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- कोरोना से हर कोई बचना चाहता है। इसलिए इससे बचने के लिए हम तरह-तरह के नुस्खों को आजमा रहे हैं। हम में से कई लोग दिन में बार-बार स्टीम, बार-बार काढ़ा पीना, बार-बार स्टीम लेना जैसे उपाय अपना रहे हैं। ताकि कोरोना से दूर रह सकें। इस वजह से कई लोगों की यह धारणा बन चुकी है कि बार-बार स्टीम लेने से और गरारा करने से कोरोना बाहर आ जाएगा या फिर खत्म हो जाएगा। क्या इस बात में सच्चाई है? क्या गरारे करने से आप कोरोना को खत्म कर सकते हैं? क्या गरार से कोरोना को बाहर किया जा सकता है? इस बारे में अधिक जानकारी दे रहे हैं नोएडा स्थित हीलिंग केयर ईएनटी क्लीनिक के ईएनटी स्पेशलिस्ट (एमबीबीएस एमएस) डॉ अंकुर गुप्ता .....डॉक्टर अंकुर गुप्ता बताते हैं कि सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि हम गरारा करते क्यों है? गरारा करने का मकसद गले में मौजूद गंदगी को साफ करना होता है। गले के अंदर कंजेशन (जैसे गला खराब होना, गले में सूजन) की वजह से गरारे करने की सलाह दी जाती है। लेकिन आजकल जो लोग कोरोना (नमक पानी, हल्दी पानी इत्यादि चीजों से गरारा करना) को मारने के मकसद से गरारा कर रहे हैं, उसका कोई साइंटिफिक रिसर्च नहीं हुआ है। डॉक्टर का कहना है कि इस तरह का कोई रिसर्च नहीं हुआ है, जिसमें यह बताया गया है कि हल्दी या फिर नमक के पानी से गरारा करने से कोरोना वायरस मर जाएगा या फिर बाहर आ जाएगा। डॉक्टर बताते हैं कि गरारा करने का मुख्य मकसद ओरल हाइजीन होती है। गले के अंदर कोई गंदगी न हो और गले में अगर थोड़ा बहुत सूजन हो, तो उसे कम करने में गरारा फायदेमंद हो सकता है। अगर आपको जुकाम या फिर गला खराब है, तो इन समस्याओं को दूर करने के लिए गरारा कर सकते हैं।ज्यादा गरारा करने के नुकसानडॉक्टर अंकुर गुप्ता बताते हैं कि इन दिनों अगर आप ज्यादा या फिर स्ट्रॉन्ग गरारा कर रहे हैं, तो इससे आपको कई साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। जैसे-ब्लड प्रेशर पर पड़ सकता है असर- डॉक्टर का कहना है कि जो लोग इन दिनों नमक के साथ काफी ज्यादा गरारा कर रहे हैं, उनके ब्लड प्रेशर पर असर पड़ सकता है। दरअसल, जो लोग हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी से जूझ रहे हैं। अगर वे लोग नमक के पानी से अधिक गरारा करते हैं, तो कही न कही शरीर में नमक अब्जॉर्ब होने लगता है, जिसके कारण बीपी पर असर पड़ सकता है।गले में सूजन - डॉक्टर अंकुर का कहना है कि अगर सामान्य व्यक्ति दिन में जरूरत से अधिक गरारा करता है, तो उनके गले में सूजन की समस्या हो सकती है। ऐसे में अधिक गरारा करने से बचें।गले में हो सकता है अल्सर - अधिक गर्म पानी से अगर आप गरारा करते हैं, तो आपके गले में अल्सर जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए ज्यादा गर्म पानी से गरारा करने से बचें।गले में रैशेज की हो सकती है परेशानी- अधिक गर्म पानी के बार-बार इस्तेमाल से गले में रैशेज की परेशानी हो सकती है। कुछ लोगों के मुंह में छाले भी हो सकते हैं। क्योंकि बार-बार गर्म पानी के इस्तेमाल से मुंह में रैशेज होने लगता है।दिन में कितनी बार करने चाहिए गरारे?डॉक्टर अंकुर का कहना है कि एक सामान्य व्यक्ति को दिन में 3 बार से ज्यादा गरारा नहीं करना चाहिए। पानी का तापमान ज्यादा न रखें। डॉक्टर अंकुर बताते हैं कि गरारा करने के दौरान मुंह में पानी को 9 से 10 सेकंड से ज्यादा न रखें। हमेशा हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। ताकि आपका मुंह जले न। इससे आपके गले और मुंह में परेशानी हो सकती है। ध्यान रखें कि गरारा करने से कोरोना मरता नहीं है, बल्कि इससे आप सिर्फ अपने ओरल हाइजीन का ख्याल रख रहे हैं। इस तरह का कोई रिसर्च नहीं हुआ है, जिसमें यह बताया गया हो कि गरारा करने से कोरोना को खत्म किया जा सकता है। इसलिए कोरोना खत्म करने के उद्देश्य से गरारा न करें। डॉक्टर बताते हैं कि वे अपने मरीजों को खाने के बाद गरारा करने की सलाह देते हैं। दिन में तीन बार ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के बाद गरार करें। आप गरारा नॉर्मल पानी से भी कर सकते हैं। गरारा करने का मुख्य उद्देश्य मुंह में मौजूद खाने के कण को साफ करना होता है।कैसा गरारा करना होता है बेहतर?हम में से अधिकतर लोग इन दिनों नमक के पानी से गरारा कर रहे हैं। लेकिन क्या यह एक बेहतर ऑप्शन है? इस बारे में डॉक्टर बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति का गला खराब है, गले में सूजन है, गले में दर्द है, तो ऐसे व्यक्ति को वे पानी में बीटाडीन मिक्स करके गरारा करने की सलाह देते हैं। क्योंकि बीटाडीन एक एंटीबैक्टीरियल दवाई है, जो इंफेक्शन को दूर करने में हमारी मदद करता है। साथ गले की परेशानी से जूझ रहे व्यक्ति को दिन में कई बार गरारा करने की भी सलाह दे सकते हैं। वहीं, अगर कोई नॉर्मल व्यक्ति है, तो उसे हल्के गुनगुने पानी में 1 चुटकी से भी कम नमक डालकर गरारा करने की सलाह दी जा सकती है। ऐसे व्यक्ति दिन में तीन बार (ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के बाद) से अधिक गरारा न करें। ध्यान रहे कि इससे सिर्फ आप मुंह की गंदगी को साफ कर सकते हैं। नमक का पानी कोरोना को खत्म नहीं कर सकता है। इससे जुड़ी कोई भी स्टडी नहीं हुई है कि नमक का पानी कोरोना को खत्म करेगा।हल्दी के पानी से गरारा करने की क्या है राय?डॉक्टर अंकुर का कहना है कि हल्दी का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। यह कई एंटी-सेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। इसलिए कई तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है। हल्दी के गुणों को हम अनदेखा नहीं कर सकते हैं, लेकिन किसी भी चीज का अति से ज्यादा इस्तेमाल करना नुकसानदेय हो सकता है। इसलिए अगर आप सही मात्रा में हल्दी यूज कर रहे हैं, तो इससे कोई नुकसान नहीं होगा। वहीं, अगर ज्यादा यूज करते हैं, तो इससे नुकसान भी हो सकता है। अगर आप हल्दी यूज कर रहे हैं, तो किसी आयुर्वेदिक हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। ताकि वे आपको इससे जुड़ी सही जानकारी दे सकें।ध्यान रखें कि कोरोना वायरस को घरेलू नुस्खा खत्म नहीं कर सकता है। अभी तक इससे जुड़ा कोई रिसर्च सामने नहीं आया है। इसलिए कोरोना के हल्के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें। घर में खुद का इलाज करने से बचें, ताकि आपको गंभीर परिस्थिति का सामना न करना पड़े।
- कोरोना काल में शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे इम्यूनिटी की परवाह न हो। बढ़ते प्रकोप में लोग अपनी इम्यूनिटी का खास ध्यान रखने लगे हैं। इस महामारी के दौर में लोगों को अच्छी इम्यूनिटी होने का महत्व समझ आने लगा है। इम्यूनिटी कई चीजों से बूस्ट की जा सकती है। इन्हीं में से एक है दही और गुड़। दही और गुड़ के एक साथ सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट की जा सकती है। अगर आप नियमित रूप से दही में चीनी के बजाय गुड़ का सेवन करते हैं, तो यह आपकी मजबूत इम्यूनिटी के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। चलिए जानते हैं गुड़ और दही एक साथ खाने से होने वाले अन्य फायदे-इम्यूनिटी बूस्टर है दही-गुडदही और गुड़ के सेवन से भी आप इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं। दही में पाए जाने वाले पोषक तत्व प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं। साथ ही दही को एनर्जी का काफी अच्छा स्त्रोत माना जाता है। नियमित रूप से दही और गुड़ के सेवन से अनिद्रा की शिकायत दूर की जा सकती है। खाने के बाद दही और गुड़ का सेवन करना हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है। कोरोनाकाल में दही का सेवन करना हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है। इससे आप शरीर की कई बीमारियों को दूर कर सकते हैं।सर्दी-जुकाम को करे दूरगुड़ और दही का एक साथ सेवन करने से सर्दी-जुकाम की परेशानी को दूर की जा सकती है। दरअसल, गुड़ में आयरन, विटामिंस, कैल्शियम, सेलेनियम, मैग्नीज, कॉपर और पोटेशियम जैसे तत्व भरपूर रूप से होते हैं, जो शरीर की कई बीमारियों को दूर करने में असरकारी माने जाते हैं। अगर आपको सर्दी-जुकाम की परेशानी है, तो गुड़ और दही का सेवन करें। साथ ही इसमें आप काली मिर्च भी मिक्स कर सकते हैं, इससे सर्दी-जुकाम की परेशानी दूर हो सकती है।आयरन की कमी होगी दूरआयरन की कमी होने पर शरीर में खून की कमी हो सकती है। अगर आप रोजाना खाने में गुड़ का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे शरीर में आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है। खाने के बाद गुड़ और दही का सेवन हमारे शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर करता है। साथ ही खून की कमी को भी दूर कर सकता है।पीरियड्स की समस्यापीरियड्स के दिनों में कई महिलाओं को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। ऐसे में दही और गुड़ आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। गुड़ और दही का एक साथ सेवन करने से पीरियड्स के दिनों में होने वाले दर्द की समस्या को दूर की जा सकती है। साथ ही यह पेट में ऐंठन को भी कम करता है।वजन को करे कमयदि आप बढ़ते वजन की समस्या से परेशान हैं, तो गुड़ और दही का सेवन जरूर करें। गुड़ के सेवन से पाचन क्रिया दुरुस्त होता है। साथ ही इससे कब्ज, डायरिया, एसिडिटी जैसी समस्या भी दूर होती है। अगर आप लगातार कुछ दिनों तक गुड़ और दही का सेवन करते हैं, तो इससे आपको कई अचूक फायदे हो सकते हैं।पाचन शक्ति को बढ़ाएपेट की कई समस्याओं को दूर करने में दही का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। दही के सेवन से पेट फूलना, मतली और अपच जैसी परेशानी को दूर की जा सकती है। पेट से संबंधित परेशानी होने पर सुबह दही के साथ गुड़ का सेवन करें। इससे पेट से जुड़ी परेशानी दूर हो सकती है।
- एल्डरबेरी सबसे ज्यादा दवाइयों में इस्तेमाल होने वाले पौधों में से एक है। इसका वनस्पतिक नाम सैम्बूकस है। देखने में ये बिल्कुल जामुन जैसी लगती है। सदियों से अमेरीका के लोग एल्डरबेरी का इस्तेमाल इंफेक्शन को दूर करने के लिए करते आ रहे हैं। प्राचीन मिस्त्र के लोग इसका उपयोग त्वचा की रंगत सुधारने और घाव भरने के लिए करते हैं। एल्डरबेरी पेड़ के फूल और पत्तियों में भी औषधीय गुण होते हैं। इसके फूल कैरोटीन, टैनिक, पैराफिन और कोलीन जैसे तत्वों का स्त्रोत हैं।एल्डरबेरी के फूलों और पत्तियों को दर्द से राहत, सूजन और पसीना उत्पन्न करने के लिए प्रयोग किया जाता है। सूखी बेरी और जूस को इन्फ्लूएंजा, संक्रमण, स्कायटिका, सिरदर्द, दांत दर्द और हृदय दर्द के इलाज के लिए अच्छा माना जाता है। बेरी को पकाकर जूस, जैम, चटनी, पाई और वाइन भी बनाई जाती है। एल्डरबेरी विटामिन सी, डायटरी फाइबर, फिनोलिक एसिड, फ्लेवानोल और एंथोस्यानिस का अच्छा स्त्रोत है। आइये जानें इसके गुणों के बारे मेंएंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूरइसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कोल्ड और कफ (सर्दी-जुकाम) को दूर करने के साथ इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करते हैं। कुछ लोग एल्डरबेरी को कोल्ड, फ्लू, स्वाइन फ्लू के लिए लेते हैं। इसे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए भी लिया जाता है।दर्द को करे दूरएल्डरबेरी साइनस के कारण होने वाले दर्द, पैरों में दर्द, नर्व पेन और क्रॉनिक फटिग सिंड्रोम से भी राहत दिलाता है।हृदय के अच्छे स्वास्थ्य के लिएएल्डरबेरी दिल और रक्त वाहिका जो शरीर में रक्त का परिवहन करती हैं दोनों को स्वस्थ रखने में मद्दगार है। कई शोधों में भी ये निष्कर्ष निकला है कि इसके जूस को पीने से खून में से फैट कम होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसके अलावा, इसमें फ्लेवोनोइड और एंथोसायनिन जैसे कम्पाउंड भी होते हैं जो रक्तचाप को कम कर दिल संबंधित परेशानियों से कोसों दूर रखते हैं।स्किन और बालों के लिएएल्डबेरी में एंटी एजिंग और फ्री रेडिकल फाइटिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जो स्किन को नैचुरल डिटॉक्सिफाई करता है। इससे स्किन पर किसी तरह के ब्रेकआउट, पिंपल और निशान नहीं होते हैं। ये दो मुंह बालों से लेकर स्कैल्प पर कोई परेशानी को दूर करने भी मददगार है। साथ ही बालों की ग्रोथ में भी सुधार करता है।कब्ज के लिएएल्डरबेरी और दूसरी सामग्री के साथ बनाई गई चाय कब्ज की परेशानी से राहत दिलाता है।इन बीमारियों में भी है मददगार-इसमें कैंसर-रोधक गुण होते हैं जो कैंसर से लडऩे में मदद करते हैं।-शरीर में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया से लडऩे में मददगार है।-यूवी रेडिएशन से कवच प्रदान करता है।-सही से यूरिन होना।-साइटिका के भयानक दर्द को करे दूर।-मधुमेह के मरीजों के लिए लाभदायक ।-गुर्दे की सूजन को कम करता है।- कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है।
- करेला आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. करेला इम्यूनिटी बूस्ट करता है और इसके साथ ही कई बीमारियों से दूर भी रखता है. करेला का स्वाद कड़वा होने की वजह से लोग इसे खाना पसंद नहीं करते. लेकिन ये बात भले ही कड़वी लगे, पर सच ये है कि कड़वा हमारी सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है.बढ़ाता है इम्यूनिटी पावरविटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर करेला रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा करेला आपके दिल के लिए बेहद अच्छा है।पथरी की शिकायत होने परआपको अगर पथरी की शिकायत है तो करेले के रस का सेवन करें, आपको बहुत लाभ होगा. इससे पथरी निकलने में हेल्प मिलेगी. इसके लिए बेहतर होगा कि करेले के रस का ही सेवन करें.लीवर होता है मजबूतकरेले का जूस पीने से लीवर मजबूत होता है और लीवर की सभी समस्याएं खत्म हो जाती है. रोज़ाना एक गिलास करेला का जूस पीने से पीलिया की समस्या दूर हो जाती है.पस निकाल देता है करेला, घाव को करता है ठीकघाव या फोड़ा होने पर करेले की जड़ को घिसकर फोड़े या घाव वाली जगह पर लगा दें. इससे फोड़ा भी निकल जाएगा और पस भी निकल जाएगी. करेले के पत्ते को पीसकर थोड़ा गर्म करके पट्टी में बांधकर घाव पर लगा दें. इससे पस निकल जाएगी.पेट की परेशानियां करता है दूरपेट संबंधी परेशानियों को दूर करने में करेला बहुत लाभकारी है. करेला और इसके जूस के तो फायदे होते ही हैं, करेले की पत्तियां और छिलका भी बहुत उपयोगी होता है.अस्थमा के मरीजों के लिए लाभकारीकरेला अस्थमा की शिकायत को दूर करता है. अस्थमा के मरीज बिना तेल, मसाले की करेले की सब्जी खाएं तो उन्हें काफी आराम मिलेगा.ये तो हैं करेले के बहुत से फायदे जो आपको हेल्दी रखते हैं. इन फायदों के अलावा भी फायदे हैं जिनको हम यहां पर नहीं लिख पा रहे हैं. अब आपको बताते हैं इसकी कड़वाहट दूर कैसे कर सकते हैं.करेले का रस कैसे निकाला जाए?करेले का रस निकालने के लिए पहले ऊपर के छिलके को छील लें फिर इसे ग्राइंड कर लें. है न बहुत आसान पर पीने में आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है. कई शोधों में सामने आया है कि करेले के रस को लगातार इस्तेमाल करने से इंसुलिन की जरूरत नहीं रहती. शुगर के रोगियों के लिए तो ये बहुत फायदेमंद होता है. अब बात करते हैं इसकी कड़वाहट निकालने की.करेले की कड़वाहट कैसे दूर किया जाए?आपने देखा होगा कि घर में करेला बनाते समय मम्मी-दादी उसको बनाने से पहले ऊपर का भाग छीलतीं हैं फिर उसमें नमक लगाकर थोड़ी देर के लिए अलग रख देती हैं. बाद में पानी डालकर उसमें नमक निकाल देती है. नमक के साथ कड़वाहट भी बाहर निकल जाती है और थोड़ी देर बाद उनको सब्जी के लिए यूज कर लिया जाता है. ये ऐसा घरेलू तरीका है जिससे कड़वाहट को दूर किया जा सकता है.--
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कोरोना से बचने या उबरने के बाद आपको क्या खाना चाहिए? केंद्र सरकार ने ट्वीट कर ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची जारी की है जिसे खाकर कोविड से रिकवरी कर सकते हैं और कुछ हद तक कोविड से बच भी सकते हैं। वैसे भी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए समय समय पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, डॉक्टर्स, वैज्ञानिक और आयुर्वेदाचार्य जैसे जिम्मेदार लोग समय समय पर लोगों को संक्रमण से लडऩे की ताकत बढ़ाने के लिए जरूरी फूड आइटम्स का सेवन करने की सलाह देते रहते हैं। इस कड़ी में एक बार फिर केंद्र सरकार के एक अधिकारिक ट्विटर हैंडल माइ गव की ओर से जारी सूची में कुछ फलों, डॉर्क चॉकलेट और हल्दी वाले दूध को इम्यूनिटी वर्धक बताया गया है। चलिए जानते हैं कौन से हैं वो जरूरी इम्यूनिटी बूस्टिंग फूड्स।
1. डॉर्क चॉकलेटकोरोना के दौरान कई लोगों को डर या एंग्जाइटी भी महसूस हो रही है, आसपास की बुरी खबरों का असर भी दिमाग पर पड़ रहा है जिसे देखते हुए सरकार ने जो लिस्ट जारी की है उसमें लिखा है आप एंग्जाइटी कम करने के लिए थोड़ी सी डॉर्क चॉकलेट खा सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि उसमें 70 प्रतिशत कोकोआ होना चाहिए।2. हल्दी दूधआपको रोजाना हल्दी वाला दूध पीना है ताकि आपकी इम्यूनिटी बनी रही। हल्दी में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं। कोविड के नए स्ट्रेन में गंभीर मरीजों को फंगल इंफेक्शन हो रहा है, ऐसे में अगर रोजाना हल्दी का दूध पीने की आदत डाल लें तो इंफेक्शन का कम असर शरीर पर होगा।3. विटामिन और मिनरलआपको हर दिन 5 अलग-अलग रंगों के फल और सब्जियों को मिलाकर खाना चाहिए। आप मिक्स्ड सलाद भी खा सकते हैं। इससे आपकी इम्यूनिटी बनी रहेगी और बॉडी में विटामिन और मिनरल की कमी नहीं होगी। बॉडी में पर्याप्त विटामिन और मिनरल होने के कारण वायरस बॉडी को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता और अगर नुकसान होता भी है तो बॉडी उसे रिपेयर कर लेती है इसलिए विटामिन और मिनरल जरूरी है।4. अमचूरकोरोना के ज्यादातर मरीजों के मुंह का स्वाद और सूंघने की क्षमता कुछ समय के लिए चली जाती है वहीं कुछ मरीजों को खाना गुटकने में भी समस्या हो रही है, ऐसे मरीज अपने खाने में अमचूर पाउडर मिलाया करें। इससे स्वाद आएगा। इसके अलावा छोटे-छोटे अंतराल पर कुछ हेल्दी खाते रहें जो कि खाने में सॉफ्ट हो।कोविड के मरीज हैं तो वायरस को कैसे हराएं?अगर कोई कोविड का मरीज हैं तो उसे इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि वो जो भी खाएं उससे एनर्जी मिले, मसल्स मजबूत रहें और इम्यूनिटी बढ़े। इसके लिए इन चीजों का सेवन करें-- हेल्दी फैट्स को अपनी डाइट में शामिल करें, जैसे अखरोट, बादाम, ऑलिव ऑयल और मस्टर्ड ऑयल (सरसों का तेल)।-मसल्स की मजबूती के लिए आप होल ग्रेन का इस्तेमाल करें जैसे रागी, ओट्स और अमरंथ।-चिकन, फिश, अंडे, पनीर, सोया, नट्स और सीड्स आदि का सेवन करें, इससे शरीर को प्रोटीन मिलेगा।- रोजाना फिजिकल एक्टिविटी जैसे योगा और ब्रीथिंग एक्सरसाइज जैसे प्राणायाम करना चाहिए।-इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए खानपान पर ध्यान दें, नियमित एक्सरसाइज करें और मेडिडेट करें। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहेगी। - कहते हैं कि इंसान का सबसे बड़ा खजाना है हेल्थ.अगर शरीर स्वस्थ नहीं है तो दुनिया की कोई चीज हमें खुशी नहीं दे सकती. हमें कुदरत के दिए इस शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए. हमें अपनी लाइफस्टाइल, अपने खान-पान का ध्यान रखना चाहिए.जैसे, आप रोजाना दूध पीते हैं, तो इससे न सिर्फ आपको कैल्शियम मिलता है बल्कि आपकी हड्डियां भी मजबूत होती हैं. क्या आप जानते हैं कि घी के साथ दूध पीने से कई लाभ मिलते हैं. इससे मेटाबोल्जिम बढ़ाने से लेकर स्टैमिना बढ़ाने और जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलती है. घी तो वैसे भी लोकप्रिय आयुर्वेदिक खाद्ध पदार्थों में से एक है, जिसके फायदे अनगिनत हैं.आज हम आपको दूध की गुडनेस बढ़ाने के लिए एक और उपाय बता रहे हैं, जिसके आपको बहुत फायदे मिलेंगे. आप अगर रात में सोने से पहले दूध में एक चम्मच घी डालकर पिएंगे, तो इससे आपको कई हेल्थ बेनिफिट्स मिलेंगे.स्किन बनाता है Glowingघी मिला दूध पीने से स्किन को कई सारे लाभ हो सकते हैं. घी और दूध दोनों ही प्राकृतिक मॉइस्चराइजर होते हैं. हर शाम दूध और घी पीने से त्वचा सुस्त और जवां दिखने में मदद कर सकती है. इसके साथ अगर मुंह में छाले हों तो भी ये मिश्रण फायदेमदं साबित होगा.यौन स्वास्थ्य में सुधारयह मिश्रण यौन सहनशक्ति और वीर्य उत्पादन को बढ़ाता है. ये शरीर की गर्मी को भी कम करता है जो अवधि को लंबा करने में हेल्प करता है. आपको यौन से संबंधित परेशानी हैं तो नियमित रूप से दूध के साथ घी का सेवन शुरू कर दें.मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता हैदूध के गिलास में घी को मिलाकर सेवन करने से आपका मेटाबॉलिज्म तेज हो सकता है और पाचन तंत्र को मजबूती मिल सकती है. यह दूध में घी मिलाकर सेवन करने का सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक माना जाता है.जोड़ों को चिकनाई देता हैअगर आप जोड़ो के दर्द से परेशान हैं और अगर जल्द ही इस दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको घी और दूध का सेवन शुरू कर देना चाहिए. घी जोड़ो में सूजन को कम करता है और दूसरी ओर दूध से हड्डियां मजबूत होती हैं.अच्छी नींद के लिएघी तनाव कम करके मूड को रिफ्रेश करता है. जब इसे एक कप गर्म दूध में मिलाया जाता है, तो यह नसों को शांत करने और आपको नींद की स्थिति में भेजने के लिए फायदेमंद माना जाता है. अगर आपको भी नींद से संबंधित कोई परेशानी है तो जल्दी से ये सेवन करना शुरू कर दें.गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंदवैसे तो यह दूध हर किसी के लिए लाभदायक होता है! लेकिन, गर्भवती महिलाओं के लिए इसके कुछ लाभ अधिक हो सकते हैं. घी मिलाने से दूध और भी पौष्टिक हो जाता है. यह गर्भवती महिलाओं और शिशु के लिए खासा फायदेमंद हो सकता है.डाइजेशन सिस्टम ठीक रहता हैदूध में घी शरीर के अंदर पाचन एंजाइमों के स्राव को उत्तेजित करके पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। ये एंजाइम सरल खाद्य पदार्थों में जटिल फूड्स को तोड़ते हैं, जो बेहतर पाचन में मदद करता है.रोजाना की हुई कई छोटी-छोटी चीजें हमें सेहतमंद रखती हैं. स्वस्थ रहना एक प्रक्रिया है. हेल्दी शरीर के लिए हमको लगातार प्रयास करने होंगे. यानी एक दिन में हम स्वस्थ नहीं हो सकते. जैसे दूध शरीर के लिए काफी लाभदायक माना जाता है. रोजाना दूध पीने से हमारे शरीर को कैल्शियम मिलता है और इससे हमारी हड्डियां मजबूत होती है.
- धनिया हर घर के किचन में आराम से मिल जाता है। यह भोजन को तो स्वादिष्ट बनाता ही है। साथ ही सेहत के मामले में भी काफी महत्वपूर्ण है। धनिया शरीर के लिए जरूरी विटामिन ए, सी सहित कई पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है। यही वजह है कि हेल्थ विशेषज्ञ इसे हर्बल चाय, काढ़ा आदि के रूप में भी प्रयोग करने की सलाह दे रहे हैं।धनिया में क्या-क्या पाया जाता है?धनिया के पानी में पोटैशियम, कैल्श्यिम, विटामिन सी और मैग्नीजियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है और ये सभी तत्व बीमारियों को कोसों दूर रखते हैं। इस खबर में हम आपको धनिया पानी पीने के फायदों के बारे में बता रहे हैं।ऐसे तैयार करें धनिया पानी- एक बर्तन में एक ग्लास पानी लें और इसे गैस पर उबालें।- जब यह पानी उबलने लगे तो इसमें एक चम्मच धनिया का बीज डालें।- इसे तब तक उबलने दें जब तक कि पानी आधा ना हो जाए।- इस पानी को छान लें और गर्मागरम इसे चाय की तरह पिएं।धनिया पानी के फायदे----------- धनिया का पानी डाइजेशन की समस्या को भी दूर करता है।- पेट में गैस, जलन आदि की समस्या को शांत करता है।-यह शरीर में मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को तेज करता है।- वजन कम करने में भी सहायक होता है।- यह थायराइड हार्मोन को भी नियंत्रित करने में कारगर है।- इसके प्रयोग से ब्लड शूगर लेवल को कम किया जा सकता है।- यह गठिए के दर्द को कम कर सकता है।- यह शरीर को हाइड्रेट रखता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता।- शरीर से विषाक्त चीजों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।- इसकी मदद से आप किडनी को डिटॉक्स कर सकते है।- गर्मी के मौसम में शरीर का ठंडा रखता है और गर्मी से राहत देने का काम भी करता है।चेहरे में सूजन जैसी शिकायत की समस्या भी दूर हो जाती है।आंखों के लिए भी फायदेमंदधनिया के बीज आंखों के लिए भी फायदेमंद हैं। धनिया के थोड़े से बीज कूट कर पानी में उबालें। इस पानी को ठंडा करके मोटे कपड़े से छान लें और इसकी दो बूंदे आंखों में टपकाने से जलन, दर्द और पानी गिरना जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
- लोगों को खाना खाने के बाद मीठा खाने की आदत होती है। हम कहीं बाहर होटल में भी अगर खाना खाते हैं तो अंत में हमें मीठा जैसे आइसक्रीम, मिठाई या कोई पुडिंग सर्व की जाती है, लेकिन क्या किसी ने सोचा कि खाने के बाद ही मीठा क्यों खाया जाता है। आज हम आपको इस बारे में बताएंगे। साथ ही ये भी बताएंगे की मीठा खाने के क्या फायदे होते हैं।दरअसल मीठी चीजों में कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त करता है। इसलिए हमें खाना खाने के बाद थोड़ा सा मीठा जरूर खाना चाहिए ।पैदा होते हैं हैप्पी हॉर्मोनमीठा खाने के बाद सेरोटोनिन हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है। जिससे हमारे मन को खुशी का एहसास होता है। इसलिए अगर आपका मन दुखी है या आप लो फील कर रहे हैं तो आपको जरा सा मीठा खा लेना चाहिए। ये न्यूरोट्रांसमीटर का काम करता है.।ये भी है फायदाकई लोगों को हाइपोग्लाईसीमिया यानि लो शुगर की परेशानी होती है। जो खाना खाने के बाद महसूस होती है। ऐसे में खाने के बाद कुछ मीठा खा लेना चाहिए।----
- कहते हैं, सुबह उठकर खाली पेट गर्म पानी, दोपहर में दही और रात में सोने से पहले गर्म दूध यह तीनों गर्मियों में सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। दही में पाए जाने वाले प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन आदि इसे और पौष्टिक बनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर दही के साथ भुने हुए जीरे का प्रयोग करें और इसका सेवन किया जाए तो यह सेहत को कई समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है।1. पाचन क्रिया के लिए अच्छा है दही और भुना हुआ जीरादही के अंदर प्रोबायोटिक्स मौजूद होते हैं। जो पाचन क्रिया को तंदुरुस्त बनाते हैं। वही दही के अंदर पाए जाने वाले एंटीबायोटिक दस्त और कब्ज की समस्या से दूर रखते हैं। वहीं जीरा पेट दर्द, मतली, अपच, दस्त, पेट फूलने की समस्या आदि से दूर रखता है।2. इम्यूनिटी के लिए दही और भुना हुआ जीरादही में प्रोबायोटिक पाया जाता है जो न केवल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती देता है बल्कि आंतों से जुड़ी कई समस्याओं को भी दूर करता है। वहीं जीरे के अंदर विटामिन सी पाया जाता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने का में मदद करता है साथ ही वह तनाव, ब्लड प्रेशर, दिल का दौरा, सूजन आदि को भी दूर करता है।3. त्वचा के लिए दही और भुना हुआ जीरादही के अंदर जिंक, फास्फोरस, विटामिन ए आदि भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो त्वचा पर चमक लाने के साथ-साथ तैलीय त्वचा को भी दूर करता है। वहीं जीरे के अंदर विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो बढ़ती उम्र को रोकने के साथ-साथ कैंसर का कैंसर, सूजन संक्रमण आदि से भी छुटकारा दिलाते हैं।4. मोटापे से लड़ें दही और भुना हुआ जीराजीरे के सेवन से वजन को कम किया जा सकता है। जो लोग मोटापे से ग्रस्त होते हैं या जिन लोगों में अत्यधिक चर्बी व कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होती है, अगर वह भुना हुआ जीरा का सेवन करते हैं तो समस्या दूर हो जाती है। वहीं दही भी मोटापे को दूर करने के लिए एक अच्छा विकल्प है।5. भूख बढ़ाए दही और जीरादही और जीरा का उपयोग भूख बढ़ाने का काम करता है। जो लोग योग, जिम, शारीरिक गतिविधि या एक्सरसाइज करते हैं तो इन लोगों के लिए दही और जीरा के मिश्रण का सेवन एक अच्छा विकल्प है।6 - आंखों के लिए अच्छा है दही और जीरादही के अंदर विटामिन ए पाया जाता है। हालांकि जीरे में भी विटामिन ए भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। ऐसे में अगर दही और जीरे का सेवन एक साथ किया जाए तो यह शरीर में विटामिन ए की कमी को पूरा करता है।7 - डायबिटीज के रोगियों के लिए दही और जीराजो लोग शुगर की समस्या से ग्रस्त हैं अगर वे लोग अपनी डाइट में भुना हुआ जीरा और दही को जोड़ेंगे तो यह एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। भुने हुए जीरे को दही के साथ सेवन करने से मधुमेह का जोखिम कम हो जाता है और यह मिश्रण मधुमेह को बढ़ाने से भी रोकता है।दही और जीरे से होने वाले नुकसान1 - दही में केवल एक चम्मच भुना हुआ जीरा जरूरी होता है। वरना ज्यादा जीरे के उपयोग से डकार आनी शुरू हो जाती है।2 - जीरा को भूनते वक्त ध्यान रखें कि जीरा जल ना जाएं। वरना जले हुए जीरे के सेवन से गले को भी नुकसान पहुंच सकता है और पेट में जलन हो जाती है।3 - बाजार में कुछ ऐसी दही भी मौजूद होती है जिनके अंदर चीनी की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप उस दही का चयन करें जिस में चीनी की मात्रा सीमित हो।
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कोरोना संक्रमण से रिकवरी के लिए दवा के साथ-साथ हेल्दी डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर डाइट पर सही तरीके से ध्यान नहीं दिया जाए तो हो सकता है रिकवर होने में लंबा समय लग जाए। कोरोना रिकवरी के दौरान ऐसे फूड्स का सेवन करने से बचना चाहिए, तो शरीर के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। इस दौरान ऐसे आहार लेना चाहिए जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने में असरकारी साबित हो सकते हंै। आज जानते हैं ऐसे ही फूड्स के बारे में
पैकेज्ड फूड्सडिब्बा बंद चीजें से भले ही जल्द से जल्द भूख मिटाई जा सकती है, लेकिन कोरोना रिकवरी के दौरान ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए कोरोना संक्रमित डिब्बा बंद चीजों के सेवन से बचें। दरअसल, डिब्बा बंद फूड्स नें प्रिजर्वेटिव्स और सोडियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जिसके कारण शरीर में सूजन हो सकती है। ऐसी स्थिति में कोरोना से रिकवरी में लंबा वक्त लग सकता है। साथ ही ऐसे फूड्स इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित कर सकते हैं।कोल्ड्रिंक्स पीने से बचेंकोरोना से संक्रमित लोगों को रिकवरी के दौरान कोल्ड्रिंक्स के सेवन से बचना चाहिए। कोल्ड्रिंक्स के सेवन से पेट में सूजन पैदा हो सकती है। कोल्ड्रिंक्स के बजाय नींबू पानी पीने से पेट साफ होगा। साथ ही इम्यून पावर को भी बढ़ावा मिलता है।फ्राइड फूड्स खाने से बचेंअक्सर कोविड-19 से संक्रमित लोगों की सूंघने और स्वाद की क्षमता खत्म हो जाती है। कोरोना से रिकवरी के दौरान जब धीरे-धीरे स्वाद आने लगता है, तो लोगों का मन चटपटा खाने का बहुत ही ज्यादा करता है। ऐसे में खुद के स्वाद पर थोड़ा कंट्रोल करें। इस दौरान चटपटा और फ्राइड फूड खाने से बचें। दरअसल, फ्राइड फूड में फैट की अधिकता होती है, जिसे पचने में काफी समय लगता है। फ्राइड फूड खाने से पाचन तंत्र प्रभावित होता है। रिसर्च के अनुसार, फ्राइड फूड खाने से इम्यूनिट सिस्टम सही तरीके से कार्य नहीं करता है। साथ ही यह बैड कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ाता है।मसालेदार आहारकोरोना से संक्रमित लोगों को मसालेदार खाने से दूर रहना चाहिए। मसालेदार खाना खाने से गला खराब, गैस की समस्या और पेट से जुड़ी अन्य समस्याएं होने लगती हैं। इसके साथ ही इससे कफ की समस्या भी हो सकती है। कोरोना संक्रमित अपने खाने में लाल मिर्च का इस्तेमाल कम से कम करें। लाल मिर्च के बदले काली मिर्च डालें। काली मिर्च के सेवन से शरीर को फायदा हो सकता है। - रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। क्या इसका कोई विकल्प नहीं है? इसके साइड इफेक्ट क्या है? चलिए जानते हैं...इन दिनों रेमडेसिविर इंजेक्शन का नाम सभी लोगों के जुबां पर है। दरअसल, रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना के गंभीर मरीजों को दी जाने वाली एक दवा है। इसकी मांग इस कदर है कि बाजार में इसकी भारी कमी हो गई है और कालाबाजारी चल रही है। यहां तक कि कई लोग नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन भी धड़ल्ले से बेच रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? क्या रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना की एक जरूरी दवा है? इन सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं सीएचसी छपरौली के डिप्टी सीएमओ और एमएस डॉक्टर अरविंद मलिक।क्या है रेमडेसिविर इंजेक्शनरेमडेसिविर एक एंटी-वायरल दवा है। इबोला वायरस महामारी के समय इस दवा का इस्तेमाल किया गया था। साथ ही मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम से लडऩे के लिए बनाया गया था। अब कोरोना मरीजों के लिए भी यह लाभकारी साबित हो रहा है। कोरोना मरीजों में इसका इस्तेमाल करने से मरीज के शरीर में वायरस की संख्या बढ़ती नहीं है। यह इंजेक्शन वायरस की नई प्रतियां बनाने से रोकता है। रेमडेसिविर सिर्फ इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए ही उपयोगी है।किन लोगों को दिया जाता है रेमडेसिविर इंजेक्शनरेमडेसिविर इंजेक्शन सभी मरीजों के लिए फायदेमंद नहीं होता है। यह कुछ ही मरीजों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। सामान्य लक्षणों वाले मरीजों को यह दवा नहीं दी जाती है। जिन मरीजों का ऑक्सीजन सैचुरेशन कम हो रहा है और सामान्य ऑक्सीजन देने से उसमें सुधार हो जाता है, तो इस इंजेक्शन को देने से बचना चाहिए। अगर मरीज हाई फ्लो ऑक्सीजन देना पड़ रहा हो या वेंटिलेटर पर हो तो ही इस दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है। वेंटिलेटर वाले मरीजों को ही रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जाता है।रेमडेसिविर इंजेक्शन के साइड इफेक्टडॉक्टर अरविंद मलिक कहते हैं कि सभी दवाइयों के कुछ फायदे तो कुछ नुकसान भी होते हैं। ऐसे में हर दवा को डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए। रेमडेसिविर लेने से एलर्जी जैसे खुजली, हल्के लाल चकत्ते की समस्या हो सकती है। साथ ही हार्ट और लीवर के मरीजों पर भी इसका साइड इफेक्ट नजर आ सकता है। यह पेट में दर्द और उल्टी का कारण भी बन सकता है। ब्लड प्रेशर कम होने पर, मतली, उल्टी, पसीना और कंपकंपी होने पर इसे देने से मरीज में रिएक्शन हो सकता है।
- जिन कोरोना मरीजों को डायबिटीज है उनमें फंगल इंफेक्शन के लक्षण देखे गए हैं जिसे म्यूकोरमाइकोसिस कहते हैं, जानते हैं इस इंफेक्शन के बारे में।म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगल इंफेक्शन एक तरह का फंगल इंफेक्शन है जो कैंसर या ज्यादातर डायबिटीज के गंभीर मरीजों को हो रहा है जो इस समय कोविड का शिकार हैं। कई राज्यों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। ये फंगल इम्यूनिटी कमजोर होने का फायदा उठाकर शरीर में इंफेक्शन फैलाता है। शुरूआती लक्षण की बात करें तो ये इंफेक्शन नाक से शुरू होता है। कफ बनने के बाद नाक के पास गांठ बनने लगती है। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इस बीमारी से बचने के लिए इम्यूनिटिी मजबूत होना जरूरी है। इस बारे में ज्यादा जानकारी लखनऊ के केयर इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ. सीमा यादव ने बताया।क्या है म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगल इंफेक्शन?डायबिटीज के मरीज जिन्हें कोविड है उनमें फंगल इंफेक्शन के कुछ केस सामने आए हैं। म्यूकोरमाइकोसिस एक तरह का फंगल इंफेक्शन है जो नाक में पहले हमला बोलता है फिर ये आंखें, कान, जबड़ों तक पहुंचकर इंफेक्शन फैलाता है। इसका इलाज फौरन करवाना चाहिए। देरी होने पर इंफेक्शन आंख की पुतलियों या आसपास के एरिया को पैरालाइज्ड कर सकता है। संक्रमण दिमाग तक फैल सकता है।क्या है म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षण?-ऐसे मरीजों को नाक में सूजन या फेस पर सूजन हो सकती है।-ज्यादा दर्द होने के साथ आंखों में धुंधलापन हो सकता है।-नाक के पास गांठ बनना।-सिर में दर्द हो सकता है।क्या कोरोना के कारण होता है म्यूकोरमाइकोसिस?म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगल इंफेक्शन एक रेयर डिसीज है पहले ये उन लोगों को होती थी जिन्हें कैंसर या बढ़ी हुई डायबिटीज होती थी पर अब ये कोविड मरीजों को रही है। हालांकि इस बीमारी का सीधा कनेक्शन कोविड से नहीं है पर कोविड के कारण वायरस, फंगल को फैलनेे में मदद करता है और कोविड में इम्यूनिटी घट जाती है जिसके कारण ये बीमारी हो जाती है। लेकिन ये बीमारी हर कोविड मरीज को हो इसकी आशंका बहुत कम है। अब तक जो केस देखे गए हैं उनमें ये डिसीज उन मरीजों को हुई जिन्हें कोविड हुआ और वो डायबिटीज या कैंसर के गंभीर मरीज है।क्या स्टेरॉयड्स के कारण हो रहा है म्यूकोरमाइकोसिस?कुछ डॉक्टर ऐसा भी मानते हैं कि लंबे समय तक स्टेरॉयड्स की हाइ डोज लेने से म्यूकोरमाइकोसिस हो सकता है क्योंकि स्टेरॉयड्स लेने से इम्यूनिटी घट सकती है और ब्लड शुगर का स्तर बढऩे की आशंका रहती है। एम्स के डॉक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी कुछ दिन पहले बताया था कि कोविडि के अर्ली स्टेज पर स्टेरॉयड्स लेने से नुकसान हो सकता है।
- सर्वविदित है कि यदि हमारा शरीर स्वस्थ होगा, तो कोई भी बीमारी हमें छू नहीं सकती है क्योंकि किसी भी संक्रमण का असर शरीर पर नहीं होगा। स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ खानपान का होना भी जरूरी है। इसलिए नियमित रूप से स्वस्थ और पौष्टिक नाश्ता, लंच और डिनर लेना जरूरी है। आजकल लोग नाश्ते में बिस्किट, रस्क या ब्रेड खाते हैं, पर ये हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है, बल्कि नाश्ते में यदि रोजाना केला खाया जाए, तो इससे शरीर को गजब के फायदे मिलते हैं।केले के बारे में कहा जाता है कि इससे ब्लड शुगर बढ़ता है और इन कारणों से कई लोग केला नहीं खाते हैं, जबकि केला बिस्किट खाने से कहीं ज्यादा बेहतर होता है। वजह भी साफ है कि बिस्किट में जीरो न्यूट्रिशन होता है।शुगर के मरीज भी आराम से खा सकते हैं केलाकेले को शुगर के मरीज भी खा सकते हैं। बस डायबिटीज के मरीजों को केले के साथ बादाम का सेवन करना चाहिए। इन दोनों को साथ खाने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा।।तुरंत एनर्जी के लिए खाएं केलाअगर आप खेल में रूचि रखते हैं तो केला आपके लिए काफी फायदेमंद है। खासकर किसी ट्रेनिंग के दौरान जब स्टेमिना और ताकत की जरूरत होती है, तो केला आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं होता है। इसमें मौजूद फाइबर में ग्लाइसेमिक इंडेक्स की कम मात्रा, शरीर की रक्त कोशिकाओं और मांसपेशियों में शर्करा को धीरे-धीरे रिलीज करके शरीर को पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रखती है। आपने अक्सर देखा भी होगा कि विशेषज्ञ एनर्जी के लिए केला खाने की सलाह दी जाती है।इस तरह से केले को करें डाइट में शामिलबनाना मिल्कशेककेले का मिल्क शेक बनाकर पी सकते हैं, जिसमें बादाम के दूध का इस्तेमाल किया गया हो। आपको बता दें कि जमे हुए केले का स्वाद ताजे केले से कहीं ज्यादा अच्छा होता है। इसके लिए आप ज्यादा पके हुए केले को ब्लेंड करके इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।डार्क चॉकलेट डेजर्टयह खाने में शायद ज्यादा मीठा हो सकता है लेकिन फिर भी सेहत के लिहाज से काफी अच्छा है। शुगर के मरीज इससे परहेज करें। इसके लिए आप केले में पिघली हुई डार्क चॉकलेट मिलाकर आइसक्रीम के साथ खा सकते हैं।दूध के साथ या फिर सीरियल्स और ओट्स के साथकेला आपके ब्रेकफास्ट में एक अहम भूमिका निभाता है। सुबह के नाश्ते में आप इसे दूध के साथ या फिर सीरियल्स एवं ओट्स के साथ ले सकते हैं। इसका सेवन शरीर के लिए बेहद जरूरी है।मोटे अनाज भी खा सकते हैंआप केले के साथ मोटे अनाज मिलाकर भी खा सकते हैं। ताजे दूध में अलसी के बीज, चिरौंजी और एक चम्मच पीनट बटर डालकर भी खा सकते हैं।ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखेअगर आप सुबह खाली पेट केले का सेवन करते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है जो एक अच्छी बात है।केले में होती है बस 80 कैलोरीजआपको ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि केले में बस 80 कैलोरीज होती है. तो, वजन कम करने के लिहाज से यह फल फायदेमंद है।नाश्ते को अपेक्षित पोषण से भरे होने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप इसमें मौसमी फलों को शामिल करें। फलों से आपको जरूरी विटामिन के अलावा एंडी-ऑक्सीडेंट आदि मिलते हैं, जो कि आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को सही रखते हैं।
- पनीर का पानी यानी फटे हुए दूध के पानी को फेंकने की बजाय इसके इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है। हम में से अधिकतर ऐसे लोग हैं, जो दूध फटने पर उसमें से छेना निकालकर पानी को फेंक देते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। पनीर का यह पानी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। पनीर का पानी कमजोर मांसपेशियों को दुरुस्त करने का काम करता है। डायटीशियन स्वाती बाथवाल का कहना है कि कोरोना मरीजों को रिकवरी के दौरान पनीर का पानी देना फायदेमंद है, क्योंकि इस पानी से उनके मसल्स रिकवर होते हैं। साथ ही जिन लोगों की मांसपेशियां कमजोर होती हैं। उन्हें भी इसका सेवन करना चाहिए।स्वाती बाथवाल बताती हैं कि दूध में दो तरह का प्रोटीन होता है व्हे प्रोटीन और केसिन प्रोटीन। पनीर, छेना जैसी चीजों को केसिन प्रोटीन कहते हैं। वहीं, दूध फटने पर जो पानी निकलता है, वह व्हे प्रोटीन होता है। प्रोटीन आपके शरीर को ताकत प्रदान करती है। व्हे प्रोटीम मसल्स को बनाने और मसल्स रिकवरी के काम आती है। स्वाती का कहना है कि कोविड-19 के मरीजों के मसल्स में काफी दर्द होता है। शरीर में संक्रमण फैलने की वजह से मांसपेशियां टूटने लगती हैं, ऐसे में व्हे प्रोटीन आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। पनीर के पानी यानि फटे हुए दूध के पानी में व्हे प्रोटीन भरपूर रूप से होता है। अगर आप नैचुरल प्रोटीन लेना चाहते हैं, तो फटे हुए दूध के पानी का सेवन करें। आप इसे कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं।स्वाती बाथवाल का कहना है कि आप इसका सेवन कई तरीकों से कर सकते हैं। अगर आप चाहें, तो डायरेक्ट इसे पी सकते हैं। अधिकतर एक्सरसाइज करने वाले लोग इस तरह से व्हे प्रोटीन लेते हैं। इसके अलावा आप कई तरह की अन्य रेसिपीज में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके सेवन से आपके शरीर को भरपूर प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिंस मिल सकता है।कैसे करें पनीर के पानी का इस्तेमाल-आटा गूंथने में आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे रोटियों में मौजूद पोषक तत्वों के साथ इसके प्रोटीन भी आपको भरपूर रूप से मिल सकते हैं।-सब्जियों की ग्रेवी तैयार करने के दौरान पानी डालने की बजाय आप इसका सेवन करें। इससे आपको काफी फायदा हो सकता है।-सूप बनाने के लिए भी आप पनीर के पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।-जूस बनाने में भी आप इस प्रोटीन का सेवन कर सकते हैं।-चावल पकाने के लिए भी आप इस पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपका चावल काफी स्वादिष्ट भी बनेगा।-दाल, राजमा, चना, सोयाबीन इत्यादि को भिगोने के लिए भी आप पनीर के पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।-दाल की पूड़ी बनाने में भी आप इसको यूज में ले सकते हैं।पनीर के पानी के अन्य फायदेइम्यूनिटी करे बूस्टस्वाती बाथवाल बताती हैं कि अगर आप दूध को फाडऩे के लिए नींबू का इस्तेमाल करते हैं, तो इसके पानी में आपको विटामिन सी मिल सकता है। इस लिहाज से फटे हुए दूध का पानी इम्यूनिटी बूस्ट करने में कारगर साबित हो सकता है।वजन करे नियंत्रितस्वाती बाथवाल का कहना है कि पनीर के पानी में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। साथ ही इसमें हाई प्रोटीन है। ऐसे में वजन को नियंत्रित करने में भी पनीर का पानी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
- जामुन में विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में होता है. इसलिए जिनके शरीर में विटामिन सी की कमी होती है, उन्हें जामुन खाने की सलाह दी जाती है. जामुन को अम्लीय प्रकृति का फल माना जाता है और यह स्वाद में मीठा होता है. इसमें भरपूर मात्रा में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज पाया जाता है. जामुन में लगभग वे सभी जरूरी लवण पाए जाते हैं, जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है.जामुन खाने के फायदे1. पेट की समस्या दूर करने में मददगारजामुन का सेवन करने से पेट से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं. आप जामुन की छाल का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं. इससे पेट दर्द और अपच जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं.2. इम्युनिटी बस्ट करने में मददगारजामुन शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार होती है. इसमें पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम और विटामिन सी होता है. जामुन का सेवन करने से शरीर में खून की कमी पूरी होती है. जामुन का सेवन करने से शरीर में खून का स्तर बढ़ जाता है.3. लीवर की समस्या के लिएलीवर की समस्या के लिए आप जामुन का सेवन कर सकते हैं. रोज सुबह और शाम जामुन के रस का सेवन करने से आपके लिवर स्वस्थ रहता है.4. गठिया के दर्द के लिए फायदेमंदअगर आपको गठिया वाद से दर्द होता है तो आप जामुन की छाल को उबालकर इसके बचे हुए घोल का लेप जोड़ों पर लगा सकते हैं. इससे दर्द में आराम मिलता है.5. घाव के लिए फायदेमंदअगर आपको जूते पहने के दौरान पैर में छाले हो जाते हैं. ऐसे में आप जामुन की गुठली को पीसकर घाव पर लगा सकते हैं. इसके लिए आपको जामुन की गुठली को सुखाकर पीसना होगा. इसके बाद पानी मिलाकर इसका घोल बना लें और घाव पर लगा लें. इससे घाव में आराम मिलेगा.3. पथरी में फायदेमंदअगर आपको पथरी की समस्या है तो आप जामुन की गुठली का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आपको गुठली के पाउडर के साथ दही का सेवन करना होगा. जामुन खाने से पथरी की समस्या में राहत मिलती है.इस बात का रखें ख्यालजामुन को कभी भी खाली पेट नहीं खाना चाहिए. दरअसल जामुन वातकारी है, अगर इसे खाली पेट खाया गया तो पेट में अफारा और गैस की समस्या हो जाती है, जो लंबे समय तक नहीं जाती. उसी तरह जामुन को दूध के साथ भी कभी नहीं खाना चाहिए.किस समय करें जामुन का सेवनआप खाना खाने के बाद जामुन का सेवन कर सकते हैं. दोपहर के वक्त जामुन का सेवन कर सकते हैं.
- चौलाई एक ऐसा साग है जो की लाल और हरे दोनों ही रंग में आता है. यह न सिर्फ एक स्वादिष्ट सब्जी है बल्कि चौलाई के फायदे इतने होते हैं जो बहुत से रोगों को ठीक कर सकते है. विटामिन सी से भरी चौलाई चौलाई दो तरह की होती है- एक सामान्य पत्तों वाली तथा दूसरी लाल पत्तों वाली.. इनमें से लाल वाली चौलाई ज्यादा फायदेमंद होती है.चौलाई को तंदुलीय भी कहते हैंचौलाई का साग तो आपने कभी-कभार खाया ही होगा. यह सब्जी बहुत ही आसानी से मिल जाती है. यह हरी पत्तेदार सब्जी है जिसके डंठल और पत्तों में प्रोटीन, विटामिन ए और खनिज की प्रचुर मात्रा होती है. चौलाई को तंदुलीय भी कहते हैं. इसे अमरंथ भी कहते हैं. अमरंथ एक पौधा है जिसकी जड़, पत्तियां, दाने, फूल आदि का इस्तेमाल स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है.चौलाई में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन-ए, मिनरल्स और आयरन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इस सब्जी को खाने से आपके पेट और कब्ज संबंधी किसी भी प्रकार के रोग में लाभ मिलेगा. चौलाई की सब्जी का नियमित सेवन करने से वात, रक्त व त्वचा विकार दूर होते हैं.इम्यूनिटी को करती है बूस्टचौलाई में भरपूर मात्रा में प्रोटिन और विटामिन सी पाया जाता है, जो हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है. संक्रमण रोगों से हमें बचाती है.गठिया, रक्तचाप और हृदय रोगियों के लिए बेहद फायदेमंदचौलाई का रस गठिया, रक्तचाप और हृदय रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है. वैसे ज्यादातर लोग चौलाई की सब्जी खाना पसंद करते हैं. पेट के रोग, कब्ज और बाल गिरने पर चौलाई की सब्जी खाना लाभदायक होता है.कब्ज होगी दूरचौलाई के फायदे और भी तरह से मिल सकते हैं जैसे चौलाई उबाल कर इसके पानी में नमक मिला कर पीने से कब्ज दूर होती है तथा पेट दर्द में काफी आराम मिलता है.हड्डियों की मजबूती के लिएमज़बूत हड्डियों के लिए कैल्शियम बहुत ही आवश्यक होता है. शरीर में यदि कैल्शियम भरपूर मात्रा में हो तो हड्डियों के टूटने या फ्रैक्चर का खतरा कम होता है नाखून और दांत स्वस्थ और मज़बूत रहते हैं.आंखो की हेल्थ के लिए बढ़ियाचौलाई में vitamin A प्रचुर मात्रा में होता है। तो यदि आपको आँखों का अच्छा स्वास्थ्य चाहिए तो चौलाई का सेवन शुरू कर दें. चौलाई के सेवन से शरीर में इन्सुलिन का स्तर कम होता है. जिससे की पेट भरा होने का अहसास होता है. इससे हम नाश्ते और भोजन के बीच में कुछ भी नहीं खाते. यदि आप मोटापा कम करना चाहते हैं तो चलाई का सेवन शुरू कर दें.बालों के लिए भी उपयोगीचौलाई में लाइसिन और अमीनो एसिड होता है जो बालों की सेहत के लिए वरदान है. चौलाई के नियमित सेवन से बाल काले बने रहते है और चौलाई का ताज़ा रस सुबह शाम पीने से बाल गिरना रुक जाता है.
- देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर भयावह स्थिति पैदा कर रही है। अब कोरोना का एक नया स्ट्रेन लोगों का ध्यान खींच रहा है। दरअसल, दक्षिण भारत में कोरोना का एक नया स्ट्रेन N440K लोगों में डर पैदा कर रहा है। ये वायरस आंध्र प्रदेश से शुरू हुआ है इसलिए इसे AP Strain भी कहा जा रहा है। इस स्ट्रेन को लेकर कहा जा रहा है कि ये पूराने स्ट्रेन की तुलना में 15 गुणा ज्यादा खतरनाक है, जो कि तेजी से लोगों को अपना शिकार बना सकता है। तो, आइए जानते हैं इस वायरस के बारे में विस्तार से।सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ने N440K वैरिएंट की खोज की है, जिसकी पहचान आंध्र प्रदेश के कुरनूल में की गई थी। इस स्ट्रेन ने विशाखापट्टनम और दक्षिण भारत के राज्यों में खौफ पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये N440K वैरिएंट बाकी कोराना स्ट्रेन की तुलना में 15 गुणा अधिक वायरस है। दरअसल, भारतीय वेरिएंट बी -1.617 और बी-1.618 भारत में दूसरी लहर का जिम्मेदार है।क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?CSIR-Genomics and Integrative Biology के वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा है कि भले ही ये वेरिएंट खतरनाक लग रहा हो पर धीमे-धीमे ये खत्म हो सकता है और किसी और स्ट्रेन में परिवर्तित हो सकता है। विनोद कहते हैं कि यह धीरे-धीरे मर सकता है और तेजी से दो अन्य वेरिएंट - B.1.1.7 और B.1.617 में परिवर्तित हो सकता है और केरल सहित लगभग सभी दक्षिणी राज्यों में ये हो भी रहा है। N440K संभवत: कोरोना वायरस को फेफड़ों की कोशिकाओं को बांधने में मदद करता था। बता दें कि B.1.1.7 यूके वेरिएंट हैं और B.1.617 भारतीय वेरिएंट हैं, जिन्हें 'डबल वेरिएंट भी कहा जाता है।बता दें कि वैज्ञानिकों ने दक्षिण भारत के कई केन्द्रों से वायरस का सैंपल इकट्ठा किया है उनमें से 50 फीसदी में कोरोना का N440K वेरिएंट पाया गया है। इसमें यह भी पता चला कि यह वायरस आबादी के एक खास हिस्से में फैल रहा है और अन्य वेरिएंट्स के मुकाबले कहीं यह ज्यादा स्थानीय है, जो इन इलाकों के कई राज्यों को अपना शिकार बना सकता है।
- अगर आप शारीरिक कमजोरी के शिकार हैं तो यह खबर आपके काम आ सकती है. क्योंकि हम आपके लिए लेकर आए हैं इलायची के फायदे. यह न सिर्फ खाने को स्वादिष्ट बनाती है, बल्कि शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचाने में मददगार साबित होती है. इलायची का सेवन भोजन करने के बाद करना चाहिए. इससे मुंह की दुर्गंध दूर होने के साथ ही दांतों की कैविटीज की समस्या से भी छुटकारा मिलता है. इसके अलावा उल्टी और मितली की परेशानी भी दूर होती है.इलायची में क्या-क्या पाया जाता है?अब नजर डालते हैं कि इलायती में पाया क्या-क्या जाता है. दरअसल, इलायची में कार्बोहाइड्रेट, डाइटरी फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन और फॉस्फोरस मुख्य रुप से पाए जाते हैं, जो स्वस्थ्य शरीर के लिए बेहद लाभकारी माने जाते हैं.कैसे करें इलायची का सेवनइलायची का सेवन आप कई तरह से कर सकते हैं. माउथ फ्रेशनर के रुप में सीधे चबाकर खा सकते हैं. कोई डिश या सब्जी बनाते समय उसमें इसके दाने डालकर इसका सेवन कर सकते हैं.किस समय खाएं इलायचीनेचुरल तरीके से नींद लेने के लिए रोजाना रात को सोने से पहले कम से कम 3 इलायची को गर्म पानी के साथ खाएं. इससे अच्छी नींद आएगी और खर्राटे की समस्या भी दूर हो जाएगी. इसके अलावा गैस, ऐसिडिटी, कब्ज, पेट में ऐंठन की समस्या को इलायची से दूर किया जा सकता है.पुरुषों के लिए फायदेमंदरात में सोने से पहले पुरुषों को 3 इलायची का सेवन करना चाहिए. एक शोध के अनुसार नियमित तौर पर इलायची खाने से पुरुषों को नपुंसकता दूर हो जाती है. क्योंकि इलायची यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है. आप इसे पानी या फिर दूध के साथ ले सकते हैं.इलायची के 5 जबरदस्त फायदेइलायची को गर्म पानी के साथ खाएं, इससे नींद आएगी और खर्राटे की समस्या भी दूर हो जाएगी.इलायची का सेवन से गैस, ऐसिडिटी, कब्ज, पेट में ऐंठन की समस्या को दूर किया जा सकता है.इलायची का नियमित सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को मात दी जा सकती है.इलायची में एंटी इंफेलेमेंटरी तत्व मुंह का कैंसर, त्वचा के कैंसर से लड़ने में कारगर होते हैं.बढ़ते वजन और मोटापे से परेशान रहते हैं, तो ऐसे में अपनी डाइट में इलायची को जरुर शामिल करें. इसमें मौजूद पौषक तत्व तेजी से वजन घटाने में मदद करती है.
- आपने क्या जंगली जलेबी खाई. हो सकता है नाम भी ना सुना हो. लेकिन यह कुछ ऐसा है, जिसे खाकर घबराने की जरूरत नहीं है. दरअसल, यह एक किस्म का फल है, जो गांव में मिलता है. इसके अपने आकर की वजह से जंगल जलेबी कहा जाता है. यह आपकी सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी होती है.आइए जानते हैं जंगल जलेबी से होने वाले फायदों के बारे में -1. विटामिन सी, आयरन और प्रोटीन से लबरेज. जंगल जलेबी विटामिन -सी के साथ साथ आयरन और प्रोटीन से भी भरपूर होती है. आयरन खून साफ करने में मदद करता है, तो वहीं प्रोटीन शरीर के कई हिस्सों को अलग-अलग तरह से मजबूती प्रदान करता है.2. हड्डियों के लिए बेस्टजंगल जलेबी आपकी हड्डियों को मजबूत और दांतों को चमकदार रखने में बहुत मदद करती है. इसमें कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जिससे जोड़ों को मजबूत करने में मदद मिलती है.3. आंखों के लिए वरदानजंगल जलेबी से आंखों के रोग ठीक हो सकते हैं. इसमें पाए जाने वाले तत्व आपकी आंखों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं.4.सिर्फ फल नहीं पत्तियों का भी है इस्तेमालजंगल जलेबी के पेड़ की पत्तियों का रस पीसकर लगाने से दर्द में आराम मिलता है. इसका इस्तेमाल किसी भी अंग पर किया जा सकता है.5.इम्यूनिटी बढ़ने में कारगरइस वक्त सबसे ज्यादा अगर कुछ जरूरी है तो वह है इम्यूनिटी. जंगल जलेबी गर्मी का फल है और यह आसानी से मिल भी सकता है, इम्यूनिटी बूस्ट करने में यह फल आपकी मदद कर सकता है.
- कोरोना काल में सप्लीमेंट्स हमारे लिए बहुत जरूरी हैं। कोरोना महामारी के बीच हम सभी ऐसी चीजों का सेवन या ऐसे उपाय चाहते हैं जिससे हमारी इम्यूनिटी मजबूत रहे और हम इंफेक्शन और वायरस से बचे रहें। केवल डाइट से इम्यूनिटी मजबूत रखना मुमकिन नहीं है इसके लिए कुछ सप्लीमेंट्स की जरूरत पड़ सकती है। ये सप्लीमेंट्स हमारी बॉडी को मजबूत रख सकते हैं ताकि हमें ऐसी बीमारियां न हों। विटामिन डी, सी, जिंक जैसे सप्लीमेंट्स इम्यूनिटी तो मजबूत करते ही हैं साथ ही ये कई बीमारियों से प्रोटेक्ट करके रखते हैं। ऐसे ही सप्लीमेंट हैं-1. एल्डरबेरी सप्लीमेंटएल्डरबेरी सप्लीमेंट इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद होता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल प्रॉपर्टीज होती हैं। एल्डरबेरी सप्लीमेंट से रेसपेरेट्ररी सिम्टम कम होते हैं जो कि वायरल इंफेक्शन या फ्लू से हमारे शरीर में हो जाते हैं। फ्लू के दौरान डॉक्टर एल्डरबेरी सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं। रिसर्र्च के मुताबिक एल्डरबेरी सप्लीमेंट इंफ्लूएंजा वायरस से लडऩे में भी मदद करता है। एल्डरबेरी सबसे ज्यादा दवाइयों में इस्तेमाल होने वाले पौधों में से एक है। देखने में ये बिल्कुल जामुन जैसी लगती है।2. कोरोना काल में रेसपेरेट्ररी ट्रैक्ट इंफेक्शन विटामिन डीविटामिन डी फैट-सोल्यूबल न्यूट्रिएंट है जो इम्यूनिटिी सिस्टम को मजबूत रखने में मदद करता है। विटामिन डी, बाहरी पैथोजन से लडऩे में मदद करता है। कुछ लोगों में विटामिन डी की कमी होने से रेेसपेरेट्ररी ट्रैक्ट इंफेक्शन हो जाता है और कोरोना के नए स्ट्रेन में लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है इसलिएए भी विटामिन डी का सेवन कोरोना काल में जरूरी है। विटामिन डी एंटीवायरल ट्रीटमेंट में भी इस्तेमाल किया जाता है। जिन लोगों को इंफेक्शन हो जाता है उन्हें भी डॉक्टर विटामिन डी लेने की सलाह देते हैं।3. कोरोना कॉल में इम्यूनिटी मजबूत रखे विटामिन सीविटामिन सी कोरोना काल में इस्तेमाल किए जाने वाला सबसे कॉमन सप्लीमेंट है। विटामिन सी का सेवन करने से आपकी बॉडी को इंफेक्शन से लडऩे में मदद मिलती है। विटामिन सी सप्लीमेंट भी आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करता है। इस समय कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं जिनसे बचने के लिए विटामिन सी एक जरूरी सप्लीमेंट हो सकता है। विटामिनसी एक पॉवरफुल सप्लीमेंट है जो स्ट्रेस को भी कम करता है।4. कोरोना कॉल में कॉमन कोल्ड से बचाए जिंक सप्लीमेंटजिंंक सप्लीमेंट कोरोना काल में एक जरूरी सप्लीमेंट है। इसकी मदद से रेसपिरेट्ररी ट्रैक्ट इंफेक्शन और इंफेक्शन की अवधि कम की जा सकती है। एडल्ट्स 40 एमजी जिंक सप्लीमेंट ले सकते हैं। आजकल कॉमन कोल्ड की समस्या बढ़ गई है, इससे बचने के लिए आप जिंक सप्लीमेंट ले सकते हैं। जिंक से इम्यूनिटी भी मजबूत रहती है। बाहर के पैथोजन को शरीर के अंदर आने से रोकने में जिंक सप्लीमेंट मदद करता है।5. कोरोना काल में लंग्स इंफेक्शन से सेफ रखे मेडिसलन मशरूम सप्लीमेंटपुराने समय में मशरूम का इस्तेमाल इंफेक्शन मिटाने और बीमारियों को खत्म करने के लिए किया जाता था। इसका सप्लीमेंट भी उतना ही फायदेमंद है। मेडिसलन मशरूम सप्लीमेंट से इम्यूनिटी तो मजबूत होती ही है साथ ही बैक्टीरिया से भी शरीर को सुरक्षा मिलती है। अस्थमा और लंग्स इंफेक्शन में भी ये सप्लीमेंट फायदेमंद माना जाता है। जिन लोगों को डायबिटीज, थॉयराइड या और कोई बीमारी है उन्हें डॉक्टर इन सप्लीमेंट की सही मात्रा बताएंगे, उसी मुताबिक सप्लीमेंट का उपयोग करें।
- भारतीयों के खाने का सबसे अहम हिस्सा है देसी घी। गर्मा गर्म फुलके पर देसी घी लगाना हो या फिर दाल या खिचड़ी में ऊपर से खूब सारा घी डालकर खाना हो, घी के बिना कई बार खाना अधूरा सा लगता है। इन दिनों वजन कंट्रोल करने की कोशिश में लगे अधिकतर लोग सबसे पहले घी को अपनी डाइट से बाहर कर देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे वजन बढ़ता है. लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है।सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है देसी घीगाय के दूध की मलाई से बनने वाला शुद्ध देसी घी, न सिर्फ भोजन के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद है । आयुर्वेद में तो सैकड़ों सालों से औषधि के तौर पर घी का इस्तेमाल किया जा रहा है क्योंकि यह वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को बैलेंस करने में मदद करता है। इसके अलावा सिर्फ सर्दियों में ही नहीं बल्कि गर्मी के मौसम में भी घी खाना सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है।1. गर्मी में शरीर को ठंडा रखता है घी- हेल्थ एक्सपट्र्स और न्यूट्रिशनिस्ट्स की मानें तो गर्मी के मौसम में घी खाने से शरीर और दिमाग को ठंडा रखने में मदद मिलती है ।. इसका कारण ये है कि घी, शरीर की नमी को बढ़ाता है और सूजन को कम करने में मदद करता है।2. इम्यूनिटी बढ़ाता है- देसी घी हमारे शरीर को इंफेक्शन के साथ ही कई बीमारियों से भी बचाने में मदद करता है। घी में ब्यूटाइरिक एसिड होता है जो इम्यून सिस्टम यानी बीमारियों से लडऩे की शरीर की क्षमता को मजबूत बनाने में मदद करता है। साथ ही घी में विटामिन ए और विटामिन सी भी होता है. विटामिन सी भी शरीर की मजबूत इम्यूनिटी के लिए जरूरी है।3. पाचन को बेहतर बनाता है- घी पित्त की समस्या को भी कंट्रोल करने में मदद करता है और पाचन को भी बेहतर बनाता है । आयुर्वेद भी यही कहता है कि घी, शरीर के पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में फायदेमंद है। गर्मी के मौसम में अक्सर बदहजमी और सीने में जलन जैसी पाचन से जुड़ी दिक्कतें हो जाती हैं जिन्हें दूर कर सकता है घी।4. पोषक तत्वों से भरपूर- घी में ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ए, विटामिन सी के साथ ही हेल्दी फैट भी होता है जो शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों को सोखने और एनर्जी देने में मदद करता है। घी में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो शरीर में इन्फ्लेमेशन को रोकते हैं।---
- हम आपके लिए एक ऐसा जूस लेकर आए हैं, जो आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है. यह जूस टमाटर से तैयार होता है. अक्सर कई लोग सालभर सर्दी, खांसी और जुकाम से पीड़ित रहते हैं. ऐसे लोगों की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है और यही वजह है कि वह इन बीमारियों से ग्रसित रहते हैं. ऐसे में इन लोगों को टमाटर के जूस का सेवन करना चाहिए. क्योंकि इसे पीने से आपकी इम्यूनिटी पावर मजबूत होगी.जूस बनाने के लिए सामान1 कप पानी1 चुटकी नमक2 टमाटरकैसे बनाएं जूससबसे पहले टमाटरों को पानी से अच्छी तरह धोकर साफ कर लें.टमाटर को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेंइसके बाद टमाटर के टुकड़ों को जूसर जार में डाल दें.अब जूसर जार में एक कप पानी डालकर इसे 4-5 मिनट तक चलाएंफिर एक गिलास में इसे निकालें और ऊपर से नमक डालें.अब आप इसका सेवन कर सकते हैं.क्यों फायदेमंद है टमाटर का जूस?टमाटर में विटामिन सी की मात्रा काफी अधिक होती है. यह बॉडी में एक एंटी ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है. एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी की तरह काम करने के कारण यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए भी सक्रिय रूप से काम कर सकता है. इतना ही नहीं, कच्चे टमाटर या इसके जूस का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में मदद मिलती है. यही वजह है कि यह संक्रमण से बचने के लिए प्रभावी माना जा रहा है
- हम आपके लिए लेकर आए हैं पालक के जूस के फायदे... वैसे तो लोग सर्दी के मौसम में पालक खाना पसंद करते हैं, लेकिन गर्मियों (Summer) में भी पालक के जूस का सेवन करने से शरीर को काफी फायदा पहुंचता है. आप सुबह टाइम पालक के जूस का सेवन कर सकते हैं.पालक में क्या-क्या पाया जाता हैपालक में पर्याप्त मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं. पालक में विटामिन A, विटामिन C, विटामिन K, मैग्नीशियम, मैगनीज और आयरन पर्याप्त मात्रा में होता हैं. आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए, तनाव को कम करने और ब्लड प्रेशर को सही बनाए रखने के लिए पालक खाना फायदेमंद होता है. पालक को डाइट में शामिल कर कई शारीरिक बीमारियों से बचा जा सकता है. पालक में मुख्य रूप से कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन, फॉस्फोरस, लोहा, खनिज लवण, प्रोटीन, आयरन, विटामिन ए और विटामिन सी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. पालक के जूस का सेवन करने से वायरल संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है.पालक का जूस पीने के फायदे1. इम्यूनिटी बूस्ट करता हैइम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पालक का जूस बेहतर विकल्प है. इसलिए आप इसे डाइट में शामिल कर सकते हैं. इसमें मौजूद मैग्नीशियम शरीर को एनर्जी देने का काम करता है. पालक के जूस के सेवन से इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है और कई तरह के वायरल इंफेक्शन से बचा जा सकता है.2. आंखों के लिए फायदेमंदपालक का जूस आंखों की रोशनी को भी बढ़ाता है. इसके अलावा पालक के जूस के सेवन से पाचन तंत्र को बेहतर किया जा सकता है.3. पाचन क्रिया होती है मजबूतपालक के जूस का सेवन करने से पाचन क्रिया बेहतर होती है. पालक में पाए जाने वाले तत्व शरीर से खराब पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं. इतना ही नहीं ये कब्ज की समस्या को दूर करने में भी मदद करता है.4. वजन घटाने में मददगारअगर आप मोटापे की समस्या से परेशान हैं तो पालक के जूस को डाइट में जरूर शामिल करें. पालक में फाइबर की मात्रा अधिक होती है और वहीं कैलोरी की मात्रा बहुत कम पाई जाती है, जो वजन को कम करने में मददगार होती है.5. हड्डियों को बनाता है मजबूतपालक में कैल्शियम और एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मददगार होते हैं.
- कोरोना की नई लहर में लोगों को निमोनिया क्यों हो रहा है? कोविड के शुरूआती लक्षण वैसे तो माइल्ड ही होते हैं पर निमोनिया एक परेशानी हो सकती है। कुछ गंभीर केस में कोविड निमोनिया, रेसपिरेट्री फेलियर का कारण बन सकता है। कोविड निमोनिया के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में और अधिक जानकारी दे रहे हैं लखनऊ में डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संजीत कुमार सिंह।कोविड निमोनिया क्या होता है?निमोनिया लंग्स (फेफड़ों) का एक इंफेक्शन है। वायरस, बैक्टीरिया और फंगी के कारण निमोनिया होता है। निमोनिया कोविड का एक लक्षण भी हो सकता है जिसे हम कोविड निमोनिया के नाम से जानते हैं। वैसे तो कोविड निमोनिया के लक्षण एकदम आम निमोनिया जैसे होते हैं इसलिए इनमें पहचान करना मुश्किल हो जाता है। जिन्हें कोविड निमोनिया होता है उन्हें दोनों लंग्स में इंफेक्शन होता है जबकि निमोनिया में ज्यादातर इंफेक्शन एक लंग में होता है। वहीं सीटी-स्कैन और एक्स-रे के जरिए डॉक्टर कोविड निमोनिया की पहचान कर लेते हैं।नए कोविड स्ट्रेन में लोगों को क्यों हो रहा है निमोनिया?सार्स-कोव-2 का इंफेक्शन तब शुरू होता है जब वायरस में मिले हुए रेस्पिरेट्ररी ड्रॉपलेट्स शरीर के अपर रेस्पिरेट्ररी ट्रैक्ट में जाते हैं। जैसे-जैसे वायरस मल्टीप्लाई होता है इंफेक्शन लंग्स में फैलने लगता है। जब ऐसा होता है तो व्यक्ति के शरीर में निमोनिया होता है। जो ऑक्सीजन आप सांस लेने के लिए अंदर भरते हैं वो एल्विओली से होकर जाती है। जब कोविड इंफेक्शन होता है तो कोरोना एल्विओली को डैमेज कर देता है। जैसे ही इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ता है, लंग्स में डेड सैल्स और फ्लूड बनने लगता है। इससे सांस लेने में परेशानी होती है।कोविड निमोनिया के लक्षण क्या हैं?कोविड निमोनिया के लक्षण निमोनिया जैसे ही होते हैं जैसे बुखार आना, ठंड लगना या गले में खराश होना।इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द या थकान भी कोविड निमोनिया के लक्षण हैं। कोविड निमोनिया के गंभीर लक्षण में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। इसके साथ ही अगर चेहरे का रंग बदले या हॉर्टबीट में बदलाव हो तो भी तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।कोविड निमोनिया का पता कैसे लगाया जाता है?कोविड निमोनिया का पता लगाने से पहले कोविड का पता लगाया जाता है। रेस्पिरेट्ररी सैंपल में वायरल जेनेटिक मटेरियल मिलने पर कोविड कंफर्म होता है। आरटी-पीसीआर या एंटीजन टेस्ट में नाक और गले का सैंपल, स्वैब पर लेकर उसे टेस्ट किया जाता है। इसके बाद निमोनिया के लक्षण व्यक्ति में नजर आते हैं तो एक्स-रे या सीटी-स्कैन की मदद से लंग्स की कंडीशन देखी जाती है। इससे डॉक्टर को पता चलता है कि कोविड निमोनिया के चलते फेफड़ों में क्या बदलाव आ रहा है। इसके अलावा कोविड निमोनिया का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट जैसे कंप्लीट ब्लड काउंट सीबीसी या मेटाबॉलिक पैनल टेस्ट भी किया जाता है।किन लोगों को कोविड निमोनिया होने काखतरा ज्यादा है?1. जिन लोगों की उम्र ज्यादा है या 65 पार है उन्हें कोविड निमोनिया होने की आशंका ज्यादा हो सकती है।2. मेडिकल स्टॉफ को भी कोविड निमोनिया होने की आशंका ज्यादा होगी।3. जो लोग लंग डिसीज से पीडि़त हों, उन्हें कोविड निमोनिया हो सकता है।4. अस्थमा या हॉर्ट डिसीज के मरीजों को कोविड निमोनिया होने की आशंका ज्यादा होगी।5. लीवर डिसीज या डायबिटीज के मरीजों को भी कोविड निमोनिया हो सकता है।6. मोटापे या कमजोर इम्यूनिटिी वाले व्यक्तियों के लिए कोविड निमोनिया की आशंका सबसे ज्यादा है।7. कैंसर मरीज या एचआईवी से पीडि़त व्यक्ति को भी कोविड निमोनिया हो सकता है।---
- लौकी वजन घटाने के लिए रामबाण मानी जाती है. इसमें विटामिन-B, पानी और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो बॉडी में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और डाइजेशन भी एक्टिव रखता है. साथ ही लौकी कब्ज संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करती है- जानें इसके और भी फायदे...मिलेगा नेचुरल ग्लोलौकी के जूस में मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन पाया जाता है जो आपकी स्किन को हेल्दी रख सकता है. आप चाहें तो सुबह नाश्ते से पहले लौकी जूस पीना शुरू कर सकते हैं. क्योंकि इससे डाइजेशन प्रोसेस बढ़िया रहता है और आपकी स्किन पर ग्लो आता है.झुर्रियां होंगी छू-मंतरविटामिन सी और जिंक जैसे पोषक तत्वों से लौकी भरपूर होती है. यह एजिंग से निपटने में भी मदद करती है.मुंहासे होंगे गायबलौकी के जूस से डाइजेस्टिव सिस्टम साफ रहता है और स्किन में गंदगी और ऑयल कंट्रोल रहता है. ऐसे में पिम्पल्स ब्रेक आउट कम होता है.सूजी आंखों में आरामनेचुरली बैगी आईज़ से छुटकारा पाने के लिए लौकी जूस की मदद ली जा सकती है. क्योंकि लौकी ठंडी होता है और इसमें भरपूर मात्रा में पानी होता है, जो बैगी आईज को कम करने में मदद करता है. इसके अलावा, अपनी आंखों पर लौकी के गोल स्लाइस रखें और आराम से लेट जाएं. 20 मिनट तक इंतजार करने के बाद इसे हटा दें. आपको इफेक्ट पता चलने लगेगा.सॉफ्ट स्किन भी देती है लौकीलौकी का जूस ब्लड प्योरिफाई करने में मदद करता है. इससे आपको चिकनी और कोमल स्किन मिल सकती है. यह शरीर को साफ करता है. इसलिए हर सुबह लौकी का जूस पीने का नियम बना लें. आपको बहुत फायदे होंगे.