्रा में ही मूंगफली का सेवन करना चाहिए। आप रोजाना लगभग 42 ग्राम मूंगफली का सेवन कर सकते हैं। एक दिन में इससे अधिक मूंगफली खाने से आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।