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- - विटामिन-सी, एंटी-ऑक्सिडेंट्स और फाइबर से भरपूर है पपीतारायपुर। पपीते को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। पपीते को आयुर्वेद में एक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। सिर्फ पपीते को ही नहीं, बल्कि इसके पत्ते और बीजों का भी इस्तेमाल आयुर्वेदिक उपचार के लिए किया जाता है। पपीते के सेवन से शरीर को कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाया जा सकता है। पपीते की एक अच्छी बात ये है कि ये हर मौसम में आसानी से मिल जाता है। पपीते में पोषक, विटामिन, प्रोटीन, एनर्जी आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम प्रचूर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर को सेहतमंद बनाए रखने में सहायक होता है। पपीते को पेट के लिए काफी अच्छा माना जाता है। पपीते में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं जो हमारे पाचन में मदद करते हैं। इसके साथ ही यह फूड पॉइजनिंग जैसी बीमारियों से लड़ने में भी हमारी मदद करता है।पके पपीते के समान ही कच्चे पपीते के भी कई औषधीय गुण हैं। कच्चा पपीता लीवर के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह लीवर को शक्ति प्रदान करता है और पीलिया आदि में लीवर के कमजोर पड़ जाने की स्थिति में इसके सेवन से या कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर खाने से पीलिया रोगियों को काफी फायदा होता है। इसमें मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में बेहद कारगर साबित होते हैं। पपीते का दूसरा सबसे बड़ा फायदा है कि यह वजन को नियंत्रित रखता है। यदि वजन कम करना चाहते हैं, तो एक मध्यम आकार के पपीते का सेवन फायदेमंद है।शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने पपीते के सेवन संबंधी दिशा-निर्देश बताएं हैं। उन्होंने बताया कि इसमें एसिडिक गुण कम होने के कारण सुबह के समय खाने से इसका पाचन आसानी से हो जाता है और इसमें मौजूद पानी की ज्यादा मात्रा और फाइबर की प्रचुरता भी शरीर की मेटाबोलिक रेट को संतुलित करती है। लेकिन यह ध्यान रखें कि इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। कच्चे पपीते और इसके बीजों में काफी मात्रा में विटामिन ‘ए’ ‘सी’ और ‘ई’ होता है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अर्थात् इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। कच्चा पपीता सर्दी और जुकाम के साथ कई अन्य प्रकार के इन्फेक्शन से भी लड़ने में मददगार साबित होता है। यह मूत्र संबंधी समस्याओं में भी फायदा पहुंचा सकता है। पपीते में पोटैशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। पोटैशियम एक प्रकार का खनिज है जो हमारे शरीर में सोडियम से होने वाले प्रभावों को कम करता है जिससे हमारा रक्तचाप नियंत्रित रहता है। इसलिए आहार विशेषज्ञ भी उच्च रक्तचाप के मरीजों को पपीता खाने की सलाह देते हैं।बीमारियों से लडऩे में है मददगारपपीता हमारे शरीर में विटामिन-सी की मात्रा को पूरा करता है। इससे हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे हमें कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। पपीते के नियमित सेवन से शरीर के रोगग्रस्त होने आशंका कम हो जाती है। कच्चा पपीता एवं पका हुआ पपीता दोनों ही स्वास्थ्य की दृष्टि से फायदेमंद हैं। एक छोटे पपीते में लगभग 60 कैलोरी होती है।
- अलसी के बीज और मेथी का सेवन करने से आपको कई फायदे मिलते हैं। नियमित रूप से इसे खाने से आप कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं। जो लोग मोटापे या अधिक वजन की दिक्कत से परेशान हैं, तो आपको अलसी के बीज और मेथी का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे आपकी हार्ट हेल्थ और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या ठीक हो सकती है। मेथी में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन, फाइबर, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, जिंक, विटामिन सी, थायमिन, नियासिन, राइबोफ्लेविन, विटामिन-बी 6, विटामिन ए, विटामिन के, फोलेट, एंटीओक्सीडेंट, सेलेनियम, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा अलसी में हेल्दी फैट, सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम, फाइबर, प्रोटीन और कैल्शियम पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व आपके शरीर के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। आइए इसके फायदे और उपयोग के बारे में विस्तार से जानते हैं।अलसी और मेथी के फायदे1. हृदय रोगों में लाभकारीअलसी और मेथी में कई गुणकारी पोषक तत्व होते हैं। इनमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। इससे हृदय रोग की संभावनाएं कम हो जाती है। साथ ही स्ट्रोक और हार्ट अटैक के जोखिम से बच सकते हैं।2. कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित करेअलसी और मेथी के बीज का सेवन करने से आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित रहता है। रोजाना इन दोनों के मिश्रण के सेवन से आपको हाई ब्लड प्रेशर और अन्य समस्याएं हो सकती है। दरअसल इसमें मौजूद फाइबर और गुड फैट मददगार साबित हो सकता है।3. पाचन शक्ति में मददगारअलसी और मेथी के बीज का सेवन करने से आपकी पाचन शक्ति बेहतर होती है। इनमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, इससे गैस और एसिडिटी की समस्या नहीं होती है। साथ ही आपको कब्ज की दिक्कत भी नहीं होती है।4. त्वचा के लिए उपयोगीअलसी और मेथी का उपयोग त्वचा के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोकैमिकल्स विटामिन्स और मिनरल्स आपकी स्किन को क्लीयर और बेदाग बनाते हैं। आप हफ्ते में एक बार अलसी और मेथी का पैक चेहरे पर लगा सकते हैं। इससे आपकी स्किन जवां और खूबसूरत नजर आती है।5. बालों के लिए लाभकारीअगर आपके बाल रूखे और बेजान नजर आते हैं, तो मेथी और अलसी का उपयोग काफी साबित हो सकता है। इसमें मौजूद विटामिन ए, विटामिन के और प्रोटीन पाया जाता है, जो बालों को खूबसूरत और शाइनी बनाता है।
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टमाटर का इस्तेमाल भारतीय करी में आमतौर से किया जाता है. ये खाने के स्वाद को बढ़ाने में मदद करता है. ये न केवल खाने के स्वाद को बढ़ाने का काम करता है बल्कि ये सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद है. ये कई सारे पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, फाइबर, फोलेट और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व होते हैं. करी के अलावा सलाद के रूप में भी आप टमाटर का सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा आप टमाटर का जूस में नियमित रूप से पी सकते हैं. ये स्वास्थ्य संबंधित कई समस्याओं को दूर करने का काम करता है. आइए जानें ये सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है.
आंखों के लिए फायदेमंद
टमाटर के जूस में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है. ये आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद है. ये आंखों की रोशनी को बढ़ाने का काम करता है. आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आप नियमित रूप से इसका सेवन कर सकते हैं.
डायबिटीज
टमाटर के जूस में विटामिन सी, पोटैशियम, कैरोटीन, विटामिन ई, फोलेट, कैरोटीन और फ्लेवोनोइड जैसे पोषक तत्व होते हैं. ये डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करता है.
इम्युनिटी को बढ़ाता है
टमाटर के जूस में विटामिन सी होता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. इसमें लाइकोपीन और बीटा-कैरोटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं. ये इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. इम्यून सिस्टम बनाए रखने के लिए आप टमाटर के जूस का सेवन कर सकते हैं.
वजन कम करने के लिए
टमाटर के जूस में फाइबर होता है. ये जूस सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. इसका सेवन वजन कम करने में भी मदद करता है.
बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है
टमाटर में फाइबर होता है. ये बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है. अगर आप बढ़ते हुए कोलेस्ट्रॉल से परेशान हैं तो आप रोजाना एक गिलास टमाटर के जूस का सेवन कर सकते हैं.
डिटॉक्सीफाई
टमाटर का जूस शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने का काम भी करता है. इसका रोजाना सेवन करने से किडनी और लिवर के कार्यों को बेहतर बनाने में मदद मिलती है.
हृदय के लिए फायदेमंद
टमाटर में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. ये हृदय के लिए बहुत ही फायदेमंद है. इसमें लाइकोपीन, बीटा-कैरोटीन और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व भी होते हैं. ये हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. -
तरोई की सब्जी पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इस मौसम में अधिकतर घरों में तरोई की सब्जी जरूर बनती है। तरोई की सब्जी सेहत के साथ ही त्वचा के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है। अधिकतर लोग तरोई के छिलकों को निकाल देते हैं और फिर इसकी सब्जी बनाते हैं। इसके बाद तरोई के छिलकों को फेंक दिया जाता है। लेकिन आप तरोई के छिलकों की सब्जी और चटनी बनाकर खा सकते हैं, जो स्वादिष्ट होने के साथ ही फायदेमंद भी है।
तरोई के छिलकों के फायदे1. इम्यूनिटी बढ़ाएतरोई के छिलकों की सब्जी और चटनी खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है। यह शरीर को रोगों से लडऩे की शक्ति प्रदान करता है। तरोई के छिलकों की सब्जी खाने से आप हमेशा मौसमी बीमारियों से दूर रह सकते हैं।2. त्वचा के लिए लाभकारीतरोई के साथ ही इसके छिलके भी त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। तरोई के छिलकों की सब्जी और चटनी खाने से त्वचा की समस्याएं दूर होती हैं। इससे त्वचा में निखार आता है और खूबसूरत बनती है।3. कब्ज से छुटकारा दिलाएअगर आपको कब्ज बनी रहती है, तो आप तरोई के छिलकों की सब्जी को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। तरोई के छिलके भोजन को पचाने में मदद करते हैं। ये मल को नरम बनाते हैं और कब्ज से छुटकारा दिलाते हैं। तरोई की सब्जी में पानी अधिक होता है, इससे कब्ज दूर होती है।4. पाचन मजबूत बनाएतरोई के छिलकों की सब्जी खाने से पाचन बेहतर बन सकता है। इसमें मौजूद तत्व पाचन को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। कभी-कभार तरोई के छिलकों की सब्जी या चटनी खाने से पाचन से जुड़ी समस्याओं से बचाव हो सकता है।5. वेट लॉस में मददगारअगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो तरोई के छिलकों की सब्जी खा सकते हैं। तरोई के छिलकों की सब्जी खाने से आपको पर्याप्त ऊर्जा मिलेगी। साथ ही वेट लॉस में भी मदद मिलेगी। लेकिन सिर्फ तरोई के छिलकों को खाने से आपका वेट लॉस नहीं हो सकता है।तरोई के छिलकों की सब्जी-तरोई की सब्जी बनाने के लिए सबसे पहले उसके छिलके निकाल लें। कड़ाही में तेल गर्म करें। अब इसमें जीरा, हींग डालें। इसके बाद कटा हुआ प्याज डालकर भून लें। फिर टमाटर, हल्दी, नमक, मिर्च और धनिया पाउडर डालकर अच्छी तरह से मिला लें। अब आप इसमें तरोई के छिलकों को डालें। फिर ढंककर 10 मिनट के लिए छोड़ दें। तैयार तरोई के छिलकों की सब्जी को आप रोटी के साथ खा सकते हैं।तरोई के छिलके की चटनीतरोई के छिलकों की चटनी बनाने के लिए सबसे पहले छिलके निकाल लें और धो लें। इसके बाद छिलकों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। एक पैन में तेल गर्म करें। इसमें साबुत लाल मिर्च डालें। इसके बाद कटी हुआ हरी मिर्च, हल्दी और नमक डालकर मिलाएं। अब इसमें उड़द की दाल, मेथी, धनिया, तिल, जीरा और तरोई के छिलके डालकर भून लें। इन सभी मसालों को ठंडा होने दें और फिर पीस लें। अब इसे पैन में डालें, फिर गुड़ डालें और गैस बंद कर दें। इसके बाद इसमें इमली पल्प डालकर अच्छी तरह से मिला लें। आखिर में आप इसका स्वाद बढ़ाने के लिए तड़का लगा सकते हैं। ये चटनी स्वादिष्ट होने के साथ ही पौष्टिक भी होती है। - किशमिश सेहत के लिए बहुत फायदेमंद ड्राई फ्रूट माना जाता है। इसका सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। खानपान में गड़बड़ी और खराब लाइफस्टाइल के कारण पाचन से जुड़ी समस्याएं जन्म लेती हैं। पाचन से जुड़ी सबसे कॉमन समस्या है कब्ज। कब्ज और अपच जैसी समस्या में किशमिश का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। किशमिश में मौजूद गुण शरीर को पोषण देने के साथ ही पाचन से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने का काम करते हैं। किशमिश में पर्याप्त मात्रा में आयरन, पोटैशियम, विटामिन, कैल्शियम और फाइबर पाया जाता है। फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने और कब्ज को दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा किशमिश का सेवन शरीर को डिटॉक्स करने के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।कब्ज दूर करने के लिए किशमिश के फायदे-1. किशमिश में फाइबर का पर्याप्त मात्रा होती है, फाइबर पेट को साफ रखने और कब्ज की समस्या को कम करने में बहुत फायदेमंद होता है।2. रोजाना किशमिश का सेवन करने से आपका पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और अपच, पेट की गैस और कई अन्य समस्याओं में भी फायदा मिलता है।3. वजन कम करने के लिए भी किशमिश का सेवन बहुत फायदेमंद होता है, इसमें मौजूद फाइबर पेट को भरा रखते हैं और बार-बार भूख नहीं लगती है।4. पेट में गैस बनने और एसिडिटी की समस्या में भी किशमिश का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। किशमिश का पानी पीने से पेट साफ रहता है।5. शरीर में खून की कमी दूर करने के लिए भी किशमिश का सेवन बहुत फायदेमंद होता है, किशमिश में आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।कब्ज दूर करने के लिए कैसे खाएं किशमिश?कब्ज की समस्या दूर करने के लिए किशमिश का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है। इसके लिए आप रात में एक मु_ी किशमिश लेकर इसे पानी में भिगोएं। सुबह खाली पेट किशमिश को छानकर इसका सेवन करें। इसके अलावा किशमिश के पानी का सेवन भी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। कब्ज दूर करने के अलावा कई अन्य समस्याओं में भी किशमिश का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। डायबिटीज के मरीजों को किशमिश का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।----
- हरियाली तीज के दिन महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं. मेहंदी लगाती हैं. सोलह श्रृंगार करती हैं. पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन बहुत से स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जाते हैं. अगर आप मीठे खाने के शौकीन हैं तो आप इस मौके पर लौकी की बर्फी भी बना सकते हैं. लौकी की बर्फी बहुत ही स्वादिष्ट और हेल्दी होती हैं. इसे बनाना भी बहुत आसान है. बच्चे हों या बड़े ये बर्फी सभी को बहुत पसंद आएंगी. आप अपने परिवार और दोस्तों के लिए खास मौकों और त्योहारों पर भी ये बर्फी बना सकते हैं. आपको घर पर एक बार लौकी की बर्फी जरूर ट्राई करनी चाहिए. आइए जानें इसकी आसान रेसिपी.लौकी बर्फी की सामग्री1 कप छिला हुआ कद्दूकस लें125 ग्राम खोया1 बड़ा चम्मच घी1/4 कप चीनीआधा लीटर फुल क्रीम दूध1 छोटा चम्मच हरी इलायची पाउडरसजाने के लिएकटे बादामकटे हुए पिस्तेलौकी बर्फी बनाने की विधिस्टेप – 1 एक पैन में दूध उबाल लेंइस स्वादिष्ट डेजर्ट को बनाने के लिए एक गहरे तले के नॉन स्टिक कढ़ाई गैस पर रखें. इसे मध्यम आंच पर रहने दें. इसमें दूध डालें. दूध में उबाल आने दें. इसमें कद्दूकस किया लौकी डालें. इसे अच्छी तरह से मिलाएं. इसे लगभग 10 से 15 मिनट के लिए उबलने दें.स्टेप – 2 चीनी डालेंअब एक पैन में चीनी डालें. इसे अच्छी तरह से मिलाएं. लौकी में दूध सोखने और गाढ़ा होने तक अच्छी तरह से पकाएं. इसके बाद कढ़ाई में घी और इलाइची पाउडर के साथ खोया डाल दें. एक बार फिर इसे अच्छे से मिलाएं.स्टेप – 3 हलवे को प्लेट में फैला देंअब एक बड़ी प्लेट लें. इसमें थोड़ा घी लगाकर इसे चिकना कर लें. दूध पूरी तरह से सोख लेने के बाद गैस बंद कर दें. अब हलवे को प्लेट में निकाल लें. इसे समान रूप से फैलाएं. इसे कटे हुए पिस्ता और बादाम से गार्निश करें. इसे थोड़ा ठंडा होने दें.स्टेप- 4 सेट करने के लिए रेफ्रिजरेट करेंहलवे के पर्याप्त ठंडा होने के बाद बर्फी को सेट करने के लिए इसे 4 से 5 घंटे के लिए फ्रिज में रख दें. इसके बाद बाहर निकाल कर इसे अपनी पसंद के अनुसार आकार में काट लें.स्टेप – 5 परोसेंअब आपकी बर्फी परोसने के लिए तैयार है. आप इन्हें स्टोर भी करके रख सकते हैं. इसे आप एक एयरटाइट कंटेनर में रखें.
- पान या खैनी में कई लोग चूना लगाकर खाते हैं, लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए ज्यादा हेल्दी नहीं माना जाता है। खासतौर पर खैनी स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदेह होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि चूना खाने से स्वास्थ्य को कई फायदे हो सकते हैं। जिन लोगों के शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, उन्हें चूना खाने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं चूना का सेवन करने से शरीर को होने वाले लाभ क्या हैं?1. चूना से दांत हो सकते हैं स्वस्थदांतों में किसी तरह की परेशानी होने पर चूना का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे आपके दांत स्वस्थ रहते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए चूना पाउडर को थोड़ा सा टूथपेस्ट में लगा लें। अब इसे दांत दर्द से प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे आपके शरीर को थोड़ी सी मात्रा में कैल्शियम मिलता है, जो दांतों को मजबूत और स्वस्थ रखने में प्रभावी है।2. इम्यूनिटी करे बूस्टइसमें विटामिन सी होता है। यह एक ऐसा पोषक तत्व है जो इम्युनिटी को बढ़ाता है। विटामिन सी श्वेत रक्त कोशिकाओं का प्रोडक्शन बढ़ाने में मददद करता है। यह शरीर को संक्रमण और बीमारी से बचाने में कारगर है। चूना सूजन को कम कर कोलेजन उत्पादन को उत्तेजित करता है। जिससे घाव जल्दी ठीक हो जाते है कोलेजन घाव की मरम्मत करता है। यह एंटीऑक्सिडेंट का भी एक बड़ा स्रोत है। जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है।3. शरीर के दर्द से आरामशरीर में कैल्शियम की कमी की वजह से अगर आपको घुटनों, कमर में दर्द जैसा महसूस हो रहा है, तो चूने का सेवन करें। चूने के सेवन से इन दर्द से आराम मिल सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि एक्सपर्ट की सलाह पर ही चूना का सेवन करें।4. बच्चों की बढ़ाए हाइटहड्डियों के बेहतर ग्रोथ के लिए बच्चों को चूना दे सकते हैं। इससे बच्चों की लंबाई बढ़ती है। बच्चों को इसका सेवन कराने के लिए आप दाल या दही में थोड़ा सा चूना मिलाकर उन्हें खिलाएं। इससे बच्चों की हाइट बेहतर हो सकती है।5. दिल को रखे स्वस्थचूना कैल्शियम के अलावा विटामिन सी से भरपूर होता है, जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में प्रभावी हो सकता है। चूने के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर कम होता है, जो हार्ट हेल्थ को सुरक्षित रख सकता है। चूना खाने से हार्ट डिजीज के जोखिमों को कम किया जा सकता है।6. आयरन की कमी करे दूरचूना शरीर में आयरन की कमी को दूर कर सकता है। शरीर में आयरन की कमी होने पर थकान, कमजोरी, स्किन का पीलापन जैसी परेशानियां होने लगती है। ऐसे में इन सभी परेशानियों को दूर करने के लिए आप चूने का सेवन कर सकते हैं।कैसे करें चूने का सेवन?आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि आप चूने को डायरेक्ट रूप से खा सकते हैं। आप पूरे दिन में 100 से 200 एमजी के बीच ले सकते हैं। लेकिन इससे अधिक चूने का सेवन न करें। इसका सेवन आप गर्म पानी के साथ या फिर खाने में मिलाकर खा सकते हैं। चूने से स्वास्थ्य को कई लाभ हो सकते हैं। इससे शरीर को कई लाभ हो सकते हैं। हालांकि, एक्सपर्ट की सलाह पर ही चूने का सेवन करें।
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अगर एक बार पथरी की बीमारी हो जाए, तो इंसान को काफी दर्द और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लोग फिर ऑपरेशन का सहारा लेते है। लेकिन क्या आप जानते हैं बिना ऑपरेशन के भी पथरी का इलाज किया जा सकता है। लेकिन आप इन कुछ घरेलू नुस्खों के इस्तेमाल से पथरी की समस्या को कम कर सकते हैं।
जाने माने आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ अबरार मुल्तानी ने हमें 10 ऐसी घरेलू चीजें बताई हैं जिससे पथरी होने की संभावना कम हो सकती है।
ज़्यादा से ज़्यादा पानी पिएं:
किडनी स्टोन होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की कोशिश करें। दिन में कम से कम 10 से 12 गिलास पानी पिएं। पानी स्टोन बनाने वाले केमिकल को गलाने में मदद करता है और जितनी ज्यादा मात्रा में मूत्र बनेगा उतनी ही कम मात्रा में पथरी बनेगी।
केला खाएं :
पथरी की समस्या से निपटने के लिए केला जरूर खाना चाहिए। केले में विटामिन बी भरपूर मात्रा में पायी जाती है। ये शरीर में पत्थर बनने से रोकता है और बने हुए पत्थर को छोटे छोटे हिस्सों में तोड़ने में मदद करता है। अगर किडनी के मरीज रोज़ाना 100 से 150 ग्राम तक विटामिन बी का सेवन करें तो उन्हें किडनी की पथरी कभी नही होती.
एप्पल खाएं पथरी भगाएं:
पथरी से बचाव करने के लिए सेब बहुत फायदेमंद है। इसका रोज़ाना सेवन पथरी के दर्द में भी आराम देता है। 1 गिलास एप्पल जूस अगर रोज़ाना पीया जाये तो पथरी नहीं बनती।
जौ का पानी:
जौ का पानी पीने से काफी फायदा होता है। जौ के पानी में मौजूद न्यूट्रिएंट्स पथरी को हटाने में बेहद मददगार हैं। जिन लोगों को किडनी प्रॉब्लम हैं, उन्हें रोज सुबह इसे पानी में भिगोकर पीना चाहिए। इससे पथरी निकल जाती है।
कलौंजी का कमाल :
किडनी स्टोन की समस्या में कलौंजी का सेवन फायदा पहुंचाता है.कलौंजी के बीज पथरी की एक शानदार औषधि है। इसे रोज़ाना सुबह एक चम्मच खाया जाये तो पथरी बनना रुक जाती है।
धनिया:
धनिया सिर्फ खाने में स्वाद का ही तड़का नहीं लगती, बल्कि पथरी में भी बेहद असरदार है। धनिये में डिटॉक्सिफिकेशन के गुण पाए जाते हैं, जो आपके शरीर को डिटॉक्स करने में बेहद असरदार है। धनिये के बीज और हरा धनिया दोनों ही किडनी और पथरी के रोगियों के लिए अमृत है। -
फूड और शुगर की क्रेविंग कुछ लोगों पर इस कदर हावी होती है कि वे चाहकर भी खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं. फूड क्रेविंग का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि इसकी वजह से तेजी से वजन बढ़ने लगता है. फूड क्रेविंग के भी कई टाइप होते हैं, जिनमें से एक स्पाइसी फूड की क्रेविंग भी है. स्पाइसी फूड या तीखा फूड कुछ लोगों को इतना पसंद होता है कि वे इसे ही अपना टेस्ट बना लेते हैं. रूटीन के अलावा भी वे बाहर से ऐसा फूड मंगाकर खाते हैं और क्रेविंग को शांत करते हैं. मार्केट में मिलने वाले फास्ट फूड या जंक फूड का चलन आजकल बहुत ज्यादा चल गया है. तीखा और टेस्टी होने के चलते ज्यादातर लोगों को इसकी क्रेविंग रहती है.
वैसे एक्सपर्ट्स का मानना है कि तीखे फूड की क्रेविंग शरीर के लिए अच्छी नहीं होती. यहां हम आपको कुछ ऐसे कारण बताने जा रहे हैं, जो ये बताते हैं कि आपको क्यों तीखे खाने की क्रेविंग सताती है. जानें इनके बारे में…
स्ट्रेस
जिस तरह स्ट्रेस में शुगर की क्रेविंग सताने लगती है, उसी तरह इस सिचुएशन में तीखा खाने की इच्छा भी होने लगती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जो लोग तीखा खाना पसंद करते हैं उन्हें टेंशन में इसका सेवन करने की ज्यादा इच्छा होने लगती है. ये भी देखा गया है कि टेंशन में तीखा खाने से लोगों को आराम भी मिलता है. अगर आप इस तरह की सिचुएशन को पेस कर रहे हैं, तो इसका इलाज जरूर कराएं.
बॉडी टेंपरेचर
ये भी देखा गया है कि बॉडी टेंपरेचर में चेंज आने के दौरान भी लोगों को तीखा खाने की इच्छा हो सकती है. टेंपरेचर के बढ़ने पर ऐसा होता है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि तीखा खाने पर बॉडी टेंपरेचर और ज्यादा बढ़ सकता है. ज्यादा तीखा खाने से शरीर में गर्मी बन सकती है और आपको कई हेल्थ प्रॉब्लम जैसे पाइल्स भी हो सकती है.
प्रेगनेंसी
इस पीरियड में महिलाओं को मूड स्विंग्स का सामना करना पड़ता है. वैसे खानपान से जुड़ी कई चीजें महिलाओं को परेशान करती हैं. किसी केस में एक महिला को मीठे की क्रेविंग होती है, तो कभी खट्टे. देखा जाए, तो प्रेगनेंसी में तीखा खाने की क्रेविंग भी हो सकती है. कहा जाता है कि आप तीखा खाएं, लेकिन इसकी मात्रा को सीमित ही रखें. - आपने करेला बहुत बार खाया होगा पर क्या आपने कभी सफेद करेला का सेवन किया है? अगर नहीं, तो आपको बता दें सफेद करेला स्वाद में लगभग करेले जैसा ही होता है। लोग सफेद करेले को भरवां सब्जी बनाकर बड़े चाव से खाते हैं। सफेद करेले में विटामिन ए, विटामिन बी6, फाइबर, आयरन, पोटैशियम, सोडियम, जिंक और कॉपर आदि गुण होते हैं। आप सफेद करेले का पराठा बना सकते हैं। सफेद करेले का अचार भी बनाया जाता है। आप सफेद करेले का जूस भी पी सकते हैं। जानते हैं सफेद करेले के फायदों के बारे में।1. वजन घटाने में फायदेमंद-सफेद करेला का सेवन करना वजन घटाने में फायदेमंद होता है। सफेद करेले में कैलोरीज कम होती है। आप इसका सेवन करेंगे, तो वजन कम करने में मदद मिलेगी। वजन घटाने के लिए सुबह के समय करेले के जूस का सेवन कर सकते हैं। सफेद करेले का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।2. कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल होता हैसफेद करेले का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में मदद मिलती है। हार्ट के मरीज अपनी डाइट में करेला शामिल कर सकते हैं। सफेद करेले को सलाद या सब्जी के रूप में खा सकते हैं। लिवर से जुड़ी समस्या है, तो आपको सफेद करेले का सेवन करना चाहिए। लिवर के स्वास्थ्य के लिए इसका सेवन फायदेमंद माना जाता है।3. डायबिटीज में फायदेमंद है सफेद करेलासफेद करेले का सेवन करने से डायबिटीज कंट्रोल होती है। डायबिटीज के मरीज सफेद करेले का सेवन कर सकते हैं। डायबिटीज में मरीजों को पैर या हाथ में सूजन हो जाती है। सूजन से बचाव में भी सफेद करेले का सेवन फायदेमंद माना जाता है।4. आंखों की रौशनी बढ़ती है-सफेद करेले का सेवन करने से आंखों की रौशनी बढ़ती है। सफेद करेले में विटामिन ए पाया जाता है। सफेद करेले में बीटा कैरोटीन होता है जिससे आंखों की रौशनी बढ़ती है और आंखों की बीमारियों से बचाव होता है। सफेद करेले में फॉस्फोरस की अच्छी मात्रा होती है। इसका सेवन करने से कब्ज या पेट से जुड़ी समस्या से भी राहत मिलती है।5. बालों के लिए फायदेमंदसफेद करेले का सेवन बालों के लिए फायदेमंद होता है। बालों की अच्छी ग्रोथ के लिए सफेद करेले का सेवन करना चाहिए। आप सफेद करेले का रस बालों पर लगा सकते हैं। सफेद करेले के रस का सेवन भी कर सकते हैं।नोट- सफेद करेले का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं को बचना चाहिए। जिन लोगों को लो डायबिटीज की समस्या होती है, उन्हें इसका सेवन करने से बचना चाहिए।.
- -कीटनाशक, प्रदूषण, मोटापा तथा शारीरिक श्रम व व्यायाम की कमी भी जीवन-शैली से जुड़े रोगों के लिए जिम्मेदार-मधुमेह, उच्च रक्तचाप व हृदय रोगों के बचने के लिए वसायुक्त खाद्य पदार्थों, जंक-फूड, कोल्डड्रिंक्स, मांसाहार, मद्मपान और धूम्रपान से करें परहेजरायपुर। आधुनिक जीवन-शैली, अनियमित दिनचर्या और खानपान के कारण एक बड़ी आबादी मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों से जूझ रही है। किशोर और युवा भी इनकी चपेट में आ रहे हैं। जीवन-शैली से जुड़े इन रोगों के लिए मुख्यतः अनुवांशिक, हमारी खानपान से जुड़ी आदतें और अनियमित दिनचर्या जिम्मेदार हैं। लोगों में वसायुक्त भोजन, फास्ट-फूड, मांसाहार, शराब और धूम्रपान का सेवन बढ़ रहा है। इनके शौकीनों में ज्यादातर किशोर और युवा भी हैं। इसके अलावा फसलों में कीटनाशकों का अधिकाधिक उपयोग, प्रदूषण, शारीरिक श्रम या व्यायाम का अभाव तथा मोटापा भी इन रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ा रहा है।शासकीय आयुर्वेद कॉलेज, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि जीवन-शैली से जुड़े रोगों से बचाव संयमित दिनचर्या और संतुलित खानपान से ही हो सकता है। आज की पीढ़ी खानपान और दिनचर्या के प्रति लगातार लापरवाही बरत रही है। फलस्वरूप कम उम्र में ही लोग उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगों का शिकार हो रहे हैं। युवाओं में इन बीमारियों का प्रमुख कारण मोटापा भी है जो जंक-फूड, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों, कोल्ड ड्रिंक्स, शराब और मांसाहार के कारण बढ़ रहा है। किशोर व युवा लगातार इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की गिरफ्त में रहते हैं और वे रात में देर तक जागते हैं। इनका प्रभाव उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।शोध से यह पता चला है कि मानसिक स्वास्थ्य का असर सीधे तौर पर इन जीवन-शैली से जुड़ी बीमारियों में होता है। इन रोगों के उपचार के लिए आजीवन दवाईयां, नियमित रूप से चिकित्सक के परामर्श में रहने, नियंत्रित खानपान और संयमित दिनचर्या अपनाने की जरूरत होती है। आमतौर पर यह देखा जाता है कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगों के मरीज बिना चिकित्सक के परामर्श के दवाईयां बंद कर देते हैं। फलस्वरूप उन्हें आपात स्थितियों का सामना करना पड़ता है। कई बार यह जानलेवा साबित होता है। लोगों को इस बारे में जागरूक होना होगा कि ये बीमारियां जड़ से खत्म नहीं होतीं, बल्कि दवाओं, संतुलित खानपान, नियमित व्यायाम व योग के द्वारा नियंत्रित होती है। अतएव सावधानी जरूरी है।डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि चूंकि ये बीमारियां मनो-दैहिक यानि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हैं, इसलिए इन रोगों के बचाव में आयुर्वेद और योग कारगर है। इस पद्धति में विभिन्न ऋतुओं के लिए खानपान और दिनचर्या निर्धारित हैं। इन्हें अपनाकर तथा पंचकर्म, रसायन चिकित्सा, आचार रसायन, नियमित व्यायाम, योग व ध्यान के द्वारा जीवन-शैली गत रोगों से बचाव संभव है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों के बचाव के लिए शाकाहारी भोजन जिसमें मिश्रित अनाज की रोटी, अरहर या मूंग की दाल, कोदो या ब्राउन चांवल, करेला, सहजन यानि मुनगा, तरोई, हरी तरकारी, करी पत्ते, अदरक, मेथी, लहसुन, गुणमार, जामुन, आंवला इत्यादि का सेवन करना चाहिए तथा वसायुक्त खाद्य पदार्थ, जंक-फूड, कोल्डड्रिंक्स, मांसाहार, मद्मपान और धूम्रपान का परहेज आवश्यक है। इसके अलावा शक्कर और नमक का संतुलित मात्रा में उपयोग करना चाहिए। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में इन रोगों के बचाव और नियंत्रण के लिए अनेक प्रकार के रसायन और औषधियां भी उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञों के मार्गदर्शन एवं परामर्श में किया जाना चाहिए।
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ड्राई कफ से छुटकारा पाने में मददगार है दादी-नानी का सौंफ और मिश्री वाला नुस्खा
दादी-नानी के नुस्खे हमेशा काम आ ही जाते हैं। बदलते मौसम में कई बार बिमारियां आपकों घेर लेती हैं। गर्मी के बाद बारिश का मौसम आने से हल्की ठंडक होना शुरू हो जाती है। ऐसे में ज्यादातर लोग गले के संक्रमण की चपेट में आते हैं। इस संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खों को अपना सकते हैं। यहां हम बता रहे हैं सौंफ और मिश्री वाला नुस्खा जो ड्राई कफ से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है।सौंफ, मिश्री और मुलेठी पाउडरइस नुस्खे को बनाने के लिए सौंफ, मुलेठी और मिश्री तीनों को बराबर मात्रा में लेकर एक साथ मिलाएं। फिर इन्हें पीसकर बहुत महीन पाउडर बना लें। इस चूर्ण का 1 बड़ा चम्मच गर्म पानी के साथ लें या फिर इसे हर रात में सोने से पहले शुद्ध शहद के साथ ले सकते हैं। इससे आपकी सूखी खांसी ठीक हो जाएगी और आपको अच्छी नींद आने में मदद मिलेगी।कैसे काम करता है ये नुस्खासौंफ एंटीऑक्सिडेंट, एंटीमाइक्रोबियल कंपोनेंट और एंटी इंफ्लामेटरी तेलों से भरे होते हैं जो सर्दी, खांसी और फ्लू के जोखिम को दूर रखने में मदद कर सकते हैं। सौंफ के बीज में भी विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत हैं जो मौसमी संक्रमण के खिलाफ इम्यून रखता है। वहीं मिश्री कई आवश्यक पोषक तत्वों से पूर्ण होती है जो खांसी को दूर करने में मदद करते हैं। यह आपके गले और ओरल कैविटी के लिए अच्छा होता है। वहीं इस नुस्खे में इस्तेमाल हो रही मुलेठी गले की खराश का सदियों पुराना इलाज है। यह जड़ी बूटी नैचुरल रूप से मीठी होती है। इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुण सांस संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया पर हमला करते हैं और सूजन को भी कम करते हैं। - मेथी बालों के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है। यह बालों की जड़ों को मजबूत करने के साथ-साथ सफेद बालों की समस्याओं को कम कर सकता है। दरअसल, मेथी के अर्क में फाइटोएस्ट्रोजेन पाया जाता है, जो एस्ट्रोजन हार्मोन को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है। इस हार्मोन से बालों के विकास को बढ़ावा मिलता है। साथ ही यह बालों की ग्रोथ, वॉल्यूम और रंगत को भी बेहतर कर सकता है। बालों में आप मेथी का इस्तेमाल कई तरीकों से कर सकते हैं। आज हम इस लेख में बालों में मेथी के दानों का इस्तेमाल करने के तरीकों के बारे में जानेंगे।1. मेथी और नारियल तेलनारियल तेल के साथ आप मेथी के दानों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले नारियल तेल को गर्म करें। इसमें थोड़ा सा मेथी दाना डालें। जब मेथी दाने के रंग लाल हो जाए, तो गैस को बंद कर दें। तब तेल हल्का ठंडा हो जाए, तो इससे स्कैल्प की मसाज करें। इससे बालों की ग्रोथ अच्छे होगी। साथ समय से पहले सफेद बालों की समस्याओं को दूर करने में प्रभावी हो सकता है।2. मेथी और शहद से बढ़ाएं बालों की ग्रोथअगर आप बालों की ग्रोथ को बेहतर करना चाहते हैं, तो मेथी और शहद का इस्तेमाल करें। मेथी और शहद के इस्तेमाल से बालों की ग्रोथ को बेहतर की जा सकती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए मेथी दानों को पानी में डालकर रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह इन दानों को पीसकर पेस्ट तैयार कर लें। अब इसमें 1 चम्मच शहद मिक्स करें। इसके बाद इसे अपने बालों की जड़ों में लगाएं। करीब 30-40 मिनट तक इस पेस्ट को बालों पर लगा हुआ छोड़ दें। इसके बाद शैंपू से अपने बालों को धो लें। सप्ताह में दो बार इस हेयर मास्क का इस्तेमाल करने से बालों की ग्रोथ अच्छी हो सकती है।3. मेथी और दही से बालों की समस्या होगी दूरमेथी और दही के इस्तेमाल से डैंड्रफ, बेजान बाल और झड़ते बालों की परेशानी दूर हो सकती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए 2 चम्मच मेथी दाना लें। इसे रातभर पानी में भिगोकर छोड़ दें। इसके बाद सुबह मेथी के दानों को निकालकर इसे अच्छे से पीस लें। अब इस पेस्ट को दही में मिक्स करके अपने बालों पर लगाएं। करीब 30 मिनट बाद अपने बालों को धो लें। इससे डैंड्रफ की समस्या दूर हो सकती है। सप्ताह में कम से कम दो बार इस मिश्रण का इस्तेमाल करें।4. मेथी और दूध बालों के लिए है हेल्दीबालों से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए मेथी और दूध का इस्तेमाल करें। इसका इस्तेमाल करने के लिए 1 चम्मच मेथी के दानों को पानी में डालकर रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह इन दानों का पेस्ट तैयार कर लें। इसके बाद इस पेस्ट में थोड़ा सा दूध मिक्स कर लें। अब इसे अपने बालों पर लगाकर करीब 20 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद अपने बालों को धो लें। इससे आपके बालों की ग्रोथ बेहतर होगी। साथ ही झड़ते और बेजान बालों से छुटकारा मिल सकता है।मेथी के इस्तेमाल से आप बालों की खूबसूरती को बढ़ा सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर बालों से जुड़ी परेशानियां काफी ज्यादा बढ़ रही है, तो इस स्थिति में एक्सपर्ट से जरूर सलाह करें।
- सदाबहार का पौधा आप सभी ने घर के आसपास कहीं न कहीं देखा होगा। सदाबहार की पत्तियां और फूल दिखने में जितने खूबसूरत होते हैं इनके औषधीय गुण भी उतने ही काम के हैं। आयुर्वेद में सदाबहार को बीमारियों के लिए संजीवनी के रूप में जाना जाता है। शरीर में वात और कफ दोष को दूर करने के लिए सदाबहार की पत्तियों का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद कड़वापन के गुण शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। सदाबहार की पत्तियों का इस्तेमाल शरीर की इन समस्याओं के लिए फायदेमंद माना जाता है।1. गले में इन्फेक्शन की समस्या में फायदेमंद सदाबहारसदाबहार की पत्तियां गले में इन्फेक्शन की समस्या में बहुत फायदेमंद होती हैं। इसमें मौजूद एलकालॉइड्स, एजमेलीसीन, सरपेन्टीन नामक तत्व शरीर में मौजूद संक्रमण को दूर करने में बहुत उपयोगी माने जाते हैं। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी सदाबहार की पत्तियों का काढ़ा और रस बहुत उपयोगी होता है।2. ब्लड प्रेशर की समस्या में उपयोगी सदाबहारब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए सदाबहार बहुत फायदेमंद होता है। सदाबहार की पत्तियों में मौजूद गुण हाई ब्लड प्रेशर में फायदेमंद होते हैं। आप ब्लड प्रेशर की समस्या में सदाबहार की जड़ का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आप एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए सदाबहार की पत्तियों और जड़ का सेवन कर सकते हैं।3. डायबिटीज मरीजों के लिए रामबाण सदाबहार की पत्तियांडायबिटीज की समस्या में सदाबहार की पत्तियों को बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसकी पत्तियों में एल्कलॉइड नामक तत्व शरीर में इंसुलिन के निर्माण के लिए बहुत फायदेमंद होता है। डायबिटीज या मधुमेह के मरीजों के लिए सदाबहार की पत्तियों का रस पीना बहुत फायदेमंद होता है। आप रोजाना सुबह के समय डॉक्टर की सलाह के आधार पर सदाबहार की पत्तियों का रस पी सकते हैं।4. कैंसर में फायदेमंद सदाबहार की पत्तियांसदाबहार की पत्तियों में मौजूद कैंसर रोधी गुण शरीर में कैंसर सेल्स को खत्म करने या ठीक करने का काम करते हैं। सदाबहार की पत्तियों में मौजूद विन्क्रिस्टिन और विंब्लास्टिन एल्कलॉइड कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।5. स्किन से जुड़ी समस्याओं में उपयोगीसदाबहार की पत्तियों का इस्तेमाल स्किन से जुड़ी समस्याओं में बहुत फायदेमंद होता है। स्किन पर खुजली, इन्फेक्शन या अन्य समस्या होने पर प्रभावित जगह पर सदाबहार की पत्तियों का लेप लगाने से फायदा मिलता है। इसके अलावा सदाबहार की पत्तियां कील, मुहांसे और झुर्रियों आदि के लिए भी बहुत उपयोगी होती हैं।6. किडनी स्टोन की समस्या में फायदेमंदकिडनी स्टोन की समस्या में सदाबहार की पत्तियों का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। किडनी की पथरी होने पर सदाबहार की पत्तियों को पानी में उबालने के बाद इस पानी को पीने से फायदा मिलता है।ऊपर बताई गयी समस्याओं के अलावा कई अन्य समस्याओं और बीमारियों में सदाबहार की पत्तियों का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। इन समस्याओं में डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही सदाबहार की पत्तियों का इस्तेमाल करना चाहिए।
- आपने अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि डायबिटीज के मरीजों को फ्रूट्स का सेवन नहीं करना चाहिए। फलों में कार्बोहाइड्रेट और नेचुरल शुगर होता है जिसे फ्रुक्टोज कहा जाता है,जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है, लेकिन फिर भी आपको अपनी मील में फ्रूट्स को जरूर शामिल करना चाहिए क्योंकि फलों में विटामिन, मिनरल्स और फाइटोकेमिकल्स होते हैं।फलों में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स की वजह से हार्ट डिजीज, कैंसर, और स्ट्रोक का खतरा कम होता है और यह आपकी ओवरओल हेल्थ को बूस्ट करता है। फलों का सेवन इसलिए भी जरूरी है कि क्योंकि डायबिटीज हार्ट डिजीज और अन्य समस्याओं के जोखिम से जुड़ा हुआ होता है। बहुत से फलों में फाइबर की मात्रा भी पाई जाती है। फाइबर आपके डाइजेशन को स्लो करने, ब्लड शुगर स्पाइक को बढऩे से रोकने में मदद करता है।सभी फ्रूट्स में विटामिन, फाइटोकेमिकल्स और कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। लेकिन कुछ फ्रूट्स ऐसे होते हैं जो क्रॉनिक डिजीज के खतरे को कम कर सकते हैं।आइए जानते हैं उन फ्रूट्स के बारे में -ब्लैकबेरी- एक कप ब्लैकबेरी में 62 कैलोरीज, 14 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 7.6 ग्राम फाइबर होता है।स्ट्रॉबेरीज- एक कप स्ट्रॉबेरीज में 46 कैलोरीज, 11 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 3 ग्राम फाइबर होता है।टमाटर- एक कप टमाटर में 32 कैलोरीज, 7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 2 ग्राम फाइबर होता है।ऑरेंज- एक मीडियम ऑरेंज में 69 कैलोरीज, 17 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 3 ग्राम फाइबर होता है।--
- आयुर्वेद में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खानपान से जुड़े कुछ नियम बताये गए हैं, जिनका पालन करने से आपका शरीर बीमारियों की चपेट में नहीं आता है। हेल्दी और पौष्टिक भोजन का सेवन करने के साथ ही आपको इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि किस समय पर क्या खाना चाहिए। मौसम और समय के अनुसार सही डाइट लेने से आपके शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है और बीमारियां भी दूर होती हैं। आयुर्वेद के हिसाब से रात में क्या खाना चाहिए और आयुर्वेद में रात के भोजन को लेकर क्या बातें कही गयी हैं, आइए जानते हैं विस्तार से।आयुर्वेद के अनुसार शरीर की तीन मुख्य प्रकृति होती है। इन तीन प्रकृति को वात, कफ और पित्त के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद में यह माना जाता है कि जब शरीर में इन तीन तत्वों का संतुलन खराब होता है, तो इसकी वजह से बीमारियां या समस्याएं शुरू होती हैं। भोजन के जरिए शरीर में इन तीनों तत्वों का संतुलन बना रहता है। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के आयुर्वेदिक डॉ एस के पांडेय कहते हैं कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार लेने के साथ ही सही समय पर भोजन करना जरूरी होता है। आयुर्वेद में यह कहा गया है कि शरीर को बीमारियों से दूर रखना है और स्वस्थ रहना है, तो आपको भोजन में 6 तरह के रस- अम्ल, मधुर, लवण, कटु, कषाय और तिक्त जरूर होने चाहिए।रात के समय भोजन करते समय आपको सबसे ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। आयुर्वेद में रात के भोजन को लेकर कुछ नियम बताये गए हैं जो इस प्रकार से हैं-1. रात के समय में डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और शरीर निरोगी रहता है।2. रात में दूध पीना भी शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन भोजन करने से 30 मिनट पहले या भोजन के 30 मिनट बाद ही इसका सेवन करना चाहिए।3. रात के भोजन में दाल का सेवन भी बहुत फायदेमंद होता है, इससे आपके शरीर को प्रोटीन समेत कई जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं।4. आयुर्वेद के मुताबिक रात के भोजन में गेहूं की रोटी का सेवन करने से आपके शरीर को नुकसान हो सकता है।5. रात के भोजन में नमक की मात्रा को संतुलित रखना चाहिए, अगर आप बिना नमक वाला भोजन करते हैं तो यह ज्यादा फायदेमंद होगा।6. हल्दी, मेथी, धनिया, अदरक और जीरा जैसे मसालों का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद होता है, इसलिए रात में इनका सेवन करना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे इस दौरान बहुत ज्यादा मसालेदार खाना नहीं होना चाहिए।रात के खाने से जुड़ी जरूरी बातेंरात में भोजन करने के बाद कम से कम 2 घंटे तक आपको बेड पर जाने से बचना चाहिए। अगर शरीर को हेल्दी और फिट बनाए रखना चाहते हैं, तो सोने से करीब 2 घंटे पहले आपको रात का भोजन कर लेना चाहिए। इसके अलावा रात के समय में हल्का भोजन करना फायदेमंद माना जाता है। रात के समय में मांसाहारी भोजन और हाई फाइबर फूड्स का सेवन करने से भी बचना चाहिए।
- पोषक तत्वों से भरपूर कीवी अपने गुणों के कारण हमारी रसोई में बहुत जल्दी शामिल हो गई। डॉक्टर से लेकर न्यूट्रीशनिस्ट तक इसका सेवन करने की सलाह देते हैं। कीवी का पूरा नाम कीवीफल है। यह बेरीज का एक रूप है, जो न्यूजीलैंड में सबसे ज्यादा प्रचलित है और वहां बड़े पैमाने पर इसकी खेती की भी की जाती है। परंतु यह मौलिक रूप से ईस्टर्न चाइना की पैदावार है। अब जब ये फल हमारी रसोई में दाखिल हो ही चुका है, तो जरूरी है इसके ढेर सारे लाभों के बारे में जानना।कीवी विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के, फोलेट, पोटेशियम मैग्नीशियम, प्रोटीन, कॉपर डाइटरी फाइबर और कैरोटेनॉइड्स का एक अच्छा स्रोत है। यह सभी पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं। वहीं इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं।यह एक स्वादिष्ट और हेल्दी स्नैक्स है। परंतु अन्य फलों की तरह इसमें भी प्राकृतिक रूप से शुगर मौजूद होती है। इस वजह एक सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें, अन्यथा यह आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है।इम्यूनिटी बूस्ट करने में मददगारकीवी में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। विटामिन सी शरीर में इम्युनिटी को बूस्ट करने में मदद करता है और न्यूट्रोफिल्स नामक इम्यून सेल्स के फंक्शन को भी इंप्रूव करता है। पब मेड सेंट्रल द्वारा 2012 में विटामिन सी की कमी से जूझ रहे 15 लोगों के बीच कीवी को लेकर एक शोध किया गया। जहां 6 सप्ताह तक उन्हें एक-एक कीवी खिलाई गई और परिणाम के रूप में उनके शरीर में विटामिन सी की मात्रा को संतुलित देखा गया। हालांकि, दिन में दो कीवी खाने से विटामिन सी का स्तर काफी ज्यादा बढ़ सकता है।हार्ट हेल्थ को बनाए रखेकई स्टडीज के अनुसार नियमित रूप से कीवी का सेवन कई तरह की हृदय से जुड़ी समस्याएं जैसे हाई ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है। 2012 में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 102 स्मोकर पर एक स्टडी की गई। जिसमें उन्हें लगातार 8 सप्ताह तक 3-3 कीवी खिलाई गईं। इसके बाद पाया गया कि सभी व्यक्तियों का ब्लड प्रेशर नियंत्रित है। साथ ही उनके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार हुआ।डाइजेस्टिव सिस्टम होता है दुरुस्तनेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन द्वारा प्रकाशित एक डेटा के अनुसार कीवी में सॉल्युबल और इनसोल्युबल दोनों ही प्रकार के फाइबर मौजूद होते हैं। इतना ही नहीं कीवी के स्किन और फ्लेश दोनों में ही डाइटरी फाइबर बेहतर मात्रा में होता है। फाइबर पाचन क्रिया को संतुलित रखने के लिए बहुत जरूरी होता है। यदि आप कॉन्स्टिपेशन, एसिडिटी और गैस जैसी पेट संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या से परेशान हैं, तो कीवी आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकती है।त्वचा संबंधी समस्याओं से मिलती है निजातपरमिट सेंट्रल द्वारा किए गए रिसर्च के अनुसार कीवी विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है। यह जरूरी विटामिन हमारी स्किन की डलनेस को दूर करने में मदद करता है। वहीं इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी डेड स्किन सेल्स को बनने से रोकते हैं। यह स्किन में कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ाती हैं और त्वचा को यंग और मुलायाम बनाए रखती है।कीवी खाते वक्त इन बातों का रखें खास ध्यान--पोषक तत्वों से भरपूर कीवी स्वादिष्ट होने के साथ ही सेहत के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद होती है। परंतु कई लोग कीवी के कारण एलर्जी से ग्रसित हो चुके हैं।यदि आपको भी कीवी खाने के बाद जीभ में किसी प्रकार का डिस्कंफर्ट महसूस हो रहा है या स्किन पर रैशेज नजर आने लगे, तो फौरन डॉक्टर से मशविरा करना चाहिए।
- मॉनसून गर्मी से राहत प्रदान करता है, लेकिन ये मौसम अपने साथ कई बीमारियों को भी साथ लेकर आता है. इस मौसम में सर्दी, जुकाम और गले में खराश होना आम है. ऐसे में आप मौसमी फूड्स को डाइट में शामिल कर सकते हैं. इनका सेवन आप जूस के रूप में कर सकते हैं. ये इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं.आलूबुखाराआलूबुखारा एक बहुत ही स्वादिष्ट और सेहतमंद फल है. मॉनसून में आप आलूबुखारे के जूस का सेवन कर सकते हैं. ये आपको हाइड्रेट रखने में मदद करता है. आखूबुखारे का जूस पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है. ये इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करताजामुन का जूसजामुन मौसमी फल है. ये मॉनसून के दौरान होता है. जामुन का जूस स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद है. इसमें कई सारे पोषक तत्व होते हैं. ये इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है. आप मॉनसून में जामुन के जूस का सेवन कर सकते हैं.फालसे का शरबतफालसे बहुत ही स्वादिष्ट फल होता है. ये शरीर को पोषण देने का काम करता है. आप डाइट में फालसे के जूस को शामिल कर सकते हैं. ये स्वास्थ्य संबंधिक कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने का काम भी करता है. ये हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है.चेरीमॉनसून के मौसम में आप चेरी के जूस का सेवन कर सकते हैं. ये एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर होती है. इसमें कई सारे पोषक तत्व होते हैं. इसमें विटामिन ए, बी और सी होता है. इसमें पोटैशियम और फास्फोरस होता है. ये इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है.
- रसोई में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ मसाले और हर्ब्स ऐसे होते हैं जो सेहत के लिहाज से बहुत ही फायदेमंद होते हैं. इनमें मौजूद गुण सूजन की समस्या से राहत दिलाने का काम भी करते हैं. सूजन आपके शरीर को कई तरह से प्रभावित कर सकती है. इस कारण कई अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. आप कुछ दवाओं के बिना भी इंफ्लेमेशन की समस्या से राहत पा सकते हैं. ऐसे में आप अपनी डाइट में कई तरह के एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स शामिल कर सकते हैं. आप अपनी डाइट में कई तरह के मसालों और हर्ब्स के शामिल कर सकते हैं. ये सूजन की समस्या से राहत दिलाने का काम करते हैं.आइए जानें एंटी-इंफ्लेमेटरी से भरपूर कौन से फूड्स का आपको रोजाना खाने चाहिए.हल्दीहल्दी एक बहुत ही लोकप्रिय मसाला है. इसमें करक्यूमिन होता है. ये एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट है. इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. आप रोजाना इसका सेवन कर सकते हैं.काली मिर्चकाली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं. ये कई गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिकल समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है.इलायचीइलायची एक सुगंधित मसाला है. इलायची सूजन को कम करने के साथ साथ फैटी लिवर की कंट्रोल करने में भी मदद करती है.दालचीनीदालचीनी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. ये सूजन की समस्या से राहत दिलाने का काम करती है. विशेषज्ञ को अनुसार दालचीनी का सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए.अदरकअदरक का सेवन चाय में लोकप्रिय रूप से किया जाता है. इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. ये सूजन की समस्या से राहत दिलाने का काम करता है. ये सर्दी, पीरियड्स में होने वाले ऐंठन, माइग्रेन, मतली, गठिया और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत दिलाने का काम करता है. ये सूजन और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है.लहसुनलहसुन गठिया, खांसी, कब्ज और अन्य बीमारियों के संक्रमण के इलाज के लिए बहुत ही फायदेमंद है. इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं.मेथीमेथी जोड़ों के दर्द, कब्ज और सूजन से छुटकारा पाने में भी मदद करती है. मेथी का नियमित सेवन वजन कम करने में भी आपकी मदद कर सकता है.थाइमथाइम की खुशबू बहुत ही तेज होती है. इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं. ये गठिया की समस्या से राहत दिलाने का काम करते हैं.रोजमेरीरिसर्च के अनुसार रोजमेरी में मौजूद पॉलीफेनोल्स सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं.
- भारत में मॉनसून के आते ही डेंगू और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं. इसका मुख्य कारण सड़कों पर जमने वाला पानी और गंदगी है. दरअसल, पानी की वजह से मच्छर आसान से पनप पाते हैं और ये मलेरिया जैसी बीमारियों को फैलाते हैं. पानी के जमने जैसे गलतियों को भले ही कम किया जा सकता है, लेकिन अगर हम सावधानियां बरते, तो इस बीमारी के होने का खतरा और कम हो जाता है. कई बार कोशिशों के बावजूद लोग मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं.मलेरिया के होने पर डॉक्टरी इलाज सबसे जरूरी होता है, लेकिन कुछ घरेलू तरीके अपनाकर भी इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है. इन घरेलू उपायों की खासियत है कि अगर आप इन्हें नॉर्मल लाइफ में भी अपनाते हैं, तो आपसे मलेरिया के अलावा कई अन्य बीमारियां भी दूर रहेंगी. जानें आप किस तरह के कुछ घरेलू चीजों का सेवन कर सकते हैं…अदरक का पाउडर और पानीअदरक में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो हमारे शरीर को बीमारियों से बचाते हैं. एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर अदरक का अगर सही तरीके से सेवन किया जाए, तो इससे हमारी इम्यूनिटी बूस्ट होती है. इम्यून सिस्टम अगर स्ट्रॉन्ग होगा, तो आपको मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां अपनी चपेट में ले नहीं पाएंगी. अदरक का पाउडर लें और उसे पानी में मिलाकर पिएं. आयुर्वेद में भी अदरक का विशेष महत्व बताया गया है.पपीते का पत्ता और शहदमलेरिया या डेंगू के होने पर हमारे प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं. इस कंडीशन में दवाओं के अलावा देसी नुस्खे भी अपनाएं जाते हैं. भारत के अधिकतर हिस्सों में आज भी लोग पपीते से जुड़े तरीके अपनाकर प्लेटलेट्स काउंट्स को बढ़ाते हैं. पपीते के पत्तों में कई ऐसे गुण होते हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं. पपीते के पत्तों को पानी में उबाल लें और उसमें शहद मिलाकर सुबह-सुबह ये हेल्दी ड्रिंक पिएं. आपको अगर मलेरिया हुआ है और आप इस नुस्खे को अपनाते हैं, तो इससे ये प्रॉब्लम जल्द दूर हो सकती है.मेथी दानादेसी तरीकों से इम्यूनिटी बूस्ट करने की बात हो, तो भला मेथी दाना के नुस्खे को कैसे भूला जा सकता है. मेथी दाना में एंटी-प्लाज्मोडियम होता है, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करके मलेरिया के वायरस को खत्म करने का काम करता है. मेथी दाना के नुस्खे को अपनाने के लिए रात में इसके बीजों को भिगो दें और सुबह इस पानी को हल्का सा गर्म करके पिएं. आप चाहे तो भिगोए हुए बीजों का पेस्ट बनाकर भी खा सकते हैं.
- चावल, विटामिन बी जैसे कई पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत है। यह त्वचा की संरचना को बेहतर बनाने में मदद करता है। आज हम आपको चावल के आटे से बने कई ऐसे फेस पैक के बारे में बताएंगे जो आपके लिए ब्यूटी हैक्स के तौर पर काम आएंगे। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो सावधानी से इनका इस्तेमाल करें। इसके अलावा, चावल के आटे का ये फेस पैक आपकी त्वचा के लिए पूरी तरह से अद्भुत है।चावल के आटे का फेस पैक आपके रोमछिद्रों को कसता है और आपकी त्वचा को टोन करता है। इस प्रकार, यह तेल के स्तर को संतुलित करता है और मैट प्रभाव देता है। चावल के आते के विभिन्न प्रयोगों के बारे में हमने बात की ब्यूटी एक्सपर्ट हिना चौधरी से जिन्होंने ने हमसे चावल के बने चार ऐसे पैक साझा किए जिनकी मदद से हम कई तरह की स्किन प्रॉब्लम्स से छुटकारा पा सकते हैं।1 काले धब्बे हटाने के लिएचावल के आटे से बने इस शानदार फेस पैक में ब्लैक टी के एंटीऑक्सिडेंट शामिल हैं, जो त्वचा से हानिकारक विषाक्त पदार्थों, काले धब्बों, मुंहासों और दोष पैदा करने वाले एजेंटों को बाहर निकालते हैं।चावल का आटा और टी बैग फेस पैकसामग्री:1 बड़ा चम्मच चावल का आटा, 1 ब्लैक टी बैग, आधा कप गरम पानी, 1 चम्मच शहदइस्तेमाल करने का तरीका :एक कटोरी को उबलते पानी से आधा भरें और इसमें ब्लैक टी बैग को 2-3 मिनट के लिए भिगो दें। इसके बाद इसमें चावल का आटा और शहद मिलाएं। एक चिकना पेस्ट बनाएं और धीरे से इससे त्वचा की मालिश करें। 10-15 मिनट सूखने दें। अपना चेहरा धो लें। बेहतर परिणाम के लिए अपने चेहरे को ठंडे पानी से धोएं।डार्क पिग्मेंटेशन-चावल के आटे का यह फेस मास्क प्राकृतिक रूप से पौष्टिकता से भरपूर चीज़ों के संयोजन से बनता है।चावल का आटा, हल्दी और क्रीम फेस पैकसामग्री: 1 छोटा चम्मच चावल का आटा, 1 छोटा चम्मच फ्रेश क्रीम, 1 चुटकी हल्दी पाउडरइस्तेमाल करने का तरीका:एक कटोरे में चावल का आटा, ताजी क्रीम और हल्दी पाउडर मिलाएं। मिश्रण को अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं। ठंडे पानी से धोने से पहले इसे 10-15 मिनट तक सूखने दें। बेहतर परिणामों के लिए, इसे सप्ताह में कम से कम एक बार ज़रूर इस्तेमाल करें।3 टैनिंग हटानासूरज के संपर्क में ज़्यादा आना आपको पिगमेंटेशन और अल्ट्रावॉयलेट रेज़ का शिकार बना सकता है। जिसके कारण आपकी स्किन धब्बेदार या टैनिंग की शिकार हो सकती है। गुलाब जल त्वचा को प्राकृतिक चमक और ठंडक देता है। जबकि शहद त्वचा को अंदर से पोषण और मॉइस्चराइज़ करता है।चावल का आटा, गुलाब जल और शहद का फेस पैकसामग्री: 2 बड़े चम्मच चावल का आटा, 1 चम्मच शहद, 1 छोटा चम्मच गुलाब जलइस्तेमाल करने का तरीका:एक मिक्सिंग बाउल में, सभी सामग्री को मिला लें। चेहरे पर लगाएं। इसे 10-15 मिनट तक सूखने दें गर्म पानी का उपयोग करके, इसे धो लें।सर्वोत्तम परिणामों के लिए, सप्ताह में कम से कम एक बार दोहराएं। इसका मतलब यह नहीं है कि आप सनस्क्रीन लगाने में कोताही करें। बाहर निकलते समय सनब्लॉक है!4 ड्राई स्किन में लाए जान---चावल का आटा रूखेपन को कम कर सकता है, त्वचा की लोच बढ़ा सकता है, खुरदरापन कम कर सकता है और नियमित रूप से चेहरे और त्वचा पर लगाने पर त्वचा को हल्का कर सकता है। सर्वोत्तम परिणामों के लिए, सप्ताह में कम से कम एक बार मास्क लगाएं।चावल का आटा, खीरा और एलोवेरा फेस मास्कसामग्री: 2 बड़े चम्मच चावल का आटा, 2 बड़े चम्मच एलोवेरा जेल 2 बड़े चम्मच कद्दूकस किया हुआ खीराइस्तेमाल करने का तरीका:एक मिक्सिंग डिश में चावल का आटा, एलोवेरा जेल और कद्दूकस किया हुआ खीरा डालें। सभी सामग्री को एक मिक्सिंग बाउल में मिलाएं और चिकना होने तक फेंटें।पेस्ट को अपने चेहरे पर धीरे से एकसार करते हुए लगाएं। लगाने के बाद 20 मिनट के लिए छोड़ दें। गुनगुने पानी से अपना चेहरा धो लें। बेहतर अवशोषण के लिए इस मास्क का उपयोग करने से पहले अपने चेहरे को गीला करें।
- नींबू विटामिन सी का सबसे सुलभ और विश्वसनीय स्रोत है। आप इसे दाल, सब्जी, सलाद, अचार किसी भी चीज में शामिल कर सकती हैं। नींबू के सेवन का लाभ सिर्फ आपके अंदरूनी स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि आपकी त्वचा और नाखूनों को भी मिलता है। ज्यादातर लोग वेट लॉस के लिए सुबह खाली पेट नींबू पानी पीना पसंद करते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि हर रोज सुबह नींबू पानी से अपने दिन की शुरूआत करना सिर्फ वेट लॉस ही नहीं, आपकी सेहत को और भी कई फायदे देता है।वजन घटाने में मदद करता हैक्या आप वजन कम करने की कोशिश कर रही हैं? नींबू पानी आपके इस लक्ष्य को पाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। वजन कम करने के लिएआपकी दिनचर्या की शुरुआत बहुत मैटर करती है, क्योंकि सुबह को इस काम के लिए सबसे अच्छा समय कहा जाता है।एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाएं और उसे सुबह खाली पेंट पिएं।एनसीबीआई की एक रिसर्च के मुताबिक यह जादुई औषधि शरीर के मेटाबॉलिज्म को काफी हद तक बूस्ट कर सकती है। वजन कम करने के लिए, आपको उपभोग से अधिक कैलोरी जलाने की जरूरत है। स्पीडी और हाई मेटाबॉलिज्म वाला व्यक्ति कम चयापचय वाले व्यक्ति की तुलना में अपने सभी आवश्यक कार्यों को करने के लिए अधिक कैलोरी का उपयोग करता है।एंटीऑक्सीडेंट बूस्टनींबू पानी के फायदों पर बात करते हुए न्यूट्रीशनिस्ट अनिता जेना बताती हैं कि सुबह नींबू पानी पीने से आपके शरीर को एक संपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट बूस्ट मिल सकता है। नींबू विटामिन सी की अच्छाइयों से भरा हुआ है।विटामिन सी एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सिडेंट है, जो स्किन हेल्थ और इम्यूनिटी को बेहतर बनाने में मदद करता है। आपके डीएनए को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है, जो उम्र बढऩे के प्रॉसेस को धीमा करने और आपको विभिन्न हृदय रोगों यहां तक कि कैंसर से भी बचाने में मदद कर सकता है।गुर्दे की पथरी के खतरे को कम करता हैएनसीबीआई के एक अध्ययन के अनुसार, दिन की शुरुआत में ही नींबू पानी का सेवन करने से किडनी स्टोन बनने के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। किडनी स्टोन होने का एक बड़ा लक्षण पेशाब करते हुए दर्द होना भी होता है।नींबू पानी में मौजूद साइट्रिक एसिड इन कैल्सीफाइड जमा को बाहर निकालने में मदद करता है और नींबू से एसिड पथरी को एक साथ आने से रोकने में मदद कर सकता है।पाचन में सहायता करता हैनींबू के रस की अम्लीय संरचना आपके शरीर से अवांछित सामग्री और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। नींबू पानी लिवर द्वारा पित्त पैदा करने वाले सभी कारणों से लड़ता है। यह आगे पाचन और डीटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है। इसके अलावा, नींबू पानी जलन, डकार और सूजन को भी ठीक करता है।मूड को एक्टिव और अपलिफ्ट करता हैएक गिलास नींबू पानी आपको दिन की शुरुआत में आवश्यक ऊर्जा को बढ़ावा दे सकता है। इसकी स्फूर्तिदायक गंध आपको नींद से जगाने और आपके मूड को तरोताजा करने के लिए शानदार है। विभिन्न विशेषज्ञों के अनुसार इसकी गंध, चिंता और अवसाद के लक्षणों पर भी अंकुश लगा सकती है। इसके अलावा यह आपकी सांसों को भी तरोताजा कर देता है।
- शहद का सेवन आपकी सेहत के लिए कई तरीके से फायदेमंद हो सकता है। शहद में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, विटामिन बी6, कार्बोहाइड्रेट, अमीनो एसिड आदि पोषण तत्व पाए जाते हैं। लेकिन खाली पेट में शहद का सेवन करना आपके लिए और अधिक फायदेमंद हो सकता है। अगर आप सुबह के समय खाली पेट में शहद का सेवन करते हैं, तो इससे आपको वजन कम करने, सर्दी-जुकाम से छुटकारा और अपना इम्यून सिस्टम मजबूत करने में सहायता मिलती है। आइए खाली पेट शहद खाने के फायदे और तरीकों के बारे में विस्तार से जानते हैं।1. वजन कम करने के लिए फायदेमंदआप वजन कम करने के लिए खाली पेट में गुनगुने पानी के साथ शहद का सेवन कर सकते हैं। इससे शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद मिलती है। आप चाहे तो इसमें नींबू या जीरा पाउडर भी मिला सकते हैं। यह आपके शरीर के लिए एक अच्छे डिटॉक्स वॉटर के रूप में इस्तेमाल आ सकता है।2. खांसी की समस्या में कारगरगले की खांसी को दूर करने के लिए भी आप शहद का सेवन कर सकते हैं। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण कफ को खत्म करने में सहायता कर सकते हैं और आपकी खांसी को भी कम कर सकते हैं। इसे आप सुबह के समय गर्म पानी के साथ पी सकते हैं। इससे गले को काफी राहत मिलती है।3. इम्यून सिस्टम मजबूत बनाएशहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण आपको इंफेक्शन से दूर रहने में सहायता कर सकते हैं। इसे आप खाली पेट में खा सकते हैं। शहद को आप तुलसी के पत्ते के साथ भी खा सकते हैं। यह भी काफी लाभदायक हो सकता है।4. कील-मुहांसों को दूर करेकील-मुहांसों की समस्या कई लोगों को बहुत परेशान करती है। खासकर जिन लोगों की स्किन ऑयली होती है, उन्हें पिंपल्स की समस्या अधिक होती है। ऐसे में शहद में मौजूद पोषक तत्व आपको मुहांसों की दिक्कत से निजात दिला सकते हैं। इसके लिए आप शहद का सेवन भी कर सकते हैं और स्किन पर लगा भी सकते हैं। इससे मुहांसों से जल्दी छुटकारा मिल सकता है।5. गले की खराशआमतौर पर कई लोग गले की खराश की समस्या से अक्सर परेशान रहते हैं। ऐसे में गले की खराश को दूर करने के लिए आप खाली पेट में एक चम्मच शहद का सेवन अजवाइन या अदरक के साथ कर सकते हैं। इससे आपकी गले की खराश में काफी आराम मिल सकता है।
- मौसमी फल होने के कारण इन दिनों जामुन कई चौक-चौराहों पर बिकते दिख जाता है। इसे जामुन के अलावा जंबुल, ब्लैक प्लम, जावा प्लम, जंबोलन के नाम से भी जाना जाता है। अपने गहरे रंग और खट्टे-मीठे स्वाद की वजह से यह फल काफी पंसद किया जाता है। यह फल कई तरह के आयुर्वेदिक गुणों और विटामिन्स से भरपूर है। जामुन विटामिन-ए और विटामिन-सी का अच्छा स्रोत है जो आंखों व त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। त्वचा को चमकदार बनाने और मुंहासों को जड़ से खत्म करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि जामुन का फल 70 प्रतिशत खाने योग्य होता है। इसमें ग्लूकोज और फ्रक्टोज दो मुख्य स्रोत होते हैं। फल में खनिजों की संख्या अधिक होती है। अन्य फलों की तुलना में यह कम कैलोरी प्रदान करता है। एक मध्यम आकार का जामुन 3-4 कैलोरी देता है। इसके बीज में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम की अधिकता होती है। यह आयरन का बड़ा स्रोत है। प्रति 100 ग्राम जामुन में एक से दो मिलीग्राम आयरन होता है। इसमें विटामिन-बी, कैरोटिन, मैग्नीशियम और फाइबर भी होता है।जामुन को मधुमेह, एनीमिया, पेट की समस्याओं, यकृत व पथरी रोग के उपचार के साथ-साथ दस्त, मेनोरेजिया (अतिरिक्त रक्तस्राव), मतली और उल्टी की समस्या से परेशान लोगों के लिए अमृत के समान बताया गया है। इसके ये विशिष्ट गुण इसे हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद बनाते हैं। डॉ. शुक्ला ने बताया कि जामुन का केवल फल ही नहीं, बल्कि इसके बीज, छाल और पत्तियों का उपयोग विभिन्न गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। जामुन एंटीऑक्सिडेंट का सबसे समृद्ध स्रोत है। साथ ही इसमें फ्लेवोनोइड पाया जाता है जो पूरे शरीर के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता हैजामुन में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर की कई परेशानियों को दूर करने में प्रभावी है। जामुन की तरह जामुन की छाल भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। इसमें कई तरह के आवश्यक तत्व जैसे फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, आयरन और विटामिन पाए जाते हैं। जामुन के छाल का इस्तेमाल आयुर्वेद की कई औषधियों में किया जाता है। खासतौर पर मधुमेह के रोगियों को जामुन की छाल का सेवन करने की सलाह दी जाती है। अक्सर डायबिटीज रोगियों को जामुन की गुठली का पाउडर खाने की सलाह दी जाती है। आयुर्वेद में शुगर को नियंत्रित करने के लिए जामुन की छाल का सेवन करने की भी सलाह दी जा सकती है। जामुन की गुठली की तरह इसमें भी ब्लड-शुगर को कंट्रोल करने का गुण होता है, जो डायबिटीज की समस्याओं को कंट्रोल करने में प्रभावी है।गले में होने वाले दर्द, खराश और जलन को दूर करने के लिए जामुन की छाल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए जामुन की छाल को एक कप पानी में उबाल लें। अब इस पानी से नियमित रूप से सुबह-शाम कुल्ला करें। इससे गले में होने वाले दर्द और खराश से आराम मिलता है। आयुर्वेद के अनुसार, जामुन के फल को खाली पेट खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा इस फल को खाने के कम से कम एक घंटे बाद और पहले तक दूध का सेवन करने से भी बचना चाहिए। ऐसा नहीं करने से फायदे की जगह स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने की संभावना रहती है। जामुन की छाल गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होती है। हालांकि इसका सेवन करने से पहले एक बार विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
- मखाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। मखाने में कैलोरी और फैट काफी कम मात्रा में पाया जाता है। मखाना एंटी ऑक्सीडेंट्स का भंडार होता है, जो हृदय और किडनी संबंधित समस्याओं से बचाने में काफी मददगार साबित होता है। क्या आपने कभी दूध में मखाना उबालकर इसका सेवन किया है? अगर नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको दूध में मखाना उबालकर खाने के कुछ स्वास्थ्य फायदों के बारे में बताएंगे।1. पेट संबंधी समस्याओं में फायदेमंदमखाने को पुराने समय से ही हृदय के लिए फायदेमंद माना गया है। मखाना एंटी ऑक्सीडेंट्स का भंडार है, जो आपको पेट संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार होता है। मखाने में फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के साथ ही कब्ज आदि से भी छुटकारा दिलाता है। वहीं मखाने को दूध में उबालने से दूध में पाए जाने वाला लैक्टॉस भी मखाने में अवशोषित होता है, जो पेट दर्द, ब्लोटिंग आदि समस्याओं में मददगार साबित होता है।2. डायबिटीज में मददगारडायबिटीज की समस्या में भी मखाना और दूध का सेवन एक साथ करना काफी लाभदायक माना जाता है। दूध में मखाना उबालकर खाने से आपका ब्लड ग्लूकोज और ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित होता है। डायबिटीज के मरीज दूध में मखाना उबालकर बेझिझक इसका सेवन कर सकते हैं। इसके नियमित सेवन से उनका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित होगा। मखाने में एंटी डायबिट प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो डायबिटीज के लक्षणों से भी बचाते हैं।3. जोड़ों के दर्द में सहायकआमतौर पर कैल्शियम की कमी के कारण जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। मखाने को दूध में उबालकर खाना हड्डियों के लिए किसी औषधि से कम नहीं है। मखाना और दूध दोनों ही कैल्शियम का बेहतरीन स्त्रोत हैं। दोनों ही एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज से भरपूर होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन आदि की समस्या में काफी प्रभावशाली माने जाते हैं।4. कमजोरी दूर करेदूध और मखाना दोनों ही एनर्जी का एक बेहतरीन स्त्रोत हैं। दोनों का सेवन करने मात्र से ही शरीर में इंस्टेंट एनर्जी आती है। मखाने को दूध में उबालकर खाने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है। मखाना और दूध का सेवन करने से शरीर में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स औऱ फाइबर आदि जैसे कई पोषक तत्व अवशोषित होते हैं, जो आपकी शारीरिक कमजोरी को दूर करने में सहायक होते हैं।5. अनिद्रा में फायदेमंदअगर आप भी अनिद्रा के शिकार हैं तो मखाना और दूध का सेवन कर सकते हैं। एक शोध की मानें तो अनिद्रा की समस्या में मखाने का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है। वहीं दूध पीने से भी नींद नहीं आने की समस्या में राहत मिलती है। इसके लिए आप रात के समय दूध में उबले हुए मखाने खाएं और बचा हुआ दूध पीकर सो जाएं। इससे आपको जल्दी नींद आएगी।6. हृदय के लिए फायदेमंदमखाने में मैगनीशियम, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और फ्लेवेनॉइड्स आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हृदय रोगों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। वहीं हाल ही में हुए एक शोध की मानें तो नियमित तौर पर दूध का सेवन करने से आपके कोरोनरी आर्टरी डिजीज होने की आशंका काफी कम हो जाती है। इसलिए हृदय स्वस्थ रखने के लिए आप दूध में मखाने को उबालकर उसका सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप उबले हुए मखानों को खाने के बाद ऊपर से दूध का सेवन करें।नोट-अगर आप प्रेगनेंसी या फिर किसी बीमारी में इसका सेवन कर रहे हैं तो एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर लें।