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- कोरोना काल में जरूरी है कि आप इम्युनिटी को मजबूत रखें और इसके लिए खानपान पर खास ध्यान दें। संक्रमण से बचाव के लिए तुलसी के काढ़े का सेवन भी आपको फायदा पहुंचाएगा।दरअसल तुलसी की पत्तियों में मौजूद औषधीय गुण आपको कई बीमारियों से बचाते हैं। इससे इम्युनिटी मजबूत होगी। वहीं अगर आपको सर्दी-खांसी की समस्या है तो इसमें भी तुलसी का काढ़ा आपको आराम देगा। ये गले में इंफेक्शन, खराश, बलगम और भारीपन की समस्या को दूर करता है। जानिए तुलसी का काढ़ा बनाने का सही तरीका-कैसे बनाएं काढ़ातुलसी, काली मिर्च, लौंग, मुलेठी, सौंठ, तेजपत्ता, गुड़ इन सभी चीजों को कूट कर एक साथ एक ग्लास पानी में डालकर उबालें। जब ये पानी एक चौथाई हो जाए तो गैस बंद कर दें। ये काढ़ा इम्युनिटी को बूस्ट करेगा और गले की खराश को दूर करेगा। इस बात का ध्यान रखें कि जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या है, वो ये काढ़ा न पिएं।मिलेंगे ये फायदेतुलसी का काढ़ा डाइजेशन को दुरुस्त रखेगा। इसमें मौजूद काली मिर्च, तुलसी, सौंठ और लौंग के एंटी-इंफ्लामेट्री गुण आपको फायदा पहुंचाएंगे। तुलसी में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जिसका आपको लाभ मिलता है।इससे इम्युनिटी बढ़ेगी और आप किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचेंगे। सर्दी या फ्लू होने पर ये काढ़ा गले को आराम देता है।तुलसी को वजन घटाने के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. ये सुपर हेल्दी ड्रिंक आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के साथ कमर को भी पतला करने में मदद करता है। तुलसी में प्राकृतिक कैमिकल्स होते हैं, जो वजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- अदरक का इस्तेमाल कई लोग करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी अदरक की पत्तियों का इस्तेमाल किया है? अदरक की पत्तियां भी अदरक की तरह ही स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकती हैं। चीन के पारंपरिक चिकित्सा पद्धति और खानपान में अदरक की पत्तियों का काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। आज हम इस लेख में अदरक की पत्तियों के फायदे और इसका इस्तेमाल करने के फायदों के बारे में जानेंगे।गठिया की परेशानी से राहतअदरक की पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो सूजन से राहत दिलाने में असरदार है। वहीं, अदरक की पत्तियों की चाय का सेवन करने से गठिया में होने वाले दर्द से भी आराम पा सकते हैं।मांसपेशियों के दर्द में आरामअदरक की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो मांसपेशियों में होने वाले दर्द से आराम दिलाने में आपकी मदद कर सकता है। रिसर्च के मुताबिक, अदरक की पत्तियों में मौजूद गुण मांसपेशियों में होने वाले दर्द और अकडऩ को दूर करने में प्रभावी है।ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोलअगर आपको ब्लड प्रेशर या फिर हाइपरटेंशन की समस्या है, तो आप अदरक की पत्तियों से बनी चाय का सेवन कर सकते हैं। यह आपके स्वास्थ्य के लिए काफी प्रभावकारी हो सकता है।वायरस से बचावइसमें एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है, जो संक्रमण से बचाव करने में आपकी मदद कर सकता है। अगर आपको वायरल की वजह से सर्दी-खांसी जुकाम की परेशानी हो रही है, तो आप अदरक की पत्तियों की चाय का सेवन कर सकते हैं।कब्ज से राहतकब्ज की समस्या से भी राहत दिलाने में अदरक की पत्तियां प्रभावकारी हो सकती है। इसमें मौजूद फाइबर आपको मल त्यागने में मदद कर सकता है। अगर आपको किसी कारण से कब्ज की शिकायत है, तो आप इसे अपने नियमित के आहार में शामिल कर सकते हैं।कैसे करें अदरक की पत्तियों का इस्तेमालइसे आप किसी भी सब्जी में डालकर खाने का स्वाद बढ़ा सकता है। इसके अलावा आप इसे पानी में उबालकर या फिर भुनकर भी खा सकते हैं। आप चाहें, तो अदरक की पत्तियों को कच्चा खा भी सकते हैं। इसके लिए आप किसी भी सलाद या फिर डिशेज की गार्निशिंग के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।अदरक की पत्तियों का इस्तेमाल चाय के रूप में भी किया जा सकता है। इसके लिए अदरक की पत्तियों को पानी में अच्छे से उबाल लें। अब इसे एक कप में छानकर इसमें नींबू के रस की कुछ बूंदे और शहद मिला लें। इसका स्वाद अदरक की चाय से थोड़ा अलग हो सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि इसका सेवन आप सीमित मात्रा में करें। वहीं, अगर आप पहली बार अदरक की पत्तियों का इस्तेमाल करने जा रहे हैं, तो एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
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लोहड़ी और मकर संक्रांति दोनों ही पर्व में तिल और तिल से बने पकवान खाए जाते हैं। लोग तिल के लड्डू से लेकर गजक और तिल गुड़ की रेवड़ी का सेवन करते हैं। पर्व में तिल से बने पकवान के सेवन का शास्त्रों के अनुसार महत्व होता है लेकिन तिल में आयुर्वेद के गुण भी होते हैं तो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। तिल में पाए जाने वाले पोषक तत्व कई बीमारियों के खतरे से बचाते हैं। इनका नियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। ऐसे में तिल का सेवन धार्मिक महत्व और मान्यताओं के साथ ही आयुर्वेद में भी महत्वपूर्ण बताया गया है। लोहड़ी और मकर संक्रांति में तिल से बने पकवान का सेवन करने वाले हैं तो जान लीजिए कि तिल खाने के क्या फायदे हैं ताकि केवल त्योहार ही नहीं अन्य दिनों में भी आप तिल का सेवन कर सकें।
तिल में मौजूद होते हैं ये पोषक तत्व---
तिल में कई तरह के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें सेसमिन नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। तिल में फाइबर और मैग्नीशियम होता है और एंटी-बैक्टीरियल के गुण भी मिलते हैं। तिल में कई तरह के लवण जैसे कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम होते हैं।
तिल से इन बीमारियों का खतरा होता है कम---
-तिल में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
-तिल लंग कैंसर, पेट के कैंसर, ल्यूकेमिया, प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों के होने की आशंका को कम करता है।
-इसमें मौजूद फाइबर और मैग्नीशियम के गुण शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करते हैं। इसलिए यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होता है।
तिल खाने के फायदे
-नियमित तिल का सेवन करने से शरीर में खून की मात्रा सही बनी रहती है।
-तिल हाई बीपी के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
-बालों और त्वचा को मजबूत व सेहतमंद बनाने के लिए तिल का नियमित सेवन लाभकारी है।
-तिल को खाने से मेटाबोलिज्म बेहतर काम करता है। इसमें मौजूद प्रोटीन शरीर को भरपूर ताकत व एनर्जी देते हैं।
-बच्चों के लिए भी तिल फायदेमंद है, इसमें डाइट्री प्रोटीन और एमिनो एसिड होता है जो बच्चों की हड्डियों के विकास को बढ़ाता है।
तिल के सेवन से नुकसान
-तिल के सेवन से फायदा है लेकिन अगर सही मात्रा व सही तरीके से इसका सेवन न किया जाए तो यह नुकसानदायक भी हो सकता है। जिन लोगों को लो बीपी की शिकायत है, उन्हें तिल कम खाना चाहिए।
-ज्यादा तिल खाने से डायरिया भी हो सकती है।
-महिलाओं और बच्चों को तिल का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
= - हाल के वर्षों में पश्चिमी देशों में भी आयुर्वेद का उपयोग बढ़ा है। कई औषधियों पर किए गए अध्ययनों में भी इसके स्वास्थ्य को लेकर बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं। कोरोना के दौर में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हम ऐसी ही दो कारगर औषधियों के बारे में बता रहे हैं। इनमें से एक है लौंग और दूसरी है काली मिर्च।लौंग के औषधीय गुणअध्ययनों से पता चलता है कि लौंग कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर होता है जिनकी शरीर को रोजाना आवश्यकता होती है। मसाले के रूप में हर घर में इसका उपयोग किया जाता रहा है। लौंग में विटामिन-के, मैंगनीज और फाइबर के साथ कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो शरीर की कोशिकाओं को संक्रमण से सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए इसका सेवन करना लाभदायक माना जाता है।काली मिर्च के औषधीय गुणलौंग की ही तरह से काली मिर्च को भी पोषक तत्वों का खजाना माना जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन की समस्या को कम करते हैं। इसके अलावा ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में भी लौंग को फायदेमंद माना जाता है। पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ावा देने और आंत को स्वस्थ रखने में भी इसे काफी कारगर माना जाता है।कैसे करें इसे आहार में शामिल?कोरोना के इस दौर में काढ़े में लौंग और काली मिर्च को मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता है। भोजन में मसाले के रूप में इसे प्रयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा सूप में भी इसे डाला जा सकता है। इन दोनों का नियमित सेवन आपको मौसमी बीमारियों के जोखिम से बचाने में भी सहायक हो सकता है। हालांकि ध्यान रखें, सेवन नियत मात्रा में ही किया जाना चाहिए।
- अंजीर और शहद का सेवन सर्दियों में सेहत के लिए बहुत उपयोगी होता है। अंजीर में मौजूद कैल्शियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट शरीर के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। शहद और अंजीर का एक साथ सेवन करने से आपके शरीर में मौजूद कई समस्याएं दूर होती हैं। आइये जानते हैं शहद और अंजीर के फायदे।1. शुगर या डायबिटीज की समस्या में उपयोगीशहद और अंजीर का संतुलित मात्रा में सेवन करने से डायबिटीज की समस्या में बहुत फायदा मिलता है। अंजीर में पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम मौजूद होता है जो शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने का काम करता है। इसके साथ ही शहद में मौजूद गुण भी डायबिटीज में फायदेमंद माने जाते हैं। शहद और अंजीर को एकसाथ मिलाकर खाने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में फायदा मिल सकता है लेकिन इनका सेवन करने से पहले आपको एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।2. कब्ज की समस्या में फायदेमंदशहद और अंजीर को एकसाथ मिलाकर खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है। अंजीर में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को ठीक करने का काम करता है और शहद में भी कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो पाचन को बढ़ावा देने का काम करते हैं।3. मुंह में छालों की समस्या में उपयोगीशहद में मौजूद गुण मुंह में छालों को दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं और इसके सेवन से मसूढ़ों को भी फायदा मिलता है। इस समस्या में शहद में अंजीर मिलाकर इसे मुंह में रखकर कुछ देर चबाएं और फिर इसे निगल लें। इसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करें। ऐसा दो से तीन बार करने से आपको फायदा मिलेगा।4. वजन कम करने में फायदेमंदवजन कम करने के लिए आप रोजाना सुबह शहद के साथ अंजीर मिलाकर इसका सेवन करें। चूंकि अंजीर में फाइबर प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है जो आपके पाचन को दुरुस्त रखता है और काफी देर तक भूख नहीं लगती है। इसके आलावा शहद भी वजन को नियंत्रित करने के लिए अच्छा माना जाता है। आप रोजाना एक से दो अंजीर को एक चम्मच शहद में मिलाकर इसका सेवन करें। कुछ ही दिनों में आपको फर्क दिखने लगेगा।5. तनाव और मानसिक समस्याओं में उपयोगीकामकाज के प्रेशर और जीवनशैली में गड़बड़ी के कारण आज के समय लोग तनाव और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं। तनाव से छुटकारा पाने के लिए अंजीर और शहद का एकसाथ सेवन बहुत फायदेमंद होता है।6. हड्डियों के लिए उपयोगीअंजीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है और इसका सेवन हड्डियों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। नियमित रूप से अंजीर का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा शहद में मौजूद गुण हड्डियों से जुड़ी समस्या जैसे हड्डियों में दर्द, जोड़ों में सूजन आदि के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।7. गले की खराश दूर करने में उपयोगीगले की खराश की समस्या में आपको कई तरह की कठिनाइयां झेलनी पड़ती हैं। इस समस्या में आप सूखे अंजीर को शहद में भिगोकर खाएं। शहद में सूखा अंजीर मिलाकर इसे पानी में डाल दें। इसके बाद उस पानी को पी लें और अंजीर को खा जाएं। ऐसा दिन में दो बार करें। शहद और अंजीर का तीन से चार बार सेवन करने से आपको गले में खराश की समस्या में फायदा मिलेगा और आपका गला भी साफ रहेगा। इसका सेवन करने से हल्के-फुल्के संक्रमण में भी फायदा मिलता है।
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जहां एक तरफ कोरोना संक्रमण का खतरा है, तो दूसरी ओर खुद को ठंड से बचाना भी है। ठंड से बचाव के लिए खानपान में ऐसा क्या शामिल करें, जिससे शरीर को गर्माहट मिले, बता रही हैं न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन-
अंदर से प्राकृतिक रूप से गर्म करने वाले खाद्य पदार्थों को खाने में शामिल करें। खाने में लौंग, जीरा जैसे साबुत मसालों का इस्तेमाल बढ़ाएं। अपनी सब्जी में काली मिर्च, कुछ सूखे नारियल के फ्लेक्स व्यंजनों में मिलाएं और ढेर सारी हरी पत्तेदार सब्जियां लें। ये आपको ठंड से बचाते हैं।
सुबह की चाय हो मसालेदार
200 ग्राम सोंठ, 200 ग्राम हरी इलायची, 100 ग्राम साबुत काली मिर्च, 50 ग्राम लौंग, 50 ग्राम दालचीनी, आठ तेज पत्ते, दो जायफल, इन सबको दो घंटे के लिए धूप में सुखाएं या फिर कड़ाही में हल्का गर्म करें, सिर्फ नमी हटाने के लिए। फिर इन मसालों को सूखा ही ग्राइंडर में पीस लें और छलनी से छान लें। अब इन मसालों के मिश्रण को एयरटाइट जार में स्टोर करें। अब जब भी चाय पीने का मन हो, इन मसालों को चुटकी भर मिला लें। ये मसाले शरीर को गर्माहट देते हैं। अदरक की चाय भी ली जा सकती है। एक कप पानी में 2 लौंग उबालें। इसमें 1/4 छोटी चम्मच पिसी हुई अदरक डालें और इसे पकने दें। फिर इसे कप में छान लें। इसमें शहद और नींबू मिलाकर पिएं। अदरक में मौजूद कैप्साइसिन शरीर के तंत्रिका तंत्र को सक्रिय कर शरीर को गर्म रखता है। वहीं लौंग सांस की तकलीफ को दूर रखने के लिए उत्तम है। - कुछ लोगों की शिकायत रहती है कि वे दिन भर काम करने के बाद, इतनी थकान महसूस करने के बाद भी भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं और ना ही अगले दिन फ्रेश महसूस कर पाते हैं। अपनी नींद की समस्या को दूर करने के लिए लोग न जानें किन-किन तरीकों को अपनाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि थकान, नींद, ऊर्जा आदि के लिए रात को सोने से पहले पैरों को धोना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। यदि व्यक्ति रात को सोने से पहले अपने पैरों को अच्छे से धोता है तो इससे सेहत को कई फायदे हो सकते हैं।1- पैरों की मांसपेशियों के लिए आरामदायकहमारे शरीर का पूरा भार हमारे पैर उठाते हैं। ऐसे में आप पैरों में अकडऩ या ऐंठन जैसी समस्याओं का सामना कर सकते हैं। बता दें कि रात को सोने से पहले यदि पैरों को धोया जाए तो इससे ना केवल पैरों की मांसपेशियों को राहत मिल सकती है बल्कि जोड़ों के दर्द से भी आराम मिल सकता है।2 - मिलती है एनर्जीरात को सोने से पहले यदि व्यक्ति पैरों को धोता है तो इससे ना केवल ब्रेन को शांति मिलती है बल्कि व्यक्ति रिलैक्स भी महसूस कर सकता है। पूरे दिन जब हमारे पैर पृथ्वी की सतह के संपर्क में रहते हैं तो इससे उन्हें गर्मी का एहसास होता है। ऐसे में रात को सोने से पहले पैर धोना जरूरी हैं। ऐसा करने से जब व्यक्ति अगले दिन सो कर उठेगा तो अपने अंदर एक ऊर्जा महसूस करेगा।3 - सही रह सकता है शरीर का तापमानरात को सोने से पहले दर्द होना शरीर के तापमान को नियंत्रित रख सकता है। जी हां जब व्यक्ति पैर धोता है तो इससे पैर ठंडे महसूस होते हैं, जिसके कारण व्यक्ति के शरीर का तापमान भी सामान्य रहता है। बता दें कि आयुर्वेद में भी रात को सोने से पहले पैर धोने पर जोर दिया जाता है।4 - पैरों की त्वचा हो कोमलदिन भर चलने, दौडऩे के कारण पैरों पर तनाव रहना स्वभाविक है। ऐसे में इस तनाव के कारण व्यक्ति उलझन महसूस कर सकता है। बता दें कि सोने से पहले पैर धोने की आदत न केवल पैरों के तनाव को दूर करने में उपयोगी है। बल्कि पैरों की त्वचा को कोमल बनाए रखने में भी आपके काम आ सकती है। जब व्यक्ति पूरे दिन की धूल मिट्टी और गंदगी पैरों पर लिए बिस्तर पर आता है और उसी के साथ सोता है तो इससे पहले कि त्वचा भी नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकते हैं।5 - पैरों की बदबू से राहतजब दिनभर व्यक्ति मोजे पहन कर रखता है तो इसके कारण पैरों से बदबू आना लाजमी है। इससे अलग जूते या टाइट स्लीपर्स के कारण अक्सर पैरों में पसीना आना शुरू हो जाता है, जिसके कारण दुर्गंध आ सकती है। ऐसे में रात को सोने से पहले यदि पैरों को धोया जाए तो इससे ना केवल एयर फ्लो सुधर सकता है बल्कि पैर भी फ्रेश महसूस कर सकते हैं।रात को सोने से पहले पैर धोने का तरीकाआप चाहे तो साधारण पानी से भी अपने पैरों को धो सकते हैं और पैरों को धोने के लिए आप गुनगुने पानी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। ऐसे में आप आधी बाल्टी गुनगुने पानी लें और अपने पैरों को थोड़ी देर उसमें डिबोकर रखें। अब पानी से पैर निकालकर उसे अच्छे से पौंछ लें और उसके बाद पैरों की नमी बनाए रखने के लिए किसी तेल या क्रीम का इस्तेमाल करें। आप चाहे तो तेल के रूप में नारियल के तेल से पैरों में नमी बनाए रख सकते हैं।
- सर्दियों में अक्सर कुछ मीठा खाने का मन करता है। ऐसे में आपको मीठे की क्रेविंग को शांत करते हुए यह भी लगता होगा कि इतना मीठा खाना सेहत के लिए ठीक नहीं है। ऐसे में आप चीनी को गुड़ से रिप्लेस करके इस गिल्ट को कुछ कम कर सकते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं गुड़ वाली रबड़ी बनाने की टेस्टी रेसिपी। गुड़ में आयरन और फ्लोरिन भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके अलावा यह कई प्रकार के विटामिंस और मिनरल्स का बहुत ही खास स्त्रोत होता है। इसका इस्तेमाल नियमित तौर पर करने से आप खुद को कई प्रकार के रोगों से दूर रख सकते हैं और यह कॉलेस्ट्राल कम रखने में भी मददगार है।सामग्री :दूध -03 लीटरगुड़– दो कपबादाम– 10 (बारीक कटे हुए)पिस्ता- 10 (बारीक कटे हुए)केवड़ा जल -02 बड़े चम्मचइलायची पाउडर-छोटा चम्मच--विधि : सबसे पहले कड़ाही में दूध को उबालें। लेकिन ध्यान रखें कि दूध को चलाते रहें। जब दूध गाढ़ा हो जाए तो उसमें केवड़ा, इलायची पाउडर और गुड़ डालें और फिर धीमी आंच पर पकाते रहें। धीरे-धीरे दूध पक कर बेहद गाढ़ा हो जाएगा और रबड़ी बन जाएगा। अब इस रबड़ी को ठंडा करने के लिए छोड़ दें। इसके बाद काजू , बादाम, पिस्ता के साथ सर्व करें।
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-पदभार ग्रहण के अवसर पर भिलाई निगम पहुंचे मुख्यमंत्री ने किया महापौर, सभापति एवं पार्षदों को संबोधित
दुर्ग /भिलाई नगर निगम के महापौर एवं सभापति के पदभार ग्रहण समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नव निर्वाचित प्रतिनिधियों से कहा कि आपने निगम के विकास को लेकर जो सपने देखे हैं उन्हें पूरा करने का अवसर जनता ने आपको दिया है। जिसे आप सभी को संकल्पबद्ध होकर युद्ध स्तर पर पूरा करें। जनता से जो वादे अपने किए हैं, उसे निभाने युद्ध स्तर पर जुट जाएं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर महापौर श्री नीरज पाल को बधाई देते हुए कहा कि नीरज ने सेक्टर 5 एरिया में जिस तरह से विकास किया है वह काबिले तारीफ है। शहीद भगत सिंह के नाम पर यहां पार्क बना है। उन्होंने कहा कि यहां शहीद-ए-आजम पार्क देखते ही बनता है और महापुरुषों की स्मृतियों को संजोने का सुंदर काम हुआ है। उन्होंने कहा कि नीरज में जो विजन है वह भिलाई को विकास की नई ऊंचाइयां देने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महापौर तथा प्रतिनिधि यह भी देखें कि पटरी पार का भी तेजी से विकास हो, कोसा नगर, राधिका नगर हुडको आदि क्षेत्रों में भी तेजी से विकास कार्य बढ़ाएं।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार समावेशी विकास की राह पर चलती है ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्रों का भी विकास हो , इसका हम पूरा ध्यान रखते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी स्पष्ट मान्यता है कि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था जड़ों की तरह है जब हम जड़ों को सिंचित करेंगे तो वृक्ष भी विकसित होगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था से संबंधित कर्ज माफी योजना,राजीव गांधी न्याय योजना गोधन न्याय योजना आदि के माध्यम से बड़े पैमाने पर राशि बाजार में पहुंची है जिससे शहरी अर्थव्यवस्था भी गुलजार हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार अब तक 66 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है और यह खरीदी एक करोड़ मीट्रिक टन से अधिक जाने की संभावना है। इस तरह 25000 करोड रुपए बाजार में आएंगे, स्वाभाविक तौर पर इसका लाभ शहरी अर्थव्यवस्था को भी होग। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्यके क्षेत्र में मोबाइल मेडिकल यूनिट, दाई दीदी क्लीनिक आदि सरोकारों के माध्यम से अच्छा कार्य हुआ है। कोरोना जैसे संक्रामक रोगों के नियंत्रण में भी निगम अमले ने जिस तरह से कार्य किया वह प्रशंसनीय है। इसके नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा जो स्वास्थ्य अधोसंरचना बनाई गई। वह काफी उपयोगी साबित हुई, शिक्षा के क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद स्कूलों के माध्यम से बड़ा कार्य हुआ। इस अवसर पर अपने संबोधन में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि आप सभी को बेहतरीन कार्य करने का अवसर जनता ने उपलब्ध कराया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में शहरी विकास की बेहतरीन योजनाएं संचालित हो रही है। इसका लाभ उठाएं। प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने अपने संबोधन में कहा कि 3 साल तक मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में जो विकास कार्य हुए हैं इसकी वजह से नागरिकों ने शहरी विकास की योजनाओं पर मुहर लगाई है। इस मौके पर महापौर श्री नीरज पाल ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बड़ी जिम्मेदारी दी है और भरोसा जताया है इस भरोसे पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। सभापति श्री गिरवर साहू ने आभार व्यक्त किया।इस मौके पर विधायक श्री देवेंद्र यादव, विधायक श्री अरुण वोरा, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, महापौर श्री धीरज बाकलीवाल, पूर्व विधायक श्री प्रदीप चौबे, अंत्यावसायी निगम के उपाध्यक्ष श्रीमती नीता लोधी, मंडी बोर्ड के अध्यक्ष श्री अश्विनी साहू, सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री जवाहर वर्मा उपस्थित थे। इस मौके पर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसएसपी श्री बद्री नारायण मीणा एवं निगमायुक्त श्री प्रकाश सर्वे भी उपस्थित रहे। -
वजन कम करने के लिए अक्सर कहा जाता है कि अपनी डाइट से रोटी को कम कर दें या फिर मल्टीग्रेन आटे का इस्तेमाल करें। गेहूं के आटे के अलावा ज्वार, मक्का और बाजरा जैसे अनाज सेहत के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं। कई हेल्थ एक्सपर्ट्स सर्दियों में वेट कंट्रोल करने बाजरा और मक्के के आटे से बनी रोटी खाने का सुझाव देते हैं। ऐसे में सभी के मन में सवाल उठता है कि वजन कम करने के लिए बाजरा या मक्का कौन-सा आटा फायदेमंद होता है? आइए, जानते हैं कि पौष्टिकता के मामले में दोनों में से कौन-सा आटा आगे है।
बाजरे के पोषक तत्व और फायदे
प्रोटीन, फाइबर और आवश्यक खनिजों से भरपूर, बाजरा अनाज के बीच सबसे हेल्दी ऑप्शन्स में से एक है। जो ग्लूटेन फ्री होने की वजह से सेहत के लिए बहुत अच्छा है। हाई फाइबर ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के साथ बाजरा में हाई मात्रा में प्रोटीन होता है, जिसमें बाजरा गैस्ट्रिक, कब्ज जैसी प्रॉब्लम्स के लिए बहुत फायदेमंद है। कार्बोहाइड्रेट से युक्त, बाजरे को पचने में लंबा समय लगता है, जिसके कारण इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है और इसे खाने से लम्बे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है। बाजरे में मौजूद फाइटोकेमिकल्स, पॉलीफेनोल्स एंटी-कार्सिनोजेनिक और एंटीट्यूमर होते हैं, इसलिए, बाजरा कैंसर सेल्स को पनपने से रोकता है, जिस वजह से कैंसर से बचाव होता है।
मक्के के पोषक तत्व और फायदे
मक्के को आमतौर पर सर्दियों के दौरान खाया जाता है। आप अगर गेहूं से ज्यादा पौष्टिक आटा खाना चाहते हैं, तो मक्के का आटा बेहतरीन ऑप्शन है। मक्का आयरन, फास्फोरस, जिंक और विभिन्न विटामिनों से भरपूर होता है। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, मक्के का आटा आंखों की रोशनी के लिए बहुत अच्छा होता है और यह कैंसर और एनीमिया की रोकथाम में भी मदद करता है। यह वजन घटाने में बहुत कारगर है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जिसे पचने में ज्यादा टाइम लगता है। मक्के का आटा खाने से ठंड कम लगती है और शरीर में गर्मी बनी रहती है।
कौन-सा आटा है ज्यादा बेहतर
दोनों ही आटे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। खासकर सर्दियों में बाजरा और मक्के का सेवन बहुत ही फायदेमंद है। जो लोग तेजी से वजन कम करना चाहते हैं या पेट की चर्बी कम करना चाहते हैं, उन्हें मक्के के आटे की बजाय बाजरे के आटे की बनी रोटी खानी चाहिए। कम कैलोरी की वजह से बाजरे के आटे को वेट कंट्रोल में कारगर माना जाता है। बाजरे का सेवन करते हुए ख्याल रखना चाहिए कि रोजाना बाजरे को न खाएं। इससे गुर्दे में पथरी की समस्या हो सकती है। वहीं, इसके अलावा बाजरे में मौजूद फाइटिक एसिड भी आंत में भोजन के अवशोषण में परेशानी पैदा कर सकता है। वहीं, जिन लोगों का डाइजेशन कमजोर है, उन्हें मक्के के आटे का सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि इसे पचाना मुश्किल होता है। मक्के से पेट फूलना, गैस और डायरिया जैसी पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। - लोहड़ी का त्योहार इस बार 13 जनवरी को मनाया जाएगा। इस त्योहार पर खीर बनाने की परंपरा है। जिसे अगले दिन खाया जाता है। चलिए इस बार लोहड़ी में कुछ अलग ट्राई करते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं मखाने और चिरौंजी से बनी खीर की रेसिपी, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद है। आप ये खीर किसी भी त्योहार में बना सकते है। फलाहारी के रूप में यह खीर चाव से खाई जाती है।सामग्री- खीर बनाने के लिए जरूरत होगी दूध एक लीटर, मखाना सौ ग्राम, चिरौंजी 50 ग्राम, मनचाहे ड्राई फ्रूट्स और चीनी की बजाय गुड़। गुड़ से इस खीर का स्वाद बिल्कुल अलग आता है। आप चाहे तो इसमें शक्कर भी डाल सकते हैं।मखाने की खीर बनाने के लिए एक मोटे तले के बर्तन में दूध गर्म करें। जब इसमे उबाल आ जाए तो गैस को धीमी कर कुछ देर तक पका लें। अब इसमे मखाने को छोटे टुकड़ों में काटकर डालें। साथ में चिरौंजी भी डाल दें। अब मखाने और चिरौंजी मिले दूध को अच्छी तरह से पकाएं। जब ये गाढ़ा हो जाए तो इस दूध में गुड़ को डाल दें। ध्यान रहे कि गुड़ को छोटे टुकड़ों में करके डालें। जिससे कि घुलने में आसानी हो। साथ में दूध को चलाते रहें। सबसे आखिर में इस खीर में अपने मनपसंद ड्राई फ्रूट्स को काटकर डाल दें। तैयार है मखाने की खीर, बस इसे गर्मागर्म या फिर ठंडा कर परोंसे। आप चाहें तो सजावट के लिए ऊपर से भी ड्राई फ्रूट्स डाल सकती हैं।यदि आप शक्कर का इस्तेमाल कर रही हैं, तो इसमें केसर अवश्य डालें। इससे खीर में रंग भी अच्छा आता है और स्वाद भी बढ़ जाता है।मखाने में कैलोरी बहुत कम होती है और फाइबर काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन किडनी और दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है। इससे आपकी शारीरिक कमजोरी दूर होती है और शरीर में तुरंत एनर्जी आती है। मखाना कैल्शियम से भरपूर होता है इसलिए हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
- जीवनशैली की गड़बड़ी के कारण लोगों में तमाम तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। आर्थराइटिस या गठिया की समस्या भी इसी तरह की है। आर्थराइटिस में जोड़ों में सूजन और तेज दर्द की दिक्कत होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक चोट, मोटापा, ऑटोइम्यून विकार, जीन या पारिवारिक इतिहास और मांसपेशी में कमज़ोरी जैसी स्थितियां गठिया रोग के जोखिम को बढ़ा देती हैं।डॉक्टर्स के मुताबिक जिन लोगों को गठिया की समस्या होती है उन्हें अपने सेहत के विशेष देखभाल की जरूरत होती है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं, गठिया से पीडि़त रोगियों को क्या चीजें नहीं करनी चाहिए, जिससे दर्द और सूजन को रोकने में मदद मिल सके।गतिहीन जीवन शैली है नुकसानदायकगठिया के रोगी सामान्यतौर पर दर्द के डर के कारण ज्यादा चलते या काम नहीं करते हैं, जिससे शरीर को निष्क्रियता बढ़ जाती है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस तरह की सेडेंटरी लाइफस्टाइल को काफी नुकसानदायक मानते हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक ऐसे रोगियों को डॉक्टर की सलाह पर हल्के-फुल्के व्यायाम, वॉकिंग जैसे अभ्यास करते रहने चाहिए। गतिहीन जीवन आपकी दिक्कतों को और बढ़ा सकती है।अस्वास्थ्यकारी आहार से रहें दूरआप भी सोच रहे होंगे कि आखिर आहार का गठिया से क्या संबंध है? डॉक्टर्स बताते हैं, यदि किसी व्यक्ति को गठिया है आपको पौष्टिक भोजन का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए। इससे शरीर का वजन नियंत्रित रहता है और गठिया की जटिलताएं कम होती हैं। शरीर का वजन अधिक होने से जोड़ों पर अधिक तनाव पड़ता है जिसके कारण जोड़ों में दर्द और सूजन बढ़ सकती है।धूम्रपान की आदत है नुकसानदायकस्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जिन लोगों को गठिया की समस्या हो, उन्हें धूम्रपान से तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए। अप्रैल 2019 में द जर्नल ऑफ रुमेटोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार धूम्रपान जोड़ों में सूजन की समस्या को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, आर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार, धूम्रपान हड्डियों के द्रव्यमान को कम कर देता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
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दूध में मौजूद कैल्शियम व अन्य पोषक तत्व हमारी बॉडी को हेल्दी रखने में मददगार होते हैं. बच्चे ही क्या बड़ों को भी इसके रोजाना सेवन की सलाह दी जाती है. ज्यादातर घरों में ये तक कहा जाता है कि जो बच्चा रोजाना दूध पीता है वो हमेशा हेल्दी और एक्टिव रहता है. देखा जाए तो ये सच भी है. लेकिन दूध के साथ किन चीजों का सेवन किया जाए हमें इसकी जानकारी भी होनी चाहिए. अधिकतर मामलों में लोग आजकल दूध के साथ किसी भी तरह की चीजों का सेवन करते हैं, लेकिन ऐसा करने से दूध फायदा करने के बजाय शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है.
हम आपको ऐसी ही चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें अगर दूध के साथ खाया जाए तो ये सेहत पर बुरा प्रभाव डालती हैं. इन चीजों का दूध के साथ किसी भी सूरत में सेवन नहीं किया जाना चाहिए. जानें इन चीजों के बारे में….
मूली
ऐसा देखा गया है कि लोग नाश्ते में मूली की सब्जी के साथ पराठे खाकर तुरंत दूध पीना पसंद करते हैं. लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो इससे दूध जहरीला हो सकता है. इस कारण स्किन से जुड़े रोग भी हो सकते हैं. सलाह दी जाती है कि मूली खाने के करीब 2 घंटे बाद दूध का सेवन करना चाहिए.
उड़द की दाल
उड़द ही क्या दूध के साथ किसी भी तरह के दाल के सेवन से बचना चाहिए. खासतौर पर इनमें नमक या अम्लीय पर्दाथ मिला हो तो दूध बिल्कुल नहीं पीना चाहिए. आजकल लोग अंकुरित दाल खाने के बाद दूध पीने की गलती कर रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक ये कदम हानिकारक साबित हो सकता है. कहा जाता है कि दूध के साथ उड़द की दाल खाने से दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है.
नमकीन चीजें
दूध और खटाई का बैर हम सभी जानते हैं. इसके बावजूद कई लोग नमकीन नाश्ता करके दूध पी जाते हैं. या फिर रात का खाना खाने के बाद तुरंत दूध पीना पसंद करते हैं. आयुर्वेद के मुताबिक इस कारण दूध विषैला हो सकता है और इससे स्किन की प्रॉब्लम भी हो सकती है.
फल
जिन फ्रूट्स की तासीर खट्टी होती है उनका सेवन भी दूध के साथ नहीं किया जाना चाहिए. खटास के कारण दूध की प्रवृति विषैली हो सकती है. वैसे केले से साथ भी दूध का सेवन ठीक नहीं होता. दूध और केले को साथ खाने से कफ की समस्या बनती है और इससे पाचन क्रिया पर भी असर पड़ता है. -
कोरोना के कारण ज्यादातर लोगों को घर से ही अपनी प्रोफेशनल लाइफ को रन करना पड़ रहा है. इस वजह से व्यक्ति का एक्टिव रहना थोड़ा कम हो गया है और अन्य बीमारियां भी उन्हें चपेट में ले रही हैं. इन्हीं बीमारियों में से एक है यूरिक एसिड. इसकी वजह कई हैं, लेकिन अहम कारण हमारा खानपान है. देखा जाए तो यूरिक एसिड (Uric Acid) की समस्या आजकल आम हो गई है. 30 की उम्र पार कर चुके लोगों में ये बीमारी को ज्यादा देखी जा रही है. यूरिक एसिड के बढ़ जाने से शरीर में जोड़ों में दर्द, सूजन, और गठिया की समस्या हो जाती है.
इतना ही नहीं ये किडनी की कार्य क्षमता को भी प्रभावित करता है. यहां तक कि ये खून और यूरिन को काफी एसिडिक भी बना सकता है. वैसे तो यूरिक एसिड की समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह लेना ही जरूरी माना जाता है, लेकिन कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से इससे काफी हद तक निजात पाया जा सकता है. जानें वो घरेलू नुस्खे
पानी
पानी शरीर के जुड़ी हर समस्या के लिए रामबाण का काम करता है. ज्यादा से ज्यादा पानी से बॉडी से हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं और किडनी भी बेहतर काम करने लगती है. इसलिए आज से ही ज्यादा से ज्यादा पानी पीने का रूटीन बनाएं.
प्यूरीन वाले फूड्स न खाएं.
माना जाता है कि यूरिक एसिड का निर्माण प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों की पाचन प्रक्रिया के दौरान होता है. प्यूरीन मटर, पालक, मशरूम, सूखे सेम, पोर्क, मुर्गा, मछली, मटन, फूल गोभी, राजमा और बीयर आदि में पाया जाता है. इसलिए इन फूड्स को कम मात्रा में ही खाएं.
अलसी
कई मायनों में शरीर के लिए फायदेमंद मानी जाने वाली अलसी भी यूरिक एसिड की समस्या से निजात पाने में कारगर है. रात भी अलसी को भिगोने के बाद सुबह खाली पेट इसे चबा-चबाकर खाएं. इससे यूरिक एसिड कंट्रोल में रहेगा.
ऑलिव ऑयल
ऑलिव ऑयल में विटामिन ई भरपूर मात्रा में मौजूद होता है और इसका सेवन यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करता है. हालांकि सलाह दी जाती है कि हद से ज्यादा ऑलिव ऑयल का सेवन न करें.
एक्सरसाइज
बॉडी को हेल्दी रखने के लिए एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए. अगर आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं तो इससे भी यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है. अगर एक्सरसाइज करने में दिक्कत है, तो सुबह-सुबह वॉक पर जरूर जाएं. ऐसा करने से शरीर की दूसरी परेशानियां आपसे दूर रहेंगी. - गुड़ और घी का कॉम्बिनेशन सुपरफूड की तरह काम करता है। आयुर्वेद के अनुसार गुड़ और घी को साथ में लेने से कई तरह की स्वास्थ्यगत समस्याएं दूर होती हैं। गुड़ और घी का मिक्सचर इम्यूनिटी बढाऩे, हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इससे खून की कमी भी दूर होती है। सर्दियों में गुड़ और घी खाना अधिक लाभदायक माना जाता है। इसे खाने से आप हमेशा फिट और हेल्दी रह सकते हैं।गुड़ में मौजूद पोषक तत्वगुड़ में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, मैंगनीज, जिंक और सेलेनियम काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है।घी में मौजूद पोषक तत्वघी विटामिन ए, विटामिन ई और विटामिन डी से समृद्ध होता है। इसके अलावा इसमें फैटी एसिड भी पाया जाता है। आयुर्वेद में गाय के देसी घी को सबसे श्रेष्ठ माना गया है।गुड़ और घी खाने के फायदे1. हड्डियां मजबूत बनाएगुड़ और घी को साथ में खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं। गुड़ में कैल्शियम होता है। वही घी में विटामिन के2 होता है, जो हड्डियों में कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है। इससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। शारीरिक कमजोर को दूर करने के लिए भी इस कॉम्बिनेशन का उपयोग किया जा सकता है। गुड़ और घी खाने से हड्डियों, जोड़ों में दर्द की समस्या नहीं होती है। यह हड्डियां मजबूत बनाने का आसान उपाय है।2. पेट के लिए फायदेमंदगुड़ और घी का कॉम्बिनेशन पेट की समस्याओं को दूर करने में काफी फायदेमंद होता है। गुड़ और घी साथ में लेने से कब्ज की समस्या दूर होती है। गुड़ और घी मल त्याग को आसान बनाता है और कब्ज से राहत दिलाता है। पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए भी गुड़ और घी का सेवन किया जा सकता है। इससे एसिडिटी में भी आराम मिलता है।3. खून साफ करेगुड़ को एक अच्छा ब्लड डिटॉक्सीफायर भी कहा जाता है। इसलिए इसे त्वचा के लिए अच्छा माना जाता है। गुड़ और घी साथ में लेने से त्वचा हेल्दी बनती है। इससे शरीर में मौजूद टॉक्सिंस आसानी से निकल जाते हैं, त्वचा में निखार आता है।4. मूड ठीक करे गुड़ और घी कॉम्बिनेशनगुड़ और घी साथ में लेने से मूड भी ठीक होता है। इसे खाने से स्ट्रेस, तनाव और टेंशन दूर होती है। आप चाहें तो स्ट्रेस फ्री होने के लिए गुड़ और घी का सेवन कर सकते हैं। यह मूड स्विंग को भी ठीक करता है।5. एनीमिया से राहतएनीमिया यानी शरीर में खून की कमी। गुड़ में आयरन होता है, इसलिए यह खून की कमी को दूर करता है। एनीमिया से पीडि़त महिलाओं को गुड़ और घी का साथ में सेवन जरूर करना चाहिए। इससे शरीर में खून की पूर्ति होगी।गुड़ और घी खाने का तरीकाअधिकतर लोगों के मन में सवाल होता है कि आखिर गुड़ और घी कब खाना चाहिए? गुड़ और घी सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद होता है। आप दोपहर का भोजन करने के लिए गुड़ और घी का साथ में सेवन कर सकते हैं। यानी लंच के बाद गुड़ और घी खाया जा सकता है। इसके लिए आप एक चम्मच देसी गाय का घी लें। इसमें एक टुकड़ा गुड़ डालें। अब इस कॉम्बिनेशन को लंच के 10 मिनट बाद खा लें। इससे आपकी इम्यूनिटी बढ़ेगी, आप जल्दी से बीमार नहीं पड़ेंगे। गुड़ और घी सर्दी-जुकाम और खांसी से भी राहत दिलाता है। गुड़ की तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दियों में इसका सेवन करना अधिक फायदेमंद माना जाता है।नोट- किसी बीमारी का सामना करने वाले व्यक्ति डॉक्टर की सलाह पर ही इनका सेवन करें। डायबिटीज रोगी बिना डॉक्टर की सलाह के गुड़ का सेवन करने से बचें।---
- सर्दी के मौसम में ज्यादातर लोग टमाटर का सूप पीना पसंद करते हैं। इसकी वजह एक तो ये काफी स्वादिष्ट होता है और इसे बनाना काफी आसान है। आप टमाटर सूप से बोर हो गए हैं, तो इस सर्दी में आप कुछ नया ट्राई कर सकते हैं। हम आपको कुछ ऐसे सूप बताने जा रहे हैं, जो हेल्दी तो हैं ही, साथ ही उनका स्वाद भी लाजवाब है।पत्ता गोभी सूपपैन में तेल लें और इसमें पत्ता गोभी को थोड़ा सा फ्राई करें । इसमें मटर, हरा प्याज व अन्य को मिला लें । साथ ही नमक भी स्वाद अनुसार डालें । अब इसमें दो गिलास पानी डालें और पकने दें । इस बीच इसमें थोड़ा सा कॉर्न फ्लोर भी जोड़ लें । आपका सूप 30 मिनट में तैयार हो जाएगा। काली मिर्च के साथ गर्म-गर्म परोसें।गाजर का सूपइसे बनाना भी काफी आसान ह। एक बर्तन में तेल लें और उसमें गाजर के टुकड़े समेत मटर, हरा प्याज, लहसुन और अदरक डालें। इन्हें गर्म होने के लिए धीमी आंच पर गैस पर रखें। इसमें 2 टेबल स्पून कॉर्न स्टार्च मिलाना न भूलें। नमक भी स्वाद अनुसार मिलाएं। अब पानी डालें और इसे पकाएं। कुछ देर में आपका सूप तैयार हो जाएगा।मशरूम सूपएक बर्तन में तेल डालें और उसमें कुछ कटा हुआ हरा प्याज, अजवाइन, फूलगोभी, प्याज, लहसुन जोड़ें। इसमें एक कप कटा हुआ मशरूम डालें। डायजोन सरसों के 1 बड़े चम्मच, वनस्पति स्टॉक के 2 कप, 1 बड़ा चम्मच बलसैमिक विनेगर और 1 बड़ा चम्मच अजवाइन डालें। 20 मिनट तक इन्हें पकाएं। स्मूथ होने तक ब्लेंड करें और थोड़ा नमक और काली मिर्च के साथ सर्व करें।कॉर्न सूपएक बर्तन में, 1 कप कॉर्न, आधा कप कॉर्न और 2 कप वेजिटेबल स्टॉक (कुछ कटे हुए प्याज, अजवाइन, गाजर, अजवायन के फूल, लहसुन और अजमोद को नमक के साथ तेल में मिलाकर 30 मिनट के लिए पानी में उबालें)। मध्यम आंच पर 20-25 मिनट तक इन्हें पकाएं। एक पैन में, कुछ कटा हुआ प्याज भूनें और इसमें 1 बड़ा चम्मच मिसो डालें। मकई मिक्सचर जोड़ें और कुछ मिनट के लिए इन्हें पकाएं। इस मिश्रण और स्ट्रेन को ब्लेंड करें। थोड़ा सा नमक और काली मिर्च के साथ इसे गरमा-गरम परोसें।
- अकसर आपने सुना होगा कि सुबह उठकर गर्म पानी पीना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इससे न केवल मेटाबॉलिज्म के कार्य में सुधार आ सकता है बल्कि इम्यूनिटी भी मजबूत बनती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रात को सोने से पहले गर्म पानी पीना भी सेहत के लिए बेहद उपयोगी है। इससे शरीर को कई लाभ मिलते हैं।1 - विषाक्त पदार्थ हों दूररात को सोने से पहले गर्म पानी का सेवन करता है तो ऐसा करने से उसके शरीर का आंतरिक तापमान बढ़ सकता है, जिससे उसे पसीना आज सकता है और रक्त संचार बेहतर बन सकता है। यह प्रक्रिया शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में उपयोगी साबित हो सकती है।2 - पाचन क्रिया होती है तंदुरुस्तयदि व्यक्ति रात को सोने से पहले गर्म पानी का सेवन करता है तो इससे कमजोर पाचन तंत्र में मजबूती आ सकती हैं। गर्म पानी ना केवल आंतों के लिए उपयोगी है बल्कि कब्ज, गैस आदि पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने में भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके अलावा रात को गर्म पानी पीने से खाना जल्दी पच सकता है।3 - मानसिक स्वास्थ्य हो बेहतरयदि व्यक्ति रात को सोने से पहले गर्म पानी का सेवन नियमित रूप से करता है तो ऐसा करने से न केवल तनाव की समस्या दूर हो सकती है बल्कि अवसाद यानी डिप्रेशन की समस्या से भी राहत मिल सकती है। बता दें कि जिस व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा तो इससे उसका मूड भी फ्रेश बना रह सकेगा।4 - वजन घटाने में है उपयोगीआज के समय में लोग अपने बढ़ते वजन से काफी परेशान है। ऐसे में मोटापे की समस्या से पेरशान लोगों को बता दें कि यदि वह रात को सोने से पहले गर्म पानी का सेवन करते हैं तो इससे शरीर की अतिरिक्त चर्बी को दूर किया जा सकता है। गर्म पानी पीने से व्यक्ति की पाचन क्रिया तंदुरुस्त रह सकती है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि व्यक्ति का वजन भी नियंत्रित रह सकता है।5 - बेहतर आती है नींदयदि आपको अनिद्रा की समस्या है या आप नींद की कमी से परेशान हैं तो आपको बता दें कि रात को सोने से पहले गर्म पानी का सेवन आपकी इस समस्या को दूर करने में उपयोगी है। जैसा कि हमने पहले भी बताया कि रात को सोने से पहले यदि गर्म पानी का सेवन किया जाए तो डिप्रेशन और तनाव दोनों से दूर रहा जा सकता है। ऐसे में व्यक्ति को बेहतर नींद भी आ सकती है।नोट - ज्यादा तेज गर्म पानी भी सेहत के नुकसान भी हो सकता है। ऐसे में रात को सोने से पहले गुनगुने पानी का ही सेवन करें। इससे अलग यदि आपको सेहत से जुड़ी कुछ समस्या है या आप कोई स्पेशल डाइट फोलो कर रहे हैं तो अपनी डाइट में गुनगुने पानी को जोडऩे से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
- अजवाइन का पराठा उन लोगों के लिए बेहद हेल्दी है जो कि सुबह गैस बनने के कारण नाश्ते से बचते हैं। जानते हैं इसकी रेसिपी और फायदे।-अजवाइन का पराठा बनाने के लिए सबसे पहले 2 कटोरी आटा लें।-इसमें कटी हुई बारीक अजवाइन के पत्ते डालें या फिर 2 चम्मच अजवाइन के बीज डालें।-एक छोटा चम्मच नमक, 2 चम्मच देसी घी डालें।-आप चाहें तो इसमें स्वाद के लिए बारीक कटी हुई प्याज, हरी मिर्च और लहसुन भी डाल सकते हैं।-अब रोटी के जैसा आटा तैयार करते हैं, वैसे ही इस पराठे का आटा तैयार कर लें और अब छोटी-छोटी लोई बनाएं और फिर इससे पराठा बनाएं। इसे चटनी और दही के साथ खाएं।अजवाइन पराठा खाने के फायदे1. सर्दियों में शरीर गर्म रखता हैसर्दियों में अजवाइन का पराठा खाना बेहद ही फायदेमंद है। इसलिए कि इसकी तासीर गर्म होती है जो सर्दियों में शरीर को गर्म रखने का काम करता है। दूसरा कि इसका एंटीऑक्सीडेंट गुण इम्यूनिटी बूस्ट करता है और शरीर को मौसमी संक्रमण से बचाने में मददगार है। अजवाइन बलगम को आसानी से बाहर निकालकर बंद नाक की समस्या से बचाव में मदद करता है। साथ ही ये अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियों के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है।2. गैस और बदहजमी की समस्या को दूर करता हैगैस और बदहजमी के लिए अजवाइन हमेशा से ही एक कारगर उपाय रहा है। ऐसे में जिन लोगों को सुबह उठते ही गैस और रात के खाने के कारण बदहजमी की समस्या हो जाती है उनके लिए अजवाइन के पराठे खाना बेहद ही फायदेमंद है। पहले तो इसे खाने से आपके पाचक एंजाइम्स एक्टिवेट हो जाते हैं और आसानी से खाना पचाने में मदद करते हैं। उसके बाद ये पेट के पीएच को बैलेंस करता है और मेटाबोलिज्म को ठीक करने में मदद करता है। इस तरह से गैस और ब्लॉटिंग की समस्या को दूर करता है।3. प्रेग्नेंसी में मतली दूर करता हैप्रेग्नेंसी में अजवाइन के पराठे बहुत ही फायदेमंद है। दरअसल, प्रेग्नेंसी में महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस हो जाती है। इसमें अक्सर मतली और उल्टी महसूस होती है। अजवाइन के पराठे का स्वाद टेस्ट बड को बेहतर बना कर इसे रोकता है। साथ ही ये प्रेग्नेंसी में गैस की समस्या को भी दूर करता है। बस ध्यान रहे कि आपको इसे ज्यादा नहीं खाना है। बस एक या दो पराठे खाएं।अजवाइन के एक पराठे में लगभग 70 से 80 कैलोरी होती है जो कि नाश्ते के लिए पर्याप्त है। इसे वजन घटाने वाले लोग भी आराम से खा सकते हैं और डायबिटीज में भी ये फायदेमंद है। ऐसा इसलिए कि अजवाइन के पत्ते या बीज ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में मदद करते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को सर्दियों में जोड़ों के दर्द या फिर गठिया की समस्या ज्यादा महसूस होती है उनके लिए भी अजवाइन के पराठे खाने बेहद ही फायदेमंद है। तो, अगर आपने आज तक अजवाइन के पराठे नहीं खाएं हैं तो, आपको इसे एक बार जरूर ट्राई करना चाहिए।
- स्वस्थ जीवन जीने के लिए अच्छी नींद लेना बहुत महत्वपूर्ण है। आज के समय में ज्यादातर लोग यही शिकायत करते मिलते हैं कि उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती। दफ्तर हो या घर या फिर स्कूल कॉलेज, यह शिकायत हर उम्र-वर्ग में आम है। यहां तक कि नींद लाने की तमाम सर्वोत्तम व्यवस्थाएं भी इस शिकायत को दूर नहीं कर पातीं। सुबह उठने के बाद इंसान खुद को तरोताजा महसूस नहीं करता और फिर पूरे दिन इसका बुरा असर उसके रूटीन पर बना रहता है।नींद की कमी का सीधा असर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। भरपूर नींद मतलब पूरे शरीर सहित दिमाग की सेहत का भी दुरुस्त रहना। खासकर कोरोना के दौर में इम्युनिटी को बनाए रखने और कोरोना से रिकवरी में भी नींद की भूमिका अहम है, इसलिए जरूरी है कि नींद पूरी करने पर विशेष ध्यान दिया जाए, हालांकि हो इसका उल्टा रहा है। डॉक्टर के पास ऐसे पेशेंट्स की भीड़ बढ़ रही है जो अनिद्रा या नींद में बाधा आने जैसी तकलीफों से जूझ रहे हैं।कोरोना और गैजेट्स ने समस्या को कर दिया है दोगुनाकई शोध यह साबित कर चुके हैं कि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे कि लैपटॉप, मोबाइल, टीवी, टैबलेट्स आदि का अधिक उपयोग नींद पर बुरा असर डालता है। कोरोनाकाल में न केवल इस उपयोग में कई प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, बल्कि हर उम्र और वर्ग ने देर रात तक जागकर स्क्रीन टाइम को खूब बढ़ाया भी है। इसका नतीजा बच्चों की आंखों पर चढ़े चश्मे और सबकी नींद के रूटीन को हुए नुकसान के रूप में सामने आया है। कुल मिलाकर अच्छी और भरपूर नींद न ले पाने वालों का प्रतिशत कई गुना बढ़ चुका है और अनिद्रा जैसी समस्याएं आम हो रही हैं।अच्छी नींद का मतलब क्या है?एक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति को सामान्यतः 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए लेकिन नींद की यह अवधि व्यक्ति की अन्य कई स्थितियों पर भी निर्भर करती है। यही कारण है कि कुछ लोग 4 घंटे की नींद के बाद भी तरोताजा महसूस करते हैं, तो कुछ लोगों के लिए 9 घंटे की नींद भी अपर्याप्त होती है। बच्चों के लिए यह अवधि 10-12 घंटे की हो सकती है और बुजुर्गों के लिए 7 घंटे से भी कम। जरूरी यह है कि जब आप सोकर उठें तो खुद को तरोताजा महसूस करें और दिनभर ऊर्जा से भरे रहें। अच्छी नींद का मतलब यही है।अच्छी नींद पाने के तरीकेविशेषज्ञों का मानना है कि बिस्तर पर जाने के बाद यदि आपको नींद आने में आधे घंटे से अधिक का समय लगता है तो इसका मतलब है कि आपको अपनी नींद के पैटर्न को समझने और अच्छी नींद के लिए उपाय करने की जरूरत है। अच्छी नींद लाने के लिए इन उपायों का पालन किया जा सकता है।सबसे पहले अपने सोने और जागने का एक निश्चित समय तय करें। आपको हर दिन इसी समय पर सोना और जागना है।सोने से ठीक पहले कुछ भी न खाएं, न ही पानी पीएं। पेट के बहुत ज्यादा भरे होने से शरीर असहज महसूस करता है और सही पोश्चर में सोने में भी दिक्क्त आती है।सोने के कम से कम 1 घंटे पहले भोजन कर लें और 15 मिनट्स टहल लें। अगर आप सोने से पहले नहाना पसंद करते हैं तो वो करें, वरना हाथ-पैर अच्छे से धो लें।अपनी फिजिकल एक्टिविटीज की दर बढ़ाएं। जब शरीर एक्टिविटीज की थकान महसूस करेगा तो बिस्तर पर जाने के तुरंत बाद नींद आएगी।गैजेट्स को बिस्तर से दूर रखें और बिस्तर पर जाने के पहले सभी जरूरी काम निपटा लें। ताकि आपके दिमाग में कोई टास्क फंसा न रहे और नींद आने में बाधा न बने।यह उपाय भी हो सकते हैं कारगरआंखें बंद करके धीरे-धीरे डीप ब्रीद शुरू करें।मेडिटेशन एक ऐसी तकनीक है जो केवल नींद लाने में ही मदद नहीं करती। यह पूरे शरीर और मन को तनावमुक्त करने का काम भी करती है। इससे भी नींद में सुधार किया जा सकता है।सोने से पहले बच्चों के साथ समय बिताएं, मस्ती करें, खेलें। यह आपके दिमाग से चिंता को दूर करेगा और जल्दी नींद लाने में मदद भी कर सकता है।
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शरीर में विटामिन डी की कमी से कई बीमारियां आपको घेर सकती हैं. हड्डियों के मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने के लिए भी विटामिन डी जरूरी है. विटामिन डी फैट में घुलनशील विटामिन है जो भोजन में मौजूद होता है या शरीर के अंदर उत्पन्न होता है. धूप विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स है. अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो आपको इसके कुछ खास लक्षण नजर आएंगे.
वजन बढ़ना
विटामिन डी हमारे शरीर को नाइट्रिक ऑक्साइड देता है. नाइट्रिक ऑक्साइड एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो हमें ओवरइटिंग से रोकता है और आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है. इससे वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। विटामिन डी की कमी वजन बढ़ने का कारण बन सकती है.
थकान
विटामिन डी की कमी से आपको थकान महसूस होगी. अगर आप सही तरह से खाने और रात में 7-8 घंटे सोने के बाद भी थकान महसूस करते हैं तो ये शरीर में विटामिन डी कमी की वजह से हो सकता है.
मूड पर असर
बिना कारण उदास और दुखी महसूस करना भी शरीर में विटामिन डी की कमी के संकेत हैं. सूरज की रोशनी हमारे मूड को लिफ्ट करने में मुख्य भूमिका निभाती है. यह आपके दिमाग में हार्मोन सेरोटोनिन के उत्पादन को बढ़ाती है जो आपको खुश रखने में मदद करता है.
हड्डियों और जोड़ों में दर्द
विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण जरूरी है. अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो इससे कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलेगा और इससे हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द की समस्या हो सकती है. दांतों को स्वस्थ रखने के लिए भी कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा आवश्यक है. अगर अक्सर पीठ या मांसपेशियों में दर्द रहता है तो ये शरीर में विटामिन डी की कमी के संकेत हो सकते हैं.
हेयर फॉल
विटामिन डी की कमी से हेयर फॉल की समस्या हो सकती है. ये पोषक तत्व बालों के फॉलिकल्स को बढ़ने के लिए उत्तेजित करता है. अगर शरीर में विटामिन डी की कमी है तो इससे हेयर हेल्थ पर असर पड़ेगा और बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है.
डाइट में शामिल करें ये चीजें
-मशरूम विटामिन डी का अच्छा सोर्स है. अंडे में भी विटामिन डी की भरपूर मात्रा होती है.
-गाय का दूध, सोया मिल्क, संतरे का जूस इन सभी चीजों का सेवन आपको फायदा पहुंचाएगा.
-इसके अलावा वसायुक्त मछली, टूना और साल्मन का सेवन कर सकते हैं.
-पनीर, दूध, टोफू, दही, अंडे जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स को डाइट में शामिल करें. बिना सनब्लॉक के धूप में बाहर समय बिताएं. - नाभि पर शहद लगाना स्किन प्रॉब्लम से लेकर डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं का कारगर इलाज है। ये किसी भी तरह के इंफेक्शन को दूर करता है। नाभि पर शहद लगाने से त्वचा का रूखापन और मुहांसों की समस्या दूर होगी. जानिए इसके फायदे-स्किन की ड्राईनेस दूर होगीस्किन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए नाभि पर शहद लगाएं. इससे त्वचा मुलायम और चमकदार बनेगी। ये स्किन की ड्राईनेस को दूर करता है.शहद में मॉयश्चराइजिंग गुण होते हैं, इसका फायदा मिलता है। शहद इंफेक्शन से भी बचाव करता है। मुहांसों की समस्या में शुद्ध शहद की कुछ बूंदें नाभि पर डालें. मुहांसों की प्रॉब्लम दूर होगी।इंफेक्शन से बचावशहद में एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण होते हैं। इसका सेवन सर्दी-जुकाम को ठीक करने में मददगार है। एक बूंद अदरक का रस और शहद मिलाकर नाभि पर लगाएं. इससे फायदा मिलेगा। नाभि की सफाई सही तरीके से न करने से इंफेक्शन हो सकता है। शहद में मौजूद एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण नाभि के इंफेक्शन को ठीक करते हैं।पेट दर्द में आरामशहद का सेवन पेट दर्द और अपच की समस्या को दूर करता है। अदरक के रस में शहद मिलाकर लगाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है। ये पेट दर्द को दूर करने का घरेलू नुस्खा है।कब्ज से राहतकब्ज की समस्या में शहद का सेवन बहुत फायदेमंद है। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में शहद मिलाकर पीने से कब्ज से राहत मिलती है। नाभि पर शहद लगाने से भी फायदा मिलेगा। शहद का सेवन डाइजेशन को दुरुस्त करता है।कब और कैसे लगाएंनाभि पर शहद हमेशा ऐसे समय पर लगाएं, जब आप कम से कम 1-2 घंटे के लिए आराम करने जा रहे हों। इससे नाभि को शहद में मौजूद गुणों को अवशोषित करने में मदद मिलेगी। आप चाहें तो रात को सोते समय भी नाभि पर शहद लगा सकते हैं।
- लोगों में हृदय रोग की समस्या बढ़ती जा रही है। जिसके कारण तेजी से दिल की बीमारी से होने वाली मौतों के आंकड़ों में भी वृद्धि हुई है। आहार एवं पोषण विशेषज्ञों के मुताबिक, स्वस्थ और पौष्टिक आहार हृदय रोग के खतरे को कम कर सकता है। वैज्ञानिकों की एक टीम ने भी आहार को हृदय रोग कम करने में सहायक बताया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, मूंगफली का रोजाना सेवन इस्केमिक स्ट्रोक या हृदय रोग के खतरे को कम करता है। मूंगफली दिल की बीमारी के खतरे से बचाव में कारगर है। जापान के लोगों पर एक अध्ययन में मिले परिणाम के आधार पर भी दावा किया गया कि जो लोग रोजाना मूंगफली खाते है, उनका हृदय, अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा स्वस्थ रहता है। इसके पहले अमेरिका में भी एक शोध में कहा गया कि मूंगफली का सेवन हृदय को मजबूत बनाता है। इस अध्ययन के निष्कर्ष को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल 'स्ट्रोक' में प्रकाशित किया गया था। चलिए जानते हैं कि मूंगफली हृदय रोगियों के लिए कैसे है फायदेमंद।जापान स्थित यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक सतोयो इकेहारा के बताया कि अध्ययन में पाया गया है कि मूंगफली के सेवन से इस्केमिक स्ट्रोक का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। अध्ययन से मिले निष्कर्ष से पता चला है कि मूंगफली को अपने आहार में शामिल करके गंभीर समस्या की रोकथाम की जा सकती है। इस्केमिक स्ट्रोक, मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्के बन जाने के कारण होने वाली गंभीर और जानलेवा समस्या है।जापान में 74 हजार से अधिक पुरुषों और महिलाओं पर यह अध्ययन किया गया। जिसमें वैज्ञानिकों ने कई स्तर से मंगफूली के सेवन और हृदय रोगों के जोखिमों में कमी की जांच की। तमाम स्तर पर किए गए जांच में वैज्ञानिकों ने पाया कि रोजाना सिर्फ 4-5 मूंगफली खाने से इस्केमिक स्ट्रोक का जोखिम 20 फीसदी कम होता है। वहीं सामान्य स्ट्रोक का जोखिम 16 फीसदी तक कम हो सकता है। मूंगफली हृदय रोग के जोखिम को 13 फीसदी तक कम कर सकती है।मूंगफली स्वास्थ्य के लिए जरूरी तमाम पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड, खनिज, विटामिन और डाइड्री फाइबर मौजूद होते हैं। यह सभी पोषक तत्व बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करते है, साथ ही हाई-ब्लड प्रेशर और क्रोनिक इंफ्लामेशन के खतरे को कम कर सकते हैं। जिसकी स्वाभाविक तौर पर हृदय रोगों का जोखिम कम हो जाता है।अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने हृदय रोगों के खतरे से बचे रहने के लिए हर सप्ताह सभी लोगों को कम से कम पांच दिन 2 बड़े चम्मच तमाम तरह के नट्स के सेवन की सलाह दी है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की सलाह के मुताबिक मूंगफली के अलावा, अखरोट, काजू, पेकान, मैकाडामिया और हेज़लनट्स का सेवन भी हृदय रोगों के खतरे को कम करने में सहायक है।
- सर्दियों में फिट और हेल्दी रहने के लिए टमाटर का सूप पीना काफी फायदेमंद होता है। टमाटर सूप पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह विटामिन ए और विटामिन सी का अच्छा सोर्स है। इसके अलावा टमाटर का सूप एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होता है। टमाटर का सूप पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है। इसके अलावा टमाटर का सूप वेट लॉस में भी मददगार है। जानें टमाटर का सूप पीने के फायदे1. वेट लॉस में सहायकटमाटर का सूप वजन घटाने में सहायक होता है। दरअसल, टमाटर के सूप में फाइबर और पानी अधिक मात्रा में होता है। इसे पीने से भूख नहीं लगती और वजन कम करने में मदद मिलती है। वेट लॉस के लिए आप टमाटर का सूप ऑलिव ऑयल में बना सकते हैं।2. हड्डियां बनाए मजबूतसर्दियों में टमाटर का सूप पीने से आप अपनी हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं। दरअसल, शरीर में लाइकोपीन की कमी होने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। टमाटर सूप में लाइकोपीन होता है, ऐसे में इसके सेवन से हड्डियों से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। टमाटर सूप में विटामिन के और कैल्शियम भी होता है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं।3. विटामिंस से भरपूर टमाटर का सूपटमाटर के सूप में कई तरह के विटामिंस पाए जाते हैं। इसमें विटामिन ए, सी, ई और विटामिन के की अच्छी मात्रा होती है। नियमित रूप से टमाटर का सूप पीने से शरीर में विटामिंस की कमी दूर होती है और इम्यूनिटी मजबूत बनती है।4. ब्लड शुगर कंट्रोल रखेटमाटर के सूप में क्रोमियम नामक तत्व पाया जाता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखता है। इसलिए डायबिटीज रोगियों को हेल्दी रहने के लिए टमाटर का सूप पीना चाहिए। यह ब्लड शुगर कंट्रोल करने का आसान टिप्स है।5. दिमाग के लिए फायदेमंदटमाटर का सूप दिमाग को दुरुस्त रखने में भी लाभकारी होता है। टमाटर के सूप में पोटैशियम और कॉपर होता है। ये दोनों तत्व दिमाग और नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाते हैं।6. एनीमिया से बचाएसर्दी में नियमित रूप से टमाटर का सूप पीने से एनीमिया से बचा जा सकता है। टमाटर में मौजूद तत्व शरीर में खून की कमी पूरा करते हैं। इसके अलावा टमाटर के सूप में मौजूद सेलेनियम रक्त प्रवाह को भी बेहतर बनाता है।टमाटर सूप रेसिपीटमाटर का सूप बनाने के लिए सबसे पहले टमाटर को अच्छी तरह से धो लें। अब टमाटर और अदरक को मिक्सी में पीस लें। इसके बाद इस मिश्रण को एक पैन में रखें। 10-15 मिनट तक इसे उबालें। फिर इस पेस्ट को छलनी से छान लें। अब कॉर्न फ्लोर का घोल तैयार करें। इसमें गुठलियां न पडऩे दें। एक कढ़ाई लें, इसमें मक्खन डालें और गर्म करें। इसमें मटर, गाजर डालें और 3-4 मिनट तक भून लें। सब्जियों को नरम होने दें। इसके बाद इसमें कॉर्न फ्लोर का घोल डाल दें। अब इसमें छना हुआ टमाटर का सूप, नमक और काली मिर्च डालें। आवश्यकतानुसार पानी मिला लें। उबाल आने के बाद 4-5 मिनट तक इसे पकाएं। अब इस सूप को गर्मा-गर्म परोसें। आप इसका स्वाद बढ़ाने के लिए ऊपर से क्रीम भी डाल सकते हैं।
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अगर आप माइक्रोवेव में बार-बार खाना गर्म करते हैं, तो आपकी ये आदत सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकती है. आयुर्वेद के अनुसार, इस तरह का खाना हेल्थ प्रॉब्लम्स को बढ़ा सकता है. एक्सपट्र्स के मुताबिक, माइक्रोवेव में खाना गर्म करने और बनाते समय इसके अंदर विद्युत और चुंबकीय ऊर्जा की तरंगें निकलती हैं यानी एक तरह से रेडिएशन भोजन के संपर्क में आता है और ये आपके लिए हानिकारक हो सकता है.
माइक्रोवेव में इन चीजों को भूलकर भी गर्म न करें--
चिकन
चिकन को माइक्रोवेव में गर्म करने से उसकी प्रोटीन की संरचना में बदलाव हो जाता है, जो हमारे डाइजेशन के लिए नुकसानदायक होता है। ऐसे में चिकन को दोबारा माइक्रोवेव में गर्म नहीं करना चाहिए।
अंडा
अंडे से बनी कोई भी चीज को माइक्रोवेव में गर्म नहीं करना चाहिए। अगर आप माइक्रोवेव में अंडे उबलते हैं तो इसे आज से बंद कर दीजिए, क्योंकि माइक्रोवेव में अंडे को गर्म करने पर उसके अंदर का तापमान बढ़ता है, मगर माइक्रोवेव की तरंगें अंडे के खोल को इतना गर्म नहीं करती कि वह टूट सके। इस वजह से अंडा फट जाता है।
मशरूम
मशरूम को माइक्रोवेव में गर्म करने से बचना चाहिए, क्योंकि मशरूम में मौजूद प्रोटीन इससे खत्म हो जाते हैं। मशरूम को खाने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि इसे तुरंत बनाएं और तुरंत खाएं। माइक्रोवेव में गर्म किए मशरूम खाने से पेट से जुड़ी समस्या हो सकती है।
--- - कमल के फूल का बीज और इसकी जड़ों का इस्तेमाल खाने में भी किया जाता है। कमल के फल से निकलने वाले बीज जिसे कमल गट्टा कहा जाता है, का सेवन भी सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है। कमल गट्टा का हलवा भी बहुत फायदेमंद और पौष्टिक माना जाता है। सेहत के लिए कमल गट्टे का हलवा के फायदे बहुत हैं। इसका सेवन डायबिटीज की समस्या से लेकर शरीर की कई गंभीर बीमारियों में उपयोगी माना जाता है। कमल के बीज या कमल गट्टा में पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी -6 और आयरन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। आज जानते हैं कमल गट्टा का हलवा खाने के फायदे और इसकी रेसिपी-----1. डायरिया की समस्या में फायदेमंदकमल गट्टा का हलवा खाने से डायरिया या दस्त की समस्या में फायदा मिलता है। इसमें कसैले गुण मौजूद होते हैं जो भूख बढ़ाने का काम करते हैं। डायरिया के अलावा कमल गट्टा का हलवा खाने से कब्ज और गैस की समस्या में भी फायदा मिलता है। कमल गट्टा का हलवा नियमित रूप से खाने से पाचन तंत्र भी बेहतर होता है।2. इनफर्टिलिटी की समस्या में फायदेमंदकमल गट्टा का हलवा इनफर्टिलिटी की समस्या में फायदेमंद माना जाता है। कमल गट्टे का सेवन करने से महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या में बहुत फायदा मिलता है। इसका सेवन करने से गर्भाशय स्वस्थ रहता है और प्रेगनेंसी के दौरान मिसकैरेज जैसी गंभीर स्थितियों में फायदा मिलता है।3. वजन कम करने में उपयोगीमोटापे की समस्या से बचने के लिए और प्रभावी तरीके से वजन कम करने के लिए कमल गट्टा का हलवा बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से आपके शरीर में पोषक तत्वों की आपूर्ति बनी रहती है और बार-बार भूख भी नहीं लगती है।4. डायबिटीज की समस्या में बहुत फायदेमंदडायबिटीज के मरीजों के लिए कमल के बीज औषधि की तरह काम करते हैं। हाई ब्लड शुगर की समस्या में कमल के बीज बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। लेकिन जिन लोगों का ब्लड शुगर लो है उन्हें इसका सेवन करने से बचना चाहिए। कमल गट्टे का हलवा बनाते समय डायबिटीज के मरीजों को चीनी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।5. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में फायदेमंदइसमें सेहत के लिए फायदेमंद पोटैशियम और आयरन मौजूद होते हैं जो शरीर में ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में बहुत लाभदायक माने जाते हैं।कमल गट्टा का हलवा बनाने का तरीकाआवश्यक सामग्री - कमल गट्टा या कमल के बीज आधा कटोरी, पोस्तादाना 1 चम्मच, मखाना 8 से 10, काजू 7-8, किसमिस 50 ग्राम, चिरौंजी 1 चम्मच, बादाम 5-7, चीनी 4 से 5 चम्मच, फ्रेश मलाई 6 चम्मच, दूध 500 मिली, देसी घी 4 चम्मच।विधि- कमल गट्टे का हलवा बनाने के लिए सबसे पहले बीजों से छिलके को निकालकर रख लें। इसके बाद इसमें पोस्ता दाना, काजू, बादाम, किसमिस, मखाना, नारियल, चिरौंजी अदि मिलाकर मिक्सर में डालकर पीस लें। अब एक कड़ाही या पैन में घी डालकर उसमें इस पेस्ट को डालें और अच्छी तरह से भुनें। इसके बाद इसमें कीम या मलाई मिलाएं और भुने। अच्छी तरह से भुन जाने पर इसमें दूध और चीनी मिलाएं और 5 से 7 मिनट तक भुने। इसके बाद हलवा को निकलकर थोड़ा ठंडा होने के लिए रख दें। अब आपका हलवा बनकर तैयार है।